tag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post3365768826887623022..comments2024-01-31T15:22:21.672+05:30Comments on mangopeople: महिलाओ के खिलाफ अपराध करने वाले बड़े अपराधियों को सजा की खबरे क्या हमारे यहाँ भी आएँगी - - - - mangopeopleanshumalahttp://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-70086376368400837452011-03-31T17:27:57.568+05:302011-03-31T17:27:57.568+05:30@ राजन जी
हा खबर तो अच्छी है औ...@ राजन जी <br /><br /> हा खबर तो अच्छी है और कोर्ट ने पीड़ित का पहला बयान ही सही मान कर और तकनीकी सबूतों को देखते हुए पीड़ित के बयान बदलने के बाद भी अपराधी को सजा दे कर एक अच्छी सुरुआत की है | किन्तु अभी ये केस सुप्रीम कोर्ट तक जायेगा और वहा भी यही फैसला हो तब उसे न्याय मानेगे कई बार उपरी आदालतो में फैसले बदल जाते है और अब तो पीड़ित ही अपने बयान से पलट गई है कई बा उपरी आदालतो में लोग सिर्फ जुर्माना दे कर भी छुट जाते है | अभी पूर्ण न्याय का रास्ता लम्बा है |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-77144461746355037292011-03-31T12:30:37.611+05:302011-03-31T12:30:37.611+05:30अंशुमाला जी,
अच्छी खबर.
अहूजा को मुंबई के एक सेशन ...अंशुमाला जी,<br />अच्छी खबर.<br />अहूजा को मुंबई के एक सेशन कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई है पीडिता द्वारा बयान से पलटने के बावजूद.राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-2809747871783034332011-03-28T18:28:00.505+05:302011-03-28T18:28:00.505+05:30@ काजल जी
क्या पता ये सब जेल...@ काजल जी <br /><br /> क्या पता ये सब जेल में है या सिर्फ नाम है की जेल में है तेलगी याद है उसे भी पुणे के जेल में होना चाहिए था पर वो मुंबई के एक महंगे फ़्लैट में बड़े आफिसरो के साथ बार डांसर का डांस देखते पकड़ा गया था और इनमे से किसी को भी सजा नहीं हुई थी |<br /><br />@ खुशदीप जी <br /><br /> ये एक मामला नहीं है | पप्पू यादव अपने चमचे की महिला मित्र के साथ बलात्कार करते है और फिर दोनों की हत्या कर देते है कोर्ट के आदेश के बाद भी आज तक पुलिस वाले जाँच के लिए उनके नमूने नहीं ले सके है |<br /><br /> @ अजित जी <br /><br /> लोकपाल विधेयक यदि ये किसी दबाव में पास भी कर दे तो फिर उसे भी सूचना का अधिकार की तरह उसकी धार कुंद करने का प्रयास करेंगे |<br /><br />@ सारा सच जी <br /><br /> धन्यवाद |<br /><br />@ शिखा <br /><br /> आज कल हम सभी बस एक काम में बीजी है क्रिकेट देखने में | हा हा हा तुम्हारे आफिस में टीवी नहीं है सब आफिस हाफ दे करने वाले है :)))anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-10581531298543115862011-03-28T16:54:47.079+05:302011-03-28T16:54:47.079+05:30post ke bare me koi comment nahi dena chte (jese k...post ke bare me koi comment nahi dena chte (jese ki mera & mere DD ke vichar kafi milte hai) kintu Pravin ji ke comment pe DD ne jo uttar diya ha (jese me dena chahte thi)to ab me "PRAVEEN JI" ke age ke vichar jarun janana chungi wo in bato kya kya comment dena chahenge.shikha jaiswalhttps://www.blogger.com/profile/01818609619394594978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-29677038187653421242011-03-28T16:31:37.384+05:302011-03-28T16:31:37.384+05:30nicenicehamarivanihttps://www.blogger.com/profile/13556207298223545364noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-14371046377734329342011-03-27T14:36:24.138+05:302011-03-27T14:36:24.138+05:30nicenicehamarivanihttps://www.blogger.com/profile/13556207298223545364noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-69538750483083293112011-03-27T08:53:57.460+05:302011-03-27T08:53:57.460+05:30मैंने कई बार अपनी पोस्ट में लिखा है कि देश का कान...