यूजीसी इस साल से केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ग्रेजुएशन के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा शुरू करने वाला हैं | मेरी नजर में ये एक बहुत अच्छा कदम हैं | इससे बारहवीं में 99%नंबरों की बेतुकी होड़ ख़त्म होगी जो बहुत सारे बच्चो पर अनावश्यक दबाव डाल तनावों से भर देता था |
इसके साथ ही देशभर के विद्यार्थियों के साथ हो रहा भेदभाव ख़त्म होगा जो अलग अलग शिक्षा बोर्ड के कारण होता था | आप किसी यूपी बिहार राजस्थान आदि राज्य शिक्षा बोर्ड में पढ़ने वाले से उम्मीद ही नहीं कर सकते की वो बच्चे नब्बे प्रतिशत से ऊपर नंबर लायेंगे | मैरिट लिस्ट में आने वाले बच्चे भी शायद ही नब्बे प्रतिशत से ऊपर नंबर लाते हो |
आप सोचिये केंद्रीय बोर्ड में पढ़ने वाले उन बच्चो से जिनके पच्चीस तीस प्रतिशत बच्चे नब्बे प्रतिशत से ऊपर 99.96 प्रतिशत तक नंबर लाते हैं , उनका मुकाबला राज्य शिक्षा बोर्ड वाले आम बच्चे कर क्या कर पाएंगे | ये सारे बच्चे अपने पसंद के विषय और विश्वविद्यालय में कभी प्रवेश नहीं ले पाते थे | राज्य और केंद्रीय शिक्षा बोर्ड के परीक्षा और नंबर देने का पैटर्न बहुत अलग था और यही भेदभाव का कारण था |
अब सभी विद्यार्थियों का कम से कम एक पैटर्न में परीक्षा देने और अपने पसंद का विषय तथा विश्वविद्याय चुनने का बरबरी का मौका मिलेगा |
वैसे बता दूँ बीएचयू हमेशा से अपने सभी कोर्स में प्रवेश के लिए खुद प्रवेश परीक्षा लेते आया हैं | पहले उससे जुड़े दो ग्रेजुएशन कॉलेज मैरिट से और एक खुद का प्रवेश परीक्षा लेते थे | जिसमे बहुत तरह की गड़बड़ियां की जाती इसी को देखते बीएचयू ने खुद से जुड़े सभी कॉलेज में प्रवेश भी अपने इंट्रेंस एग्जाम से देने लगा |
देश के बाकि के कॉलेज से भी समय समय पर एडमिशन में गड़बड़ी की शिकायत आती रहती हैं कि मैरिट के नाम पर 99 प्रतिशत से कम वालों को प्रवेश शुरू में नहीं दिया जाता लेकिन बाद में कोटा डोनेशन या जैसे भी उससे कम मैरिट वालों को प्रवेश दिया गया |
वैसे इसमें बारहवीं को बिलकुल नजर अंदाजा नहीं किया गया हैं जैसे ( हमारे समय में ) बीएचयू में बारहवीं में पैंतालीस प्रतिशत से कम नंबर वाले प्रवेश परीक्षा नहीं दे सकते थे | इसी तरह यूजीसी अभी भी विश्ववियालयों को ये छूट देगी कि वो बारहवीं के लिए कोई प्रतिशत अपनी तरफ से तय कर ले |
बस देखना हैं कि इसमें भी केंद्रीय विश्वविद्यालय इतना ज्यादा कटऑफ ना तय कर दे बारहवीं के लिए कि फिर राज्यों के शिक्षा बोर्ड के बच्चे प्रवेश से वंचित रह जाए |
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