November 02, 2019

धर्म परिवर्तन का धर्म संकट ---------mangopeople



                                  कुछ अच्छे ईसाई नाम महिलाओं के बताइयें ,  नाम बिलकुल नए और अलग तरीके के होने चाहिए आम से नाम नहीं चलेंगे | साथ में कुछ अच्छे सरनेम भी हो तो फिर सोने पर सुहागा | क्या हैं कि धर्म परिवर्तन करने जा रहीं हूँ तो सोचा इस बार जब अपना नाम खुद ही रखना हैं तो फिर कुछ बहुत ही अच्छा और ख़ास नाम रखा जाए |
                                  हुआ ये कि जैसे ही कोच्चि पहुंचे जोरदार बारिश ने स्वागत किया , लगा कहीं पूरी छुट्टियां बर्बाद ना हो जाए | होटल जा कर पता चला बस शाम में बारिश हो रही हैं दिन साफ़ रहता हैं , ये सुन हमने भी शुक्र मनाया | बारिश ने मुन्नार के चाय बागानों को और भी सुंदर बना दिया और बारिश में पहाड़ी रास्ते से गुजरना सफर  हसीन बना गया |
                                 लेकिन जब कोवलम में नींद खुली तो स्वागत जोरदार बारिश और आंधी तूफ़ान ने किया | रिसोर्ट में चारो तरफ नारियल और फल जमीन पर गिरे पड़े थें और नारियल के पेड़ और झुके गिरे जा रहे थे | गूगल बाबा ने बताया दो दिन लगातार बारिश होने वाली हैं | सोचा कन्याकुमारी निकल  जाते हैं आज ,  लेकिन गूगल ने बताया वहां का भी वही हाल हैं | फिर खबर लगी दो दिन का ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ हैं |
                                दोनों मम्मियों ने रोना रोया हमारे पैसे बर्बाद हुए , दोनों बच्चों ने रोना रोया सामने स्वीमिंग पूल हैं हम जा नहीं पा रहें हैं और दोनों मर्द लोग अब भी चुपचाप अपने अपने लैपटॉप फोन पर अपने काम में लगे थे उन्हें कोनो फर्क ही नहीं था |
                              तीन दिन से हर गलि , मोड़ , सड़क , चौराहे पर क्रॉस और वेटिकन वाले बाबा की मूर्ति और मंदिर का असर था या रिसोर्ट में उस समय वेटिकन वाले बाबा जी का हो रहा भजन का असर था कि भाई से कहा चार दिन बारिश ना हो तो (हमें अभी चार दिन और घूमना था इसलिए )  धर्म परिवर्तन कर लुंगी |
                             लो जी ये कहना था की घंटे भर में मेरी मन्नत ने ऐसा असर किया कि गूगल बाबा से लेकर मौसम विभाग सरकार सब फेल हो गए और बारिश बंद हो गई | बच्चे पिताओं के संग स्वीमिंगपूल में कूद पड़े और मैंने कहा कन्याकुमारी निकल लेते हैं | कल बारिश हो तो कहीं विवेकानंद रॉक  ना रह जाए | कन्याकुमारी भी घूम लिया कोवलम भी त्रिवेंद्रम और अलेप्पी भी और बारिश नहीं हुई चार दिन | गूगल की भविष्यवाणी और सरकार की चेतावनी के बाद भी |
                           पहले दिन से ही लगने लगा कि लो अब तो धर्म परिवर्तन करना ही पड़ेगा लेकिन अभी तो तीन , दो , एक दिन बाकी हैं का बहाना मारते रहें | लेकिन चारो दिन हमारी यात्रा ठीक ठाक बिना बारिश के विघ्न के संप्पन हो गई | अब तो कोई बहाना नहीं चलेगा और धर्म परिवर्तन तो करना ही पड़ेगा |

नोट - वैसे ठीक से याद करूँ तो मैंने ये कभी नहीं कहा था कि  किस धर्म में परिवर्तन करुँगी और कब करुँगी तो फिलहाल अपने मन का कोई धर्म आने तक जो अफीम चरस ना हो का इंतज़ार करने का समय हैं मेरे पास

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