tag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post8360810590024930288..comments2024-01-31T15:22:21.672+05:30Comments on mangopeople: अभी हम सभी ने एक हिंदूवादी बाबा को निपटाया है अब भ्रष्ट अन्ना हजारे की बारी है - - - - - - - mangopeopleanshumalahttp://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-24981420125142624922011-07-09T08:19:52.988+05:302011-07-09T08:19:52.988+05:30आपका आदेश स्वीकार है आदर्श व्यवस्था के आकांक्षियों...आपका आदेश स्वीकार है आदर्श व्यवस्था के आकांक्षियों द्वारा सुव्यवस्था पर विचार विमर्श के लिए प्रारंभ किया गया पहला विषय आधारित मंच , हम आप के सहयोग और मार्गदर्शन के आकांक्षी हैं |<br /><a rel="nofollow">सुव्यवस्था सूत्रधार मंच</a><br />http://www.adarsh-vyavastha-shodh.com/"अंकित कुमार पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/02401207097587117827noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-52771899988681978012011-06-20T07:47:36.955+05:302011-06-20T07:47:36.955+05:30सरकार के पास ऐसे मामलों से निबटने के लिये जबरदस्त ...सरकार के पास ऐसे मामलों से निबटने के लिये जबरदस्त सरकारी व गैर सरकारी मशीनरी है, और वर्तमान हालात में भी वह इसमें सफ़ल रही है। कल ही मैडम का अन्ना को लिखा पत्र दिखाया जा रहा था जिसमें बाहर होने के कारण जवाब देने में देरी की बात कही गई है और साथ ही कहा गया है कि आपने(अन्ना ने) जवाब आने से पहले ही अपना पत्र सार्वजनिक कर दिया। गोया, ऐसा करना सिर्फ़ सत्ता का विशेषाधिकार है। अब अन्ना के असफ़ल होने का ठीकरा भी रामदेव जी पर फ़ोड़ा जा रहा है और फ़ोड़ा जायेगा।<br />इस सबके अलावा हम लोगों की कंडीशनिंग भी ऐसी हो चुकी है कि भ्रष्टाचार रहित शासन हम लोगों को आसानी से पचेगा नहीं, यही कुछ लोग चाहते हैं।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-73388471885568262942011-06-19T15:39:37.333+05:302011-06-19T15:39:37.333+05:30sach mein is par itna padha itna likha ki ab aur m...sach mein is par itna padha itna likha ki ab aur man nahi hai.... waise anna ko bhi sambhal jana chahiye...Shekhar Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02651758973102120332noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-90063362287634874762011-06-19T14:12:40.914+05:302011-06-19T14:12:40.914+05:30लगता है कि इस तरह के आंदोलनों से पहले धर्मपरिवर्तन...लगता है कि इस तरह के आंदोलनों से पहले धर्मपरिवर्तन कर लेना चाहिये !Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-57303813395264366152011-06-18T17:29:06.876+05:302011-06-18T17:29:06.876+05:30मेरा बिना पानी पिए आज का उपवास है आप भी जाने क्यों...<a href="http://rksirfiraa.blogspot.com/" rel="nofollow">मेरा बिना पानी पिए आज का उपवास है</a> आप भी जाने क्यों मैंने यह व्रत किया है.<br /><br />दिल्ली पुलिस का <a href="http://sach-ka-saamana.blogspot.com/" rel="nofollow"> कोई खाकी वर्दी वाला मेरे मृतक शरीर को न छूने की कोशिश भी न करें.</a> मैं नहीं मानता कि-तुम मेरे मृतक शरीर को छूने के भी लायक हो.आप भी उपरोक्त पत्र पढ़कर जाने की क्यों नहीं हैं पुलिस के अधिकारी मेरे मृतक शरीर को छूने के लायक?<br /><br />मैं आपसे पत्र के माध्यम से वादा करता हूँ की अगर न्याय प्रक्रिया मेरा साथ देती है तब कम से कम 551लाख रूपये का राजस्व का सरकार को फायदा करवा सकता हूँ. मुझे किसी प्रकार का कोई ईनाम भी नहीं चाहिए.