ब्लॉग जगत में यदि किसी चीज की बड़ी शिद्दत से कमी महसूस हो रही है तो वो है एक अदद ब्लॉग समाचारपत्र की, क्यों ? देखिये किसी समाचार पत्र की जरुरत क्यों होती है निश्चित रूप से ये जानने के लिए की कहा क्या हो रहा है अब हमारा हिंदी ब्लॉग जगत भी इतना बड़ा हो चूका है की हमें कभी कभी पता ही नहीं चलता है की हम जिन ब्लोगों पर जाते है उनके आलावा दूसरे ब्लोगों पर क्या हो रहा है कही दूर किसी ऐसे ब्लॉग पर जहा हम कभी गये ही नहीं या जहा ज्यादा लोग जाते ही नहीं वहा भी कुछ अच्छा बुरा हो सकता है वहा की हमें तो खबर ही नहीं लगती है | वहा की खबर लगे तो क्या पता कुछ और अच्छे पाठक हमें मिल जाये या कुछ ऐसे पाठक मिल जाये जो हमारे विचारो से मेल खाते हो और कुछ तारीफ वाली टिप्पणिया भी मिले इन विरिधियो के सवालो का जवाब दे देकर तो अब तंग आ चुके है या कुछ नया और अच्छा पढ़ने को मिले |
कई बार तो ये भी होता है की हम दो चार दिन के लिए ब्लोगिंग से दूर रहे और उसके बाद आये तो पता ही नहीं चलता है की हमारे पीछे क्या क्या हो गया और कोई जोरदार बहस चल रही होती है और हम अनाड़ियो की तरह तब पुछते है की क्या हुआ भाई हमें तो प्रसंग का पता ही नहीं चला जबकि बाकि धुरंधर दे दना दन एक से एक टिप्पणिया वहा दे कर महफ़िल लुट चुके होते है और हम अज्ञानियों की तरह बस सबको पढ़ने के सिवा कुछ नहीं कर पाते है , और कभी कभी किसी ब्लॉग पर कोई झन्नाटेदार विषय पर टिप्पणियों की बारिश हो रही होगी और हम उस पर तब पहुचते है जब मेले का डेरा तम्बू उखड रहा होता है तब लगता है की अब टिप्पणी देने से क्या फायदा काश की हमें पहले ही पता होता की यहाँ पर ये हो रहा है तो हम भी आग में थोडा घी डालते या नमक छिड़कते | अब क्या फायदा सारे बाजीगर तो अपनी बाजीगरी दिखा कर जा चुके है अब तो दर्शक भी नहीं मिलेंगे अब मेरी बाजीगरी कौन देखेगा या कभी लगता है की अरे इतने अच्छे विषय का भी लोगों ने विरोध किया है और सबके विरोध से डर कर अकेला बेचारा लिखने वाला ब्लोगर सबसे माफ़ी मांगे जा रहा है या कुछ घिसा पीटा सा सफाई दे रहा है , तो लगता है की हाय हम यहाँ होते तो लेखक का भरपूर साथ देते और सभी विरोध करने वालो की अकेले बैंड बजा देते और कभी कभी तो ये भी होता है की बेचारा कोई ब्लोगर किसी एक पोस्ट पर आहात हो कर एक अपनी पोस्ट डाल देता है " आज मन बड़ा उदास है " टाईप और पढ़ने वाले बेचारे अपना सर नोचते रहते है की भाई बताया नहीं की हुआ क्या और बस मन उदास है बताओगे की मन क्यों उदास है तब तो कुछ कहा जाये |
मतलब की ये की इस तरह की ढेरो ऐसे कारण है जिसके लिए लगता है की एक ऐसा समाचारपत्र ब्लॉग जगत में तो होना ही चाहिए जो हम सभी को पूरे ब्लॉग जगत की खबर दे जैसे घर बैठे ही अखबार हमें पूरी दुनिया की खबर देते है | बस उस ब्लॉग अखबार पर जाओ और हमें पता चल जाये की कहा कहा कुछ खास हो रहा है कहा जोरदार बहस हो रही है, कहा लड़ाई हो रही है, कहा पर सब मिल कर एक को धो रहे है, कहा पर कुछ गासिप चल रही है और कहा किस चीज के मजे लिए जा रहे है , ताकि हम भी समय रहते वहा जा कर अपनी टिप्पणियों की आहुति दे सके और पूरे प्रसंग का मजा उठा सके | जरूरत हुआ तो बहती गंगा में हाथ धो लेंगे या कोई पुराना हिसाब चुकता कर लेंगे या चुप चुप मजे ले कर चल देंगे, ब्लॉग जगत में हम से कुछ भी छूटे नहीं |
