बिटिया हिंदी की एक कहानी पढ़ते जब चौरासी लाख योनि पढ़ी तो उसका मतलब पूछने लगी | हमने तमाम जीव जंतु कीड़े मकोड़े की प्रजाति का नाम लेते , बात का मतलब बताते एक छोटा सा लेक्चर भी साथ दिया कि मनुष्य के रूप मे जन्म लेना कितना महान हैं |
तो कहती हैं मच्छर होने में क्या बुराई हैं | मस्त छोटी सी जिंदगी लोगों का खून पीते बिता दो इससे आरामदायक और बिना टेंसन का जीवन क्या होगा | हमने कहा एक झटके में किसी ने ताली बजा का मार भी देना हैं |
तो कहती हैं अरे मैं तो लोगों को गालो पर सीधा बैठूंगी और उन्हें जानबूझ कर काटूंगी जैसे ही वो मारने चलेंगे मैं उड़ जाउंगी | सब अपने गालों पर खुद ही थप्पड़ मारेंगे तो कितना मजा आयेगा | मैं तो रोज शाम को अपने दोस्तों के साथ ऐसे मजे के लिए मनुष्यों के पास जाउंगी |
आपकी लिखी रचना सोमवार २३ मई 2022 को
ReplyDeleteपांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
संगीता स्वरूप
छोटी सी कहानी में तीखा सा कटाक्ष
ReplyDeleteवैसे बिटिया अपनी जगह सही है
बहुत खूब लिखा
मैं तो लोगों को गालो पर सीधा बैठूंगी और उन्हें जानबूझ कर काटूंगी जैसे ही वो मारने चलेंगे मैं उड़ जाउंगी | सब अपने गालों पर खुद ही थप्पड़ मारेंगे तो कितना मजा आयेगा |
ReplyDeleteमज़ेदार..
सादर..
बेहतरीन,तीक्ष्ण व्यंग्य।
ReplyDeleteसादर।
जी बेहतरीन व्यंग्य लघुकथा ।
ReplyDeleteजबरदस्त व्यंग्य मनुष्य की फितरत पर।
ReplyDeleteअप्रतिम सृजन।
सही कहा बिटिया ने..एक मच्छर ही मनुष्य को खुद का मार मरवा सकता है।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर लघुकथा।
बहुत सुन्दर व रोचक रचना
ReplyDeleteबहुत सुन्दर व रोचक रचना
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