सौ देश के सौ पुरुष सौ तरह के हो सकते है किन्तु दुनिया के किसी भी कोने से पति को लाइए वो सब के सब एक ही तरह के होते है मतलब की पत्नी को लेकर उनकी सोच लगभग एक जैसी होगी पत्नी के साथ उनका व्यवहार बातचित लगभग एक सी होगी | दुनिया के किसी भी कोने से किसी पत्नी से अपने पति की खराबिया बुरी आदते पूछिये सब मेल खाती होंगी बस संस्कृति और रहन सहन के तरीके के कारण दो चार इधर उधर हो सकती है नहीं तो सभी पत्नियों को एक सी समस्याए पतियों से होती है | कुछ खास का जिक्र यहाँ कर रही हूँ देखिये की आप के पति किस श्रेणी में आते है या आप किस श्रेणी के पति है |
प्यार का दावा करने वाले पति :- ज्यादातर पति दावा करते है की वो अपनी पत्नियों को बहुत प्यार करते है, करते है तो करते है , इसमे कहने की क्या जरुरत है ( खास कर अरेंज मैरिजवाले, वैसे लव मैरिज वालो की स्थिति भी कुछ साल बाद अरेंज मैरिज वालो जैसी ही हो जाती है या ये कहू कुछ ज्यादा ही बत्तर ) " सिर्फ एहसास है इसे रूह से महसूस करो " और ये वाला गाना उनकी टैग लाइन होती है | पर जिस पत्नी को इस एहसास को, कि उसका पति उसे बहुत प्यार करता है, महसूस करना चाहिए उसकी रूह सारा जीवन उसे प्यार को बस ढूंढ़ते गुजर देती है पर वो मिलती नहीं | जिस बेचारी को असल में प्यार को महसूस करना चाहिए वो उसे कभी ऐसा कर ही नहीं पाती | करे भी कैसे पति जब उसके साथ दो घडी बैठे तब ना सुबह का समय तो मान कर चलिए की शायद ही किसी को एक दुसरे के लिए समय हो आफिस से आने के बाद पति फ्रेस हो कर सीधा गली के नुक्कड़ पर दोस्तों के पास या जहा भी उनकी मंडली जमती हो कुछ तो आफिस के बाद मंडली जमा कर ही वापस घर आते है और कुछ परिवार के बाकि सदस्यों के साथ टीवी के पास या काम के मारो के पास आफिस का काम तो कुछ को विवाह के बाद भी एकांत से प्यार , अब तो टीवी के साथ निगोड़ी इंटरनेट भी है कभी सोसल नेटवर्किंग साइड तो कभी ब्लोगिंग | ब्लोगिंग से अपने विचार अनजाने को पहुंचा दिया दुसरो का सुन लिया पर पत्नी के विचारो से बिलकुल अनजान , नेटवर्किंग साइड पर अपना नेटवर्क खूब मजबूत कर लिया पर पत्नी को इनके नेटवर्क में कभी आती ही नहीं | जो पत्नी को कुछ कहना है तो अब सुबह सुबह मेरे पास समय नहीं है तुम्हारा रोना धोना सुनने के लिए बाद में बताना , शाम को लो घर में अभी घुसा नहीं की तुम्हारा रोना धोना शुरू हो गया और रात में अब सोने के समय में अपना रोना धोना ले कर मत बैठ जाओ और छुट्टी के दिन में अब अपना ये सब लेकर सुरु मत हो जाओ मेरी छुट्टी ना बर्बाद करो | अब तो नरसिंह देव ही कोई बेला ( समय ) बता सकते है इन पतियों से बात करने का जो उन्हें हमेशा पत्नियों का रोना धोना लगता है | अब इन से क्या बात करे ???
बचत करने वाले पति :- पतियों की बड़ी शिकायत रहती है की पत्निया बड़ी फिजूल खर्च होती है पैसे बचत नहीं करती है | " फलाने की पत्नी को देखो कितना बचत करती है सेल से ढूंढ़ ढूंढ़ कर सस्ते में सामान लाती है और एक तुम हो की ब्रांड के निचे बात ही नहीं करती हो तुम्हारे लिए तो महंगी चीज ही अच्छी होती है सस्ता मतलब बेकार | हर सामान के लिए मॉल भागोगी सामने की दुकान से कुछ भी नहीं लोगी जहा वही चीज सस्ते में मिल जाएगी , कभी बचत भी किया करो" और जैसे ही पत्नी ने बचत की पति " ये कौन से ब्रांड का डियो ले आई हो मै इस ब्रांड का नहीं लगता हु " पत्नी " अजी पहले तो यही लगाते थे ,एक पर एक फ्री मिल रहा था ले आई " पति " क्या सेल से उठा लाई हो तुम्हारा तो कोई क्लास ही नहीं है कहने के लिए मॉल में जाती हो पर ढंग का सामान नहीं लाती कुछ भी सेल से उठा लाती हो और ये शर्ट कहा से लाई हो " " जी सामने वाली दुकान से " " क्या वो सामने वाली फटेहाल सी दुकान से वहा से तो मै अपने लिए रुमाल भी न लू उसके पास कुछ ढंग का मिलाता भी है तुम भी कही से भी कुछ उठा लाती हो "| लो कल्लो बात अब इनके लिए क्या ख़रीदे ???
