August 08, 2022

सीखना क्या है

 एक दिन पतिदेव को खान सर के दो वीडियों दिखाए | एक कोरोना कैसे फेफड़ो में घुसता हैं और दूसरा कोरोना टेस्ट को लेकर | उन्हें बड़ा पसंद आया ,  बोले तुरंत मुझे व्हाट्सप्प करो अपने जूनियर्स को दिखाना हैं | मुझे भी पता था उनके कई जूनियर्स कोरोना को लेकर लापरवाह थे | 


जैसे ही उन्हें लिंक भेजा उन्होंने तुरंत अपने टीम के जूनियर्स को ग्रुप काल किया | अभी एक लिंक भेजा हैं उसे जरा ध्यान से देखो और सीखो कैसे प्रजेंटेशन बनाते हैं , कैसे स्क्रीन को यूज करते है ,  कैसे उसे इंट्रेस्टिंग बनाते हैं |  तुम लोगों का प्रजेंटेशन देख कर मुझे शर्म आ जाती हैं |  मुंबई की नाक कटा देतें हो ,  बैंगलोर वालों को देखो कितना अच्छा करते हैं वो | अब तो सामने भी नहीं बोलना हैं फिर क्यों घबराते हो ब्ला ब्ला उनका आधे घंटे तक चलता रहा | 


हम सोचते रहें अच्छा इन्होने खान सर के वीडियों में ये देखा मैंने तो इन्हे कुछ और ही दिखाने का प्रयास किया था | व्यक्ति वही सीखता और लेता हैं जो वो लेना चाहता हैं बकिया आप कितना भी प्रयास कर लो कुछ और समझाने का फायदा नहीं हैं |  कोरोना काल से घर पर काम करते देख रही हूँ उधर भी कम मजेदार किस्से नहीं होते  

4 comments:

  1. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (9 -8-22} को "कान्हा इक उज्ज्वल प्रकाश सा"( चर्चा अंक 4516) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
    ------------
    कामिनी सिन्हा

    ReplyDelete
  2. रोचक पोस्ट, जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि

    ReplyDelete
  3. मजेदार प्रस्तुति।

    ReplyDelete
  4. सही कहा आपने व्यक्ति वही लेता है जो उसे लेना होता है।
    सटीक अभिव्यक्ति।

    ReplyDelete