कोरोना काल मे कोरोना वैक्सीन के साथ इतना बड़ा भ्रष्टाचार हो रहा था कि विश्वास करना मुश्किल हो गया | सरकारी के साथ ही नीजि अस्पतालों और ऑफिसेस में होने वाले वैक्सीनेशन सेंटर पर भी ये बड़ी मात्रा में हो रहा था |
जब वैक्सीन का पहला डोज लिया था तो उस समय ध्यान नहीं दिया और पूछा भी नहीं लेकिन दूसरा डोज लेने के बाद नर्स से इस बारे में पूछा तो वो अजीब सी नज़रों से मुझे देखने लगी |
मैंने कहाँ मैंने बिना रोये वैक्सीन लगवा हैं तो मेरा चॉकलेट कहाँ हैं | नर्स ने ना कोई जवाब दिया और ना चॉकलेट ही दिया | बचपन से देख रही हूँ , अपने नहीं बिटिया के बचपन से , कि वैक्सीन लगवाने के पहले डॉक्टर बोलती हैं रोना मत , अगर रोये नहीं तो चॉकलेट मिलेगी | जबकि उसके रोने के बाद भी चॉकलेट या कोई गिफ्ट जैसे महकने वाला इरेजर , स्टाइल्स पैंसिल अगैरा वगैरा मिल ही जाती थी उसे |
यहाँ तो हम जरा भी नहीं रोये और चॉकलेट पर भी मान जाने वाले थे लेकिन कुछ मिला नहीं मतलब नथिंग | कौन खा गया हमारे हिस्से की चॉकलेट , नेशन वांट टू नो | ना माया मिली ना राम , ना खुदा ही मिला ना विसाले ए सनम वाली हालत हो गयी अपनी | रोये भी नहीं और चॉकलेट भी ना मिली इससे अच्छा तो भुक्का फाड़ के रो ही लेते | दो चार दस तो जरूर वैक्सीन सेंटर से भाग जाते कसम से अगर रोना शुरू करती वैक्सीन लगते |
इस भ्रष्टाचार से इतने तंग आये की जब सरकार ने कहा तीसरा बूस्टर डोज लगवा लिजिए तो हमने कहा जब चॉकलेट मिलनी नही तो काहे लगवाये , सो जाने ही दिया ।
#फ्लैशबैक
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