tag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post6243033266501199605..comments2024-01-31T15:22:21.672+05:30Comments on mangopeople: जन लोकपाल बिल और सरकारी लोकपाल बिल कुछ बिंदु जिन पर दोनों में असहमति है - - - - -mangopeopleanshumalahttp://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-44590357225166221752011-08-20T11:36:31.865+05:302011-08-20T11:36:31.865+05:30क्या कहें, अगर अन्ना की बात मान ली जाये तो संसद के...क्या कहें, अगर अन्ना की बात मान ली जाये तो संसद के ऊपर एक तानाशाह बैठ जायेगा और ये होगा एक लोकतंत्र का धीमा अंत,<br />अरे भाई ठीक से वोट दो तो किसी अन्ना की जरुरत ही नहीं है,<br /><a href="http://vivj2000.blogspot.com/" rel="nofollow"><b> विवेक जैन </b><i>vivj2000.blogspot.com</i></a>Vivek Jainhttps://www.blogger.com/profile/06451362299284545765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-50280390083104547372011-08-20T09:54:02.620+05:302011-08-20T09:54:02.620+05:30बिंदुवार ढंग से बढ़िया जानकारी मिली। वैसे अब सवाल ...बिंदुवार ढंग से बढ़िया जानकारी मिली। वैसे अब सवाल यह नहीं रहा कि अन्ना के लोकपाल में और सरकार के लोकपाल में क्या अंतर है, बल्कि अब सवाल नीयत और उससे जुड़े खेल का बन गया है। सरकारी नीयत क्या है ये मनीष तिवारी जैसे टुच्चे नेता के कुवचनों से ही पता चल गया था लेकिन अब जो सरकार खेल खेल रही है कि स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाय, उसके बाद फलां कमेंटी आदि तो ये सब पहले ही टाला जा सकता था, वर्तमान परिदृश्य में संसद में बिल आराम से रखा जा सकता था लेकिन वही है कि जब तक सरकार चार बार जुतिया न उठे तब तक आगे कैसे बढ़ें। <br /> अन्ना के बिल में जरूर छोटी मोटी खामी होगी लेकिन इतनी भी नहीं है कि एकदम से नकार दिया जाय। जहां तक प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने की बात है, मैं मानता हूं कि प्रधानमंत्री को कई बार ऐसे फैसले लेने पड़ सकते हैं जो कि सभी को नागवार गुजरे, लेकिन व्यापक हित में वह फैसले जरूरी हों। लेकिन यह तब की बात है जब प्रधानमंत्री फैसला ले, यहां तो मुंह में दही जमी है तो फैसला तो दूर की बात है....हूं हां भी नहीं कर सकते....डर है कहीं दही के जमाव में कोई दरक न आ जाय....दरार न आ जाय। कमसे कम प्रधानमंत्री को मैं इस लोकपाल के दायरे से बाहर रखने के पक्ष में हूं।सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-46132590753692129962011-08-19T23:07:58.749+05:302011-08-19T23:07:58.749+05:30@ मोनिका जी
जिस तरह सरकार कहा रही है की लोकपाल में...@ मोनिका जी<br />जिस तरह सरकार कहा रही है की लोकपाल में से जजों को बाहर निकल दिया जाये और उनके लिए अलग से कानून बनाया जाये और संयुक्त सचिव से नीचे के अधिकारी इसमे शामिल ना किया जाये क्योकि इससे लोकपाल का काम बढ़ जायेगा | उसी तरह जन लोकपाल बनाने वालो का कहना है की जो चीजे सरकार से जुडी हुई सरकार के नियंत्रण में उसके ले एक कानून बनाया जाये और उसको एक ही समिति समूह के द्वारा नियंत्रित किया जाये और कार्पोरेट ,वकील ,एन जी ओ आदि सरकार से बाहर के लोगों में व्याप्त भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए एक अलग कानून बनाया जाये ताकि कानून में कोई घाल मेल ना हो और काम करने वालो को एक ही तरीके के लोगों की जाँच करने उससे जुड़े कानूनों को लागु करने में आसानी हो | एन जी ओ को भ्रष्टाचार करने की छुट नहीं दी जा रही है ये सारी बाते उन लोगों द्वरा फैलाई जा रही है जी इन सब के विरोधी है |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-57005810224721051852011-08-19T21:49:16.861+05:302011-08-19T21:49:16.861+05:30अच्छी जानकारी बहुत अच्छे से साझा की आपने.........