साफ सफाई पसंद पति :- इस टाईप के पति को घर हमेशा साफ सुथरा दिखना चाहिए | साफ सुथरे घर में ये आफिस से आते ही अपना बैग सोफे पे फेका और वही पर जूता उतर कर छोड़ दिया मोजो को ऊतार कर जूते में नहीं डालेंगे उसे सामने सेंटर टेबल पर रख देंगे फिर बेडरूम में जा कर कपडे बिस्तर पर छोड़ फ्रेस होने बाथरूम में चले जायेंगे और बाहर आ कर कहेंगे ये घर की क्या हालत बना दी है जब देखो पूरा घर फैला रहता है यहाँ वहा सामान फैला पड़ा है घर को ढंग से रखना आता ही नहीं | कुछ थोड़े व्यवस्थि होते है और अपने फैलाए सामान को समेटना शुरू कर कहते है इस घर की हालत देखो यदि मै यहाँ वहा से सामान न समेटू घर ढंग से न रखु तो घर घर नहीं कूड़ा खाना लगेगा | अब इनको क्या कहे ???
भोजन पसंद पति :- पत्नी ने बड़े प्यार उनकी फेवरेट वाला संभार बनाया और पति देव पहला चम्मच मुहं में डालते ही " तुमको तो संभार बनाना ही नहीं आता है कितना सडा सा लगा रहा है उस दिन देखो मिसेस रेड्डी ने कितना अच्छा संभार बनाया था और उस दिन छोले भी कितना बेकार बने थी मिसेस भल्ला के हाथ के छोले की तो बता ही कुछ और है " और बेचारी पत्नी " जिस सांभर को तुम सडा हुआ कह रहे हो और छोलो को बेकार उसी दोनों की रेड्डी जी और भाल्ला जी तारीफ करते नहीं अघाते एक कटोरी भेजती हूँ दूसरी कटोरी मांग कर ले जाते है " | अब इनको क्या खिलाए ???
मैनर वाले पति :- ऐसे पतियों के साथ यदि पत्नी उनके बॉस या किसी अति खास व्यक्ति के साथ भोजन करने जाये तो उसे इतने टेबल मैनर बताये जांयेंगे की पत्नी को लगेगा की उससे बड़ा गावर तो कोई होगा ही नहीं शायद वो किसी जंगल से पकड़ कर आई है पर जब पत्नी कभी पति साथ कही बाहर खाने को जाये तो पति देव खाना सर्व होते ही बिना किसी की और देखे खुद खाना शुरू कर देंगे चाहे किसी और के प्लेट में खाना सर्व भी नहीं हुआ हो खाना खाते समय बड़ा बड़ा मुंह खोल कर आवाज करते हुए ऐसे खायेंगे की सामने बैठा क्या बगल की सिट वाला भी मुड़ कर देखने लगे , खाने के बाद पेट पर हाथ फेर कर जोर का डकार मार देंगे, वो भी तब जब कभी सामने पत्नी की सहेलिया हो या वो रिश्तेदार हो जिनको पत्नियों ने अपने पति के मैनर वाला होने की शान बघारी हो | मुफ्त का टूथ पिक देख उस पर टूट पड़ेंगे और वही सबके सामने दांत साफ करना शुरू कर देंगे भले घर पर कभी खाने के बाद दांत न साफ करते हो | नाक में उंगली डालना , छिकते, खासते और जम्हाही लेते समय हाथ न रखना, सबके सामने कही भी खुजली करना सुरु कर देना , बिना हाथ धोए खाने बैठ जाना और तुर्रा ये की ये सब चोचले है इन्हें घर पर करने की जरुरत नहीं है घर तो आराम से रहने की जरुरत है और यही हरकते जब उनका देख कर बच्चे करे तो " कैसी माँ हो बच्चो को जरा भी ढंग के मैनर नहीं सिखाया है करती क्या हो " | अब इनको क्या सिखाये ???
