May 23, 2018

मेरी सोनी मेरी तम्मना झूठ नहीं है मेरा प्यार -------mangopeople



ये कलीना यूनिवर्सिटी कैसे जाते है
तुम्हे वहां क्या काम है
मुंबई आये छः महीने से ऊपर हो गए , अभी तक कही भी अकेले जा नहीं सकती , निकलू भी तो कहा।  इस  तरह कोई मुझे तो जॉब देने से रहा मुझे शहर के बारे में कुछ पता ही नहीं है | इसलिए सोचा कॉलेज ज्वॉइन  कर लेती हूँ , रोज बाहर निकलना हो जायेगा , शहर जान जाउंगी तो खुद से ही जॉब देख लुंगी |
अच्छा तो तुम्हे जॉब करना है
क्यों तुम्हे कोई परेशानी है
नहीं नहीं , कोई परेशानी नहीं है
फिर ऐसे क्यों पूछ रहे हो
नहीं , अभी तक हमारे घर में किसी औरत ने बाहर काम नहीं किया है तो ---
तो क्या
मतलब जॉब क्यों करना चाहती हो
अच्छा अच्छा ये बात है | अब  ये  बताओ  कि मुझे अपने मन की बात बतानी है या तुम्हे कन्विंस करना है
क्या ये दोनों अलग चीजे है
बिलकुल
ओके मान लो , ऐसा  इमैजिन करो सोचो की मै कह रहा हूँ मुझे कन्विंस करो तो
तो सुनो ,  ये जो पत्नियों का प्यार होता है ना अपने पतियों के लिए ये सच्चा नहीं होता इसमें मिलावट होती है अपने स्वार्थ की , क्योकि फाइनेंशली अपने पति पर निर्भर होती है ना | अकेले आदमी से शादी करती ही कहा है , पूरा पॅकेज होता है घर है की नहीं,  जॉब कैसी है , कितना कमाता है , आगे भविष्य कैसा होगा उसके साथ |  सब कुछ ठोक बजाने के बाद पति बनाती है |  बहुत सारी  पत्नियां तो  पति को बस  एटीएम मशीन समझती है | कुछ मजबूरी में प्यार करती है कि उनकी सारी जरूरतों की पूर्ति तो पति करता है अब इसे प्यार न करे तो अपनी जरुरत कैसे पूरी होगी | पति अस्पताल चला जाए या  मर मरा  भी जाये तो उसके जाने का गम कम  गम  और चिंता इस बात की ज्यादा होती है कि अब मेरा क्या होगा पैसे कहा से आयेंगे , घर कैसे चलेगा , बच्चो का क्या होगा | उस   बेचारे  के लिए सच्चा रोने वाला भी कोई नहीं होता |   पत्नी तो छोडो रिश्तेदार भी यही उम्मीद करते है , सब तुमको बस एटीएम मशीन समझते है स्वार्थभरा झूठा प्यार करते है | लेकिन मै ऐसा नहीं करना चाहती।  मै तुम्हारे पैसे से नहीं सिर्फ तुम्हे प्यार करना चाहती हूँ , मै तुमको सच्चा , ट्रू , निस्वार्थ प्यार करना चाहती हूँ , समझे  |
हम्म्म

क्या हुआ कुछ बोलोगे ठीक से कन्वेंस नहीं हुए क्या
कलीना कब चलना है
गुर्ररर
अरे चल तो रहा हु अब क्यों गुस्सा हो
मुझे लेगा था मेरे मन की सुनोगे , पूछोगे मै क्या चाहती हूँ , लेकिन नहीं एक नंबर के  स्वार्थी हो बस अपनी पड़ी है  | बस खुद कन्विंस होना है मै क्या चाहती हूँ किसी को पड़ी ही नहीं है |
नहीं मै बस वही पूछने वाला था
 मिस्टर निश्चल आज की तारीख लिख लो आज से हर बात केवल तुम्हे कन्वेंस करने वाले ही तरीके से बताई जायेगी  और देखना ये तुमको कितना भारी पड़ने वाला | गुर्ररर

#अधूरीसीकहानी_अधूरेसेकिस्से

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