ऐसा ही एक पत्र दिल्ली के उच्च न्यायालय में लिखकर भेजा है. ज्यादा पढ़ने के लिए किल्क करके पढ़ें. <a href="http://sach-ka-saamana.blogspot.com/" rel="nofollow"> मैं खाली हाथ आया और खाली हाथ लौट जाऊँगा.</a><br /><br />मैंने अपनी पत्नी व उसके परिजनों के साथ ही दिल्ली पुलिस और न्याय व्यवस्था के अत्याचारों के विरोध में 20 मई 2011 से अन्न का त्याग किया हुआ है और 20 जून 2011 से केवल जल पीकर 28 जुलाई तक जैन धर्म की तपस्या करूँगा.जिसके कारण मोबाईल और लैंडलाइन फोन भी बंद रहेंगे. 23 जून से मौन व्रत भी शुरू होगा. <a href="http://rksirfiraa.blogspot.com/" rel="nofollow"> आप दुआ करें कि-मेरी तपस्या पूरी हो</a>रमेश कुमार जैन उर्फ़ निर्भीकhttps://www.blogger.com/profile/01260635185874875616noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-45573583075709964182011-06-18T11:05:01.572+05:302011-06-18T11:05:01.572+05:30रजनीश जी
काश की आप लेख के मूल बात...रजनीश जी <br /><br /> काश की आप लेख के मूल बात को समझते तो आप बाबा पर नहीं भ्रष्टाचार पर कोई टिप्पणी दे जाते | क्यों बाबा की चर्चा करे ये मुद्दा उनका दिया नहीं है उन्होंने बस उठाया है तो हम मुद्दे की चर्चा करे व्यक्ति की चर्चा क्यों करे चाहे समर्थन करके चाहे विरोध करके व्यक्ति को चर्चित क्यों करे |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-10983400069205411622011-06-18T10:54:03.915+05:302011-06-18T10:54:03.915+05:30और अंत में एक बात, बाबाजी धार्मिक भ्रष्टाचार को अ...और अंत में एक बात, बाबाजी धार्मिक भ्रष्टाचार को अपने एजेंडे में क्यों नहीं शामिल कर रहे हैं। अभी सत्य साईं के कमरे से अरबों खरबों की सम्पत्ति निकली है, देश में ऐसे हजारों लाखों बाबा है। उनकी सम्पत्ति को जब्त किये बिना भ्रष्टाचार की लडाई बेमानी है।Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-85534600733208630082011-06-18T10:51:29.191+05:302011-06-18T10:51:29.191+05:30अंशुमाला जी, बाबाजी को किसी ने नहीं निपटाया, उनकी ...अंशुमाला जी, बाबाजी को किसी ने नहीं निपटाया, उनकी नियत ने निपटाया है। अगर बुरी नियत से कोई बडा काम भी किया जाए, तो उसका हश्र इसी तरह का होता है। और बाबाजी की नियत में कई छेद थे, यह अनेक तरीके से प्रमाणित हो चुका है।<br /><br />हां, बाबाजी ने अंजाने में ही इस सबसे भ्रष्टाचार के प्रति शंका का भाव तो जगा ही दिया है। जाहिर सी बात है कि इसका खामियाजा अन्ना को भी थोडा बहुत तो भुगतना ही पडेगा।<br /><br />---------<br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">ब्लॉग समीक्षा की 20वीं कड़ी... </a><br /><b><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">2 दिन में अखबारों में 3 पोस्टें... </a></b>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-16581113591923230682011-06-18T10:49:00.767+05:302011-06-18T10:49:00.767+05:30क्या फायदा ? दोनो पक्ष किसी की सुनने को तयार नही क...क्या फायदा ? दोनो पक्ष किसी की सुनने को तयार नही केवल अपने अपने साथ जुडे लोगों की ही सुनी जायेगी। और हम किसी के साथ नही तो क्या फायदा बोलने का मै तो एक सुझाव दे सकती हूँ कि अनिल कपूर की फिल्म की तरह एक दिन के लिये या एक माह के लिये बाबा या अन्ना हजारे को प्रधानमन्त्री बना दिया जाये काम हो जायेगा। इस तरफ ध्य्7अन क्यों नही जाता? सोचो। शुभकामनायें\निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-46860475595216058472011-06-18T10:23:55.116+05:302011-06-18T10:23:55.116+05:30रचना जी
लोग राजनीति में आये...रचना जी <br /><br /> लोग राजनीति में आये कैसे आप को लगता है की परिवार वाद के आगे कोई आम आदमी किसी दल से चुनाव लड़ पायेगा लड़ भी लिया तो क्या मंत्री बन पायेगा | दो चार आ भी गए तो इन घाघ नेताओ की भीड़ में वो अपना कुछ भी नहीं चला सकते है | और फिर बाबा भी तो यही कर रहे है वो भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा कर राजनीति में आना ही तो चाह रहे है फिर लोग उनका साथ नहीं दे रहे है ये कह कर की बाबा राजनीति कर रहे है | अब जब लोग भ्रष्टाचार के मुद्दे का साथ नहीं देंगे तो कोई अन्य दल कैसे इस मुद्दे को उठायेगा उसे लगेगा की लोग इस मुद्दे पर उसके साथ नहीं आयेंगे इस मुद्दे पर वोट नहीं करेंगे तो उसे उठाने से क्या फायदा होगा | वैसे इस बारे में पूरी एक पोस्ट लिखनी पड़ेगी |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-26001519893520757162011-06-18T10:18:01.404+05:302011-06-18T10:18:01.404+05:30@ राजन जी
ये सब अनजाने में नहीं ...@ राजन जी <br /><br /> ये सब अनजाने में नहीं किया जा रहा है बल्कि काफी सोच समझ कर एक रणनीति के तहत किया जा रहा है ताकि मुख्य सवालो को भुला दिया जाये और हुआ भी वही आज से बाबा पर बात कर रहे है भ्रष्टाचार पर नहीं | ये बात भी बड़ी अजीब है जैसे ही आप बाबा का समर्थन करते है आप भाजपाई संघी हो जाते है और जैसे ही बाबा के खिलाफ लिखते है कांग्रेसी हो जाते है | कम से कम इस मुद्दे पर लोगो को अपनी राजनीतिक सोच से बहार आना होगा क्योकि चाहे वो भाजपाई हो या कांग्रेसी सभी देश को भ्रष्टाचार से मुक्त ही करना चाहते है | और जिस तरह देश के लगभगसवा अरब लोगो पर कुछ हजार मंत्री राज करते है कुछ लाख नौकरशाह देश चलाते है उसी तरह ये ग्यारह लोग कम से कम उच्च स्तर पर तो कुछ भ्रष्टाचार पर लगाम कसने का प्रयास तो कर ही सकते है कुछ नहीं से कुछ तो भला ही है |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-70331036773265838612011-06-18T00:58:35.882+05:302011-06-18T00:58:35.882+05:30खाता न बही, जो हम कहें वही सही...
देश के एक अरब ब...खाता न बही, जो हम कहें वही सही...<br /><br />देश के एक अरब बाइस करोड़ आबादी में मेरे समेत हर एक की यही सोच है...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-25240713457355111162011-06-17T23:33:06.744+05:302011-06-17T23:33:06.744+05:30यह इस देश की जनता का दुर्भाग्य है की किसी भी अच्छे...यह इस देश की जनता का दुर्भाग्य है की किसी भी अच्छे मुद्दे पर वो एकजुट हो या कोई उन्हें एकजुट करने की कोशिश करे तो इस सांप्रदायिक बना दो....... अपने आप बिखर जायेंगें ........ रंजन जी की बातों में काफी कुछ सही लगा ...अन्शुमालाजी आपसे सहमत हूँ...... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-30602436151123697862011-06-17T18:17:43.072+05:302011-06-17T18:17:43.072+05:30फिर सरकार में पढ़े-लिखे ईमानदार लोगो की बड़ी भागेदा...फिर सरकार में पढ़े-लिखे ईमानदार लोगो की बड़ी भागेदारी भी बहुत जरूरी है...