May 25, 2022

जनप्रतिनिधि की नजर में आम जनता

2008 मुंबई हमले में मेजर संदीप उन्नीकृष्णन शहीद हो गये थे | वो मूल रूप से केरल के रहने वाले थे | उनकी शहादत के कुछ दिन बाद जब केरल के मुख्यमंत्री और सीपीएम नेता वीएस अच्‍युतानंदन की उनके घर जा कर श्रद्धांजलि ना देने की आलोचना हुयी तब  वो अगले दिन उनके घर  पहुँच गए | 

अपने एकलौते पुत्र की शहादत से दुःखी  और नाराज मेजर संदीप के पिता उन्नीकृष्णन ने उनसे मिलने से इंकार कर दिया | इस पर सीपीएम नेता इतना तमतमाये की  भूल गए कि वो एक राज्य के मुख्यमंत्री भी हैं और एक शहीद के घर आये हैं | बाहर आ कर उन्होंने कहा  'अगर यह घर मेजर संदीप का घर न हेाता तो इस ओर एक कुत्‍ता भी नहीं आया होता।' 


इस बयान पर उनकी आलोचन भी हुयी लेकिन उन्होंने अपनी  गलती मानने के बजाये और अकड़ दिखाया और माफ़ी मांगने से इंकार कर दिया | जनप्रतिनिधि ऐसे ही आम आदमी को दो कौड़ी का समझता हैं जबकि वो उसी के वोट के बल पर वहां होता हैं जहाँ से वो अकड़ दिखा रहा होता हैं | 

पंचायत का दूसरा सीजन देखते ये किस्सा याद आ गया | 

 #पंचायत2 


1 comment:

  1. सही कहा। वोट तक हाथ जोड़ता है और वोट पाने पर गर्दन पकड़ लेता है।

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