...अच्छी जानकारी बहुत अच्छे से साझा की आपने.........<br />अभी अभी एक मेल मिला उसमे पढ़ा की NGOs<br />को इस दायरे में लाने के लिए अन्ना जी और उनकी टीम खिलाफ है <br />ऐसा क्यों .... .क्योंकि शायद सभी NGO ही चलाते हैं.... जाने क्या और कौन सही है.... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-71340919630410059252011-08-19T16:43:54.998+05:302011-08-19T16:43:54.998+05:30बहुत ही सरल रूप में उपयोगी जानकारी...बहुत ही सरल रूप में उपयोगी जानकारी...rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-73057657212017568812011-08-19T09:15:47.285+05:302011-08-19T09:15:47.285+05:30इस देश का कानून सभी के लिए समान होना चाहिए क्योंक...इस देश का कानून सभी के लिए समान होना चाहिए क्योंकि हमने लोकतंत्र को अपनाया है। अंग्रेजों के कानून की हूबहू नकल करने से ही यह हुआ है। अंग्रेज राजा थे और हम प्रजा, इसकारण उन्होंने दोहरे कानून बनाए। आज के मंत्री संसद में इसी भाषा का प्रयोग कर रहे हैं कि हम राजा है और ये प्रजा। लोकपाल बिल के माध्यम से यदि कानून के अन्तर्गत समानता आती है तो अच्छी बात है। यदि नहीं तो जनता को अभी लम्बी लड़ाई लड़नी पड़ेगी। कुछ लोग समझते हैं कि जनता आज सड़कों पर निकली है वह समझदार नहीं है। लेकिन आज इस तथ्य को सभी जान गए हैं कि राजशाही के कानूनों के कारण ही देश में भ्रष्टाचार फैल रहा है। आज सड़क पर जो जनता है, उसमें से आधे से अधिक उच्च शिक्षित वर्ग है।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-62146968816521267352011-08-19T08:38:11.344+05:302011-08-19T08:38:11.344+05:30informative post and small one always betterinformative post and small one always betterरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-29042820341914469792011-08-19T07:56:24.186+05:302011-08-19T07:56:24.186+05:30बढ़िया जानकारी के लिए आभार आपका !बढ़िया जानकारी के लिए आभार आपका !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-198173099900212392011-08-19T01:09:11.675+05:302011-08-19T01:09:11.675+05:30अंशुमाला जी,
मेहनत से तैयार किए गए आलेख के लिए साध...अंशुमाला जी,<br />मेहनत से तैयार किए गए आलेख के लिए साधुवाद...<br /><br />मैं भ्रष्टाचार से देश को सौ फीसदी मिटाने का कट्टर समर्थक हूं...मार्च-अप्रैल में मैंने ब्लॉग पर अन्ना के समर्थन के लिए जो मुझसे बन सका था, मैंने किया था...लेकिन इस दौरान ऐसा बहुत कुछ हुआ जिसने मुझे और भी बहुत कुछ सोचने को मजबूर किया...ये वक्त अन्ना पर अंधश्रद्धा का नहीं है...ये वक्त हर भारतीय के अपने अंतर्मन में झांकने का है...ये सोचने का है कि उसने सिवा अपना फायदा सोचने के इस देश के लिए क्या किया...आपके इस ब्लॉग की टैगलाइन है...मेरा देश महान सौ में से निन्यानबे बईमान...देखा जाए तो इसी लाइन में जड़ छुपी है...गांधी डर से किसी को नहीं बदलते थे...वो इनसान को अंदर से बदलने की कोशिश करते थे...जनलोकपाल या लोकपाल जो भी हो, आखिर कितनों पर डंडा चलाएगा...क्या गारंटी की वहां भी जुगाड़ू बचने का रास्ता नहीं निकाल लेंगे...ज़रूरत है आज आपके ब्लॉग की टैगलाइन को इस तरह बदलने की...सौ में से एक बेइमान, इसलिए मेरा भारत महान...और ये तभी होगा जब सब खुद अपने को बदलेंगे...अन्ना जैसे ईमानदार हो जाएंगे...