भाई आज कल संचार का खबरों का जमाना है वो दिन गये जब लोग कहा करते थे की जिस गांव जाना नहीं वहा का पता क्या पूछना | अब तो लोग ढूंढ़ ढूंढ़ कर पिपिली जैसे गांव के बारे में भी खबर रखते है | भाई ऐसा ना हो की विद्वानों की कोई सभा हो और हम कहे की जी हमें पता ही नहीं की मल्लिका शेरावत कौन है | कभी रेखा के दीवाने रहे लोगों को आज भले पता ना हो की रेखा कहा क्या कर रही है पर मल्लिका ,राखी कैटरीना कहा क्या कर रही है सभी को पता रहती है भाई खबरे रखने का जमाना है | खबरे काम आती है क्या कहा ई खबरे कहा काम आती है अब ई भी हम ही बताये|
अपना ब्लॉग जगत अब इतना बड़ा हो गया है की किसी साप्ताहिक पत्रिका से काम नहीं चलेगा इसके लिए तो रोज का एक बुलेटिन चाहिए | जहा तक मेरी समझ है एक बार रोज का बुलेटिन शुरू तो हो जाये कुछे दिन में उसको दिन में दो बार अप डेट करने की नौबत आ जायेगी | ई ना सोचे की मैटेरियल की कमी है भरपूर मैटेरियल यहाँ मिल जायेगा बल्कि लगता है की एक बार शुरू तो हो उसके बाद फिर देखिएगा कैसे धड़ा धड पेज बढाना पड़ेगा | दो चार दिन में ही सभी को इसके फायदे नजर आने लगेंगे | आज की ताजा खबर फलाने के ब्लॉग पर कल दोपहर से एक जोरदार बहस चालू है समाचार लिखे जाने तक टिप्पणियों की संख्या ६० के पार पंहुच चुकी थी | लो जी अख़बार निकने के दो घंटे बाद है टिप्पणियों की संख्या १०० के पार | बहस शुरू करने वाला ब्लोगर सीना फुलाए कहेगा वहा आज तो मेरा ब्लॉग फ्रंट पेज पर था |
कुछ और मुख्य समाचार ऐसे होंगे की फला ब्लॉगर ने हास्य के फुहारों से सभी को भिंगो दिया या ढेकाने ब्लॉग पर का और ख के बीच घमासान छिड़ा हुआ है ,या जनानियों के ब्लॉग पर दो जनानियों और एक जन आपस में भिड़े पड़े है या इस ब्लॉग पर इनकी टिप्पणी से ये आहात हुए या उनका उपहास उड़ाया गया या फिर उनकी टिप्पणी से आहत हो उन्होंने एक पूरी पोस्ट ही दे मारी ,या आज तीसरे दिन भी दोनों ब्लोगरो में पोस्ट प्रति पोस्ट जारी है और अब तो उसमे ई ई ब्लोगर भी शामिल हो कर एक ही विषय में चार और पोस्ट ठेल दी है पाठक झेल सके तो झेल ले , ये हास्य के राजा फला ब्लोगर ने सभी को हंसा हंसा कर लोट पोट कर दिया | अब देखिये कैसे बहस ,वाद विवाद, झगड़ो ,हास परिहास और व्यंग्य से दूर भागने वाले और सार्थक निरर्थक बहस पोस्ट पर बहस करने वाले ब्लोगर भी कैसे इस तरह की पोस्ट के इंतजाम में लग जायेंगे जिसमे अच्छी खासी बहस झगड़े की गुन्जाईस हो | तब लोग इस बात पर बुरा नहीं मानेगे की आप को बहस की आदत है तब लोग कहेंगे की आप की आदत बड़ी ख़राब है आप बहस नहीं करते है | यदि ये नहीं करेंगे तो साहित्य की सेवा कैसे करेंगे विषय को ऊपर कैसे उठाएंगे |
अब जब बात फ्रंट पेज की हुई है तो पेज थ्री की बात ना हो हो ही नहीं सकता है कोई भी अख़बार बिना पेज थ्री के पूरी हो सकती है क्या | पेज थ्री पर होगा ब्लोगर मिट की फोटो और उससे जुड़े मजेदार चटकारी खबरे | अब ये मत पूछियेगा की चटकारी खबरे क्यों ???? तो पता दू पेज थ्री लोग चटखारी खबरों और रंगीन फोटो के लिए ही देखे उप्स पढ़े जाते है | कई बार ये भी होता है कि कही कोई ब्लोगर मिट हो जाती है और कुछ लोग बेचारे जो काफी दोनों से इसकी बाट जोह रहे होते है उनको पता ही नहीं चलता है | उन बेचारो को तब पता चलता है जब मिट