July 12, 2011

कल से देश में भ्रष्टाचार घोटाले बंद राम राज का आगमन हो गया - - - - - - -mangopeople

कल से देश से भ्रष्टाचार मिट जायेगा अब कल से देश में कोई नया घोटाला नहीं होगा अब कल से महंगाई कम होने लगेगी कल से देश का आम आदमी ज्यादा सुरक्षित होगा अब कल से कोई नई रेल दुर्घटना नहीं होगी, हर मुसाफिर एक साफ सुथरी सुरक्षित रेल यात्रा करेगा | क्योकि इन सारे  सवालो को दर किनारा कर या ये कहे की जनता द्वारा सरकार से पूछे जा रहे इन सारे सवालो के जवाब में हमारे "ईमानदार" प्रधानमंत्री ने अपने कुनबे का या मंत्री मंडल का या घोटालेबाजो का जो आप चाहे कह ले उसका विस्तार कर लिया है | लीजिये जी हो गया मंत्री मंडल का विस्तार अब देश में राम राज होगा | जनवरी में भी हमारे "ईमानदार" साहब ने अपने कुनबे का इसी तरह विस्तार किया था या ये कहिये की अपने कुनबे के लोगों को तास के पत्तो की तरह फेट दिया था लेकिन उससे क्या बदला कुछ भी नहीं आम आदमी का जीवन तो आज भी वैसे का ही वैसा ही है मंहगाई वैसे की वैसे ही है | लेकिन सरकार को शायद जनता के सवालो का कोई जवाब ना सुझा तो उन्होंने भी हवा में उछाल दिया मंत्री मंडल के विस्तार की खबर और इस खबर को पकड़ लिया हमारे खबरनवीसो ने  जिस भी चैनल को देखीये सभी के सभी लगे थे हफ्ते भर से ये बताने में की मंत्री मंडल के फेरबदल में कौन कौन नया मंत्री बनेगा किसका कद बढेगा, किसका विभाग बदलेगा और किसका मंत्री मंडल से छुट्टी होना तय है | सभी के अपने अपने सूत्र है सभी के सूत्र कोई ना कोई दावा कर रहे थे और सभी लगे है मंत्री मंडल के विस्तार होने के पहले ही सारी जानकारी जनता को दे देने में | पर सवाल ये है की क्या जनता ये जानने के लिए उत्सुक थी कि मंत्री मंडल के विस्तार में क्या होने वाला है, कोई पूछे इन खबर देने वालो से की कुछ दिन पहले या कुछ घंटो पहले इस बात को जान लेने से क्या फर्क पड़ेगा की कौन मंत्री बनने वाला है और कौन नहीं क्योकि जब मंत्री शपथ लेंगे तो अपने आप ही सारी बाते साफ पता चल जायेगी, पहले से जानने में जनता का तो कोई भला होने वाला नहीं है और यदि जनता बाद में भी जान जाये तो भी उसका कोई भला नहीं होने वाला है | मंत्रियो के विभागों में फेरबदल हो या किसी को निकाला जाये या किसी को रखा जाये जनता को किसी भी बात से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है जनता पहले भी त्रस्त थी और कैबिनेट विस्तार के बाद भी वैसे ही त्रस्त रहेगी | मंत्री मंडल में चाहे कोई भी नया मंत्री आ जाये महंगाई नहीं घटने वाली है घोटाले नहीं रुकने वाले है, भ्रष्टाचार कम नहीं होने वाला है सब कुछ वैसा ही रहेगा जैसा पहले था | रेल मंत्री