August 26, 2020

मास्क अब जीवन का हिस्सा हैं -------mangopeople

                                   दुनियां और देश के बाकि हिस्सों का हाल मार्च में जो भी था लेकिन मुंबई में मास्क की कमी कभी नहीं रही | मार्च में यहाँ फुटपाथों पर 30 ,50 , १०० रुपये तक के मास्क के ढेर लगे थे , अब भी लगे हैं |  वो अलग बात हैं कि वो थ्री लेयर नहीं थे  और  जरुरत के मुताबिक भी ,  लेकिन मास्क थे | इसलिए कोई कम से कम तब और अब मास्क ना मिलने का बहाना मार कर मास्क पहनने से इंकार नहीं कर सकता हैं | | 


                                   सड़क वाले मास्क के साथ समस्या ये हैं कि एक तो केवल एक लेयर का हैं , दूसरे कई जगह कपड़ा होजरी का हैं जो जल्दी पानी सोख दूसरी तरफ पहुंचा देता हैं | कई मास्क का साइज इतना छोटा हैं कि वो दोनों होठो और नाक के दोनों छेदों को एक साथ मुश्किल से ढँक पा रहा हैं ,  ऐसे मास्क किसी काम के नहीं हैं | कुछ मास्क बाहर से सिलाई कर चोंच की तरह  ऐसा आकार दे  हैं कि वो चेहरे  पर फिट नहीं बैठता और बोलने के समय बार बार नीचे गिर जाता हैं |  कुछ मास्क आयातकार कपड़ा  भर हैं उसमे चेहरे के बनावट के हिसाब से चुन्नट या आकार नहीं दिया गया हैं ,  नतीजा उन्हें बार बार सही जगह पर रखने के लिए हाथ लगाना पड़ता हैं | 

                                 हमारे पास हरा वाला तीन मास्क दस साल पुराना पड़ा था H1N1 के समय का |  उसके  घर में  होने की जानकारी भी हमें नहीं  थी ,  संजोग से पिछली दिवाली की  सफाई में दिखा और फिर भी उसे फेका नहीं | शायद भविष्य  दिख गया था कि इसकी जरुरत पड़ने वाली हैं ,  शुरू में तो उसने ही साथ दिया | 

                               लॉकडाउन  खुलने के बाद अब तो घर में दो बड़े ब्रांड के चार मास्क आ गये हैं ,  तीन वैन हुसैन का हैं और एक जॉकी का | जिसमे से तीन तो तीन लेयर का  हैं लेकिन एक दो लेयर का भी ले लिया था | शुरू में एक लेयर वाले हरे मास्क से भी  कभी कभी मेरी साँस फूलने लगती थी , लगा पता नहीं तीन लेयर वाला पहन भी पाऊँगी की नहीं | वो साँस फूलना शायद मास्क की आदत ना होने और ज्यादा समय तक चलना फिरना ना होने के बाद चलने से हुआ था , जो बाद में नहीं हुआ |  अच्छे ब्रांड  और लोकल में यही फर्क होता हैं कि उन्हें जरूरतों और परेशानियों को समझ कर बनाया जाता हैं | उनकी डिजाइन भी चेहरे के अनुसार होती हैं ,  सभी तरह के लोगों के  लिए फिट हो  और जिस तरह के सुरक्षा की जरुरत हो उसके हिसाब से बनाया जाता हैं | 

                               मास्क का बाजार आज कितना बड़ा बन चूका हैं इसका अंदाजा आप इस बात से ही लगा लीजिये कि अकेले वाइल्डक्राफ़्ट ने लगभग ढाई सौ करोड़ का बिजनेस  अभी तक कर लिया हैं | उसने आपदा को बिलकुल सही समय पर अवसर में बदल दिया | लॉकडाउन खुलने के बिलकुल पहले उसने ना केवल टीवी पर जोरदार विज्ञापन  देना शुरू किया बल्कि ये भी सुनिश्चित किया कि लोगों को हर जगह वो आसान से उपलब्ध हो | बाकि कंपनियों ने मास्क की तैयारी देर से की , विज्ञापन नहीं दिया और बाजार में लोगों को आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाया , नतीजा  पिछड़ गये | 

                              आप किसी मेडिकल स्टोर पर जाइये आपको जॉकी , वैन हुसैन , पीटर  इग्लैंड जैसे ब्रांड के मास्क कम और लोकल ज्यादा मिलेगें | रिटेलर दूकानदार को एक  एन 95  लोकल मास्क 85 से 90 रुपये में मिलते हैं जिसे वो दो से ढाई सौ से बेचता हैं ,  आप रिटेलर की मार्जिन  देखिये कितनी ज्यादा हैं | जबकि बड़े ब्रांड अपनी अकड़ में होते हैं वो अपने उत्पाद पर वैसे भी ज्यादा कमीशन नहीं देते लेकिन उपभोक्ता में  उन ब्रांड की मांग ज्यादा होती हैं तो दूकानदार को भी  उन उत्पाद को कम मार्जिन के बाद भी रखना होता हैं | मास्क में वो बात नहीं बनी , लोगों में ब्रांड को लेकर वो उत्साह नहीं था और बहुत  सारे लोगों को तो पता ही नहीं हैं कि ये कंपनियां भी मास्क बना रही हैं | इसलिए ये ब्रांड ऑनलाइन ही ज्यादा मिल रहें हैं क्योकि ज्यादातर दुकानदारों को उसमे ज्यादा फायदा नहीं मिल रहा और वो उन्हें रखने से ही इंकार कर दे रहें हैं | 

                             मैंने बहुत सारे लोगों को देखा जो एक बार प्रयोग करने के बाद फेक देने वाले नील मास्क को भी महीनो से बार बार पहन रहें हैं , बेकार हैं ऐसे मास्क | आप भी अगर किसी मास्क को ले रहें हैं तो एक बार ध्यान से उन पर लिखे निर्देशों को भी पढियेगा | उन पर उनको धोने के तरीके से लेकर कितनी बार उनका प्रयोग कर सकते हैं का भी निर्देश लिखा हुआ हैं | कोई भी मास्क अनंत काल तक पहनने के लिए नहीं बना हैं  , बार बार धोने से उनकी गुणवत्ता ख़राब होती जाती हैं और वो जरुरत के हिसाब से आपको सुरक्षा नहीं दे पाएंगे | इसलिए निर्देशों को ध्यान से पढ़ कर अपने मास्क को बदल दे | मुझे लगता हैं रोज काम पर जाने वालों को निश्चित रूप से अपने मास्क बदल देने चाहिए अब और बाकी लोग भी अपने मास्क चेक कर बदलना शुरू कर देना चाहिए | सभी को समझ लेना चाहिए कि मास्क अब हमारी जिंदगी का एक जरुरी हिस्सा बन चुका हैं और अभी लंबे समय तक ये हम सभी के जीवन में रहेगा तो अपने शॉपिंग लिस्ट में बार बार शामिल कर लीजिये | 



7 comments:

  1. आपकी लिखी  रचना  सोमवार 14  जून   2021 को साझा की गई है ,
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।संगीता स्वरूप 

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  2. उपयुक्त जानकारी देने हेतु साधुवाद

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  3. अछि जानकारी आदरणीय
    सादर

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  4. उपयोगी जानकारी

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  5. वाह!बहुत खूब!सही है मास्क अब जिंदगी का हिस्सा बन चुके हैं ।

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