पर पोस्टे आने लगती है | समाचार पत्र निकालने से ये भी फायदा होगा की एक कालम इसके लिए बुक रहेगा जिसपे सिर्फ ये बताया जायेगा की देश के किस हिस्से में कहा कब कोई ब्लोगर मिट होने वाला है | जिसे भी ब्लोगर मिट में जाने की ज्यादा इच्छा है वो इस कालम को पढ़ पढ़ कर सभी मिटो में लोगों से मिट कर सकता है वैसे ब्लॉग जगत में ऐसे मिटनसार लोगों की कोई कमी नहीं है , उनके लिए ये बड़ा काम का होगा और बोनस में फोटो छपेगी वो अलग | बस आप को अपने मिट को कुछ मजेदार चटकारेदार बनाना होगा और कुछ खास बड़का, महान, विवादित ब्लोगरो को बुलाना होगा ताकि खबर भी बने और फोटो देखने को सभी ब्लोगर उत्सुक भी रहे | यदि ई सब माल मसाला आप के ब्लोगर मिट में नहीं होगा तो आप के मिट को डाल दिया जायेगा कही किसी पीछे के पेज पर | सोचिये ब्लॉग अखबार प्रकाशित होने के बाद होने वाले ब्लोगर मिट कितने धमाकेदार हुआ करेंगे | भाई पेज थ्री पर आने का मजा ही कुछ और होता है |
अब अख़बार है तो कुछ एक्सक्लूसिव खबरे भी होंगी ही जैसे कई बार ये भी होता है की टिप्पणी देने के बाद उस पर विवाद होता है और टिप्पणी और कभी कभी तो पूरी पोस्ट ही हटा दी जाती है | बेचारे बाद में आये पाठको को पता ही नहीं चलता की क्या कहा गया किसने क्या क्या कहा बेचारे मन मसोस कर रह जाते है की एक मजेदार धमाकेदार जानदार और जितने भी दार वाली पोस्ट और टिप्पणी को पढ़ने से वंचित रह गए | तो ये अखबार ऐसी पोस्टो को संभाल कर रखेगा एक एक टिप्पणी सहित | ब्रेकिंग न्यूज फलाने की हटाई गई विवादित टिप्पणी और पोस्ट पूरी की पूरी एक्सक्लूसिव पोस्ट हमारे पास है | बच्चे, महिलाओ और सभ्य, परिवार वाले शाकाहारियो के लिए रात ११ के पहले फ़िल्टर वर्जन बीप के साथ पढ़े और ज्यादा मनोरंजन चाहने वाले मासाहार पसंद करने वालो के लिए रात ११ के बाद पूरी पोस्ट और टिप्पणी लेकिन अपने रिस्क पर पढ़े |
फिर कुछ लोगों को ये चिंता रहेगी की यहाँ भी गुटबाजी होगी अपने लोगों को अखबार में ज्यादा जगह दी जाएगी | तो फिर उसके जवाब में कुछ और नए अखबार निकलेंगे प्रतियोगिता बढ़ेगी ज्यादा से ज्यादा ब्लोगों को अपने अखबार में जगह दे कर पाठक अपनी तरफ खीचा जायेगा और हम ब्लोगरो की बल्ले बल्ले हो जाएगी | फिर तो किसी के आगे हाथ पैर नहीं जोड़ने पड़ेंगे की भईया ब्लॉग अग्रीगेटर चालू करो चालू करो | अखबार होगा तो विज्ञापन भी मिलेगा और कमाई भी होगी फिर ना कोई बस ऐवे ही एक दिन सब बंद बूंद कर चल देगा |
अब रही बात की खबर लाने के लिए रिपोर्टर कहा से आयेंगे सारे ब्लोगों पर नजर रखेगा कौन तो मुझे नहीं लगता है की अखबार निकालने वालो को संवाददाता की कमी होगी अरे भाई हर ब्लोगर खुद रिपोर्टर होगा और अपनी खबरे खुद अख़बार मालिक तक पहुचायेगा जितनी मजेदार, धमाकेदार, झन्नाटेदार ब्लॉग होगा उसे ज्यादा जगह मिलेगी | कम से कम ब्लॉग जगत से थोड़ी नीरसता चली जाएगी जो कुछ कुछ समय बाद वापस आ जाती है ना कोई ढंग का विवाद ना कोई बहस ना कोई ढंग का झगडा और सबसे बुरी बात काफी समय से कोई ढंग का लफडा भी नहीं सुना | ब्लॉग अखबार इस बोझिलता नीरसता को दूर करेगी |
बोलिये आप का क्या ख्याल है |
waah...tab to maza aa jayega...mera naam bhi chhap jayega isi bahane...waise bikri bhi achhi khasi hogi...:) to kab shuru kar rahi hain ???
