November 26, 2018

लंबी आयु के लिए व्रत के साथ कोसने गरियाने के रिवाज ---------- mangopeople





                                                                    हम जिस देश मे रहते है वहां अपनो की लम्बी आयु के लिए सिर्फ व्रत ही नहीं रखे जाते बल्कि गलियां देने कोसने का भी रिवाज है |


                                          हमारे बनारस में भैयादूज में जो कहानी कही जाती है उसके अनुसार , राजा के पुत्र का जब विवाह होने वाला था तो राजा की बेटी ने यमदूतों को बात करते सुना लिया |
जिसमे वह कह रहे होते है कि उसे उठा कर ले जायेगे जिसे कभी कोसा ना गया हो गालियां ना पड़ी हो | तय होता है कि राजा के बेटे को कभी किसी ने बुरा भला ना कहा है ,तो जब वह शादी के मंडप में बैठेगा तो उस पर टेसुआ ( मौत का हथियार ) गिरा उसके प्राण हर लिए जायेंगे  |
अपने भाई की मौत की बात सुन राजकुमारी उसी समय से अपने भाई को कोसने और गाली देने लगती है भैय्ये  खाऊं बोलना शुरू कर देती है | सभी पूछते है वो अचानक ऐसा क्यों बोल रही है लेकिन वो जवाब नहीं देती और बोलती रहती है |
 उसे प्यार करने वाला भाई सभी को मना कर देता है कि कोई उसकी बहन से कोई सवाल ना करे जो उसे अच्छा लग रहा है उसे करने दिया जाये |
विवाह की रस्मो में बहन हर समय भाई के साथ खड़ी रहती और भैय्ये खाऊं बोलती रहती है |
 मंडप में भाई जब बैठता है तो वो उसके ऊपर आँचल फैला  लेती है और टेसुआ को आँचल में रोक चुपचाप चली जाती है |
विवाह के बाद भाई आ कर बहन से  पूछता है तो बहन उन्हें सब बता देंती है |
कहानी ख़त्म होने पर सभी बहने  अपने अपने भाइयों को नाम ले लेकर गाली देती हैं और बाद में उसकी माफ़ी मांगती हैं खुद की जुबान में कांटे चुभा कर कि भाई को गाली क्यों दिया |


इस कहानी से हमें पता चलता  है कि बहनो के पास अपने भाइयों को कूटने और डांटने का अधिकार हमारा धर्म रिवाज परंपरा हमेशा से  देता है और यह भी पता चलता है कि आयु को लंबी करने के लिए व्रत पूजा आदि के आलावा भी कुछ ख़ास उपाय हैं |  अब सभी को समझ आ गया होगा की  साल में एक बार पति की लंबी आयु के लिए व्रत करने वाली महिलाए साल के बचे ३६४ दिन भी पति की लंबी आयु के लिए बहुत कुछ करती है बस ये पति हैं जो समझते नहीं है |

3 comments:

  1. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन हिन्दी में हालावाद के प्रणेता को श्रद्धांजलि अर्पित करती ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...

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  2. कहानी से हमें पता चलता है कि बहनो के पास अपने भाइयों को कूटने और डांटने का अधिकार हमारा धर्म रिवाज परंपरा हमेशा से देता है
    - ये हुई पते की बात.देखा तो हमेशा से था पर हमें तो आज पता लगा कि ये परंपरा कहाँ से चली. बहुत अच्छा लिखा है.

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