पत्नी की हिफाजत करने वाले पति :- ऐसे पति बड़े हिफाजती होते है अपनी पत्नी को बहार ले जाने में बड़ा डरते है, दोस्तों के साथ कही घूमने का कार्यक्रम बना या एक दिन के पिकनिक का, कुछ अपनी पत्नी समेत जायेंगे पर कुछ पत्नी हिफाजती पति पहला फर्ज निभाते हुए पत्नी को हर कष्टों से दूर करने का प्रयास करेंगे , अरे कही तुम बीमार पड़ गई तो, तुम वहा क्या करोगी बोर हो जाओगी , वहा बहुत चलना पड़ता है तुम नहीं चल पाओगी, इतनी ठंडी गर्मी तुम बर्दास्त नहीं कर पाओगी ,अरे बच्चा इतना छोटा है उसे लेकर कहा बेकार में परेशान होगी ,तुम थक जाओगी नाहक, यही घर पर आराम से रहो मै हो कर आता हूँ | फिर बेचारे पत्नी को न ले जा पाने का कष्ट सह नहीं पाते है और जब वहा दूसरो को अपनी पत्नियों के साथ नाचे गाते आन्नद उठाते देखते है तो अपना गम दूसरो की पत्नियों के साथ ही नाच गा मिटाते है " क्या भाभी जी एक डांस मेरे साथ भी क्या डांस करती है आप " अपने बच्चे घर पर छोड़ कर आते है और दूसरो के बच्चो के साथ वहा बड़ा प्यार जताते है सबके फेवरेट अंकल बन जाते है |
ऐसे पति प्रकृति प्रेमी भी होते है जब बाकि अपने बीबी बच्चो के साथ फोटो ले कर अपनी यादो को समेटते है तो ये बेचारे अपने कैमरा में प्रकृति की सुन्दरता को ही कैद कर संतुष्ट होते है | पहाड़, झरना, नदी, नाला, समंदर, रेत बर्फ आदि आदि की फोटो लेते रहते है पर ये अन्य प्रकृति प्रेमियों से थोड़े अलग होते है इसलिए इनकी फोटो में प्रकृति के सुन्दर नजारों के साथ ही आप पाएंगे की फोटो के एक कोने में या कभी कभी बीच में ,तस्वीर की सुन्दरता बढ़ाने के लिए कोई सुन्दर सुकोमल महिला या लड़की अवश्य होती है जो गलती से अचानक से इनकी प्राकृतिक फोटो में आ जाती है | अब इनको कहा घुमाये ???
पत्नी की सुनने वाले पति :-पत्नी जब टोक दे की फलाने बाजार मत जाओ यो आज बंद रहता है तो उसकी बात अनसुना कर चल देंगे जब उसकी बात सही निकलेगी तो कहेंगे की मै तो जनता ही था कि नहीं मिलेगा बाजार बंद होगा तुम पहले ही टोक जो दी थी, तुम टोको और कोई काम हो जाये होई नहीं सकता और जब पत्नी न टोके तो पहले क्यों नहीं टोका की आज वो बाजार बंद होगा बेवजह उतनी दूर जा कर पैसा समय बर्बाद किया | पत्नी याद दिलाए की बिल आया है जमा कर दीजिये तो कहेंगे की अभी कल आया है न आज समय नहीं है बाद में याद दिलाना जमा कर दूंगा और दो चार बार याद दिलाने पर कहेंगे की क्या किसी चीज के पीछे पड़ गई हो बार बार एक चीज की रट लगा दी है कहा ना समय मिलेगा तो जमा कर दूंगा आखरी तारीख बीतने के बाद पत्नी पूछेगी की जमा कर दिया तो कहेंगे की पहले क्यों नहीं याद दिलाया अब बता रही हो आखरी तारीख बीतने के बाद, पत्नी उत्तर देगी जिस दिन आया था उसी दिन याद दिला दिया था, तो जवाब मिलेगा की दो चार बार याद दिलाना था ना | अब इनको क्या क्या याद दिलाए ???
