आओ हम सब मिल कर देश को सबसे बड़ी समस्या से निजात दिलाने के लिए कुछ योगदान करे बढ़ रही जनसंख्या को थोडा घटाए और मिल कर मलेरिया फैलाए और जनसंख्या घटाए | इतना बड़ा काम सिर्फ मच्छरों पर ही क्यों छोड़े थोडा हम भी हाथ बटाये लोगों को काट कर मलेरिया नहीं फैला सकते ( उससे तो रेबीज फैल जायेगा ) कम से कम मच्छरों की आबादी ही बढ़ाये | घर को भले साफ रखे पर घर के बाहर खूब गन्दगी फैलाये घर में जब कचरा हो तो उसे उठा कर सीधे खिड़की से बाहर फेक दे और डेस्टबिन का पैसा बचाए | यदि आप और ज्यादा योगदान देना चाहते है तो आस पास मच्छरों का मैटरनटी होम भी खोल सकते है किसी गढ्ढे में पानी जमा करके रखे ताकि मच्छरों को अपनी आबादी और बढ़ाने में मदद मिले | जितना ज्यादा मच्छरों की आबादी बढ़ेगी उतना ज्यादा मलेरिया डेंगू फैलेगा | उनकी आबादी बढ़ेगी और हमारी घटेगी | हमारे मुंबई के नेता तो यहाँ की लगातार बढ़ रही जनसंख्या से कुछ ज्यादा ही परेशान है मेरी तो उनसे अपील है की मुंबई कि जनसंख्या को कम करने का सबसे सस्ता और आसान तरीके को और फ़ैलाने के लिए अपने कार्यकर्ताओं को सक्रिय योगदान करने के लिए कहना चाहिए | वैचारिक और राजनैतिक गन्दगी तो वो अक्सर फैलाते रहते है इस बार जरा कचरे की गन्दगी को फैला कर कुछ वास्तविक काम करे यहाँ की जनसंख्या को कम करने के लिए |
मुझे मालूम है की हर अच्छे काम में कुछ परेशानियाँ आएँगी और कुछ बेवकूफ़ साफ सफाई पसंद लोग इसका विरोध करेंगे पर हम सभी को इससे डरने की जरुरत नहीं है | दुनिया में ऐसे बेवकुफो की कमी नहीं है जो हर वक्त हर जगह साफ रखने में विश्वास रखते है | मैं रोज जाती हुं अपनी बेटी को स्कुल छोड़ने पॉश इलाके में कमबख्तो को सफाई की बीमारी है उनका घर तो साफ रहता ही है सारी सड़कें पूरा इलाक़ा ही साफ सुथरा दिखता है मुझे तो समझ नहीं आता की इतनी साफ सफाई में जी कैसे लेते है वो लोग | ये देख कर धक्का लगता है की सफाई कर्मचारी सातों दिन वहा सफाई करते है एक दिन की भी छुट्टी उन बेचारो को नहीं मिलती | एक दिन मैंने पूछ ही लिया उनसे की आप इतनी सफाई क्यों करते है यहाँ तो बेचारा बोला की मज़बूरी है यहाँ के लोग घर के बाहर गन्दगी फेंकते ही नहीं है कभी कदार कोई फेक देता है तो हमें साफ करना मज़बूरी हो जाती है हम न करे तो इनको पता चल जाता है की हमने आज झाड़ू नहीं मारा तुरंत हमारी शिकायत हो जाती है | पर दूसरे इलाक़ो में लोग खुद ही इतना कचरा बाहर फेंकते है की कि यदि हम एक दो दिन वहा सफाई ना भी करे तो पता नहीं चलता और वहा के लोगों को फर्क भी नहीं पड़ता और यदि किसी ने गलती से शिकायत कर भी दी तो निरीक्षण करने आये ऑफिसर को हम सफाई करने के एक घंटे बाद ही बुला कर दिखा देते है कि देखो हमने तो साफ किया था यहाँ के लोगों ने एक घंटे में ही वापस सारा कूड़ा कचरा फैला दिया | अब इससे हमारी काम चोरी कभी पकड़ी ही नहीं जाती |
देखा उस गरीब सफाई कर्मचारियों को कितना योगदान दे रहे है इस शुभ काम में शर्म आती है उन सफाई पसंद लोगों पर जो इतने अच्छे काम में बाधा पहुचने की कोशिश कर रहे है | यदि इस शर्म से बचना है तो गन्दगी करने में अपना थोडा और योगदान बढ़ाये थोड़ा और कचरा फैलाये थोडा और मलेरिया फैलाये |
क्या आप अपने शहर में बढ़ रही जनसंख्या से परेशान है ?
क्या आप उसे कम करना चाहते है ?
क्या आप डाक्टर है या आप का अस्पताल ठीक से नहीं चल रहा है ?
और आपको अपना धंधा पढ़ना है ?
