October 09, 2012

स्पष्टीकरण ----------mangopeople



                                              मै भी हूं मैंगो पीपल लेकिन मै बनाना रिपब्लिक में नहीं रहती हूं , या मै अपने देश को बनाना रिपब्लिक नहीं मानती हूं , या मै अपने देश को बनाना रिपब्लिक नहीं बनाना चाहती हूं , या मैंने देश को बनाना रिपब्लिक नहीं बनाया है | सोचा स्पष्टीकरण दे दू इसके पहले की लोग आ कर मुझसे पूछे की आप भी सोनियागांधी के दामाद और प्रियंका गाँधी के पति राबर्ट वाड्रा , अब सवाल ना उठाइये की इतना लंबा परिचय क्यों, तो ये परिचय देना पड़ता है क्योकि इसके बिना उनका अपना कोई अस्तित्व नहीं है,  ये परिचय है तो डी एल एफ से वो बड़ा करीबी वाला रिश्ते है , साथ में कर रहे व्यापार में इतना विश्वास है की जो कंपनी खुद ब्याज के साथ उठाए कर्ज के बोझ तले दबी है वाड्रा को बिना ब्याज के करोडो का लोन दे देती है, इसी के बल पर डी एल एफ को मन चाही जमीने मिल जाती है , ये  परिचय है तो वो विभिन्न सरकारी विभागों को जैसा चाहे वैसा अपने व्यपार का लेख जोखा  बना कर दे दे वो ठीक बन जाता है , उनकी जाँच नहीं होती है , कोई पूछता नहीं की बिना एक भी कर्मचारी की कंपनी बिना किसी लेन देने के बिना किसी व्यापार के कैसे कई सौ करोड़ की कंपनी में बदल जाती है ,कोई पूछ ताछ नहीं होती है , ये परिचय है तभी आज विभिन्न राजनैतिक दल उन पर आरोप लगा रहे है उन से जवाब मांग रहे है,  ये परिचय है तभी १२१ साल ??? पुरानी कांग्रेस पार्टी का चपरासी से लेकर मंत्री संत्री नेता परेता तक उन्हें बचाने पर लगी है जिसके वो प्राथमिक सदस्य भी नहीं है , साफ है की कालिदास ? ने भले कहा है की नाम में कुछ नहीं रखा है किन्तु नाम के आगे पीछे लेगे परिचय में बहुत कुछ रखा है | तो अब इस परिचय गाथा के आगे मूल बात पर आते है की इसके पहले की कोई मुझसे पूछे आप भी उनकी तरह मैंगो पीपल है तो जरा बताइये की तीन साल में ५० लाख कुछ सौ करोड़ मै कैसे बदला जाता है , कैसे इतने बड़े बिल्डर से इतने कम दाम में मकान , प्लाट आदि ख़रीदा जाता है , कैसे किसी से भी बिना ब्याज के लोन लिया जाता है , तो आप को बता सभी को बता दूँ  की मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता है,  अरे पता होता तो कब का खुद ही घर मकान दुकान गहना गुत्ता बेच बांच कर हम भी लाखो को अरबो में बदल चुके होते ( हा यदि रातो रात हम पेट्रोल पर 3 रु का फ़ायदा पा  रही सरकार के पेट्रोल की कीमतों में  71( मुंबई में ) पैसे की भारी भरकम राहत से करोडपति बन जाये तो मेरी गलती नहीं है )  | एक बात याद रखिये की मैंगो कई तरह का होता है एक होता है , एक होता है देशी मांगो पिलपिला सा जिसे काट कर , गुलगुला कर निचोड़ कर बेदर्दी से खा लिया जाता है सड़क पर ढ़ेले पर उलट कर २० रु किलो बेच दिया जाता है वो वाले मैंगो पीपल है आप और हम और दूसरा होता है  खास मैंगो यदि उसे बिदेश से मंगाया जाये या किसी बिदेश और भारतीय खास मैंगो से मिला कर उगाया जाये तो वो और भी खास हो जाता है  जो बड़े बड़े सुपर स्टोर में झाड पोछ कर सजा कर रखा जाता है और बिकता है १००० से १५०० रु दर्जन जिसे हम और आप बस देख कर आँख ही सेक सकते है उसे पाने का सपना देख सकते है , उसे पा नहीं सकते है | जरा  नींद से जागिये और अपने देशी पिलपिले मैंगो के अवतार को स्वीकार कीजिये और हा ये भी मत सोचिये की देश यदि बनाना रिपब्लिक बन गया है या बन जाये तो आप को बनाना सस्ते में मिलेंगे जी नहीं ऐसा भी नहीं होने वाला है , हा एक मायने में अपना देश तो बनाना रिपब्लिक बन ही गया है की यहाँ सरकार में बैठे लोगों , उससे जुड़े लोग , उसको फायदा पहुँचाने वाले लोगों के लिए कोई नियम कानून आदि आदि नहीं होता है इसलिए यदि श्री श्री १०४ राबर्ट वाड्रा अपने देश को बनाना रिपब्लिक बोलते है तो सही ही कह रहे है इसमे मजाक वाली का बात है |
                                                  दिमाग पर जोर डालू तो कुछ ६-७ साल पुरानी बात है नोयडा के एक बड़ी कंपनी के बड़े आफिसर का छोटे बच्चे का अपहरण हो गया था फिरौती ५ करोड़ मांगी गई थी सपा के अमर सिंह रात दिन वहा जा कर बैठे थे उनकी सरकार थी बड़ा हो हंगामा हुआ था पिता हाथ जोड़ जोड़ कर मिडिया के सामने रो रहा था की आप लोग खबर ना दिखाए मेरे बेटे की जान को खतरा हो सकता है बच्चा कुछ दिन बाद सही सलामत आ गया खबर उडी की रकम दे कर बच्चा वापस आया और अमर सिंह ने कहा की रकम दी गई थी किन्तु बच्चे के साथ वो भी बरामद हो गई , लो जी जैसे ही ये खबर आयकर विभाग को मिली विभाग ने उस पिता को नोटिस भेज दिया की आप के पास ये रकम कहा से आई पूरी जानकारी दे और बाद में इनके घर रेड भी पड़ी , इधर अमिताभ का रिश्ता गाँधी परिवार से टुटा और उधर उनको आयकर विभाग की नोटिस मिलने की झड़ी लग गई , यहाँ तक की अस्पताल में भर्ती थे वहा भी नोटिस भेज दिया गया और कितन किस्से कहानी सुनाये आप सभी समझदार है |