मैंने कई बार अपनी पोस्ट में लिखा है कि देश का कानून आम जनता के लिए और राजनेताओं एवं नौकरशाहों के लिए अलग अलग हैं। जब तक देश में लोकपाल विधेयक को मंजूरी नहीं होती है तब तक ये समस्याएं बनी रहेंगी। जब इन लोगों के लिए कानून ही नहीं हैं तो फिर बेकार की हाय तौबा मचाने से कुछ नहीं होगा। हमने अंग्रेजों के कानून की नकल की थी जिसमें राजा के लिए और प्रजा के लिए अलग अलग कानून थे। इसी कारण सत्ता पर आसीन लोग हमेशा कानून की हद से बाहर रहते हैं। उन पर तभी कानून लागू होता है जब उनका सर्वोच्च अधिकारी इसकी आज्ञा दे। उन पर सीधे कार्यवाही नहीं की जा सकती है।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-45812908338119362722011-03-27T01:05:39.469+05:302011-03-27T01:05:39.469+05:30अंशु जी,
इसी देश की घटना है...अभी दो-तीन महीने पहल...अंशु जी,<br />इसी देश की घटना है...अभी दो-तीन महीने पहले रेप के आरोप में बीएसपी के एक विधायक को गिरफ्तार किया गया...अपनी खाल बचाने के लिए विधायक ने तर्क दिया कि वो रेप कर ही नहीं सकता क्योंकि वो नपुंसक है...यहां तक कि विधायक ने अपनी पत्नी से भी इसी आशय का बयान दिला दिया...अब इससे ज़्यादा और क्या पतन होगा...और ऐसे ही लोगों को हमारी जनता विधायक चुनती है...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-38491187339797975102011-03-26T23:30:31.143+05:302011-03-26T23:30:31.143+05:30@ प्रवीन जी
आप की बात से सह...@ प्रवीन जी <br /><br /> आप की बात से सहमत हूँ बिलकुल समाज में ये भी हो रहा है की सहमती से सम्बन्ध बनाने के बाद आरोप लगाया गया है पर जैसा की आप ने कहा है की " सहमती" की परिभाषा क्या हो जैसे की तुम्हे फिल्मो में काम दूंगा ( मधुर भंडारकर -प्रति का किस्सा) , तुमसे शादी करूँगा ( उत्तर प्रदेश के बी एस पी के माननीय अविवाहित और युवा विधायक जी लड़की को यही कह बहलाते रहे और उसके प्रेग्नेंट होते ही उसकी हत्या भी करा दी, मै यहाँ मधुमिता केस की बात नहीं कह रही वो सहमती से और सोच समझ कर बना सम्बन्ध था ) , आज कल तो सभी लड़किया कैरियर के लिए ये करती है तुम किस ज़माने में जी रही हो फला को देखो सब यही कर वहा तक पहुंची है ( ये सब आप ने शक्ति कपूर को एक स्टिंग में बोलते सुना होगा जहा वो बड़ी बड़ी हिरोइनों का नाम बड़े बड़े निर्माताओ के साथ जोड़ कर लड़की को अपने झासे में लाने का प्रयास कर रहे थे, और अनारा केस में भी लड़की ने यही बात कही थी ) उसे या उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दे कर , गरीब लड़की/ महिला को पैसे का लालच दे कर सहमती से बनाये गए संबंधो को किस श्रेणी में रखा जाये | यदि कोई आप को लालच दे कर आप के भोलेपन का फायदा उठा कर आप को ठग ले तो क्या हम कहेंगे की सारी गलती ठगे जाने वाले की है ठग का कोई भी अपराध नहीं है उसे सजा नहीं मिलनी चाहिए | यदि मेरी जानकारी सही है तो कोर्ट ने शादी का झासा दे कर या शादी का वादा कर के किसी भी लड़की से शारीरिक सम्बन्ध बनाया जाता है और बाद में उससे विवाह नहीं किया जाता तो ये यौन शोषण की श्रेणी में आएगा और इसके लिए एक लडके को सजा भी सुनाई थी | १६ साल की कम उम्र की लड़किया फिल्मो और माडलिंग के लिए आती है और उनका शोषण इसी तरह किया जाता है कितनी समझ होती है इस उम्र की लड़कियों में | नेताओ के पास कई महिलाए लड़किया अपनी मजबूरी में मुसीबत में मदद के लिए आती है और उसी का फायदा उठाया जाता है | क्या इन सब को भी सहमती की श्रेणी में रखा जाये |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-55147340895644895222011-03-26T22:52:11.695+05:302011-03-26T22:52:11.695+05:30@ मोनिका जी
