August 23, 2020

काबलियत ही आगे बढ़ायेगी --------mangopeople


                                  बिटिया कोई  छः सात साल  की रही होंगी , उनके स्कूल  के एक कार्यक्रम में उन्हें मराठी डांस के लिए चुन लिया गया |  अभी तक वो स्कूल के  कार्यक्रमों में कुछ बोलने के लिए ही भाग लेती पहली बार शौक में डांस में भाग ले रही थी | हफ्ते भर बाद एक दिन घर आ कर बोली आज वाइस प्रिंसपल हमारे डांस की प्रेक्टिस  देखने आयी थी और मुझे देख कर बोली कितनी क्यूट गर्ल हैं इसे पीछे क्यों खड़ा किया हैं इसे आगे खड़ा करों | 


                                ये बता वो बहुत खुश थी लेकिन मुझे अजीब लगा क्योकि मैंने देख और सुन रखा था डांस में लोगों की क्यूटनेस को ज़रा भी भाव नहीं दिया जाता जो सबसे अच्छा डांस करता हैं सबसे आगे वही होता हैं | वो  एक प्रसिद्द  मराठी गाने पर डांस करने वाली थी मैंने तुरंत गूगल से सर्च कर उस गाने को लगा उन्हें अपना डांस दिखाने के लिए कहा | उनका डांस देख हमने तो अपना माथा ही ठोक लिया वो डांस के नाम पर पीटी कर रही थी | खैर उस दिन से हमने उनके डांस में थोड़ा सुधार करवाना शुरू  कर दिया और डांस में थोड़ा लचक लाने का प्रयास   किया | कार्यक्रम के दिन सभी टीचर ने भी कहा कि उन्होंने थोड़ा बेहतर डांस किया था उससे जो वो स्कूल में सीख रही थी | 


                              कई साल बीत गये और फिर एक  बार उन्होंने स्कूल के वार्षिक सामारोह में भाग लिया | कार्यक्रम बड़ा होता हैं इसलिए बाहर से कोरियोग्राफर भुलाया गया था कुछ आठ दस युवा लडके लड़कियां थे | थीम डिस्को था और ये लोग जिस गाने पर डांस करने वाले थे वो सैटरडे नाईट फीवर  का था | हमने पूछा किस लाइन में हो डांस के ,तो बोलती हैं तीसरी | हमने उन्हें फिर डांस दिखाने के लिए कहा इस बार भी उन्होंने डांस के नाम   पर पीटी ही दिखाया | 


                             असल में वार्षिक समारोह में बहुत कम बच्चे ही भाग लेते हैं क्योकि स्कूल के बाद भी रुकना पड़ता हैं और  क्लास पढाई छोड़ भी प्रैक्टिस करनी पड़ती हैं  | इसलिए जिन बच्चों ने भी भाग लेने की हामी भरी उन्हें ही  लेना पड़ता हैं | हमने सोचा कोरियोग्राफर पर हजारों रूपये खर्च किये हैं ड्रेस पर भी सैकड़ो रुपये खर्च हो रहें हैं और दो तीन मिनट के डांस में हमारी छुटकी सी बिटिया तीसरी लाइन में रहीं तो हमें दिखायी भी नहीं देंगी | उस दिन से उनकी घर पर भी प्रेक्टिस शुरू करवाई और वो तीसरी से किसी तरह दूसरी लाइन में ही आ पायी | खैर कार्यक्रम बहुत अच्छा  था और दूसरी लाईन में भी हमने कहा चलो पैसे वसूल हुये  | 


                          असल जीवन में भी हमें बहुत लोग मिलते हैं जो क्यूटनेस , सुंदरता , सरनेम , पहुँच , किसके बेटा/बेटी हो आदि से प्रभावित हो कर लोगों को मौका दे देंतें हैं , किसी क्षेत्र आदि में प्रवेश करना आसान बना देते हैं , संघर्ष को कम या ख़त्म कर देते हैं | लेकिन जब जीवन में प्रोफेशनल लोगों से पाला पड़ता हैं तो योग्यता ही देखी जाती हैं , बाकी सब धरा रह जाता हैं | अपने काम में आगे बढ़ते रहने के लिए , सफलता की नयी ऊचाँइयाँ छूने के लिए टिके रहने के लिए काबलियत ही काम आती हैं और कुछ नहीं चलता | संभव हो जितनी  योग्यता अपने बच्चो को दे सकते हैं वो उन्हें बचपन से दीजिये | जीवन में शॉर्टकट और गलत लोगों का साथ से मिली सफलता ज्यादा लंबी नहीं होती | 

#क्याबनोगीबिटिया 

1 comment: