June 23, 2022

जयपुरी चुनरी और लहरिया साड़ी

जब ब्याह हो रहा था तो फूफा जी की पोस्टिंग राजस्थान में थी | बुआ वहां  से कॉटन सिल्क का चुनरी प्रिंट का पीच कलर का एक सूट लायी थी मेरे लिए | उसका रंग डिजाइन और कपडे की सॉफ्टनेस इतनी अच्छी थी कि वो मेरी फेवरेट बनी | 


उसके ख़राब होने के बाद सोचा कभी राजस्थान गयी तो दो तीन ऐसे सूट ले आऊँगी | लेकिन जब सालों बाद जयपुर गयी तो छोटी सी बिटिया की तबियत ख़राब हो गयी , बाजार जाने का समय और हिम्मत ना हुआ |  उसके बाद जयपुर की लहरिया वाली चुन्नी भी  बड़ी पसंद आयी | 

चुनरी डिजाइन पहले से पसंद था तो सिल्क की दो दो साड़ियां थी शादी के समय की  | एक लाल चुनरी बनारस वाली जिसको पहनते बाप बेटी  जय माता दी बोलने लगते उस चक्कर में उसे छोड़ दिया  | दूसरी ससुराल से चढ़ी हरे आंचल वाली लाल चुनरी । जो  ससुराल वाली थी वो ज्यादा पहना भी नही और फट गयी | 


बीस साल की शादी में ब्याह  के बाद आजतक सिर्फ एक साड़ी खरीदी थी भाई की शादी में |  अब शादी वाली कई साड़ियां कटवा के सूट , लहंगा और गाउन बनवा लिया तो बहुत दिनों  से एक साड़ी और चुनरी वाला एक जयपुरी सूट सलवार खरीदने का सोच रही हूँ लेकिन खरीद ही नहीं पा रही हूँ | तो मन की इच्छा वही कही दबी पड़ी है । इसका कारण  ये भी है कि साड़ी  और  सूट बहुत  कम ही पहन रही हूँ  तो लगता है शौक मा खरीद  तो लू और एक दो बार  पहन भी लू लेकिन  उसके बाद  वो बस आलमारी मे बस ऐसे ही टंगी  रहेगी । 

1 comment:

  1. बीस साल में बस एक साड़ी खरीदी ....... बहुत नाइंसाफी है । वैसे तकरीबन अभी 20 साल में कोई साड़ी नहीं खरीदी ।

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