ताकि ऐसे हालात ही पैदा ना हों. <br />this is the real truth <br />all those who want a change have to start associating them and forming a political party <br />fight elections and change the system after sitting in the system <br />but for this we need to first become honest <br /><br />no country can run without a government . the more we will try to destabilize the govt the more we will become targets <br /><br />to bring a change we have to learn to fight at the place where we are and get the thing changed <br /><br />join political parties and devote time there <br /><br />civil society will succeed when they form a political party fight election and come to the parliamentरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-75644888340427541632011-06-17T18:05:10.613+05:302011-06-17T18:05:10.613+05:30लगता तो यही है...सिर्फ बौद्धिक जुगाली करके हम भी क...लगता तो यही है...सिर्फ बौद्धिक जुगाली करके हम भी क्या कर लेंगे...<br />जबतक इस आन्दोलन का हिस्सा आम जनता ना बने. ..और सरकार को घुटने टेकने पर मजबूर ना कर दे...फिर सरकार में पढ़े-लिखे ईमानदार लोगो की बड़ी भागेदारी भी बहुत जरूरी है...ताकि ऐसे हालात ही पैदा ना हों.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-52970284278886074882011-06-17T17:06:26.188+05:302011-06-17T17:06:26.188+05:30लेकिन फिर भी इतने बडे आंदोलनों की कमान सम्भालने वा...लेकिन फिर भी इतने बडे आंदोलनों की कमान सम्भालने वालों के पास कुछ सवालों के जवाब तो होने ही चाहिये.भ्रष्टाचारियों को फाँसी देने की माँग को जो लोग अव्यवहारिक बता रहे है वो पूरी तरह गलत तो नही है इसी तरह अन्ना से सरकार ने ये पूछ लिया की कैसे ये 11सदस्य देश के सवा करोड सरकारी कर्मचारियों पर अंकुश रखेंगे तो इस तरह के तार्किक प्रश्नों के जवाब तो इनके पास होने ही चाहिये.राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-19780403211388884452011-06-17T16:53:43.947+05:302011-06-17T16:53:43.947+05:30बेवजह एक अच्छे मुद्दे को लेकर किये गये प्रयास को क...बेवजह एक अच्छे मुद्दे को लेकर किये गये प्रयास को कैसे साम्प्रदायिक रंग दिया जाता है ये तो कोई हमारे वामपंथी बुद्धीजीवियों से सीखें(ये अलग बात है कि इन्हे साम्प्रदायिकता भी केवल एक ही तरफ दिखाई देती है).टीवी पर एक इंटरव्यू के दौरान अन्ना से सवाल किया जाता है कि अपने सैनिक जीवन के बारे में कुछ बताइये.अन्ना बातों ही बातों में अपने माथे पर एक निशान दिखाते है कि यह मेरे सैनिक जीवन की ही निशानी है जब पाकिस्तान के साथ लडाई के दौरान गोली लगी थी.अब अन्ना की इस बात का हमारे सेकुलर बुद्दिजीवियों ने क्या मतलब निकाला आप सोच भी नही सकती.जी हाँ इसका मतलब है कि अन्ना मुस्लिम विरोधी है और भारत में अल्पसंख्यकों के प्रति लोगों के ऐसे ही विचार हैं.अब आप ही बताइए क्या ऐसे लोग किसी कट्टरपंथी की भी (अन्ना की तो छोडिये)आलोचना करने के काबिल हैं.क्या ये भी एक किस्म का कट्टरपंथ नहीं हैं.और जहाँ तक बात है भगवा समर्थन की तो ये तो वैसे ही है कि आप भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई पोस्ट लिखे और कोई संघी आकर उसको अच्छी पोस्ट बता दे और फिर मैं कहूँ कि अंशुमाला जी तो संघी मानसिकता रखती है.तो क्या ये सही होगा ?लेकिन नहीं.आपकी बात से बिल्कुल सहमत हूँ की जनता में जरा सी चेतना आई मगर उसे भी तरह तरह के बहानों से दबा दिया गया.राजनhttps://www.blogger.com/profile/05766746760112251243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-55254192630609847752011-06-17T15:33:15.726+05:302011-06-17T15:33:15.726+05:30बकर बकर तो इस मुद्दे पर वाकई बहुत हो चुकी. अब सच म...बकर बकर तो इस मुद्दे पर वाकई बहुत हो चुकी. अब सच में अपनी बकर शुरू करने का मन नहीं.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-7313783751917379702011-06-17T15:29:35.957+05:302011-06-17T15:29:35.957+05:30रचना जी