                                                                            २



 हरियाणा में महीने भर के अंदर महिलाओ के साथ बलात्कार होने का रिकार्ड बनने जा रहा है ( केवल पुलिस में  दर्ज होने वाले ) परेशान हो कर खाप पंचायतो ने इसका तोड़ निकाल दिया कहा है की हम सरकार के पास प्रस्ताव भेजेंगे की अब लड़कियों का विवाह १५ साल में कर देने की आज्ञा दे | विवाह एक बहुत बड़ी सुरक्षा कवच होती है लड़कियों की सुरक्षा के लिए एक बार विवाह हो जाये तो कोई भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है | इस तरह की घटनाए आज जन्म ली बच्चियों के साथ और छोटे बच्चो के साथ भी हो रही है तो क्या कल विवाह की आयु और कम किये जाने की वकालत की जाएगी । हमें तो ये  उपाय समझ नहीं आ रहा है  बढ़े बूढ़े जो कह रहे है वो ठीक ही कह रहे होंगे , हम लोगों को आदत है बुजुर्गो का अनादर करने की , उनकी बात नहीं सुनने की  |

35 comments:

  1. 28 रुपये प्रतिदिन कमाने वाले बनाना रिपब्लिक के अमीर मैंगो मैन के की क्या ख्वाईश है? जवाब सुन लीजिये..
    "इस समय देश मे एक ऐसी क्रांति की निहायत जरूरत है जो देश के ढाचे को रैडिकली चेंज कर दे... रूस के जार की तरह हिन्दुस्तान के जारो को समाप्त कर देने के बारे मे हमे सोचना होगा. फ्रांस के राजा रानी की गति जैसी आज भारत के लुटेरो और "लुटेरिनो" की होनी चाहिये. दिमाग का दही बन गया है.

