हैल्लो फ्रेंडस दुख के साथ बताने पड़ रहा है कि आज से खुद को शाकाहारी होने की लिस्ट से बाहर निकाल रहें हैं 😔
बहुत साल पहले एक दम ताजा बढ़ियां दिख रहा टमाटर काटें तो अंदर ढोले बिलबिला रहें थें । तब का दिन है और आज का टमाटर चाहे उबालना हो पकाना भूनना बिना चार टुकड़ा काटे, देखे गैस पर ना चढ़ातें ।
कल टमाटर काटे तो देखा बस एक काला सा बीज था अंदर । वो हिस्सा काट कर फेक दिया । फिर लगा चश्मा लगा कर एक बार देखते है सारे बीज को हटा । टमाटर के सारे बीज हटाया तो अंदर मेहीन मेहीन सफेद वाले किड़े के बच्चे ।
इतने मेहीन थें कि रेंगते नही तो चश्मे के बाद भी देखना संभव ना था । ये देखते पूरे शरीर के रोयें गिनगिना गया । लगा बीज को हटा कर तो टमाटर कभी चेक ही ना किया अब तक कितनो को खा चुके होगें।
जन्मदिन पर बिटिया मेरी लिए कुछ खास बना रहीं थीं बकायदा मैदा डाल कर बनाया । अगले दिन वही नया खरीद कर लाया मैदा हमने थाली मे पलटा तो उसमे भी ढोले ।
ये सोच कि कल ही इस मैदो को खाया है माँ बेटी को तो उलटी आने लगी । एक बार तो सोचे जा कर बनियें का खून कर देतें है ऐसा मैदा देने के लिए। फिर लगा दिवाली , मैच के बीच कहां कोर्ट कचहरी के चक्कर मे फसेंगें तो जाने देतें हैं ।
वैसे बचपन मे एक बार चीटी का स्वाद भी ले चुकें है । हमारे यहां तीज पर गुजिया बनता था कंडाल भर। हफ्तो उसे खाया जाता । जब कोई बच्चा लेते समय ढक्कन ठीक से बंद करना भूल जाता तो चिटियों की पार्टी हो जाती ।
चिटियां एक छोटा छेद कर गुजिया के अंदर घुस जाती और बाहर से पता ही ना चलता । हमने गुजिया निकाल कर खाया और अचानक से कुछ तेज खट्टा सा स्वाद आया ।
हमने जैसे ही ये बात सबको बतायी दोनो दादा लोग हमको चिढ़ा चिढ़ा बताने लगे वो खट्टी चीज चीटी थी । हमने गुजिया फोड़ी और उसमे से दो तीन जिन्दा चिटियां निकल कर भागी ।
गुजिया हम तुरंत ही प्लेट मे वापस रख दिये । जिसे झाड़ फूक छोटका दादा खा गये । तब का दिन है और आज का गुजिया देखते हमे खट्टी चीटी का स्वाद मुंह मे आ जाता है और तीसरे दिन के बाद उसको ना खातें ।
अब हाल मे हुए एक के बाद एक हुए घटना से लग रहा है कि अब क्या ही अपने आपको शाकाहारी कहें 🙄