August 25, 2018

पिया तुमसे भला तो ये जमाना है ------ mangopeople



                                                               चार दिन के लिए मायके क्या गई तुम्हारी तो मौज ही आ गई होगी एक दिन भी मेरी याद तो आई नहीं होगी | पिया तुमसे भला तो ये फेसबुक है चार दिन में मेरे बिना मरा जा रहा है | अलर्ट पर अलर्ट दिया जा रहा कि देखो दुनियाँ में कितना कुछ हो गया कितनो ने अपनी प्रोफ़ाइल फोटो बदल डाली और तुम सब मिस कर रही हो, आओ जल्दी आओ हम तुम्हे मिस किये जा रहे है |  सामने रहने पर तो तुम कभी गुडमार्निंग न कहे , न रहने पर कभी  व्हाट्सप्प पर भी हाय हल्लो न कहा | पिया तुमसे अच्छा तो ये गुडमार्निंग और गुडनाइट कहने वाले व्हाट्सप्पीये है | मै कहीं भी रहूं इन्हे देखु ना देखु पर ये हर सुबह हर रात बिना नागा मुझे विश करने के लिए मैसेज जरूर करते है | पिया तुम्हे तो मेरा बाहर जा कर काम करना ना भाया , लेकिन चार दिन बाद मेल खोला तो मेरे लिए नौकरियों की लाइन लगी पड़ी है | आधे तो घर बैठे काम कर, महीने का लाखों कमाने का ऑफर दे रहें है | तुम्हारा कार्ड जरूर मेरे पास है लेकिन उससे खर्च करने की एक लिमिट है | पिया तुमसे भला तो ये बैंक वाले  है जो रोज मुझे अनलिमिटेड खर्च के लिए गोल्डन सिल्वर क्रेडिट कार्ड देने के लिए तड़प रहें हैं |
                                                        सालो से इस मुर्गी के दड़बेनुमा घर में रख मेरे अंदर के इंटीरियर डिजानइर को मारे जा रहे हो | पिया तुमसे भला तो ये बिल्डर और प्रॉपर्टी डीलर है जो रोज दस पंद्रह मैसेज कर लाखों की छूट करोड़ो के फ़्लैट पर दे सिर्फ मेरे लिए बचा कर रखा हुआ है | तुमसे घर की बात करो तो पैसे का रोते हो | पिया तुमसे भला तो वो लोन देने वाले है जो हर दूसरे दिन फोन कर बताते हैं कि उन्होंने देश के सवा सौ करोड़ लोगो में से बस मुझे चुना है लोन देने के लिए, दरवज्जे खड़े है पैसा लिए बस मेरे हा की देर है | चवन्नी भी ना दी तुमने बोनस की मुझे | पिया तुमसे भले तो वो लॉटरी जिताने वाले है जो लाखो पौंड की लॉटरी मेरी तरफ से खरीद भी लेते है और मुझे जीता सीधा पैसा पहुँचाने आ जाते हैं | मर गए ना जाने तुम्हारे कितने रिश्तेदार एक फूटी कौड़ी भी ना दी | पिया तुमसे भले तो वो नाइजेरियन हैं जो अपने चाचा मामा के वसीयत का करोड़ो मुझे दान देने के लिए तैयार है | मेरे यहाँ वहाँ गिरे बालों की शिकायत के सिवा कभी कुछ न किया | पिया तुमसे भला तो वो डॉक्टर बत्रा है जो २०% से ८०% तक की छूट दे मेरे झड़ते बालों का ईलाज करने के लिए हरदम तैयार बैठा है | मेरा बढ़ता वजन देख सिवा मेरे खाने पर नजर लगाने के तुमसे कुछ न हुआ | पिया तुमसे भली तो डॉक्टर अंजलि है जो रोज  मुझे मैसेज भेजती है ताकि मै वजन कम करने के लिए प्रेरित हो सकूँ | घुटनो के दर्द और छोटे अक्षरों के न पढ़ पाने पर मुझे आंटी जी बुलाने के आलावा कोई ख्याल न आया तुम्हे | पिया तुमसे भले तो वो अस्पताल और पैथोलॉजी वाले है जो मुझे फोन कर फूल बॉडी चेकअप के साथ अब तो ब्लड टेस्ट के पैकेज का ऑफर मुझे दे रहे है | सच कहूं तो पिया तुमसे भला तो ये जमाना है | 

#अधूरीसीकहानी_अधूरेसेकिस्से

August 12, 2018

माँ बापगिरी के मुश्किल फंडे ------ mangopeople


एक मित्र  ने एक मुद्दा उठाया बच्चो को फोन देना चाहिए की नहीं | आखिर हम सब बिना मोबाईल फोन के ही पले  बढे है तो हमारे बच्चे वो कैसे नहीं कर सकते है | मेरा मानना है कि बच्चों की सुरक्षा के लिए उन्हें एक समय बाद फोन देना ही चाहिए । आज बच्चे अकेले कई जगहों पर जाते है किसी मुसीबत मे फंस गये तो हमे 

कैसे फोन करेगे । खुद हमे उनसे बात करनी हुई उनकी चिंता हुई तो क्या करेगे । ज्यादा हुआ तो स्मार्ट फोन 
नहीं देगे फोन करने लायक साधारण फोन देगें ।

