January 09, 2018

एक यात्रा वृतांत ऐसा भी -------mangopeople

                   
                                     

                                                     क्या आप को अपने शारीरिक दमखम को लेकर बड़ा गुमान है |  शरीर और मन से  अपने वास्तविक उम्र से अपने आप को कम समझ रहे है तो वास्तविकता की जाँच यानि रियलटी चेक के लिए तुरंत पहाड़ो की और रुख करे और वो भी सर्दियों के मौसम में | उसकी शुरुवात वहां पहुंचने के घुमावदार सड़को पर ही हो जाती है  फिर यदि आप ने किसी ऐसी जगह का चुनाव कर लिया जहा आप के होटल तक या मुख्य शहर में ही वाहन नहीं जाते जैसे शिमला तो फिर दिल की जवानी रवानी के साथ पैर घुटनो की असलियत एक पल में सामने गिरे पड़े होंगे | लेकिन ये सब आप आसानी से झेल लेंगे जब आप पहाड़ो की सुंदरता को अपने आँखों से निहारेंगे | जिधर भी नजर घुमायेंगे प्रकृति की हरियाली , बर्फ की सफेदी की सुंदरता ही पायेंगे | प्रदूषित हवा में साँस लेने के आदि लोगो को ऑक्सीजन की अधिकता और शुद्ध हवा से साँस लेने में समस्या भी आ सकती है | आसमान का असली चटक  नीला रंग आप को यही देखने को मिलेगा |
                                   
                                                         बर्फ देख कर खुद पर नियंत्रण रखने का प्रयास न करे , सारे पैसे आप ने बर्फ में खेलने के लिए ही खर्च किये है तो कूद पड़े , एक दूसरे पर बर्फ उड़ाये , या ऊपर की और चढ़ उस पर फिसले , लोग क्या कहेंगे की चिंता न करे क्योकि बाकी भी वही करे रहे होंगे | हम बड़े हो गए है जैसी बेफकूफी की बाते याद न रखे ,  ग्लोबल वार्मिंग को याद करे , क्या पता अगली बार आने पर बर्फ मिले न मिले , सो जितना बचपना कर सकते है जरूर करे  और आप के इस बचपने में आप का साथ देगा वहा का खाना |  इन सब धमा चौकड़ी के बाद भूख के मारे जब आप खाना खोजेंगे तो पहाड़ो पर एक ही खाना हर जगह उपलब्ध होगा और कभी कभी एक मात्र खाना वो है मैगी | ठंडे ठंडे मौसम में गरमा गर्म मैगी , आप कह उठेंगे मैगी का ये स्वाद पहले न आया ( ये जोरदार भूख की वजह से भी हो सकता है)  | पहले उपलब्ध खाना कभी न ठुकराये पहाड़ो पर भरोषा नहीं की आगे आप को कहा भोजन नसीब हो या आगे भी आप को यही उपलब्ध हो | वैसे खाने के बारे में ज्यादा सोचे नहीं गर्माहट के लिए बार बार पी  जा रही चाय , कॉफी , सूप पेट में जगह न छोड़ेंगे और पांच छह परत कपड़ो में जकड़े आप जी भर कुछ खा पायेंगे नहीं |
                                               
                                                    टॉय ट्रेन में बैठने का शौक है तो महँगी टिकट रिजर्वेशन वाला ले वो भी पहले से , वो बहुत सिमित संख्या में है , नहीं तो सस्ता टिकट आप को मुंबई की लोकल का याद दिला सकता है , सीट पहले आओ पहले पाव पर होता है ,साथ में बच्चे बुजुर्ग हो तो ये निराश करेगा | अकेले दुकेले है तो ऐतिहासिक यूनिवर्सिटी का रुख करे , बच्चे है तो ऐसी जगह जा कर उन्हें बोर न करे | जीवन में कभी रोप ट्रॉली पर बैठ चुके है तो जाखू मंदिर के लिए उसे न ले उससे बहुत कम में आप को टैक्सी वहा छोड़ देगी , बच्चो को दिखाना है तो एक तरफ का टिकट ले | वैसे आप पैदल जा कर ट्रैकिंग सा मजा ले सकते है | घोड़ो पर बैठ सैर करे , लेकिन वहा चल रहे किसी फ़ूड फेस्टिवल से कभी खाना न खाये |  सबसे जरुरी बात बर्फ में कोई ख़ास तरीके की फोटो शोटो खिचानी है तो जरा भी न शर्माये , स्टाइल मारे , मॉडलिंग करे , यशचोपड़ा की फिल्मो को याद कर झीनी  साड़ी में फोटो खिचवाये , क्योकि वो ग्लोबल वार्मिंग याद है न , बर्फ कल हो ना हो |


चेतावनी :- १- पहाड़ो पर यदि स्थानीय बाँदा कहे पास में ही है जगह बस पांच मिनट का ही रास्ता है उस पर कभी भरोषा न करे  | उनका पास आप के लिए बहुत बहुत बहुत दूर हो सकता है |
२- किसी भी भारतीय कोल्ड क्रीम पर भरोषा न करे , किसी में दम नहीं जो आप के नाजुक होठो , गालो या नाक को बचा सके |
३- ठंड में चेहरा सफ़ेद हो जाता है तो जोम्बी दिखने से बचने के लिए ब्लशर ले जाये और नाक और गाल बन्दर जैसे लाल हो  जाता है तो तब आप को समझ आता है जब वी मेट में करीना ने मेकअप नहीं किया था |
४- अपने गाड़ी के ड्राइवर पर  भरोषा रखे या पहाड़ी रास्तो में अपनी आँखे बंद रखे , रास्तो का सकरापन आप को हार्ट अटैक ला सकता है |
५- साथ बच्चे हो तो बर्फ के लिए उनके थाई तक के लिए बर्फ के बूट ले जाए , सामान्य बूट किसी काम का नहीं , बर्फ में पैर धसते बर्फ बूट के अंदर और फिर चीखता बच्चा |
५- सबसे जरुरी लिफाफे साथ रखे संभव है जो खाना मुंह से गया है वो वही से बाहर भी आ जाये |

                                     
     

                                           
                                     


                            

1 comment:

  1. निमंत्रण पत्र :
    मंज़िलें और भी हैं ,
    आवश्यकता है केवल कारवां बनाने की। मेरा मक़सद है आपको हिंदी ब्लॉग जगत के उन रचनाकारों से परिचित करवाना जिनसे आप सभी अपरिचित अथवा उनकी रचनाओं तक आप सभी की पहुँच नहीं।
    ये मेरा प्रयास निरंतर ज़ारी रहेगा ! इसी पावन उद्देश्य के साथ लोकतंत्र संवाद मंच आप सभी गणमान्य पाठकों व रचनाकारों का हृदय से स्वागत करता है नये -पुराने रचनाकारों का संगम 'विशेषांक' में सोमवार १५ जनवरी २०१८ को आप सभी सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद !"एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/

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