गैजेट पसंद पति :- हा इन पतियों को गैजेट काफी पसंद होते है खास कर अपनी पत्नियों के मोबाईल | उन्हें अपने मोबाईल से ज्यादा अपनी पत्नियों के मोबाईल पसंद होते है उसके गेम, उनकी मोबाई से ली तस्वीरे आदि आदि और इस की आड़ में ये पत्नियों की आई गई काल से लेकर सारे सन्देश भी छान मारते है की उनके पीछे पत्नी ने किस किस से बात की और किस किस का कितना फोन आया और कौन कौन किस किस तरह के संदेस पत्नियों के पास भेज रहा है | वैसे ऐसे लोग सिर्फ पत्नियों के नहीं अपनी सभी महिला रिश्तेदारों के और जान पहचान वाले खासकर महिलाओ के फोन इसी तरह खंगाल डालते है | ( इस बारे में अगली पोस्ट में और विस्तार से लिखूंगी फ़िलहाल के लिए इतना ही | )
बच्चो से प्यार करने वाले पति :- ऐसे पतियों को बच्चो से बड़ा प्यार होता है जैसे विवाह के बाद पत्नी कहती है की वो अभी बच्चे नहीं चाहती पहले कुछ साल एक दुसरे को समझने और अपने कैरियर को देना चाहती है तो तुरंत ऐसे पतियों को बच्चे के प्रति बड़ा प्यार पैदा हो जाता है और शुरू हो जाता है बच्चे की रट की मुझे बच्चे बड़े प्यारे लगते है, मै तो अभी एक बच्चा चाहता हूँ, हमें लगता है की पहले हमें एक बच्चा कर लें चाहिए फिर आराम से दूसरी चीजो के बारे में सोचना चाहिए, कही हम देर करे तो कल को बच्चे के लिए हमें तरसना ना पड़े उनको देखो उन्होंने देर की तो उन्हें हुआ ही नही, या घर में सभी हमारे बच्चे के लिए इंतजार कर रहे है माँ पापा की आँखे अपने पोता पोती के लिए तरस रहे है ऐसा करो एक बच्चा कर लेते है माँ उसे देखेगी तुम आराम से अपने काम को देखना कोई परेशानी नहीं होगी आदि आदि | अब पहला बच्चा हो गया तो, अरे मेरी माँ उसकी कैसे देखभाल कर पायेगी वो इतने छोटे बच्चे को कैसे संभालेगी , बच्चे की देखभाल तुम ही करो माँ अपने बच्चे को जितने अच्छे से संभाल सकती है कोई और उसे नहीं कर सकता वगैराह वगैराह, लो निकल गए चार साल और | चार साल बाद एक बार फिर पत्नी की इच्छा ने अंगड़ाई ली और वो बोली मुझे लगता है की अब मुझे अपने काम करने के बारे में सोचना चाहिए अब हमारी बेटा \ बेटी स्कुल जा रहे है मै खाली हूँ तभी पति की दुसरे बच्चे की इच्छा अंगड़ाई लेने लगती है | मुझे लगता है की हमें दूसरा बच्चा कर लेना चाहिए ,क्या है न की एक बेटा \बेटी तो है इस बार बेटा \बेटी हो जाये तो परिवार एक तरह से पूरा हो जायेगा, घर में दो बच्चे तो होने ही चाहिए दोनों के कम्पनी मिलती है फिर पत्नी को दो बच्चे होने के सारे फायदे गिना दिए जाते है और घर में दूसरा बच्चा आ जाता है और चार साल की छुट्टी |
इनमे से भी कुछ ऐसे होते है जो बच्चो को कितना प्यार करते है की पूछिये मत पत्नी को सीधा फरमान रहता है की मेरे आने से पहले उसे सुला देना , मेरे सामने इसकी चिल्ल पो नहीं होनी चाहिए, यदि बच्चे बड़े है तो बच्चो को पापा के घर आते ही उनके कमरे में न जाने का फरमाना सुना दिया जाता है या तो उन्हें उनके कमरे में चुप चाप रहने को कह दिया जाता है या फिर उन्हें घर से बाहर खेलने के लिए कहा दिया जाता है और खाने और सोने के समय ही आने के लिए कहा जाता है | उफ़ ये प्यारे पापा ???
वैसे ये लिस्ट यही ख़त्म नहीं होती है अभी तो इसमे कई और बाते जुड़ सकती है जो मुझसे छुट गई है वो आप पाठक पूरा कर दे मै पोस्ट में जोड़ती जाउंगी |
एक नई फिल्म आई है उसका एक संवाद पोस्ट पर बिलकुल ठीक बैठता है तो उसका जिक्र कर देती हूँ कि
" दुनिया की हर पत्नी कभी न कभी , कभी न कभी अपने पति से हमेशा के लिए छुटकारे के बारे में जरुर सोचती है " |
वैसे पूरी तरीके से नहीं ( मतलब वो तरीका नहीं अपनाती या सोचती जो फिल्म में दिखाया गया है और छुटकारा की सोच कुछ समय के लिए ही हो सकती है ) पर कुछ हद तक तो मुझे लगता है प्रियंका डार्लिंग ठीक ही कह रही है | :)))
ज़बरदस्त पति पुराण..... पोस्ट का हर शब्द जीवंत सा लग रहा है..... सब कुछ देखा सा सुना सा..... अच्छा विश्लेषण किया है पतियों के विभिन्न प्रकारों का :)
ReplyDeleteजबरदस्त रचना ...शुभकामनायें आपको !!