                                                                        हमारे और हमारे बच्चो के जीवन में जमीन आसमान का फर्क हैं | हम केवल स्कूल के लिए  निकलते और उसके बाद सीधा घर | बाकि जगह परिवार के साथ,  हमारा अपना कोई जीवन नहीं था | कहीं गए भी तो अँधेरा घर वापसी का सिग्नल होता | बिटिया का जीवन इससे कही ज्यादा अलग है |  सुबह छ बजे उन्हें बास्केटबॉल के सलेक्शन के लिए लेकर गई घर आ नाश्ता कर तुरंत पेंटिंग क्लास के लिए फिर वहां से आ कर फिर प्रोजेक्ट के सामान के लिए बाजार फिर वापस से पेंटिंग क्लास क्योकि अगले महीने परीक्षा है | कल बैडमिंटन का सलेक्शन था | रोज स्कूल भी छोड़ने जाना होता है गेम्स  के लिए | दोस्तों की बर्थडे पार्टी में रात नौ दस बजते है | शुक्र है अभी टियूशन नहीं लगाया वरना वहां तो रोज ही जाना होगा |  अभी छोटी है तो भाग रहीं हूँ लेकिन कब तक , एक दिन अकेले छोड़ना ही पड़ेगा इन सब भाग दौड़ के लिए फिर उनसे कनेक्ट रहने के लिए फोन देना ही होगा | बिजनेस शुरू किया तो उन्हें अकेले घर में छोड़ कई बार जाना हुआ | कुछ हुआ तो मुझे कैसे फोन करती लैंड लाइन का जमाना गया फोन तो देना ही पड़ा | दर्जन भर उनके स्कूल , क्लास, प्रोजेक्ट , गेम , स्कूल वैन के व्हाट्सप्प समूह है | पहले सब मै देखती थी  अब मैंने वो हैंडिल करना छोड़ दिया है | बिटिया का काम है देखे और अपना काम खुद करे |  ख़राब कोई आधुनिक चीज नहीं होती हम उनका प्रयोग गलत करते है  |
                                                        हमें बच्चो को चीजों का मिस यूज गलत प्रयोग न करने के लिए समझाना चाहिए | वो क्या कर रहे है उन पर नजर रखनी चाहिए | हम खुद फोन का प्रयोग कम करेंगे तो बच्चे भी उसका प्रयोग कम करेंगे | मै किसी को गुडमार्निंग के मैसेज , फिजूल के चुटकुले , वीडियो फॉरवर्ड करना , फालतू की चैटिंग , सेल्फी लेना जैसे काम नहीं करती बिटिया भी ये नहीं करती है |   फोन के जितने भी गलत प्रयोग हो सकते है उनके बारे में जैसे ही सुनती हूँ तो तुरंत बातो बातो में उन्हें उसके नुकशान के बारे में बता देतीं हूँ | अभी महीने भर पहले वो सभी अपना डांस वीडियो यूट्यूब पर देने के बारे में पूछ रहीं  थीं |  तुरंत उसके बारे में उन्हें समझाया उनसे ये भी पूछा की वो ऐसा करना ही क्यों चाहतीं है  | फिर उसके जरुरत और दुष्प्रभावों के बारे में उनसे और उनकी दोस्तों से भी बात किया ,वो सब समझ भी गई और मान भी गई | जबकि ढंग की चीजों के लिए कोई मनाही भी नहीं है | दर्जनो  कलाकारी , क्राफ्ट बनाना , पेंटिंग करना , कीबोर्ड बजाना , हेयर स्टाइल बनाना , जादू के ट्रिक करना , नेल आर्ट , पहेलियाँ बनाना बूझना , बाँसुरी की अनेको धुन सीखना जैसे कितनी ही चीजे बीटिया ने यूट्यूब से सीखे  और हमें भी सिखाया है | मोबाईल के पियानो पर कई गाने मुझे सीखाया  | अभी हाल में बिटिया ने बांसुरी पर हीरो की धुन बजाना भी सिखाया है ,वो स्कूल बैंड में बाँसुरी बजाती है | मै उन्हें कई गेम्स भी खेलने देतीं हूँ जो हिंसक ना हो और जिसमे उनके हर चीज पर ध्यान देने की आदत भी पड़े थोड़ा दिमाग भी तेज चले | कितनी ही बार तो टीचर बोलती है नेट पर ये देख लो | ये सब करने के लिए उन्हें फोन कंप्यूटर आदि ना दे तो जरुरत के समय वो अनाड़ी ना रह जाए |

                                                     इन सब को छोड़ भी दे तो कई अन्य जरुरी चीजें भी है जो दुसरो के लिए जरुरी है | जैसे  हमारे स्टॉप से बच्ची जाती है सिंगल मदर है शाम को वैन पालना घर में छोड़ती है माँ फोन पर उसके स्कूल से निकलने से पहले और पहुंचने के तुरंत बाद  फोन करती है | स्कूल में फोन ले जाने की इजाजत नहीं है इसलिए वह फोन जमा करना पड़ता है और छुट्टी के बाद उन्हें मिलता है | मुंबई में ऐसे हजारो बच्चे है जो घर अकेले पहुंचते है या सभी जगह उन्हें अकेले ही जाना पड़ता है माँ बाप के लिए फोन ही संपर्क बनाये रखने में सहायता देता है | कुछ चीजे वक्त की जरुरत होती है जिन्हे समय के साथ अपना लेने में कोई बुराई मुझे नहीं लगता है | बाकि ये भी सही है कि जरुरी तो कुछ भी नहीं है , देश के हजारो लाखो बच्चे इसके बिना भी जी ही रहे है | इसलिए इस मामले में सभी माँ बाप की अपनी सोच हो सकती है | क्योंकि बच्चे पालने का कोई एक फंडा नहीं होता |