ReplyDeleteha ha ha...
हम आपसे पूरी तरह से सहमत हैं !
ReplyDeleteआइडिया तो कबीले गौर है :)
ReplyDeleteकबीले को काबिले पढ़ा जाये ....सॉरी .
ReplyDeleteबहुत सख्त जरूरत है
ReplyDeleteआपने सुझाया है
आप ही अमली जामा पहनाइये
आप ही संपादक और प्रकाशक बन जाइये
विज्ञापन भी आप और फाइनेंसर भी जिम्मेदारी आपकी
हम तो पढ़ने को रोज ही तैयार मिलेंगे
और हां
अंशुमाला जी
देरी काहे
की
गया साल
आया साल
एक जनवरी से ही शुरू कर दीजिए
ब्लॉग अखबार हिन्दी का
प्याजो की जवानी
को मत भूलिएगा
nice
ReplyDeletehttp://loksangharsha.blogspot.com/2010/12/blog-post_170.html
ख्याल एकदम नेक है जी।
ReplyDeleteएक कहावत है "जो बोले वो ही कुंडी खोले।" खोलो अब कुंडी आप, शुरू करो अखबार। हमारी शुभकामनायें आपके साथ हैं। एक ब्लैकमेलर की रिपोर्ट हम भी भेजेंगे:))
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ReplyDelete.
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अंशुमाला जी,
अखबार तो नहीं परंतु ऐसी एक ब्लॉग-जीन (ब्लॉग मैगजीन) तो बनी थी पर २००८ से अपडेट नहीं हो रही...
'इन(in)' थिंग्स पर और गॉसिप पर अनियमित पोस्ट तो आप भी डाल ही सकती हैं अच्छा आइडिया है...
मैंने एक बार कुछ ऐसा ही किया भी था... देखियेगा...
...
बढ़िया व्यंग ....कब शुरू हो रहा है ?
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ReplyDeleteशुभकामनायें !
ReplyDeleteआईडिया बुरा नहीं है
ReplyDeleteबडा ही नेक ख्याल है जी...
ReplyDeleteनूतन वर्ष आपके लिये शुभ और मंगलमय हो...
अमली जामा तो पहनाया जा सकता है। बस जरा कोशिश करनी होगी और सबको आगे आना होगा। पर जरा कोई सीरियस भी तो हो।
ReplyDeleteहमारीवाणी इस तरह के प्रयास पर काफी दिनों से काम कर रहा है, ब्लॉग पत्रिका के प्रिंट तथा ऑनलाइन संस्करण पर कार्य चल रहा है. ऑनलाइन संस्करण (जो की अभी डिजाईनिंग के चरण में है) के लिए यहाँ चटका (click) लगा कर देख सकते हैं.
ReplyDeleteई-पत्रिका हमारीवाणी
http://news.hamarivani.com
गहन शोधपूर्ण प्रॉजेक्ट रिपोर्ट है,इसे प्रारम्भ कर ही दिजिए।
ReplyDeleteआपका यह श्रम व्यर्थ न जाए।
अधीरता से प्रतिक्षा रहेगी,'समचारो' की।
शुभेच्छा।
:) अच्छा रहा व्यंग...
ReplyDeleteवैसे शुरू जब हो तो मुझे इन्फोर्म करना नहीं भूलें :) :)
kya gahan soch hai aapki..........:)
ReplyDeletelage haatho sach me shuru kar hi dijiye...
sayad kabhi hamra photu bhi chhap jaye...aur akbaar me naam ka jo soch man me daba kar rakhe hain, wo purn ho jaye...:D
jaldi kariye na...
aur haan hame ek sticker de dijiyega bike pe lagane ke liye, jaise chhutbhaiye patrakar lagate hain PRESS....waise hai ham bhi lagayenge BLOGGER..........:d
wish you a happiest new year...........mam.!!
