कुछ समय पहले बात चली मुंबई में सेलिब्रिटी लोगों से मुलाकात की तो अपना भी पहला अनुभव याद आ गया | मुंबई में जब ब्याह हुआ तो ना तो मुंबई का कोई क्रेज था और ना किसी हीरो हीरोइन का | फिल्मे ना के बराबर देखते थे लेकिन क्रिकेट और क्रिकेटर अपने पसंदीदा थे |
शादी के कोई एक साल होने जा रहा था पतिदेव एक दिन फैशन स्ट्रीट ले गए | हम लोग टहल ही रहे थे कि सड़क के किनारे खूब भीड़ लगी दिखी | मेरे भीड़ का कारण पूछने पर पतिदेव ने कहा कोई एक्टर होगा उसी को देखने के लिए भीड़ लगी होगी | हम दोनों को कोई रूचि नहीं थी तो हम बेपरवाही से आगे बढ़ने लगे |
जैसे ही भीड़ के करीब पहुंची किसी ने किसी को बताया कोई क्रिकेटर हैं , हमारे कान खड़े हो गए एकदम | उस समय बिलकुल भीड़ के बगल में थे तुरंत भीड़ में से दो को लेफ्ट धक्का मारा दो को राइट धक्का मारा और घुस गए | पीछे से बेचारे पतिदेव अरे अरे करते रह गए |
सामने सफ़ेद रंग की कोई तो महँगी सी गाडी थी और गाड़ी के डिग्गी में अपना क्रिकेट किट रखते जहीर खान थे | सामने ही बॉम्बे जिमखाना था वो शायद प्रैक्टिस करके बाहर आये थे | गाड़ी पर हाथ धरे मैं बिलकुल मुंह खोले उन्हें निहारे जा रही थी | दिमाग में दो बाते आयी आइला ये तो जहीर हैं और ये कितना गोरा हैं टीवी पर इतना गोरा तो नहीं दिखता | 2002 या 3 की बात हैं मोबाईल में कैमरे होते नहीं थे तो कोई भी फोटो नहीं ले रहा था बस उन्हें चुपचाप निहार ही रहा था | फिर वो खुद ड्राइविंग सीट पर बैठे और चले गए |
आज याद करती हूँ तो याद आ रहा हैं आगे की सीट पर एक और खिलाडी उन्ही की तरह सफ़ेद कपड़ों में बैठा था | उस पर मैंने ध्यान भी नहीं दिया शायद उस समय उस खिलाडी का राष्ट्रिय टीम में चयन नहीं हुआ होगा तो पहचान नहीं पायी होंगी | लेकिन क्या पता कौन था हो सकता हैं बाद में बड़ा खिलाडी बन गया हो |
वैसे एक साल बाद वानखेड़े स्टियम में मैच देखने गयी तो लगभग सभी भारतीय खिलाडियों को नजदीक से देखा | वो भी एक मजेदार किस्सा हैं उस पर भी कभी लिखूंगी |
आईला ! टकटकी लगा कर देखा ज़हीर को ...... अगले किस्से का इंतज़ार है ....
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