ReplyDeleteप्यार का दावा करने वाले पति... मेरी जान निकलती हे यह कहते, इस लिये आज तक नही कह पाया:)
ReplyDeleteबचत करने वाले पति...अकेला हुं कमाने वाला तो बचत केसे हो? शोक भी मंहगे हे:)
साफ सफाई पसंद पति.... मेरे से ज्यादा पत्नी सफ़ाई पसंद हे:)
भोजन पसंद पति... इसी के लिये तो सारी भागदोड होती हे:)
मैनर वाले पति.... यह जरुरी भी हे:)
पत्नी की हिफाजत करने वाले पति..... ठीक तो हे ना कही सर्दी वर्दी लग गई तो घर का काम कोन करेगा? :)
पत्नी की सुनने वाले पति.... भाई अपनी पत्नी की ही सुनते हे, किसी ओर की तो नही ना:)वेसे पीछे से टॊकना अच्छा नही होता?
गैजेट पसंद पति... अजी धन होगा तभी तो गैजेट बनेगा ना:)
बच्चो से प्यार करने वाले पति.... अजी बच्चे मन के सच्चे... इस लिये सच्चे लोगो से घर मे शांति रहती हे, उन का होना जरुरी हे घर मे, फ़िर बच्चो के लिये कोन सा एक्स्ट्रा समय लगता हे:)
हे हे हे क्यों ऐसा मजाक कर रही है ... इसी ७ को ही ५ साल पूरे किये है विवाह के ... वैसे सर्व गुण संपन्न है हम आपके आशीर्वाद से !
ReplyDeleteएक सहेली ने दूसरी से पूछा - तेरे पति कि राशि क्या है ?
ReplyDeleteसहेली का जबाब - पुरुष की शादी से पहले राशियाँ अलग अलग होती हैं शादी के बाद सबकी एक ही राशि होती है "पति राशि" :):)
पहले तो आपने कहा कि दुनिया के सारे पति एक से होते हैं फिर खुद ही इतनी कैटेगरी बता दी अब बताइए सब एक से कैसे हो सकते हैं? :)
ReplyDeleteजहाँ तक मेरी बात है मैं किसी एक कैटेगरी में पूरी तरह फिट नहीं बैठता हूँ थोड़ा थोड़ा सब में शामिल हूँ। अतः इसे व्यंग्य मानने में ही सुभीता है वरना असहमतियाँ गिनानी पड़ेंगी। :)
ऐसी सात सौ पोस्टें माफ है आपको (मैं भी देख आया आज ही.बडी बकवास पिक्चर है).क्योंकि बातें आपकी अधिकतर सच्चाई के करीब है.पूरा हक है आप लोगों को बोलने का.वैसे अंशुमाला जी मुझे इस बारे में ज्यादा पता नहीं है लेकिन मुफ्त मे ज्ञानवर्धन हो रहा है तो क्या बुरा है भविष्य में काम आयेगा सो एक सवाल है मेरा आपसे.मैने सुना है कि बहुत सी पत्नियाँ अपने पति के सामने ही उसके माँ बाप भाई बहन वगेरह को जी भरकर भला बुरा (भला तो कम बुरा ही ज्यादा) कहती रहती है और पति बेचारा चुपचाप सुनता रहता है जबकि पत्नी खुद अपने मायके के पालतू टॉमी तक की बुराई नहीं सुनती है क्या ये सही है ? :)
ReplyDeleteBahut achhe
ReplyDeleteकृपया मेरे ब्लॉग को भी शामिल कर लें.
http://gangesh-aisadeshhaimera.blogspot.com
अच्छा खासा अध्ययन किया है। अब पत्रकार जो ठहरीं।
ReplyDelete*
अपनी श्रेणी का इंतजार है।
" दुनिया की हर पत्नी कभी न कभी , कभी न कभी अपने पति से हमेशा के लिए छुटकारे के बारे में जरुर सोचती है " |
ReplyDeleteaapne to puri patni jagat ka jhanda utha liya..:)
chalo koi nahi........saat khoon maaaf:P
आपके पति पुराण मे एक सर्वगुण समपन्न पति के गुण मौजूद है,
ReplyDeleteआपके कर कमलो द्वारा रचित पत्नी पुराण का इंतजार कर रहा हूँ
जबरदस्त लेख (पतियो को आईना दिखाने ) के लिए आभार
आपके पति पुराण मे एक सर्वगुण समपन्न पति के सारे गुण मौजूद है,
ReplyDeleteमाफ करना एक शब्द छूट गया था
हम आल इन वन हूँ....:-)
ReplyDeleteनीरज
30-32 साल से तो हम भी धका ही रहे हैं ।
ReplyDeletekyaa baat haen !!!!!!!!!!!!