तब जो रास्ता निकलेगा वही फिर भारत को सोने की चिड़िया बनाने की ओर ले जाएगा...बाकी सारी बातें मेरी नज़र मे मृगतृष्णा हैं...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-36815106620813390062011-08-18T23:44:50.041+05:302011-08-18T23:44:50.041+05:30बहुत अच्छे!!!बहुत अच्छे!!!सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-70284413274148206982011-08-18T22:31:38.737+05:302011-08-18T22:31:38.737+05:30बिल्कुल तर्कपूर्ण और सहज तरीके से आपने दोनों पक्षो...बिल्कुल तर्कपूर्ण और सहज तरीके से आपने दोनों पक्षों के मतभेद वाले मुद्दों को सबके सामने प्रस्तुत किया है ।Sushil Bakliwalhttps://www.blogger.com/profile/08655314038738415438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-58170635630433075102011-08-18T19:27:18.024+05:302011-08-18T19:27:18.024+05:30जब सरकार ने ऐसा नकारा लोकपाल विधेयक बनाया है तो उस...जब सरकार ने ऐसा नकारा लोकपाल विधेयक बनाया है तो उसे प्रधानमंत्री और न्यायपालिका को लोकपाल के दायरे में लाने में क्या दिक्कत है जबकि जाँच करने वाले लोग खुद इनके ही होंगे और सरकार को पता है कि इस विधेयक से किसीका कुछ नहीं बिगडने वाला है.इससे तो लग रहा है सरकार ऐन वक्त पर सबसे पहले सिविल सोसायटी की इसी माँग को मानेगी जिसे ये लोग अपनी सबसे बडी माँग बता रहे है.ताकि सरकार कह सके कि देखो हम इतना झुक गये अब तुम भी थोडा झुको लेकिन जनलोकपाल का फायदा तभी है जब इसकी सभी बातों पर सहमति हो.टीम अन्ना और जनता को किसी भी माँग से पीछे नहीं हटना चाहिए वर्ना ये मौका फिर जल्दी नहीं आने वाला.राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-16572297040047089612011-08-18T19:15:05.012+05:302011-08-18T19:15:05.012+05:30अंशुमाला जी ,
एक दम दिल की बात है की मेरी नज़रों मे...अंशुमाला जी ,<br />एक दम दिल की बात है की मेरी नज़रों में आपकी हल्की फुल्की पोस्ट ऐसे कईं सारे लिंक्स से बेहतर है<br />मैंने तो बस आपकी पोस्ट के बहाने बस मौक़ा ढूंढ लिया गिलहरी [राम सेतु वाली ] बनने का :)<br />मैं तो पहले से ही आपको इन मामलों में एक अच्छा जानकार [जिनका एक लोजिकल ओपिनियन होता है] मानता रहा हूँ, इसीलिए तो इस विषय पर आपसे लिखने का अनुरोध करता रहा हूँएक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-1226811678456984442011-08-18T19:14:07.025+05:302011-08-18T19:14:07.025+05:30अंशुमाला जी,
वैसे तो इन मुख्य बिंदुओं के बारे में ...अंशुमाला जी,<br />वैसे तो इन मुख्य बिंदुओं के बारे में पहले से जानकारी थी फिर भी यहाँ आपने और स्पष्ट कर दिया.ग्लोबल जी द्वारा दिये गये लिंक भी उपयोगी है.एक अन्तर ये भी है कि सरकारी लोकपाल सात साल पुराने मामलों पर कोई कार्रवाही नहीं करता.सरकारी लोकपाल के लिए चयन समिति में अध्यक्ष समेत नौ सदस्य होगें या दस एक बार आप या पाठकों में से कोई कंफर्म कर बता सके तो मेहरबानी होगी.क्योंकि इसमें अभी असमंजस है.<br />जहाँ टिप्पणियों के लिए अलग से पृष्ठ नहीं खुलता वहाँ सीधे टिप्पणी करने पर यह किसी वज़ह से ठीक से प्रकाशित नहीं हो पा रही है.आपको और पाठकों को अब तक हुई असुविधा के लिए खेद है.राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-49782422189412372852011-08-18T18:43:29.356+05:302011-08-18T18:43:29.356+05:30@ग्लोबल अग्रवाल जी , वाणी जी