कोई भी हो रेल दुर्घटनाओ में कोई कमी नहीं आने वाली है और ना ही रेल प्रशाशन द्वारा हर दुर्घटना के बाद उसके कारणों के ले कर वही लिपा पोती करना बदलने वाला है | ना तो कोई मंत्री देश की सेवा या जनता की सेवा के लिए बनता है और ना ही किसी मंत्री मंडल में फेर बदल जनता के लिए या उसकी परेशानियों को दूर करने के लिए होता है | पूरी कवायद सरकार का,  सरकार के लिए, सरकार द्वारा किया जाता है | मतलब की मंत्री मंडल में नये चेहरों को लाना कुछ पुराने को इधर उधर करना और कुछ की छुट्टी करना सरकार अपने मतलब के लिए करती है, कही किसी को संतुष्ट करना है, कही सरकार की बिगड़ी छवि को ठीक करना है, कही किसी का कद उसके चमचागिरी से बढ़ना है, तो किसी के उग आये ज्यादा परो को काटना है | जो भी होगा वो सरकार केवल और केवल अपने लिए करती है आम आदमी के बारे में ना तो सोचा जाता है ना उसकी कोई सुध ली जाती है, यदि उसके बारे में कुछ सोचा जाता है तो ये कि कैसे सरकार की आम आदमी के सामने हो रही बदनामी कम हो जाये, या फिर काम हो या ना हो पर आम आदमी को लगना चाहिए की काम हो रहा है सरकार को उसकी चिंता है तभी तो देखो कैसे सरकार ने जनता के भलाई के लिए तुरंत कुछ मंत्रियो को हटाया बढाया है नये लोगो को लाया है जो जनता की अच्छी सेवा करेंगे | पर असल में होगा क्या की अब नये मंत्री नये घोटाले करेंगे नये तरीके के भ्रष्टाचार होंगे अब मंहगाई बढ़ने के शायद कुछ नये कारण गिनाये जायेंगे या एक और नई तारीख दे दी जाएगी महंगाई कम होने के, अब नये लोग कुछ तो नया करेंगे ही बाकि जनता के लिए तो बस नेताओ मंत्रियो के नाम बदलने के अलावा और कुछ भी नहीं बदलने वाला है | पर हा इन सभी बातो के बीच कम से कम जनता का ध्यान कुछ सरकार विरोधी मुद्दों से तो हट ही जाता है और इसे हटाने में सबसे बड़ा साथ देता है मीडिया | मंत्री मंडल में होने वाले फेरबदल या विस्तार को इस तरह बड़ी खबर बना कर पेश करने लगा था जैसे की बस इसके बाद तो देश में क्रांति ही आ जाएगी सब कुछ सुधर जायेगा देश से भ्रष्टाचार कम हो जायेगा घोटाले बंद हो जायेंगे महंगाई रुक जाएगी सभी देशवासी नेताओ की तरह ही सुरक्षित जिंदगी जियेंगे, अब तो देश में सब कुछ अच्छा हो जायेगा | ये भी कम नहीं था जो अब नेताओ के संतुष्ट असंतुष्ट इस्तीफे की नौटंकी को बड़ी खबर बना कर पेश किया जा रहा है | पर जनता भी अब पहले की तरह ना तो भोली रही और ना ही बेफकुफ़ जो वो इन तिकड़मो को समझ ना सके सरकार की इन चालबाजियो को समझ नहीं सके | जनता ना तो भ्रष्टाचार के मुद्दे को भूलेगी ना महंगाई के मुद्दे को भूलेगी और ये बात सरकार के साथ मीडिया भी समझ ले तो उसके लिए ज्यादा अच्छा होगा |