ReplyDeleteबढ़िया पति-पुराण लिखा है....सब जाने-पहचाने से लगते हैं.
ReplyDeleteबस सोच रही हूँ...अगर....ये सारे ही गुण किसी एक पति में ही हों तो??
किसी को तो छोडा होता।
ReplyDelete---------
काले साए, आत्माएं, टोने-टोटके, काला जादू।
@ मोनिका जी
ReplyDeleteदेखा मैंने कहा था ना इस विषय में पत्नियों एक राय होंगी |
@ सतीश जी
धन्यवाद |
@ राज भाटिया जी
चलिये ये तो टी होगता की मेरी बताई बाते गलत नहीं है कुछ तो आप में भी है |
@ शिवम जी
हा हा हा चलिये आप ने भी स्वीकार कर लिया !
@ शिखा जी
पति तो तब भी कई रशिया अपना ले वो तो पत्नी है जो उन्हें ऐसा करने नहीं देती |
@ सोमेश जी
पतियों की एक सी आदते होती है और यहाँ पर उनकी कुछ खास आदतों के बारे में बताया गया है जो एक दो इधर उधर हो सभी पतियों में होती है | जैसा आप ने कहा की थोडा थोडा आप में भी है जो बचा है वो आदतेव किसी और पति में होगी |
@ राजन जी
ReplyDeleteकितना भी ज्ञानवर्धन कर ले जब पति बनेगे तो अपने आप ये सब हरकते करने लगेंगे | जब आप के परिवार की बुराई कोई आप के सामने करे तो ये आप का फर्ज है की आप उसका बचाव करे जैसे की पत्नी अपने परिवार का बचाव करती है इसमे पत्नी की क्या गलती की पति अपने परिवार का बचाव नहीं करता है | असल में वो इसलिए नहीं करता क्योकि वो जानता है की पत्नी सही कह रही है :)) और कहावत नहीं सुनी की सारी खुदाई एक तरफ जोरू का भाई एक तरफ |
@ गंगेश जी
धन्यवाद
@ राजेश जी
पत्रकार कौन ????
@ मुकेश जी
वैसे तो हम पत्निया पतियों के सभी खून माफ़ करते रहते है |
@ दीपक जी
पत्नी पुराण जो पतियों को पसंद आये वो तो कोई पति ही लिख सकता है हम जो लिखेंगे वो आप को पसंद नहीं आयेगा |
@ नीरज जी
ReplyDeleteइस बारे में अपनी पत्नी के विचार पूछे :))
@ सुशील बाकलीवाल जी
धन्यवाद |
@ राचन जी
धन्यवाद |
@ रश्मि जी
हा हा ऐसे भी पति होते है जिनमे ये सारे गुण होते है थोडा १९-२० ऐसी पति की पत्नी कितनी महान होगी जो सब झेलती होगी :)
@ रजनीश जी
ये तो सारे गुण नहीं है कितने छुट गये होंगे |
एक शेर था या शायद शेरनी थी, "हर एक आदमी में हैं दस बीस आदमी, जिसको भी देखिये......."
ReplyDeleteआपकी पोस्ट पढ़ने के बाद थोड़ा सा माडिफ़िकेशन मांगता है "हर एक पति में है दस बीस ऐसे पति" हम तो सब जगह मौजूद हैं, वर्णित सभी रूपों में :)
जबरदस्त पोस्ट, बस एक चीज थोड़ी सी खल रही है - लेकिन फ़िर रेज़ोल्यूशन की डेडलाईन याद आ जाती है आपकी।
@ संजय जी
ReplyDeleteकाहे का सस्पेंस बना कर रखा है क्या खल रहा है बता दीजिये और रेज़ोल्यूशन तो बनाये ही जाते है तोड़ने के लिए हम कोई अलग थोड़े ही है उन लोगों से |
@ अंशूमाला जी
ReplyDeleteलगता है आज कुछ जल्दबाजी में टिप्पणियाँ कर रही हैं आप। वर्तनी की कुछ अशुद्धियाँ रह गई हैं। आपकी भाषा चूँकि हमेशा त्रुटिहीन होती है इसलिए खटक रही हैं।
@ संजय जी
वो शेर ऐसा है-
हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी,
जिसको भी देखना हो कई बार देखना।
निदा फ़ाज़ली का है, मेरे पसंदीदा शायरोँ में से एक हैं :)
जितने भी किस्म के पति पाये जा सकते हैं उनमें से अधिकांश का जिक्र आपने कर दिया, बस एक उनका नही किया जिनको हम जानते हैं, जो बेचारे रोज चार मेड-इन-जर्मन लठ्ठ (राज भाटिया प्रदत) खाते हैं और चूं भी नही करते.:)
ReplyDeleteरामराम.
