November 01, 2017

शुद्ध राजनीति है विचारधारा का नाम न दे -----mangopeople


                                                                       बात कुछ साल पहले की है जब श्रीलंका और भारत के बीच एक समुंद्री संरचना को तोड़ने को लेकर खूब बवाल हुआ था | उस समय की सरकार उस संरचना को तोडना चाहती थी क्योकि वो संमुद्री आवागमन में एक बड़ी बाधा थी जहाजों को घूम कर आना जाना होता था | उसे तोड़ने से रास्ता छोटा होता और सरकार को बहुत आर्थिक फायदा होना था | तब की विपक्ष ने कहा कि वो एक धार्मिक संरचना है और राम से जुडी है उसे नहीं तोड़ने दिया जायेगा | मामला अदालत तक गया और सरकार ने राम के अस्तित्व पर ही सवाल खड़ा कर दिया | आम लोग भी दो भागो में बट गए , प्रगतिशील लोग सरकार के साथ खड़े हो गये और राम भक्त विपक्ष के साथ | बड़ी आसानी से सरकार और विपक्ष ने अपने वोट के लालच में एक बड़े पर्यावरण से जुड़े मुद्दे से लोगो का ध्यान पूरी तरह हटा कर उसे केवल धार्मिक मुद्दा बना दिया |
       
                                                                      पर्यावरण के नजर से वो कोई आम संरचना नहीं थी असल में वो लाखो सालो में बनी मूंगे की चट्टानें थी जो एक तरह से समुंद्र के अंदर का जंगल था और जलीय जीवन उस पर वैसे ही निर्भर थे जैसे कि हमारे दूसरे जंगल में जानवरो का जीवन उस पर निर्भर है | एक तरह से उन्हें तोड़ना एक पुरे जंगल को काटने जैसा था , जो उस स्थान के जलीय जीवन को पूरी तरह नष्ट कर देता | सरकार इस बात से अच्छे से जानती थी इसलिए उसने विपक्ष के भावनात्मक और धार्मिक मुद्दों को इतना उछाला की पर्यापरण का मुद्दा कभी सामने आ ही नहीं पाया | नतीजा जो प्रगतिशील समाज पर्यावरण आदि मुद्दों को लेकर बड़ा सजग दिखता है वो भी उस तरफ ध्यान न दे कर सरकार के साथ खड़ा था | दूसरी तरफ विपक्ष भी इन मुद्दों से अनिभिज्ञ नहीं था किन्तु उसने भी इन मुद्दों को नहीं उठाया | जबकि इस मुद्दे को उठा कर वो उस संरचना को बड़े आसानी से तोड़ने से बचा सकती थी और जागरूक लोगो को भी अपनी तरफ कर सकती थी किन्तु उसने ऐसा नहीं किया | क्योकि हमारे देश में पर्यावरण जैसे मुद्दे वोट नहीं दिलाते है जबकि धार्मिक भावनात्मक मुद्दे वोट दिलाते है जो राजनैतिक रूप से आप को मजबूत करते है |
                                                                    इसलिए विचारधारा के नाम पर आम लोगो को बहस करते और लड़ते देख लगता है कि कैसे सरकार और विपक्ष मुख्य मुद्दों से ध्यान हटा कर लोगो को विचारधारा के नाम पर मुर्ख बना लेती है |

2 comments:

  1. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन 87वां जन्म दिवस - अब्दुल कावी देसनवी - ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

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    1. मेरी पोस्ट बुलेटिन में शामिल करने के लिए धन्यवाद |

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