    ReplyDelete
    Replies
    1. ये तो रक्त बिज है एक को समाप्त करेंगे सौ और पैदा हो जायेंगे किस किस को ख़त्म करेंगे , अच्छा हो सभी में कानून का डर बैठ जाये ।

      Delete
  2. दुआ करो चमन की हिफाजत के वास्ते,
    बागबानो की अब रजा बदल रही है।

    निगहबानी करना बच्चो की ऐ खुदा,
    दहशत में मेरे शहर की फ़ज़ा बदल रही है.

    ReplyDelete
  3. बेलगाम हो गया है सब कुछ, हर कोई.क्या किया जाये कुछ समझ में नहीं आता.उस नॉएडा वाले केस के तो चश्मदीद गवाह हम भी हैं.

    ReplyDelete
    Replies
    1. क्या आप नोयडा वालो को जानती थी ।

      Delete
  4. आयकर विभाग को पता है कि किसके खिलाफ़ कार्रवाई हो सकती है और किसके ख़िलाफ़ नहीं। तभी वाड्रा अपने गैर-कानूनी लेन-देन का ब्यौरा बेझिझक दे आते हैं विभाग में। और फिर,दामाद ही क्यों,आज तो सास ने भी जींद में कह दिया कि किसी कांग्रेस शासन में हुए बलात्कार को तूल न दो,वह तो हर जगह हो रहा है। मैंगोपीपल समझना शायद यही होता है।
    प्रेमी जोड़ों को सरेआम सज़ा देने और नैतिकता के लिए तरह-तरह के पैमाने लागू करने वाली खाप पंचायत इन बलात्कारियों के मामले में क्यों चुप्पी साधे है? ऐसी पंचायतें बनाना रिपब्लिक में ही चल सकती हैं।
    मुद्दे कई हैं,पर इस देश में क्रांति का माहौल नहीं बनता क्योंकि हम देश से सिर्फ लेने के लिए हैं,देश को देने को हमारे पास कुछ भी नहीं।

    ReplyDelete
    Replies
    1. अब तो वास्तव में लगता है की हम बनाना रिपब्लिक में ही है ।

      Delete
  5. Jiske paas taqat hai uske paas sadbuddhee hona zarooree nahee!

    ReplyDelete
    Replies
    1. पर होता तो इसका उलटा है ।

      Delete
  6. अंशुमाला जी,आजकल ये घोटाले वोटाले तो इतने सामने आने लगे हैं कि जनता को इनमें कुछ बड़ी बात लगती ही नहीं।बोर हो गये लोग।वर्ना ये थोडा अजीब तो है कि एक कंपनी अपनी बेशकीमती संपत्ति को कौडियो के दाम एक व्यक्ति को बेच रही है और उसी व्यक्ति को खुद ही बिना ब्याज का ऋण भी दे रही है।एक बच्चा भी समझ जाएगा कि ये किसी उपकार का बदला चुकाया जा रहा है।अभी राशिद अल्वी कह रहे थे कि आरोप लगाने वाले जो कागजात दिखा रहे हैं कैसे तय होगा कि वो सच्चे है।अब अल्वी साहब को ये बात तो अपनी पार्टी या वाड्रा साहब से कहनी चाहिए कि यदि आपकी नजर में कागजात ही झूठे है तो आप आरोप लगाने वालों पर मानहानि का केस ही क्यों नहीं कर देते?क्या वकीलों से भरी पार्टी को इतना भी होश नहीं?डीएल से क्यो नहीं कहा जा रहा कि वह अपने पक्ष में कोरी सफाई देने के बजाए खुद ही असली कागजात (यदि हैं तो) क्यों नहीं पेश कर देती?और कांग्रेस कम से कम इतना तो बताए कि वाड्रा और उनकी माँ ने जो पाँच कंपनियाँ मात्र पाँच लाख की पूँजी के साथ शुरू की थी वो मात्र तीन साल में तीन सौ करोड़ की संपत्ति वाली कैसे हो गई।

