कभी कभी बहुत सारी अच्छी चीजों के साथ एक आध बुरी , ख़राब चींजों को भी अपनाना पड़ता हैं , परेशानियां झेलनी पड़ती हैं | सोशल मिडिया पर सबने अपने अपने बाग़ बगीचों की सुंदर सुंदर फोटो लगा लगा इतना जी कराया कि कबूतरखाने में रहने वाले हमको भी , हार कर एंटी से पैसे ढीले कर अपनी बगिया भी सवारने का मन हो गया , जो विकास की भेट चढ़ चूका था | मोनो रेल की पटरियों ने हमारी बगिया तक आने वाले सूरज का रास्ता रोक दिया था | तो हमने भी अपनी बगिया और आगे बढ़ा लिया |
हमारी बगिया के रास्ते घर में मोटे मोटे चूहों का भी आगमन हो जाता था रात में , तो कभी पौधे जड़ से कुतर जाते सब | अब जब पैसा खर्च हो रहा था तो जंगले में चूहे रोकने वाली जाली लगाने का विकल्प था | दिल सोच में पड़ गया चूहे तो रुक जायेंगे लेकिन उसके साथ ही बगिया में आने वाली तितलियों , भौरों , गौरैय्या , हनी बर्ड , कौआ , कबूतरों जैसे पंक्षियों आदि का रास्ता भी रुक जायेगा |
तय हुआ भला एक परेशानी के लिए इतने सारी अच्छाइयों का रास्ता क्यों रोका जाए | उस एक परेशानी के लिए कुछ और उपाय कर लिया जाएगा और चूहे की जाली कैंसिल कर दी गई | अब इन पुराने रहिवासियों का घर बदला था तो उनके आने में भी देर हो रही हैं | लेकिन धीरे धीरे सब अपने पुराने ठिकाने लौट रहें हैं | गौरैय्या के लिए घर बना दिया गया , एक घर केरल से भी खरीद कर लाया गया |
नए फूल लगा दिए गए , कुछ जड़ जमा लिए तो कुछ नहीं जमा पाए तो कुछ को समय लग रहा हैं | कुछ बीमार हो गए थे अनदेखा करने से उनका ईलाज हो रहा हैं | इतने के बाद अब और सवारने का काम रोक दिया गया हैं |
सूरज अपनी दिशा बदलने वाला हैं , उसका भी इंतजार कर ले , उसके बाद देखतें हैं कि हमारी बगिया में उनकी पहुँच कहा तक होगी | उसके हिसाब से फिर और फूल पौधों का आगमन होगा |कुछ धुप वाले फूल आएंगे तो कुछ छांव वाले पौधे जिनमे सिर्फ हरियाली होगी शायद फूल नहीं | फूल की जगह हरियाली से ही संतोष करेंगे |
जीवन में सब कुछ अपनी इच्छा और मन का होता ही कहाँ हैं | कुछ अच्छाइयों के लिए कुछ बुराइयां परेशानियां , कुछ मन से इतर बर्दास्त करनी ही पड़ता हैं | या तो उन्हें ख़ुशी ख़ुशी स्वीकार कर लीजिये , बर्दास्त कीजिये या उनके लिए कुछ और उपाय कीजिये | लेकिन उनके चक्कर में हमें अच्छाइयों , खुशियों के जीवन में आगमन पर रोक नहीं लगानी चाहिए |
#सालीजिंदगी
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