धन्यवाद |
@ दी...@ मोनिका जी <br /><br /> धन्यवाद |<br /><br />@ दीपक सैनी जी <br /><br /> वो दोनों तो बाहरी है यहाँ तो अपने ही नेता उद्योगपति देश को लूटने में लगे है | <br /><br />@ दीप जी <br /><br /> दुनिया के किसी भी देश में सभी को न्याय मिलना संभव नहीं है किन्तु कुछ दोषियों को तो सजा मिलती ही है न दुनिया के सैकड़ो देशो में ऐसे उदहारण मिल जायेंगे जब बड़े पदों पर बैठे लोगो को सजा मिली हो पर अपने देश का कोई एक भी उदहारण दीजिये चाहे किसी भी मामले में जिसमे नेता अधिकारी उद्योगपति को जीते जी सजा मिली हो |<br /><br />@ रश्मि जी <br /><br /> बिलकुल सही बात कही है आप ने अपने देश और समाज का यही हाल है |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-74330327819242427222011-03-26T22:45:15.249+05:302011-03-26T22:45:15.249+05:30कुछ कुछ तो यहां भी हो रहा है जैसे राजा जेल में है,...कुछ कुछ तो यहां भी हो रहा है जैसे राजा जेल में है, लल्लू भी जेल भुग आया है, नरसिंहह राव के समय कुछ झारखंडी जेल गए, पप्पू यादव, लवली आनंद का पति और कौड़ा भी जेल की हवा खा आए... पर दिक़्क़त ये है कि हम ही इन्हें फिर चुनाव जिता देते हैं. ख़ुद को हमेशा चुनावों के नाक़ाबिल करने का क़ानून तो ये बनाने से रहे...Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-20536431766535081622011-03-26T22:11:19.934+05:302011-03-26T22:11:19.934+05:30.
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अंशुमाला जी,
जानता हूँ कि मेरी इस टिप्पणी प....<br />.<br />.<br />अंशुमाला जी,<br /><br />जानता हूँ कि मेरी इस टिप्पणी पर विवाद हो सकता है परंतु यह अकसर कहा जाता है और सच भी है कि 'एक पूर्ण स्वस्थ पुरूष एक पूरी तरह स्वस्थ स्त्री से बिना उसे कोई चोट पहुंचाये शारीरिक संबंध नहीं बना सकता'... जूलियन असांजे से लेकर मोशे कत्साव तक के यह मामले इस अर्थ में बलात्कार नहीं हैं कि कोई जोर जबरदस्ती की गई... हाई प्रोफाइल व ताकतवर व्यक्तित्वों के साथ हुऐ इन मामलों में संबंध सहमति से ही होता है परंतु जब उन संबंधो को करने से महिला जो कुछ पाना चाहती है वह जब उसे नहीं मिलता तो वह अनुचित दबाव का आरोप लगा देती है... पुरूष इन सारे मामलों में बहुत वल्नरेबल है... सबसे पहले तो वह 'सहमति' को लेकर ही कन्फयूज रहता है क्योंकि यह शाब्दिक तो होती नहीं, उसे ईशारे पकड़ने होते हैं, और कभी-कभी गलती हो जाती है... परंतु फिर भी इशारे पकड़ने की पुरूष की गलती पर महिला संबंध नहीं बनाने देगी... मैंने बहुत से ऐसे मामले देखे-सुने हैं कि जोड़ा संबंधो के लिये सहमति से राजी हुआ... परंतु पकड़े जाने पर स्वयं या परिवार के दबाव में युवती ने जोरजबरदस्ती का आरोप लगा दिया... बहुत से ऐसे 'बेकुसुर' आज सजा भी काट रहे हैं... एक तरह से देखें तो अपराधियों द्वारा सामूहिक तौर पर किये जाने वाले बलात्कार ही असली हैं... अपने कैरियर के लिये सब कुछ करने को तैयार रहने वाली कुछ महिलायें मनचाही चीज न मिलने पर इस तरह के आरोप लगा रही हैं या लगाने की कह कर ब्लैकमेल भी कर रही हैं... हाल में अपने बॉलीवुड के कुछ प्रकरणों को आप इसी रोशनी में देख सकती हैं...