अंशुमाला जी अभी कहना कुछ जल्दबाजी होगी। जब आप पत्नि पुराण सुनाएगीं उसके बाद ही कुछ कहुॅगा। क्योकि फैसला तो तभी होगा न जब तराजु के दोनो पलड़ों पर वजन चढ़ेगा।
ReplyDeleteपतियों कि सारी कि सारी किस्में जानी पहचानी हैं और हमारे चारों तरफ बिखरी मिलती हैं. अब हर फ्रेम में खुद को फिट करके देखता हूँ कि मैं खुद किस श्रेणी का हूँ.
ReplyDeleteसोमेश जी ने संजय जी कि दिखाई शेर कि मूंछ से ही पूरा शेर पकड़ लिया. सोमेश जी शेरों के अच्छे शिकारी हैं आप.
@ सोमेश जी
ReplyDeleteअसल में मेरा ब्लॉग मुझसे रूठ गया है कोई नया सन्देश या तो टाईप करने के लिए तैयार ही नहीं है या कर रहा है तो उसे हिंदी में अनुवाद नहीं कर रहा है इसलिए कितनी पोस्टो पर या तो टिप्पणी नहीं कर पाई या काफी देर से कर सकी | आप की पोस्ट के लिए एक लाइन की और टिप्पणी लिखी थी पर जितनी आप के पोस्ट पर दी उतना तो उसने अनुवाद किया पर आगे नहीं किया गलतिया देखी पर सोचा सही करने के चक्कर में ये भी रह जायेगा सो वैसे ही कॉपी पेस्ट कर दिया | अब अपने जी मेल पर लिख कर टिप्पणिया दे रही हूं ब्लॉग तो अभी भी नया सन्देश लिखने के मुड में नहीं है | संभव है की मेरी पोस्ट में भी गलतिया हो वो पहले की लिखी थी उसमे कुछ सुधार नहीं कर सकी बस पोस्ट कर दिया | और पूरी शायरी बताने के लिए धन्यवाद |
@ताऊ जी
ReplyDeleteलठ्ठ खाऊ पति हा हा हा ये किस्सा तो पत्नी पुराण में आयेगा चलिये वो आप लिख दीजिये किताबो की समीक्षा तो बहुत कर ली अब जरा पत्नियों के प्रकार की समीक्षा करे तो मानु आप को |
@ एहसास जी
ये काम तो किसी पति को करना पड़ेगा |
@ दीप जी
मतलब मान गये की इस किस्म के पति होते है इसके लिए धन्यवाद वरना लोग मानते ही नहीं है | पर ये तो बताया ही नहीं की आप किस फ्रेम में फिट बैठे |
अब जब कठघरे में खड़ा कर ही दिया है, तो सारे इल्ज़ाम क़बूल है... और हमें तो सत ख़ून माफ भी नहीं! लिहाजा हम ख़ुद अपने सज़ा तजवीज़ करते हैं वही जो प्रियंका ने दी थी अपने सभी पतियों को...सिर्फ एक शर्त हैः
ReplyDeleteवो बेदर्दी से सिर काटें अमीर,और मैं कहूँ उनसे,
हुज़ूर आहिस्ता-आहिस्ता, जनाब आहिस्ता-आहिस्ता!
पूरा शेर मारने पर सोमेश को बधाई, अपनी तो आदत है कि हम जख्मी करके छोड़ देते हैं:)) इस बहाने टैस्टिंग हो जाती है।
ReplyDeleteअंशुमाला जी, खल रहा है वही, वर्तनी का ठीक न होना। इतनी जबरदस्त पोस्ट,थोड़ी सी वर्तनी के ठीक न होने के कारण कुछ फ़ीकी पड़ रही है। सोमेश ने साफ़ कह ही दिया है। और अब रेज़ोल्यूशन के बारे में याद दिलाने की जरूरत तो नहीं ही रही होगी,आपका ही निर्णय था २०२० तक ऐसे ही चलेगा:))
अंशुमाला जी,याद रखेंगे आपकी ये पोस्ट.क्योंकि इनमें से कुछ बीमारीयों के लक्षण तो मुझे शादी से पहले ही अपने में नजर आ रहे हैं.खुद में कुछ सुधार की कोशिश जरूर करेंगे.पक्का मै कह नहीं सकता (दुनिया का कोई पुरूष नहीं कह सकता).आपने सही कहा कई बार अपनी कमियाँ जान लेने के बावजूद हम लोग इन्हें नहीं सुधारते.लगता है ये कमियाँ तो हमारे खून (प्रकृति) में ही है.मुझे एक फिल्म में खलनायक बने फिरोज खान का एक डायलॉग बहुत पसंद है.कुछ यूँ है,
ReplyDeleteफर्ज किया है
सॉरी
अर्ज किया है
सॉरी
थोडा कनफ्यूजन है पर मान लीजिये कि इन दोनों में से कोई एक किया है-
यूँ तो लहू के रंग से हमें बहुत नफरत है मगर क्या करे कमबख्त हमारी रगों में दौड रहा है.