21 comments:

  1. सही कहा जी मंत्री मंडल में कुछ और खाने वालो (घोटालेबाजो) को जोड़ दिया है
    "ये पब्लिक है ये सब जानती है"

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  2. मंत्री मंडल में चाहे कोई भी नया मंत्री आ जाये महंगाई नहीं घटने वाली है घोटाले नहीं रुकने वाले है, भ्रष्टाचार कम नहीं होने वाला है सब कुछ वैसा ही रहेगा जैसा पहले था |
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    हाँ बिलकुल ....मंत्रीमंडल के विस्तार से बदलाव होते तो फिर बात ही क्या थी.... हाँ कुछ और घोटालेबाजों को अब मौका मिलने जा रहा है.....

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  3. दानव कभी मानव नहीं बन सकता

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  4. 1] जो दूसरी पंक्ति में लगे थे... जिनको कमाई के अदभुत अवसर नहीं मिले थे ... यह सब उनकी खातिर हुआ है.
    2] जो मंत्री होकर भी ... कपिल, चिदंबरम, राजा, मारन की तरह अपना नाम रोशन नहीं कर पाये थे ... वे तो हटाये ही जाने चाहिए थे.
    3] सरकार के पास कुछ नया करने को नहीं बचा था.

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  5. अंशुमाला जी,
    मैंने तो ध्यान ही देना छोड दिया की किसे क्या मिला है और किससे क्या छीना गया है.क्योंकि काम पर तो कोई असर पडने वाला है नही.हाँ दो चारों के नाम किसी घोटाले या फर्जीवाडे में आ गये तो अपने आप याद हो जाएँगे.

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  6. हा हा!! क्या उम्मीद पाली जाये.....

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  8. महंगाई से लोगों का ध्यान हटाने के लिए कुछ तो करना था ...अब कुछ दिन चलता रहेगा रूठना मनाना ...मिडिया हमें दिखाती रहेगी ,आप- हम देखते रहेंगे ...महंगाई बढ़ने के अगले दौर में (उत्तर प्रदेश से रिजल्ट आने के बाद ) जब तक हमारी नींद उड़ेगी , तब तक और मजबूत हो जायेंगे ...क्या उखाड़ लेगा कोई !

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  9. मंत्रिमंडल का विस्तार या रूठों का माना लिया सरकार संकट का सामना कर रही है :)

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  10. अजी, रामराज तो हमेशा से था, अब तो रामराज का विस्तार हुआ है, बस!

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  11. बदलाव केवल और केवल जनता ही ला सकती है और यही लोकतंत्र की खूबी है... लेकिन जनता खुद सोई हुई है तो किसी को क्या जगाएगी? सरकार भी तो जनता का ही आइना होती है... जैसा समाज वैसी सरकार... अगर हम व्यवस्था बदलना चाहते हैं तो पहले तो हमें खुद ही बदलना होग... और साथ ही साथ आज हमें अपने वोट की कीमत को समझने की ज़रूरत है, केवल भावनाओं में बहकर वोट देने का ज़माना जल्द से जल्द नहीं गया, तो कोई बदलाव नहीं आने वाला...

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  12. Mantri badle ya mantralay , Pradhaan to wahi purana/purani hai....
    achhi post hetu abhaar.

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  13. कल और आयेंगे भ्रस्टाचार की, खिलती कलियाँ चुनने वाले
    इनसे बेहतर खाने वाले, उनसे बेहतर लूटने वाले.

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  14. आप सही कह रही हैं .सार्थक पोस्ट .आभार

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  15. दूरसंचार सेवाओं में ग्राहक सेवा का एक बड़ा ही अचूक सिद्धांत है. २४ घंटे में आपकी शिकायत दूर कर दी जाएगी.. और इसके लिए २४ घंटे बाद आपको पुराने शिकायत नंबर के बदले नया शिकायत नंबर दे दिया जाता है.. रिकार्ड में पुरानी शिकायत बंद, नई २४ घंटे तक खुली.. एंड सो ऑन!!
    इस फेर बदल के बाद आपको नए चहरे मिलेंगे.. कल तक आप जिससे नाराज़ थे वो गायब उसकी जगह छुरा लिए दूसरा हंसता चेहरा आपका स्वागत कर रहा होगा..
    रेल राज्य मंत्री इतनी बड़ी दुर्घटना पर कहता है मैं क्यों जाऊं, प्रधानमंत्री प्रभारी हैं वो जाएँ, नया मंत्री कहता है कि दीदी के कहने से मैंने मरने वालों के परिजनों को नौकरी देने का एलान किया है (एक और रिमोट चालित यंत्र.. एक मंत्री को विभाग की बदबू पसंद नहीं आई तो सीधा मुम्बई वापस!!
    हाँ बाबू ये सर्कस है,
    और ये सर्कस है, शो पांच सालों का..
    और इन पांच सालों में.. सालों ने देश की ऐसी तैसी करने में कोइ कसर नहीं छोड़ी!!