<br /><br />अंत में यही कहूँगा कि सजा सबको मिले महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाले पुरूषों को भी व पुरूषों के खिलाफ अपराध करने वाली महिलाओं को भी... कानून किसी से भी लिंग-भेद न करे...<br /><br /><br />आभार!<br /><br /><br />...प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-91454415597332299992011-03-26T12:59:29.720+05:302011-03-26T12:59:29.720+05:30जहाँ चाटुकारिता ही राष्ट्रधर्म बन गया हो...वहाँ के...जहाँ चाटुकारिता ही राष्ट्रधर्म बन गया हो...वहाँ के लिए क्या कहा जाए....<br />उच्चपदस्थ अपराधियों को अपना अपराध महसूस तक नहीं करने दिया जाता....सजा की बात तो दूर रही...पहले ही शुरू हो जाते हैं...कुछ नहीं होगा सर...सब देख लूँगा...आप निश्चिन्त रहें..और वे अधिकारी दूसरे अपराध भी उसी निश्चिन्तता से कर डालते हैं.<br /><br />समाज का तिरस्कार बस एक यही उपाय है...पर इसी समाज में वे चाटुकार भी हैं...कैसे संभव हो...rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-55325731748699347462011-03-25T23:33:10.886+05:302011-03-25T23:33:10.886+05:30@ शिखा जी
धन्यवाद | घबराइए नहीं अफजल और कसाब का न...@ शिखा जी<br /><br />धन्यवाद | घबराइए नहीं अफजल और कसाब का नंबर एक दिन राष्ट्रपति के पास जरुर आएगा शायद तब हम और आप ये देखने के लिए न हो |<br /><br />@ सलिल जी<br /><br />हर पीड़ित तो यही समाधान चाहती है और उसका बस चले तो वो कर भी दे और आप ने सही श्रेणिया बताई है ऐसा ही होता है |<br /><br />@ रचना जी<br /><br />कानून सख्त कैसे होगा जब अपराधी ही कानून बनाने वाले और उसे लागु करवाने वाले है |<br /><br />@ मलखान जी<br /><br />टिपण्णी के लिए धन्यवाद | वो विवाद कम राजनीति, मिडिया और समाज के ठेकेदारों का प्रोपेगेंडा ज्यादा था | वो फिल्मो का विरोध क्यों नहीं करते है |<br /><br />@ निशांत मिश्र जी<br /><br />पोस्ट पढ़ने और टिपण्णी के लिए धन्यवाद | मेरे साथ भी यही समस्या है की समय कम है इसलिए चाह कर भी कई और अच्छी पोस्ट नहीं पढ़ पाती या पढ़ने के बाद उन पर टिपण्णी नहीं दे पाती | और तकनीकी जानकारी देने के लिए भी धन्यवाद |<br /><br />@ सतीश जी <br /><br /> धन्यवाद |<br /><br />@ Patali-The-Village जी <br /><br /> क्या करे आज देश में सब बिकाऊ है |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-18188338327502804892011-03-25T22:47:13.776+05:302011-03-25T22:47:13.776+05:30अंशुमाला जी ऐसे इक्का दुक्का मामले जब सामने आते है...अंशुमाला जी ऐसे इक्का दुक्का मामले जब सामने आते हैं तो अच्छा ही लगता है पर क्या इससे अंदाजा लगा लिया जाय की पश्चिमी देशों में हर पीड़ित को न्याय मिल ही जाता होगा. खैर अपने यहाँ तो ऐसे इक्का दुक्का उदहारण भी नहीं मिलते जहाँ इस प्रकार के उच्च पदस्त अपराधी को सजा मिली हो. जरा ये भी पता लगाये की इजरायल में भी इस मामले में मिडिया का कोई रोल तो नहीं था जैसा की हमारे देश में जेसिका ला , या नितीश कटारा या प्रिदार्शिनी मट्टू के केस में रहा है.VICHAAR SHOONYAhttps://www.blogger.com/profile/07303733710792302123noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-43662255979312464022011-03-25T22:18:27.559+05:302011-03-25T22:18:27.559+05:30आप सेलेब्रिटी की बात कर रही है यहा तो मामूली आदमी ...