ReplyDeleteआप की बात में दम तो है...बिल्ली की गले में घंटी बांधेगा कौन?
ReplyDeleteनीरज
करिये... शुरू करिये... हम आपके साथ हैं.
ReplyDeleteकंसेप्ट तो तैयार है....बस अब नियुक्ति शुरू करें...प्रधान सम्पादक का पद तो आप ही संभालें...
ReplyDeleteबल्कि नेक्स्ट पोस्ट में बाकायदा अलग-अलग पदों के लिए विज्ञापन निकाल दें...देखिए कितने ही अभिच्छु हाज़िर हो जाएंगे..अर्जी लिए..एकदम हिट आइडिया है.:)
rashmi wrote all that i wanted to write
ReplyDeletestart it any tech help i am there !!!!!!!!!!!!
फाइनांस की कोनो चिंता न कीजै
ReplyDeleteसतीशवाणी है न
@ शेखर जी
ReplyDeleteअब क्या पता बड़का बड़का ब्लोगर के नाम छपने के बाद हम लोग जैसे नयके ब्लोगरो के लिए जगह होगी की नही और मैने कब कहा की मै प्रकाशित करने वाली हु मै तो बस लोगों के दिमाग में आइडिया डाल रही हु |
@ सुरेश जी
धन्यवाद | अख़बार में एक कार्टूनिस्ट की भी जरुरत होती है आप को तो एक और काम भी मिल जायेगा |
@ शिखा जी
देखते है की किसने ज्यादा गौर से बढ़ा |
@ अविनाश जी
ये मेरे बस की बात नहीं है मुझे तो ब्लोगिंग में आये अभी साल भी नहीं हुआ | मै तो खुद आप लोगों की तरफ ही देख रही हु | प्याजो की जवानी तो पढ़ ली बोलिये अखबार पढ़ने कब आऊ |
@ सुमन जी
ReplyDeleteधन्यवाद |
@ संजय जी
लो जी गांव बसा नहीं लुटेरे पहले ही आ गये , ये कहावत आप के ही ब्लॉग पर पढ़ा था | ब्लैकमेलर पर कोई रिपोर्ट बना कर कही रखी है तो संभल जाइये, मुझे तो भविष्य दिख रहा है कलमाड़ी की घर की तरह आप के कंप्यूटर पर wife श्री की रेड पड़ी और कलमाड़ी की तरह ही ब्लैकमेलिंग की सीडी और पत्र की तरह आप की रिपोर्ट भी हाथ आ गया सीधा रेडीमेड सबूत ज्यादा जाँच पड़ताल की जरूरत नहीं कलमाड़ी को पर आपकी तो दी गई एक एक टिप्पणी की जाँच होगी | फिर क्या शिकारी खुद यहाँ शिकार हो गया | फिर देते रहिएगा वैफ को सफाई उम्र भर अब ये ना कहियेगा की देखी जाएगी क्योकि फिर उसके बाद देखने के लिए कुछ बचेगा ही नहीं :))))
@ प्रवीण जी
यही तो परेशानी है शुरू तो होता है पर बंद होते भी ज्यादा समय नहीं लगता है | गॉसिप वाली पोस्ट और मै काहे ओखली में मेरा सर डलवा रहे है आप की गॉसिप वाली पोस्ट पढ़ चुकी हु आप मुझसे अच्छा ये काम कर सकते है और सच कहु तो आप की ये पोस्ट ही मेरे ध्यान में थी जब मैंने रात ११ बजे के बाद वाली लाईन लिखी थी | पहली बार हिन्दीवाली गलियों को कही साफ लिखा हुआ पढ़ा था |
@ संगीता जी
धन्यवाद |
@ सतीश जी
ReplyDeleteधन्यवाद | पढ़ा अविनाश जी ने दूसरी टिप्पणी में क्या कहा है | हम लोग आप के जवाब का इंतजार करेंगे |
@ पाबला जी
धन्यवाद | पर कोई सुने तब तो काम बने |
@ सुशील जी
धन्यवाद | नया साल आप को भी मुबारक हो |
@ boletobindas जी
लो जी आप तो खुद अख़बार वाले है शुरू तो कीजिये मैंने तो पहले ही लिखा है रिपोर्टरों की कोई कमी नहीं होगी |
@ हमारीवाणी जी
बहुत बहुत धन्यवाद जी आप ने तो काम भी शुरू कर दिया हम सभी को उसका इंतजार होगा |
@ सुज्ञ जी
वही तो मै भी कह रही हु की मेरा श्रम बेकार ना जाये कोई तो काम शुरू करे |
आइडिया तो जबरदस्त है, क्या आप शुरू करने वाली हैं।
ReplyDelete---------
साइंस फिक्शन और परीकथा का समुच्चय।
क्या फलों में भी औषधीय गुण होता है?
