tag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post4674189983423782165..comments2024-01-31T15:22:21.672+05:30Comments on mangopeople: पहले स्वयं को जाँच ले की हम कितने प्राकृतिक कर्म करतें हैं --------mangopeople anshumalahttp://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-1972151692645242522018-09-11T16:10:14.090+05:302018-09-11T16:10:14.090+05:30धन्यवाद
धन्यवाद <br />anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-4854415716905061662018-09-11T16:10:03.455+05:302018-09-11T16:10:03.455+05:30धन्यवाद
धन्यवाद <br />anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-35376453875367916212018-09-11T16:09:47.455+05:302018-09-11T16:09:47.455+05:30धन्यवाद धन्यवाद anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-50181001185699267382018-09-10T08:14:34.479+05:302018-09-10T08:14:34.479+05:30सही कहा आपने। इनसान शुरू से ही प्रकृति को अपने हिस...सही कहा आपने। इनसान शुरू से ही प्रकृति को अपने हिसाब से ढालता आ रहा है। कई चीजें हैं जो प्राकृतिक नहीं होता फिर भी हम करते हैं। बस वो हमारे सोच के अनुरूप होती है तो उससे हमे परेशानी नहीं होती। जिससे होने लगती है उसे अप्राकृतिक कहकर उसका विरोध करने लगते हैं। काफी रोचक बिंदु उठाएं हैं। विकास नैनवालhttp://duibaat.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-80791765927983761282018-09-09T22:24:13.985+05:302018-09-09T22:24:13.985+05:30निमंत्रण विशेष :
हमारे कल के ( साप्ताहिक 'सो...निमंत्रण विशेष : <br /><br />हमारे कल के ( साप्ताहिक 'सोमवारीय' अंक 'सोमवार' १० सितंबर २०१८ ) अतिथि रचनाकारआदरणीय "विश्वमोहन'' जी जिनकी इस विशेष रचना 'साहित्यिक-डाकजनी' के आह्वाहन पर इस वैचारिक मंथन भरे अंक का सृजन संभव हो सका। <br /><br /> यह वैचारिक मंथन हम सभी ब्लॉगजगत के रचनाकारों हेतु अतिआवश्यक है। मेरा आपसब से आग्रह है कि उक्त तिथि पर मंच पर आएं और अपने अनमोल विचार हिंदी साहित्य जगत के उत्थान हेतु रखें ! <br /><br />'लोकतंत्र' संवाद मंच साहित्य जगत के ऐसे तमाम सजग व्यक्तित्व को कोटि-कोटि नमन करता है। अतः 'लोकतंत्र' संवाद मंच आप सभी का स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/'एकलव्य'https://www.blogger.com/profile/13124378139418306081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9018826800392573952.post-8230796398295289962018-09-09T21:45:36.597+05:302018-09-09T21:45:36.597+05:30ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 09/09/2018 की बुलेटिन, पु...ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 09/09/2018 की बुलेटिन, <a href="https://bulletinofblog.blogspot.com/2018/09/blog-post_9.html" rel="nofollow"> पुलिस और पत्नी में समानताऐं “ </a> , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.com