आप सेलेब्रिटी की बात कर रही है यहा तो मामूली आदमी भी दस बीस हजार रूपये देकर बलात्कार जैसे केस मे बिना थाने तक पहुचे ही फारिग हो जाता है <br />यही इस देश का कानून है बडे लोग करे तो शौक छोटे करे तो ऐब <br />आज तक कसाब, अफजल का तो कुछ हुआ नही जिन्होन पुरे देश का बलात्कार किया है बाकि का तो क्या होगाDeepak Sainihttps://www.blogger.com/profile/04297742055557765083noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-52679506361926838202011-03-25T21:28:56.967+05:302011-03-25T21:28:56.967+05:30आज के हालात में शायद मुमकिन नहीं की किसी उच्च पद ...आज के हालात में शायद मुमकिन नहीं की किसी उच्च पद पर आसीन व्यक्ति को आसानी से उसके अपराधों की सजा मिल सके। जो उदहारण आपने दिया है वैसा हमारे यहाँ भी हो इसके लिए आमूलचूल परिवर्तन की दरकार है। समाज की सोच बदलने से लेकर पुलिस का रवैया और क़ानून तक , सब को नए सिरे से परिभाषित करना आवश्यक है ....अपने सार्थक विचार और यह समाचार पढवाने का आभार डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-83046806502756962682011-03-25T20:28:00.185+05:302011-03-25T20:28:00.185+05:30आपकी बात सही है। अगर कानून और कानून के रखवाले ही अ...आपकी बात सही है। अगर कानून और कानून के रखवाले ही अपनी ड्यूटी भर निभा लें तो देश के ९०% अपराध खतम हो जाएँ| कानून तो पैसे से खरीद लिया जता है|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-24567826561029755552011-03-25T19:55:01.757+05:302011-03-25T19:55:01.757+05:30हमारे १८ वीं शती के कानूनों में आमूल चूल परिवर्तन ...हमारे १८ वीं शती के कानूनों में आमूल चूल परिवर्तन हो तब शायद कुछ आशा दिख सके ! शुभकामनायें आपको !!Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-90696936223822445542011-03-25T19:10:57.662+05:302011-03-25T19:10:57.662+05:30अंशुमाला जी, बेहतरीन पोस्ट लिखने और पढ़वाने के लिए ...अंशुमाला जी, बेहतरीन पोस्ट लिखने और पढ़वाने के लिए आपको धन्यवाद.<br />भारत में बहुत से हालात सुधरने में अभी ख़ासा वक़्त लगेगा. इसके लिए शिक्षा, जागरूकता, बेहतर पुलिस और प्रसाशन, आर्थिक मजबूती... बहुत कुछ चाहिए.<br />दूसरी बात आपके ब्लौग के बारे में... पहले कई पोस्टें पढ़ें हैं और हर बार अच्छा लगा है. टिपण्णी इसलिए नहीं की क्योंकि (जैसा आपने आज अवधिया जी के ब्लौग पर लिखा) कुछ तो समय की कमी (कई पोस्टें पूरी पढने में समय तो लगेगा ही) और कुछ बदले में टिपण्णी नहीं पाने की इच्छा के कारण अब टिपण्णी देना कम ही कर दिया है. सौभाग्य से मेरे ब्लौग में रोजाना कुछ सौ लोग आ रहे हैं और सैकड़ों पोस्टें पढ़ते हैं, उससे वे कुछ लाभ लें तो मेरी मेहनत पूरी.<br />ऐसा लगता है कि आप हर पैराग्राफ के पहले स्पेस बार दबाकर खाली जगह छोड़तीं हैं जिसके कारण हर पैराग्राफ की शुरुआत अलग तरह की दिखती है. इसके बजाय हर पैराग्राफ के बाद एक लाइन का स्पेस दे दें तो यह स्टाइल सम्बन्धी तकनीकी त्रुटी दूर हो जायेगी और आपको शुरुआत में स्पेस नहीं देना पड़ेगा. वैसे इससे पोस्ट की पठनीयता और सामग्री पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.निशांत मिश्र - Nishant Mishrahttps://www.blogger.com/profile/08126146331802512127noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-75088480532542881882011-03-25T18:01:40.844+05:302011-03-25T18:01:40.844+05:30आपकी बात सही है। अगर भारत में इस तरह से न्याय होने...