May 29, 2022

हर मर्ज की दवा मम्मी

"  मम्मी बायो की बुक कहाँ हैं " 

"  वही  होगी जहाँ तुम रखी हो " 

" मेरे अलमारी में नहीं मिल रही " 

" मैं जरुरी काम कर रही हूँ | ठीक से देखो वही होगी " 

" बोल रही हूँ  ना  नहीं मिल रही हैं ज़रा सा आ कर देख नहीं सकती क्या " 

"  मैं आयी और  बुक वहीँ मिली मुझे ,  तो सोचके रखना फिर तुम "  

"  पापा तुम ही  थोड़ी हेल्प करो , एक बार देख लो ना कहीं हैं क्या "  

अंततः बाप बेटी दोनों को बुक वहां नहीं मिली और अपना जरुरी काम छोड़ मुझे उठना पड़ा और बुक एकदम सामने वही पर  मिल गयी | 

" पापा मुझे पता ही था कि मम्मी आयेगी और बुक उसे ही मिलेगी  " 

" बाबू तुमको पता था कि मम्मी को ही बुक मिलेगी तो बीच में मुझे  बुला कर क्यों फंसा दिया | अब लो तुम्हारे साथ मुझे भी सुनना पडेगा | बैकग्राउंड में मम्मी चालू थी 

" दोनों के दोनों अंधे हो | क्या मजाल की एक काम तुम लोग ठीक से कर लो | दो मिनट भी शांति से बैठने नहीं दे  सकते दोनों | तुम दोनों सुबह आंख खोलते ही हो ये टास्क  लेकर कि आज कैसे मुझे परेशान किया जाए | कैसे मुझे  शांति से कुछ करने ना दिया जाए ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला ब्ला -----


1 comment:

  1. घर -घर की कहानी । पता नहीं सब मुंह उठा कर शायद छत की ओर देखते हुए ढूंढते चीजें

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