October 15, 2016

आओ नास्तिको सोहर गाये नये धर्म का जन्म होने वाला है - - - - - - mangopeople

आओ नास्तिको सब मिल सोहर गाये अपने देश में एक नये धर्म का जन्म होने वाला है ।

                                                         अभी तक देश दुनिया के नास्तिक अनाथ टाइप के थे बिखरे थे अब उन सभी को एक करने का प्रयास शुरू हो गये है ताकि वो भी अपनी शक्ति और नास्तिकता के प्रति अपनी भक्ति दिखा सके । बिन शक्ति सब सून ॥ इसलिए सभी को इकठ्ठा कर उसे शक्ति के रूप में दिखाना जरुरी है , एक दूसरे के तर्क सून अपनी अपनी भक्ति को बढ़ाना है । कुछ दिन बाद नास्तिकता भी अपने आप में धर्म होगा जैसे अब तक लोग कहते आये की मैं हिन्दू मुस्लिम आदि इत्यादि हु उसी प्रकार धर्म के कालम में नास्तिक भरेंगे । अन्य धर्मो की तरह नास्तिकता का भी प्रचार प्रसार किया जायेगा ज्यादा से ज्यादा लोगो को इस महान धर्म से अवगत करा कर उन्हें शांति के पथ पर बढ़ाया जायेगा ।
                                                  फिर उनकी बढती संख्या देख उन्हें संभालने के लिए नियम कायदों की एक किताब बनेगी जिसे बाद में नास्तिको का धर्म ग्रन्थ मान लिया जायेगा । जिसमे बताया जायेगा की एक नास्तिक को कैसे रहना सहना चाहिए , कैसे खाना पीना चाहिए और कैसे पकड़े पहनने चाहिए । स्त्रियों के लिए वहाँ भी अलग से सबका वर्णन होगा , स्त्रियां ज्यादा खुश न हो यहाँ भी उनका दर्जा दोयम ही होगा ।
                                                           इन ग्रंथो को लिखने वाले महान तर्कवादियों को उच्च दर्जा मिलेगा वो ब्राह्मण समान होंगे और उसे पालन कराने वाले क्षत्रिय , उसका अर्थ से प्रचार प्रसार करने वाले वैश्य और हम जैसे नास्तिक जो दुसरो की आस्था पर बे मतलब के सवाल न उठाते हो वो शुद्रो के समान हिकारत की नजरो से देखे जायेंगे और उन्हें धर्म भ्रष्ट करने वालो में रखा जायेगा । नास्तिकता पर बड़े बड़े तर्क देने वाले भाषण बाजो को बाबा माना जायेगा वो हमें बताएँगे की दूसरे धर्मो में क्या क्या खामिया है और अपना धर्म कितना महान। बहुसंख्यक धर्म की बुराई बताने वाला अच्छा और सभी धर्म में सामान रूप से बुराई देखेने वालो को सेक्युलर नास्तिक होने ही गाली दी जायेगी । पुरे साल दुसरो के भगवान के अस्तित्व को नकारा जायेगा और तीज त्यौहारो पर उनके भगवान की बुराइयो को गिनाया जायेगा ।
                                                                फिर इतिहास को खंगाल महान नास्तिको को निकाल उन्हें पूजा जायेगा उनसे मन्नते मांगी जाएगी और उन्हें पूरा होने पर उन्हें उनका चमत्कार घोषित कर उन्हें नास्तिको का भगवान बनाया जायेगा । वामपंथियो और गैर वामपंथी नास्तिको में इस बात पर तर्क होगा की वामपंथियो को ही नास्तिक होने के कारण अपना राजनितिक दल घोषित कर दे या अपना नया राजनीतिक दल बना अपने लोगो को सत्ता तक पहुंचाया जाये । बिन सत्ता शक्ति सून ॥
नास्तिको का अपना धर्म होगा अपनी धार्मिक किताब होंगे अपने भगवान होंगे और उन्हें पूजने के अपने कर्मकांड । एक दिन ये सब बहुत बढ़ जायेगा , धर्म और राजनीति का घालमेल हो जायेगा , दोनों जगह सत्ता का संघर्ष चरम पर होगा , फिर एक दूसरा सुधारक निकलेगा और बतायेगा सब गलत हो रहा है , यहाँ आडम्बर बहुत बढ़ गए है हम दूसरा पंथ बनाएंगे । नास्तिक धर्म के दो पंथ हो जायेंगे आस्तिक नास्तिक और दूसरे उसमे से बाहर आये नास्तिक नास्तिक ।
                                                                 अभी ये जन्म न हो सका क्योकि कल तक जो बहुसंख्यक कुछ अल्पसंख्यको को तलाक विवाह आदि पर देश के संविधान कानून को सर्वोपरी रख सभी के लिए समान कानून और कानून का सम्मान करने की सिख दे रहे थे वो आज खुद कानून हाथ में ले हाजिर थे इस जन्म को रोकने अपना झंडा विथ डंडा लिए ।

5 comments:

  1. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "डॉ॰ कलाम साहब को ब्लॉग बुलेटिन का सलाम “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  2. जय हो , आपने तो इनकी बखिया उधेड कर रख डी | आपकी पोस्ट में लिखी हर बात से सहमत ..

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  3. हा हा हा.... :)
    बिना धर्म यहाँ जीवन कोई नहीं... नास्तिक धर्म ही सही :)

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  4. हमेशा की तर्ह बिना लाग-लपेट धारदार वक्तव्य! प्रणाम आपको!

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