धन्...@ग्लोबल अग्रवाल जी , वाणी जी<br /> धन्यवाद ! काफी कुछ नेट पर पढ़ चुकि हूं जन लोकपाल के बारे में और सरकारी लोकपाल के बारे में काफी कुछ है यहाँ पर किन्तु इन सब का विरोध करने वाले बार बार कहते है की लोगों को कुछ पता ही नहीं है बस अंधे हो कर किसी के पीछे भाग रहे है ( जबकि मै भी व्यक्ति की जगह मुद्दे की बात करने की कहती हूँ ) तो ये पोस्ट उनके लिए है की आम आदमी इतना भी कम जानकार नहीं है , ये सब बाते तो टीवी पर भी कई बार बता दिया गया है ना जानने वाली तो कोई बात नहीं है |<br />पर शायद उन्होंने उसे नहीं देख सुना या पढ़ा है सो बार बार कुछ मजबूत तर्क देने के बजाये बस ना जानकारी की बात करते है<br />नेट से लुंगी तो पोस्ट इतनी बड़ी हो जाएगी की पढ़ना ही मुश्किल हो जायेगा ये पोस्ट तो बस हल्की फुल्की रखी है |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-92096416623501058842011-08-18T16:39:54.409+05:302011-08-18T16:39:54.409+05:30अति संग्रहणिय और सहज वांछित जानकारी को आपने एकत्रि...अति संग्रहणिय और सहज वांछित जानकारी को आपने एकत्रित करके रख दिया है, बहुत ही उत्तम प्रयास है, शुभकामनाएं.<br /><br />रामरामताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-49679066585213644472011-08-18T14:39:03.115+05:302011-08-18T14:39:03.115+05:30बहुत कुछ समझा दिया आपने इस लेख के द्धारा।बहुत कुछ समझा दिया आपने इस लेख के द्धारा।SANDEEP PANWARhttps://www.blogger.com/profile/06123246062111427832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-21714815834666663512011-08-18T14:00:21.768+05:302011-08-18T14:00:21.768+05:30अंशुमाला जी
यहाँ भी डाउन लोड करने के लिए मटेरिअल ह...अंशुमाला जी<br />यहाँ भी डाउन लोड करने के लिए मटेरिअल है [हिंदी में भी ]<br /><br />http://www.indiaagainstcorruption.org/downloads.html<br /><br />सामान्य सवाल भी हिंदी में<br /><br />http://lokpal-hindi.blogspot.com/p/blog-page_10.html<br /><br />[कमेन्ट के विषयांतर लगने पर इसे हटाया जाना ब्लॉग एडमिनिस्ट्रेटर का अधिकार है ]एक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-42267844379544692442011-08-18T13:36:36.702+05:302011-08-18T13:36:36.702+05:30काफी जानकारी दी है ...अरविन्द केजरीवाल जी की साईट ...काफी जानकारी दी है ...अरविन्द केजरीवाल जी की साईट पर भी और मैटर मिल जायेगा !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-22667939303892067062011-08-18T13:01:18.094+05:302011-08-18T13:01:18.094+05:30समय की कमीं से चलते...कमेन्ट के द्वारा ही सही आपके...समय की कमीं से चलते...कमेन्ट के द्वारा ही सही आपके इस प्रयास में हम आपके साथ हैं .. शुभकामनाएं :)एक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-45759634687767979272011-08-18T12:55:17.447+05:302011-08-18T12:55:17.447+05:30@अंशुमाला जी
अभी मैं पोस्ट ठीक से नहीं पढ़ पाया हू...@अंशुमाला जी <br />अभी मैं पोस्ट ठीक से नहीं पढ़ पाया हूँ<br />एक लिंक दे रहा हूँ , अभी मेरे पास आया है<br />इसे भी एक बार पढ़ लें , शायद काम का हो<br />http://www.patrika.com/news.aspx?id=658248<br /><br />[आप चाहें तो पढने के बाद ये टिपण्णी हटा भी सकती हैं ]एक बेहद साधारण पाठकhttps://www.blogger.com/profile/14658675333407980521noreply@blogger.com