    ReplyDelete
    Replies
    1. हद तो ये है 5 लाख की पूंजी से शुरू हुआ व्यापर में कंपनी के डायरेक्टर की तनखा 60 लाख रु है क्या कहे जोक ऑफ़ दी इयर ।

      Delete
  7. चलिए आपने भी बुजुर्गो की सलाह पर ध्यान देने की सोच ही ली।बच्चों की खासकर बेटियों की चिंता अच्छे अच्छो को सोचने को मजबूर कर ही देती है और फिर हमारे बुजुर्ग यूँ ही थोड़े कुछ करते है बल्कि अच्छी तरह सोच विचार कर निर्णय लेते हैं।यह निर्णय इसलिए लिया क्योंकि अब कोई रास्ता ही नहीं रह गया था।बुजुर्गों की ही एक पंचायत ने अभी कुछ समय पहले एक बलात्कारी को पाँच जूते मारने जैसी क्रूर सजा दी थी।पर अब आप ही बताइये जब ऐसी दिल दहला देने वाली खौफनाक सजा से भी अपराधियों में दहशत नहीं फैली तो बेचारे बुजुर्ग क्या करते लेकिन लगता है अब ये तरीका तो पक्का काम करेगा ही।मैं तो आश्वस्त हूँ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी हा ये वही हरियाणा है जहा लड़की होने की सजा के तौर पर उसे जन्म ही नहीं लेने दिया जाता है । यहाँ की खाप पंचायतो के फैसले देख कर ही पता चलता है की बनाना रिपब्लिक क्या होता है |

      Delete
  8. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
    Replies
    1. वो बात लिखी इस तरफ ध्यान दिलाने के लिए की बुरी घटनाये हर आयु के बच्चो ( लड़का और लड़की दोनों ) के साथ हो रही है विवाह उसका समाधान कैसे हो सकता है कल को क्या आप पैदा हुई बच्चियों के विवाह की भी बात करेंगे । और रही बिटिया की बात तो देखिये मै तो मजाक में भी उसे अपने से दूर नहीं जाने दे रही हूँ ।

      सभी को ख़राब लग रहा है और लोग उसका कुछ और ही मतलब न निकाल दे इसलिए हटा दे रही हूँ , धन्यवाद ।

      Delete
    2. because that portion was in my comment i have deleted my comment
      and thanks for understanding

      Delete
  9. नियम कायदे कानून,तरीके सब इन मैंगोपीपल के लिए ही हैं, आखिर वही लोग तो आँखें फोड़ फोड़ कर पढ़ते हैं..सीखते हैं, पालन करने की कोशिश करते हैं और बस एक डगमग कदम मुश्किल से बढ़ा पाते हैं.कभी वाड्रा को ना सही...उसके पैरेंट्स को भी ऐसा ही करना पड़ा होगा.पर आम से ख़ास हुए नहीं कि इतनी उंची छलांग सबके सामने है...अब तो कोई वाड्रा के पिता,भाई और बहन की संदेहास्पद मृत्यु की जांच की भी बात उठाये...एक ही परिवार के तीन तीन लोगों का एक्सीडेंट और सुसाइड कैसे हो सकता है.

    पुराने लोगो के साथ बड़ी मुश्किल है...जो बातें तब दबा दी जाती थीं...अब लोगों में हिम्मत आ गयी है ,सामने लाने की और इसे कैसे हैंडल करें वे सब समझ नहीं पा रहे. औरतों के मुहँ में जुबान आ गयी है....अपने ऊपर किए अत्याचार बताने लगी हैं ,वे लोग ..तो जुबान पर ताले लगाने का यही उपाय समझ आ रहा है,उन्हें.