हो सकता है थोडा अटपटा लगे पर आप समझ गई होंगी क्या कहना चाह रहे.धन्यवाद.
.
ReplyDelete.
.
हूँSSSS,
कहना तो हम भी बहुत कुछ चाहते हैं इस पोस्ट पर... पर 'उस' ने पढ़ लिया तो... :)
...
@ सलिल जी
ReplyDeleteशेर तो क्या खूब कहा मजेदार और एक बार अपनी पत्नी से पूछिये वो आप को गिना देंगी की अब तक उन्होंने आप के कितने खून माफ़ किये है :)
@ संजय जी
अंदाजा हो गया था की आप क्या कहने वाले है इस पोस्ट की गलतियों के बारे में तो पहले ही सोमेश जी को सफाई देते समय बता दिया है | वैसे ये गलती एक महीने से हो रही है एक महीने पहले कंप्यूटर फारमेट कराया था तब से ही ब्लॉग पर हिंदी वर्तनी सुधारने की सुविधा बंद हो गई है | कई बार सोचा की किसी से हेल्प ले लू क्या करू खुद की तकनीकी ज्ञान काफी कम है ,पर वो हम भारतीयों की आदत होती है न जब तक कोई पीछे से ठेल कर टोके नहीं हम सुधरते नहीं बस किसी के टोकने का इंतजार कर रही थी | अभी ही मेल कर किसी से मदद मांगी है देखते है ठीक हो गया तो आगे से ये गलती और कम होगी तकनीक की मदद मिलती रहेगी उसे सुधारने में |
और शेरो शायरी में हम तो बिलकुल जीरो है कम से कम हमारी टेस्टिंग इस विषय में ना लिया करे हा उसे तोड़ना मरोड़ना हो तो उसक प्रयास कर सकते है |
@ राजन जी
ReplyDeleteदेखा पुरुष और पति होने में यही फर्क है आप मन गए की ये गलतिया आप में है एक बार विवाह होने दीजिये पत्नी के आगे एक भी गलती नहीं मानेगे :))
बाकि आप की बात समझ गई |
@ प्रवीण जी
मै तो अपना ब्लॉग अपने पति को पढ़ाती हूँ फिर भी ये पोस्ट लिख दी आप तो अपनी पत्नी और घरवालो को ब्लॉग से दूर रखते है फिर आप को किस बात का डर | वैसे भी एक बार आप ने कहा था की लोगो को ब्लॉग पर खुल कर कहना चाहिए |
chlo achchha hai aaj bhi duniya m dusro ko khayi mai girne se pahle unhe under ka pura hal btane wale log hai taki ve samay se pahle hi chet jaye. aapke anubhaw se pera fayda lene ki koshish krugi.
ReplyDelete@ अंशु दी (यदि इस संबोधन से आपको आपत्ति है तो कृपया बता दें)
ReplyDeleteमैं आपकी समस्या समझ गया। आप इंडिक, बारहा या हिंदी रायटर जैसा कोई ऑफलाइन टूल (IME) क्यों नहीं इंस्टाल कर लेतीं अपने सिस्टम पर?
कॉपी पेस्ट का झंझट ही खत्म हो जाएगा।
@ विचारशून्य जी
दाद देने के लिए शुक्रिया :)
@ सलिल जी
आपके इस लाजवाब शेर से मुझे भी दो शेर याद आ गए-
वादा फिर वादा है मैं जहर भी पी जाऊं 'क़तील',
शर्त ये है कोई बाँहों में संभाले मुझको।
और
आख़िरी हिचकी तेरे जानु पे आए,
मौत भी मैं शायराना चाहता हूँ।
Sateek!!!!!!!
ReplyDeleteजो कुछ पंक्तियाँ यहाँ जोड़ी जा सकती हैं ...
ReplyDeletehttp://vanigyan.blogspot.com/2010/02/blog-post_20.html
पतियों की माया न्यारी है !
@ सोमेश:
ReplyDeleteक्या याद दिला रहे हो यार?
’खुद को मैं बांट न डालूं कहीं दामन दामन,
कर दिया तूने अगर मेरे हवाले मुझको’
ठीक है न ये तो?
i am happily single....abhi tak to...baaki dekhte hain bhawishya mein kaun si category mein mujhe meri patni rakhti hai.... :)
ReplyDeleteकाफी तरह के पतियों की श्रेणी खोज निकाली आपने तो
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