June 06, 2017

भारत से पहला अंतरिक्ष यात्री कौन ------mangopeople

                             




                                                          भारत अंतरिक्ष विज्ञानं में रोज नई ऊँचाइयाँ छू रहा है | अब सुना है जल्द ही भारत अपने ही जमीन से अपने ही रॉकेट से अपना पहला यात्री अंतरिक्ष में भेजने वाला है | स्पेस सूट तैयार है बस सरकार की तरफ से कुछ हजार करोड़ का आवंटन होना है और एक बार फिर हम पूछ सकेंगे की अंतरिक्ष से गाय , माफ़ कीजियेगा मतलब भारत कैसा दिख रहा है | सोचिये की जब हजार करोड़ रुपये सरकार दे रही है तो अंतरिक्ष यात्री भी कोई ख़ास और सरकार का प्रतिनिधि हो तो क्या बुराई है | मै तो कहती हूँ  प्रतिनिधि क्या खुद सरकार मोदी ही हो तो क्या बुराई है | वैसे भी जो काम उन्हें ५ सालो में करना था वो उन्होंने मात्र ३ सालो में ही दुनिया की गोलाई नाप कर पूरा कर दिया है , बाकि के दो साल अब क्या करेंगे |  अच्छा हो अगले दो सालो में अंतरिक्ष और ग्रहो की नपाई का लक्ष्य रख लिया जाये | इससे साफ साफ दूनिया को सरकार द्वारा हो रहा विकास भी दिखेगा | कहा वो पिछले तीन सालो में हवाई जहाज से बस दुनिया नाप रहे थे और कहा अब रॉकेट से अंतरिक्ष घूम रहे है | रातो रात विकास न केवल पैदा जायेगा उसकी बढ़त भी अंतरिक्ष तक हो जायेगी | हर अत्तवार ( रविवार , ईतवार ) उनके मन की हमने खूब सुनी | वहा ऊपर अंतरिक्ष से बोलेंगे तो सारी दुनिया सुनेगी ( सुनना पड़ेगा ) | क्या पता उनमे मन की फ्रीकवेंसी किसी अंतरिक्षवाले के मन  फ्रीकवेंसी से मेल खा जाये और पहले एलियन या किसी ग्रह पर जीवन की खोज का महा उपलब्धि हमारे हाथ लग जाये | सोचिये कितना सुन्दर दृश्य होगा प्राइम टाइम पर दुनिया के हर चैनल पर लाइव आ रहा होगा , एलियनों की भारी भीड़ में दिया जा रहा उनका भाषण और मोदी मोदी के नारो से गुंजयमान हो रहा पूरा अंतरिक्ष |  आह कितना मनोरम दृश्य मै तो कल्पना मात्र से ही रोमांचित हो रही हूँ |

                                 पर अपने ही देश में मोदी के विरोधी बहुत है इसलिए हो सकता है उनका विरोध हो तो हम देश के युवराज राहुल गाँधी को भी वहा भेज सकते है | वैसे भी वो आज कल गीता उपनिषद आदि पढ़ रहे है  और किताबे पढ़ने के लिए शांति अंतरिक्ष से अच्छी और कही नहीं मिलेगी | हो सकता है ऊपर उनको वो ऊपरवाला भी मिल जाये | सारे भगवानो की तरह गीता का उपदेश देने वाले कृष्ण भी उनको वहा मिल जाये | जो उन्हें ज्ञान दे की वत्स मैंने गीता का उपदेश दुश्मनो से लड़ने के लिए नहीं अपनो से लड़ने में मनुष्य कमजोर न हो जाये तो उसके लिए दिया था | वत्स तुम किताब तो सही पढ़ रहे हो लेकिन रीजन गलत दे रहे हो | पहले तुम्हे कांग्रेस में अपने दुश्मनो से लड़ना होगा उन पर विजय पानी होगी उसके बाद बाहर के दुश्मनो का नंबर आयेगा | तो वत्स पढ़ते रहो अपने आस पास के कौरवो का नाश करो , डरो मत कि वो तुम्हारे अपने है | उनमे से बहुतो ने तुम्हे बड़ा बनाने में सहयोग किया है , लेकिन वत्स उनके पीछे उनका अपना स्वार्थ था , तुम तो बस कर्म करो फल की चिंता तुमको करने की जरुरत नहीं है | कुछ गलत हुआ तो बहुत से कांग्रेसी अपने सर पर लेने के लिए सदा तैयार रहेंगे , सो चिंता न करो |  हो सकता है इतना ज्ञान पाने के बाद समझ आये की वो भले पृथ्वी पर आलू की फैक्ट्री नहीं लगा सके किन्तु अंतरिक्ष में उपग्रहों की खेती आसानी से कर सकते है |


                                       वैसे आजकल फैशन निष्पक्ष होने का है जिसे देखो वही निष्पक्ष हुआ जा रहा है |  इसलिए अंतरिक्ष में भी पक्ष और विपक्ष की जगह किसी निष्पक्ष को भी भेजा जा सकता है और वर्तमान समय में केजरीवाल से ज्यादा निष्पक्ष और कोई हो ही नहीं सकता | तो भारत की तरफ से पहले अंतरिक्ष यात्री होने का सौभाग्य उन्हें भी दिया जा सकता है ,बस वो तैयार हो जाये |  हो सकता है वो कहे की रॉकेट से छेड़ छाड़ की गई है , मोदी उन्हें अंतरिक्ष में भेजने की चाल चल रहे है | हो सकता हो वो कहे कि तुम्हारा ये स्वदेशी मोदी इंजन नहीं चलेगा , हम इसमें अपना  सौरभवाला इंजन लगायेंगे | कल हुए सफल प्रक्षेपण को भी हो सकता है नकार दे  बोले सब मिले हुए है इसरो भी चुनाव आयोग की तरह मोदी से मिला हुआ है | ये सब उन्हें जान से मारने की चाल है | हम अंतरिक्ष में तो जायेंगे लेकिन अपने रॉकेट से ,  सौरभ ले आओ अपना दिवाली  रॉकेट और मान जा ले आ  तेरी खाली की गई बोतले किस दिन काम आयेगी | अब हम बताएँगे इसरो को कि कम पैसे और कम समय में  किसी रॉकेट से अंतरिक्ष में किसी को कैसे भेजा जाता है | वहा जायेंगे और सारे उपग्रहों के मदरबोर्ड बदल डालेंगे फिर सब पर हम नजर रखेंगे |