    ReplyDelete
    Replies
    1. वाड्रा के परिवार पर रिपोर्ट देख कर मै भी दंग थी , घरो में हो रहे इस तरह की घटनाओ को तो दबा ही दिया जाता है , और बाहर हो रहे को कई बार पुलिस भी दबा देती है ये सब सही आंकड़े नहीं है , न जाने वास्तविक बाते सामने आ जाये तो समाज का कितना घिनौना रूप देखने को मिलेगा ।

      Delete
  10. .
    .
    .
    "Mango People in a Banana Republic."

    ट्वीट सही था... हम बनाना रिपब्लिक जैसे ही हो चुके हैं अब... वडेरा पर लगाये आरोपों को तो आप केवल 'टिप आफ द आइसबर्ग' कह सकती हैं... रियल एस्टेट फर्में हो या हमारे अन्य तथाकथित सम्मानित कारपोरेट घराने... इस सभी ने सत्ताधारियों से संबंधों का दोहन कर देश को चूना लगाया है... और सत्ता में रहा हर राजनीतिक दल इस गड़बड़झाले में साझीदार रहा है... आप भी अब कुछ नया नाम सोचिये ब्लॉग के लिये... बनाना रिपब्लिक में मैंगो का आखिर क्या काम ?... :)

    बाकी वैसे तो मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि हर कोई अपने फैसले खुद ले... पर मेरा अभी रचना जी से सहमत होने का मन कर रहा है...


    ...


    ReplyDelete
    Replies
    1. सही कह रहे है आप एक दो और मामले सामने आ चुके है और न जाने कितने नहीं आये है ,अगली पोस्ट में उसका जिक्र करती हूँ ।

      Delete
  11. अंशुमाला जी, जिस विभाग में मैं काम कर रहा हूँ वहाँ भी देखा है मैंने कि कैसे ये उद्योगपति, स्थानीय लोगों को व्यवसाय देने के नाम पर उनकी कृषि योग्य भूमि अंगूठे लगाकर खरीद लेती है. और सारे लोगों के अंगूठे की जिम्मेदारी होती है पंचायत के मुखिया की जिसकी कीमत.. जाने दीजिए, कीमत तो उन किसानों की है - कौडियों की. पंचायती राज सुनकर कितना अच्छा लगता है.. दामाद श्री भी मैंगो पीपल हैं, मगर पता नहीं किस खाद से उपजे हैं.. दिल्ली हवाई अड्डे पर मुफ्त प्रवेश पाने वालों में इस मैंगोपीपल का भी नाम है..बलात्कारी को सज़ा भी कितनी खूबसूरत तजवीज़ की थी हमारी चुनी हुई सरकार ने पीड़ित के साथ उसका विवाह करवा दो.. एक बार किसी ने कहा था कि फिल्म दीवार के मशहूर डायलाग की तर्ज़ पर कहती फिरती है यह सरकार कि मेरे पास सी.बी.आई. है.. जिसने मुँह खोला उसके ऊपर कुत्ता छोड़ दिया.
    /
    पोस्ट के दूसरे हिस्से में बिखरा आपका आक्रोश जायज है.. लेकिन ऐसे उदाहरण उचित नहीं.. प्लीज़ वो मेरी बेटी है.. वो हमारी बेटी है.. ये तो पाँच साल की है मेरी पन्द्रह साल की है.. कुछ बातें उदाहरण में भी उचित नहीं.. प्लीज़!!

    ReplyDelete
    Replies
    1. आप की बात पढ़ कर एक नया डायलाग मैंने बनाया है जैसे पाकिस्तान की सरकार आई एस आई चलाती है वैसे भारत की सरकार सी बी आई बचाती है :)
      कल मायावती ने समर्थन पर फिर से सोचने की बात की और कल ही आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनके खिलाफ कोर्ट ने आदेश जारी कर दिया क्या गजब का संजोग है ।

      Delete
  12. एक सीमा से एक सीमा से परे जाकर फायद निकालने की सोच रसूख वाले परिवारों में सदा से रही है .... और अब तो पूछो ही मत ....