आपकी बात सही है। अगर भारत में इस तरह से न्याय होने लगे तो सुधार हो सकता है। <br />आपने मेरे ब्लॉग पर टिप्पणी की, धन्यवाद। आपका अपना नजरिया है, लेकिन मैंने कुछ लोगों को ऐसा कहते सुना है कि उन्होंने परिवार में बैठकर मैच देखना बंद कर दिया है। अगर बच्चे उनके साथ मैच देख रहे हों तो वे उन्हें पढ़ाई करने भेज देते हैं। या फिर वे खुद उठकर चले जाते हैं। सिर्फ आईपीएल की बात कर रहा हूं। और अगर ऐसा नहीं होता तो आईपीएल में चीयर लीडर्स के कपड़ों पर पिछले वर्ष इतना विवाद न हुआ होता। बाद में इन चीयर्स गर्ल्स को बदन ढककर मैदान में उतरने के लिए कहा गया था। हां, हाई सोसायटी में ऐसी चीजें नहीं हैं, लेकिन ग्रामीण इलाके अब भी ऐसी सोच से बंधे हैं। सोच क्या सही है और क्या गलत, यह एक अलग विषय है।<br /><br />mydunali.blogspot.comAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/13342084356954166189noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-32802628101384075832011-03-25T17:13:42.848+05:302011-03-25T17:13:42.848+05:30विदेशो में कानून पहले से बहुत सख्त हैं शायद इस लिय...विदेशो में कानून पहले से बहुत सख्त हैं शायद इस लिये क्युकी वहाँ लोग हमारे यहाँ से ज्यादा निरंकुश हैं और उन पर अंकुश लगाने के लिये कानून को सख्त किया गया हैं<br />अब हमारे यहाँ भी निरंकुशता बढ़ रही हैं सो कानून मै भी बदलाव आ रहे हैं और अब तेजी भी आ रहे हैं लेकिन कानून का पालन करवाना होता हैं और उसके लिये सख्ती जरुरी हैं<br />वो देश जो अपने यहाँ सख्ती करते हैं हमारे यहाँ मानव अधिकार का झंडा लिये दिखते हैं<br />और अगर गलत का तिरिस्कार और बहिष्कार हो सामजिक रूप से तो वो किसी भी कानून से बड़ा हैं पर हमारे यहाँ इसको कोई नहीं मानता क्यूंकि हमारे यहाँ आज भी लडकियां बोझ और फालतू मानी जाति हैं जिनको किसी से भी ब्याह देने की परम्परा हैं जिन में बलात्कारी , हत्यारे और यौन शोषण के दरिन्दे भी शामिल . पता नहीं कैसे माँ पिता इनमे सुयोग वर खोज लेते हैं अपनी बेटी के लिये . प्रियदर्शनी मट्टू के कातिल की शादी भी होगई , एक लड़की भी हैं और इस वजेह से मानव अधिकार कम सजा की बात कर चुका हैंरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-4977097586827674122011-03-25T15:09:18.064+05:302011-03-25T15:09:18.064+05:30अंशुमाला जी!
मेरे विचार में इस समस्या को तीन अलग अ...अंशुमाला जी!<br />मेरे विचार में इस समस्या को तीन अलग अलग श्रेणियों में रखकर देखने की ज़रूरत है:<br />१.वे घटनाएं जो प्रकाश में ही नहीं आतीं: ऑन द स्पॉट सेटलमेंट.<br />२.वे जिनकी समाचार पत्रों में सिर्फ प्रारम्भिक चर्चा होकर दो तीन दिन बाद भुला दी जाती हैं: लेन-देन से मामला सुलटा लिया जाता है.<br />३.वे घटनाएं जहां किसी पीड़ित की इज्ज़त को हथियार बनाकर अपने राजनैतिक लाभ उठाये जाते हैं, प्रतिद्वंद्वी को नीचा दिखाया जाता है. जब तक स्वार्थ चलता है, मुद्दा चलता है, जब मान्डवाली हो जाती है तो मुद्दा खतम. इज्ज़त के दाम लगाए जाते हैं, और अपराधी, अभियुक्त बन जाता है. इलज़ाम तथाकथित होकर रह जाता है.<br />हाँ, सामाजिक पहलू बहुत दर्दनाक है. फिल्म “इन्साफ का तराजू” में सिमी की बात कि अदालत के सवाल उस बलात्कार से भी भयानक होते हैं. पहला बलात्कार तो भले ही अँधेरे में हुआ हो, यह सारी दुनिया के सामने होता है.<br />समाधान भी शायद उसी फिल्म से खोजना पडेगा. शेर जब आदमखोर हो जाए तो उसे गोली मार दी जानी चाहिए!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-23837510357229820602011-03-25T14:38:59.874+05:302011-03-25T14:38:59.874+05:30अगर कानून और कानून के रखवाले ही अपनी ड्यूटी भर निभ...अगर कानून और कानून के रखवाले ही अपनी ड्यूटी भर निभा लें तो देश के ९०% अपराध खतम हो जाएँ.<br />अरे हमारे देश में तो कसाव का अब तक कुछ नहीं हुआ.बाकी तो फिर बहुत दूर की बात है.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.com