हम सुधर जायेंगे तो क्या उ...रचना जी <br /><br /> हम सुधर जायेंगे तो क्या उससे हमारे नेता भी सुधर जायेंगे हमारे भ्रष्ट नौकरशाह भी सुधर जायेंगे मै जानती हूँ की आम आदमी भी बेईमान है तो इसका मतलब ये नहीं की वो भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज ही न उठाये असल में तो आम आदमी कई बार बेईमान इसलिए ही हो जाता है क्योकि सभी अपने भ्रष्टाचार में लगे है और कोई भी कानून का सही पालन करने में नहीं लगा है | आज के समय में जो आन्दोलन चल रहा है वो सरकार गिराने के लिए नहीं या अपनी सरकार बनाने के लिए नहीं हो रहा है ये तो सरकार को सुधारने के लिए हो रहा है वो भी पूरी तरह से शांतिपूर्वक लोकतान्त्रिक तरीके से लोकतंत्र में इस तरह के आन्दोलन की पूरी आजादी है ये कही से भी लोकतंत्र संसद का विरोधी नहीं है | <br /><br /> जो नेता लोकपाल बिल पास नहीं होने दे रहे है महिला आरक्षण बिल तक पास नहीं कर रहे है क्योकि ये उनको नुकसान पहुंचाएगा तो आप को लगता है की ये सांसद कोई भी चुनाव सुधार का बिल खुद पास करेंगे टी एन शेषन से लेकर आज के चुनाव आयुक्त तक सरकारों को चुनाव सुधारो के लिए कई बार सलाह दे चुकी है पर किसी भी सरकार ने उस पर कान देने की जरुरत नहीं समझी | हा जब राजनीती में भ्रष्टाचार के सारे रास्ते बंद हो जाये तो शायद अपने आप अपराधी और सिर्फ भ्रष्टाचार कर अरबो रुपये कमाने के लालसा में चुनाव लड़ने वाले जरुर इससे दूर हो जाये | <br /><br /> और मैंने कभी नहीं कहा की भगवा धारी हर भ्रष्टाचार पाप से दूर होता है मैंने तो अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार को भी सामने रखा है | मुझे लगता है की जितना अधिकार आप को हमें भ्रष्टाचार पर उंगली उठाने का अधिकार है राजनीति में आने का अधिकार है उतना ही किसी भी रंग को धारण करने वालो को भी है | हा हमें यदि कुछ ध्यान रखना होगा तो वो ये की वो उद्दा क्या उठा रहा है कही वो वही धर्म जाती प्रान्त भाषा जैसे भावनत्मक देश तोड़ने वाले मुद्दे उठा कर लोगो को बहका तो नहीं रहा है | बाकि आप खुद जानती है की मै कितनी धर्म और ईश्वर विरोधी हूँ |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-67431607737786480042011-06-17T14:47:35.060+05:302011-06-17T14:47:35.060+05:30खुद को हम सब सुधारे सब सही होगा
समस्या जन आन्दोलन ...खुद को हम सब सुधारे सब सही होगा<br />समस्या जन आन्दोलन को चलाने की नहीं हैं<br /><br />समस्या हैं मुखोटो से बाहर आने की ।<br />समस्या हैं परिवार वाद से बाहर आने की हैं .<br />समस्या लोकतंत्र को परिवाद से उबारने की हैं<br /><br />समस्या भ्रष्टाचार होती तो निपटा सकते थे लेकिन समस्या हैं की हम भ्रष्टाचार विरोधी ना हो कर अब लोकतंत्र , संविधान और संसद विरोधी हो गए हैं<br />पता नहीं क्यूँ लगता हैं अगर बात निर्वाचन आयोग की सबसे पहले हो और वहाँ संसद में प्रवेश के कानूनों में कुछ बदलाव की बात हो तो शायाद नेता जो बनते हैं उन में कोई बदलाव हो .<br />कोई भी सरकार ना तो अच्छी होती हैं ना बुरी वो केवल हमे represent करती हैं .