    ReplyDelete
    Replies
    1. जो आता है वही लुट कर जाता है ।

      Delete
  13. बहुत सही व्यंग्य है.
    और वो खाप वाला फरमान जब सुना मैंने तो जी में आया कि कहें कि पैदा होते ही ब्याह कर दें लड़कियों का, लेकिन बलात्कार नहीं रुकने वाले. क्या शादीशुदा औरतों से बलात्कार नहीं होते? इन @#$%@##$(क्या करें ?गाली नहीं आती, आती भी तो देते नहीं) लोगों को तो कायदे से इस तरह के स्टेटमेंट जारी करते ही जेल में ठूंस देना चाहिए.

    ReplyDelete
    Replies


    1. किन्तु सरकारों को इस तरह के बयान में कुछ भी गलत दिखता ही नहीं है तो सजा कैसे मिलेगी , उन्हें तो बस वोट बैंक दिखता है ।

      Delete
  14. कोई कांग्रेसी नेता राबर्ट वाड्रा का बचाव नहीं कर रहा, ये सब खुद को हाईकमान के सामने हाईलाईट कर रहे हैं। हाकिम के गुलाम हैं, बैंगन के नहीं। इस ट्वीट से ’कैटल क्लास’ ट्वीट के बाद सेंस ऑफ़ ह्यूमर न होने का एक और तमगा देश को मिल गया।
    वैसे इन सब खुलासों में नया क्या है? रॊबर्ट वाड्रा या डीएलएफ़ वालों में से मुझसे-आपसे तो कोई दोस्ती करने से रहा, एक दूसरे को ऑब्लाईज़ करने का काम बराबरी वालों में ही होता है।
    हम मैंगोपीपल तो मैंगोपीपल ही रहेंगे।
    यौन अत्याचार वाला मुद्दा तो और भी बड़ा है, इसके बहुत से आयाम हैं। आँख मूँदकर किसी एक की मानने से या किसी एक को दरकिनार करने से इनका हल नहीं निकल सकता। परिवार की भूमिका का इसमें बहुत योगदान है, और परिवार समाज का एक हिस्सा है या यूँ कहिये कि समाज परिवारों का एक सम्मिलित रूप ही है। आपको क्या लगता है कि ये घृणित काम हमेशा एकदम से ही हो जाते हैं?

    ReplyDelete
    Replies
    1. मै तो कहती हूँ की भगवान हम सभी को उनके जैसा मैंगो पीपल बनाये । और खुर्शीद जी के शहीद होने का समय भी आ गया है बड़े जान देने पर उतारू थे उनका ही सिटिंग हो गया अब सोच रहे होंगे की खुद को बचाए या दामाद जी को । व्यक्ति की सोच परिवारों की और परिवार की सोच समाज की सोच बनती है , एक एक की सोच को बदलना होगा ।

      Delete
  15. रकम को शीघ्र चौगुना करने का एक ही फार्मूला है कि ससुरा या सास तगड़ी ढूंढो। कहावत है ना कि सैया भये कोतवाल तो डर काहे का।

    ReplyDelete
    Replies
    1. अभी तक तो लड़की खोजना मुश्किल था अब तो सास ससुर को भी पसंद करना पड़ेगा , और गरीब की लड़की का विवाह ही नहीं होगा ।

      Delete
  16. पुराने जमाने में इसीलिए तो बालविवाह होते थे।

    ReplyDelete
    Replies
    1. बाल विवाह किसी भी चीज का समाधान नहीं हो सकता है वो तो अपने आप में ही एक समस्या है लडके और लड़की दोनों के लिए ही ।

      Delete
  17. दुनिया गोल है... विश्वास से लेकर अंधविश्वास तक... फैशन से लेकर नंगई तक.. हम वापस उसी दौर में जा रहे हैं जहाँ से आदिमानव निकले थे...

    ReplyDelete
  18. my comment is on issue 2.. on issue 1 nothing to say... infact what to say...

    ReplyDelete