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  16. कौन किस विभाग का मंत्री बनेगा, जनता के लिये यह जानना जरूरी नहीं है। यह जरूरी है चंद प्रभावशाली लोगों के लिये, बल्कि उनके लिये जानना जरूरी नहीं कह सकते क्योंकि बहुत बार तो यह सब तय करने करवाने वाले वही होते हैं।
    एक कालोनी में एक दुकान पर बोर्ड लगा था, "जब हम यहाँ ठीक आपके पड़ौस में हैं तो आप लुटने के लिये पांच किलोमीटर दूर के मॉल में क्यों जायें?" वही बात है, कालोनी वालों ने सॉरी देश वालों ने भुगतना ही है, चाहे ये मंत्री भुगताये या दूसरा।
    " जनता ना तो भ्रष्टाचार के मुद्दे को भूलेगी ना महंगाई के मुद्दे को भूलेगी" आपकी इस पंक्ति से स्ट्रांग वाली असहमति। जनता सब भूल जायेगी जब वोट से पहले पेट्रोल के रेट कम कर दिये जायेंगे या ऐसा ही कोई और लॉलीपाप थमा दिया जायेगा।

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  17. .
    .
    .
    धारदार व्यंग्य !
    वीरप्पा मोइली जी ने कानून मंत्रालय में अच्छा काम किया था, उन्होंने कहा ' निहित स्वार्थों के चलते ' यह मंत्रालय उनसे ले लिया गया... जयराम रमेश जी से पर्यावरण मंत्रालय छीनने के पीछे भी निहित स्वार्थ ही लगते हैं... पॉस्को, लवासा, आदर्श... कइयों की आंखों की किरकिरी बन गये थे वह...


    ...

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  18. ये अब नगें हो गये हैं...और इन्हे कुछ सूझ ही नहीं रहा है कि क्या करें। जितने श्याने बनकर ये लूट रहे थे और इस देश की भावनाओं से खेल रहे थे उसी अतिआत्मविश्वास में इनकी लुटिया अब ढूब रही है। परंतु दूसरा सच यह भी है कि गुलाम मानसिकता के इस देश में,अब ये अधिक खतरनाक गिरोह बनकर उभरेगा।
    इनका अगला हमला अब सुप्रीम कोर्ट पर होने वाला है। हसन अली मामले में इन्होने अब गेम प्लान बदल लिया है,यूबीएस बैंक और स्व्ट्ज़रलैंड सरकार के साथ गुप्त समझोता हो गया बताते हैं।
    बस जुलाई 2012 में ईमानदार साहब राष्ट्रपति बनेगे और युवराज गद्दी पर बैठेंगे, उससे पहले लैपडाग मीडिया खूब ज़ोर से डुगडुगी बजाकर उत्तर प्रदेश में बने झूठे सच्चे माहौल का शोर मचाकर ध्वनि मत से स्वीकृति दे देगा।

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  19. Chandigarh se prakashit dainik " Aaaj Samaaj " main uprokt post 14/07/11 ke ank main prakashit hui hai, bahai or shubhkaamnayen aapko...........

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  20. यही इस दुनिया(हमारी)की रीत है।

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  21. संजय जी
    भीड़ और जनता में बड़ा फर्क होता है भीड़ ये बाते भूल जाती है और फिर वही धर्म जाति एक बोतल शराब और मुर्गे की टांग के लिए अपना वोट बेच आती है | जनता ये नहीं भूलने वाली है कभी अखबारों में कभी ब्लोगों पर किसी ना किसी माध्यम से इस बात की याद सरकार को दिलाती ही रहेगी |

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