तो निराश ना हो तुरंत मेरे लिखे उपायों पर अमल करे या फिर हमें टोल फ्री नंबरों पर कॉल करके तुरंत मलेरिया के मच्छरों का आर्डर दे अभी एक घंटे के अन्दर कॉल करने वाले को मच्छर फ्री में भेजे जायेंगे | तो देर न करे मौके का फ़ायदा उठाये और कॉल करे |
एक महीने पहले हमारे पड़ोस कि बिल्डिंग में मलेरिया से दो सगे भाईयो की बीस दिनों के अंतर पर मौत हो गई मेरी आधी बिल्डिंग मलेरिया से पीड़ित है पर किसी को सफाई की कोई चिंता नहीं है | परसों रात पड़ोस के एक और १७ वर्षीय युवक की मलेरिया से मौत हो गई | अब तीन मौतों के बाद लोगों की नींद टूटी है बी एम सी में शिकायत करके आज सफाई करवाई जा रही है | अभी तक क्यों इंतजार किया गया हमारे देश में लोगों की आदत है जब तक पानी सर से ऊपर नहीं चला जाता हम सोते रहते है | मैं हफ्ते भर से सोसायटी को बिल्डिंग में सफाई कराने और अपने तरफ से पेस्ट कंट्रोल के लिए बोल रही हुं पर कोई सुनने वाला नहीं है | थक कर मैंने आज सुबह अपने पति को कहा की जरा मेडिकल इंसोरेंस करने वाले को पता करो की आस पास किस किस अस्पताल में हम कैशलेश इलाज करा सकते है और उसके लिए किस किस डोक्युमेंट की जरुरत पड़ेगी | यहाँ के हालत यही है की हमें आज इस तरह की तैयारी भी करनी पड़ रही है क्योकि यदि हमारी बिल्डिंग साफ भी हो गई तो क्या पर हम सभी शहर के दुसरे ईलाको में भी जाते है वहा पर कैसे बचे |
kabhi hamne padha tha..........jab jansakhya ko ham simit nahi kar paye to bhagwan hi kuchh aise aapdayen layegi........kuchh aisa prakop deekhayegi ki khud b khud jansakhya simit hone lagegi..........kuchh aisa hi ho raha hai.....kabhi sunami, kabhi bhukamp to kambhi naye naye bimariyan to kabhi maleriya hi sahi.........:(
ReplyDeleteachchha laga padh kar.........:)
ReplyDeleteसुधर जाये वो हम कहा आपने सही कहा की जब तक पानी हमारे सर से नहीं गुजर जाता हम जागते नहीं है | मलेरिया हो या डेंगू अब ये हर साल की बात होती जा रही है पर क्या मजाल की हम इससे रोकथाम का कोई भी उपाय समय से पहले शुरू कर दे | हम इंतजार करते है की मौत का आकडा बढे तब हम कुछ करे नहीं तो बात छोटी ही है
ReplyDeleteवैसे मुंबई को संघाई बनाने वाले कहा है उनकी नीद शायद अभी भी नहीं खुली है | सोचिये की जब मुंबई जैसे महानगर का मलेरिया से ये हाल है जहा हर तरह की चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध है तो किसी छोटे कस्बे शहर या गाव का क्या हाल होगा |
ReplyDeleteमुकेश जी
ReplyDeleteसुनामी, भूकम्प, बादल फटने को तो हम भगवान का प्रकोप कह सकते है पर ये आपदा भगवान की नहीं खुद इन्सान द्वारा पैदा की गई है इसमे भला भगवान का क्या दोष | अब तो हम बाढ़ और सूखे को भी पूरी तरह से भगवान का प्रकोप नहीं कह सकते है क्योकि उसमे भी ग्लोबल वार्मिंग का हाथ भी शामिल है जो इंसानों के कारण हो रहा है | रही बात जनसंख्या कम होने की तो यहाँ भी गरीब ही ज्यादा मर रहे है अमीर तो मलेरिया होने पर तुरंत ही अच्छे से अच्छे प्राईवेट अस्पतालों में जा कर अपना इलाज करा ले रहा है पर गरीब को तो सरकारी अस्पतालों में भी जगह नहीं मिल पा रही है | अब तो अस्पतालों में जमीन पर भी लोगों को सुलाने के लिए जगह नहीं है सड़क पर तम्बू लगा कर इलाज किया जा रहा है | कही भगवान ने भी गरीबी (गरीबो ) हटाओ का अभियान तो नहीं छेड़ दिया है |
ha ye sahi hai ki log her khali jagah ko apna kuradan sajhate hai!
ReplyDeleteaur ye mere building me bhi hai! kure wale ko log Rs.40 na dekar bagal ke khali plot me kura dalna pasand karate hai!
ye thik nahi is liye maine aapne building me kura kure wale ko de ka Slogan laga rakha hai! per hall to abhi bhi wahi hai, per sudhar bhi hai!!!
लगता है की भगवान ने भी कांग्रेस ज्वाइन कर लिया है गरीबी (गरीब) हटाओ सुरु कर दिया है और कांग्रेसी सरकार उनका साथ दे रही है मलेरिया से लड़ने में लापरवाही दिखा कर |
ReplyDeleteउत्तम प्रस्तुति।
ReplyDeleteआप भी क्या क्या कहती रहती हैं। अरे भई जब हमने ही आबादी बढ़ाई तो कम करने का काम भी हमें ही करना है न। सरकारी निखट्टू लोग तो वैसे भी कुछ काम नहीं करतें। अब ये अलग बात है कि हम दोनो में शामिल नहीं, फिर भी भुगतेंगे. आखिर गेहुं के साथ घुन को तो पिसना ही है....
ReplyDeleteअंतिम पैरा की चिंता बेकार है. मैं तो आपके शुरूवाती तरीकों पर ही अमल करने के बारे में गंभीरता से विचार कर रहा हूँ. मलेरिया फैलाओ जनसंख्या घटाओ. यह आइडिया बहुत बढ़िया है. और भी दूसरी बिमारियों की खोज करनी पड़ेगी. देखें अब इस पर कैसे कार्य किया जा सकता है. जनसंख्या घटाना ही एकमात्र लक्ष्य होना चाहिए.
ReplyDelete..गरीब मरें गरीबी हटे
..भ्रष्ट मरें भ्रष्टाचार मिटे
.....वाह, क्या आइडिया है!
मलेरिया फैलाओ जनसँख्या घटाओ, आइडिया तो कमाल का है!
ReplyDeleteaapke blog par pahli baar aaya...bahut achha laga...sirf achha hi nahi ...sarthak bhi
ReplyDeletebahut achhi baate kahi
www.gaurtalab.blogspot.com