<br /><br />हम चुनते हैं और अपनी तरफ से सब काबिल को ही चुनते हैं पर चुनना उपलब्ध विकल्पों से ही हो सकता हैं .<br />पोलिटिक्स मै सुधार लाना जरुरी हैं और वो तभी संभव हैं जब हम संविधान और संसद को मान देगे<br />कोई भी सरकार अगर हर कानून को लागू कर देगी और जोर से मनवाएगी तो यकीं मानिये emergency जैसी स्थिती होगी देश मे<br /><br /><br />कोई भी अगर भगवा वस्त्र पहन लेगा तो वो सही हो जायेगा<br />अगर सारे नेता भगवा पहन ले तो क्या ये जन आन्दोलन ख़तम हो सकता हैं<br />अगर सारे बड़े बड़े पैसे वाले व्यवसाई जैसे मुकेश अम्बानी इत्यादि भगवा वस्त्र पहन ले तो उन पर टंच कसना बंद हो जाएगा<br /><br />ये "भगवा वस्त्र " क्या कोई टिकेट है की कटवा लो और अपने को "निष्पाप " सिद्ध कर लो<br />कम से कम जो लोग निरंतर हिन्दू होने में गर्व महसूस करते हैं उनको तो "भगवा वस्त्र " का मान रखना चाहिये .<br />भगवा रंग पहन कर जनता को बेवकूफ बनाने वाले भी कम नहीं हैं और हिन्दू होने का मतलब भगवा पाखण्ड का मान मंडन करना तो कभी नहीं हो सकता .रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-12608886320760384102011-06-17T14:16:58.351+05:302011-06-17T14:16:58.351+05:30रहिमन चुप ह्वे {मत} बैठिए, देख दिनन को फेर,
पता नह...रहिमन चुप ह्वे {मत} बैठिए, देख दिनन को फेर,<br />पता नहीं नीके दिन आने में कितनी लागे देर।गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-79331856827946186122011-06-17T13:49:14.421+05:302011-06-17T13:49:14.421+05:30हम भ्रष्टाचार की जड़ को खोजें तो उसे उखाड़ पाएंगे।...हम भ्रष्टाचार की जड़ को खोजें तो उसे उखाड़ पाएंगे।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-65510785669370408092011-06-17T13:17:39.451+05:302011-06-17T13:17:39.451+05:30सरकार की तानाशाही है और हम गाँधी जी के बंदरों की त...सरकार की तानाशाही है और हम गाँधी जी के बंदरों की तरह अंधे गूंगे और बहरे है जिन पर कोई फर्क नहीं पड़ताDeepak Sainihttps://www.blogger.com/profile/04297742055557765083noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-91494364700899267052011-06-17T12:50:12.000+05:302011-06-17T12:50:12.000+05:30अंशुमाला जी, इस विषय पर इतना लिखा और पढ़ा जा चुका ...अंशुमाला जी, इस विषय पर इतना लिखा और पढ़ा जा चुका है कि मन विक्षोभ से भर गया है। बुद्धिमानों की सूची में अपने आपको खड़ा रखने का मन भी नहीं रहा। लगता है कि काश हम भी बिना पढ़े-लिखे लोग होते और व्यक्ति पूजा करके ही अपने आपको धन्य मान लेते। हमारे देश में कभी भी मुद्दों का बात नहीं होती, हमेशा वस्त्रों के रंगों पर बात होती है। यदि इस रंग ने आवाज उठायी है तो वह दूसरे रंग के लिए हानिकारक ही होगा स्वत: ही मान लिया जाता है। यदि हम बेचारे की माँ मर गयी, बेचारी का पति मर गया आदि विशेषताओं के कारण अपना वोट देते हैं तब देश के मुद्दे कोई मायने नहीं रखते। आज कुछ लोग इस देश को राजशाही की ओर ले जा रहे हैं। जहाँ राजा ही परमेश्वर होता है। जिस भाषा में मंत्रियों के उद्गार निकल रहे हैं उससे तो उनकी तानाशाही स्पष्ट उजागर हो रही है। मुझे तो लगता है कि पहले इस देश का चरित्र नामक आदर्श समाप्त कर देना चाहिए और फिर मुद्दों की बात करनी चाहिए। कितना ही अच्छा कार्य कर ले व्यक्ति लेकिन उस पर चरित्र का कलंक कोई भी लगा सकता है, इसलिए इस बीमारी को ही समाप्त कर देना चाहिए।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.com