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ReplyDeleteजाते हुए साल में इस धमाकेदार विचार के लिए बधाई। नए साल की शुभकामनाएं।
ReplyDeleteब्लाग एग्रीगेटर समाचार पत्र के समान ही हैं। लेकिन आपका व्यंग्य अच्छा है।
ReplyDeleteमुझे आपका व्यंग अच्छा लगा पर लोगों की टिप्पणियों से लगता है की ये एक गंभीर प्रयास है. अब आप ही बेहतर बता पाएंगी की आप इस अखबार को कितनी गंभीरता से ले रही हैं. मैं तो कहीं भी लुडक जाऊंगा थाली के बैगन की तरह.
ReplyDelete@ अभी जी
ReplyDeleteजैसे ही मुझे पता चलेगा आप को बता दुँगी |
@ मुकेश जी
लीजिये जी सब मेरे ही गले में घंटी क्यों बांधे जा रहे है | हा ये अपनी गाड़ी पर प्रेस लिखने वाला आईडिया तो आप ने खूब बताया अब तो हम भी उतावले हो रहे है अपनी कार पर प्रेस लिखने के लिए | आप को भी नए साल की शुभकामनाये |
@ नीरज जी
धन्यवाद | लोग मेरे गले में बांध रहे है और मै दूसरा गला ढूंढ़ रही हु |
@ મલખાન સિંહ जी
साथ देने के लिए धन्यवाद |
@ रश्मि जी
मै तो प्रधान संपादक का पद आप को देने के लिए तन मन से तैयार हु बोलिये पदभार कब से ग्रहण कर रही है बाकि नियुक्तिया आप के जिम्मे |
@ रचना जी
बच्ची की जान लेने का इरादा है क्या इतना मुसर सर पर पड़ेगा की खुद क चेहरा और नाम भी याद नहीं रहेगा |
@ अविनाश जी
ReplyDeleteसही कहा, खबर पहुचाइए उन तक |
@ रजनीश जी
आप सच में पूछ रहे है |
@ राजेश जी
विशेष धन्यवाद | आज भी कोई मुझे मजाक में ही सही पत्रकार कह देता है तो ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहता है |
@ अजित जी
एग्रीगेटर में चटखारेदार मजेदार रिपोर्ट तो नहीं होती ना असली मजा तो उसी में है |
@ दीप जी
एग्रीगेटरो का और ब्लॉग के इतिहास भूगोल लिखने का दावा करने वाली पोस्टो का क्या हर्स होता है आप ने नहीं देखा है क्या | उसे देखते हुए तो ब्लॉग अख़बार ओखली में सर देने जैसा होगा | किन्तु प्रोफेशनल लोगों की कमी नहीं है
जिनका हर काम बहुत ही सीधा और सपाट होता है ,जिस दिन इस धंधे में पैसा आ जायेगा उस दिन ये मुश्किल काम नहीं होगा | बस उस दिन का इंतजार कीजिये |
अंशुमाला जी,
ReplyDeleteइस पोस्ट पर तो ब्लोगर लोगों के ही सुझाव आने चाहिये थे सो हम जान बूझकर चुप रहे हमको तो आप अखबार का नाम फाइनल हो तो खबर कर दीजिएगा चाहे तो नाम मे 'खबर हर कीमत पर'टाईप का कोई पुछल्ला जोड सकते है .अलग ही असर पडता है(लीजिए मैं तो सुझाव देने लगा).बहरहाल
आपको व आपके सभी पाठकों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाऐं
आपकी भाषा देख कर हम तो एकदम खुश हो गए...:) अपनी बोली वार्तालाप में एक अलग मिठास और अपनापन जोड़ देती है...
ReplyDeleteवैसे आप हैं कहाँ की ???
अरे हाँ, एकदम दिमागे से उतर गया था...:)
ReplyDeleteऔर जिन्हें जहर बुझा तीर लगता है तो लगे हमें क्या...:)
आप को सपरिवार नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं .
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