July 05, 2022

सोलह हजार पत्नियों से संभोग वाले कृष्ण


भरतनाट्य कॉलेज में पुणे से एक संस्कृत और पुराणों की जानकर हमें पुराणों के बारे में पढ़ाने आती थीं | वो और उनके पति पुणे आर्कियोलॉजिस्ट विभाग में काम करते थे | उन्होंने एक बात हमें कहीं कि इतिहास उसे कहतें हैं जिसमे पुस्तकों  में लिखे के साथ उससे जुड़े भौतिक प्रमाण  भी हमें मिले | 

धार्मिक ग्रंथो के कोई भौतिक प्रमाण हमें नहीं मिलते तो भी उसे बिलकुल ख़ारिज नहीं कर सकते हैं उन्हें साहित्य के नजर से देखा और पढ़ा जाना चाहिए | पुराना साहित्य हमे कभी कभी उस समय काल का   समाजिक , प्रशासनिक व्यवस्था और समाज में महिलाओं , सभी वर्गो आदि की क्या स्थिति थी उसमे बारे में बताते हैं | 


जब एक  ख़राब  नजरियें से  ये कहा जाता हैं कि कृष्ण की सोलह हजार पत्नियां थी या इतने स्त्रियों से उन्होंने संभोग किया था तो ये थोड़ा अजीब लगता हैं | जिन धार्मिक  ग्रंथो  में सोलह हजार रानियों का जिक्र हैं वहां उससे जुडी कथा भी हैं कि कैसे भौमासुर ने सोलह हजार राजकुमारियों का अपहरण करके रखा उनकी  बलि देने के लिए और कृष्ण ने उसका वध करके सभी को मुक्त किया था | 

चूँकि किसी  भी पुरुष , देव राक्षस द्वारा हरण की गयी स्त्री को  तब समाज स्वीकार नहीं करता था तो ऐसे समय में किसी स्त्री के पास दो ही रास्ते होते थे या तो हरण करने वाला या उससे बचाने वाला ही उससे विवाह कर ले या वो आत्महत्या कर ले | 

महाभारत में भीष्म द्वारा हरण की गयी अम्बा को जब भीष्म , विचित्रवीर्य और उनके प्रेमी शाल्व भी नहीं अपनाते तो वो आत्महत्या ही करती हैं क्योकि समाज में उनके लिए कोई जगह नहीं होती हैं | जिस समय काल में ये ग्रन्थ लिखे गए थे उस समय के लिए ये कोई बहुत अजीब बात नहीं थी | वैसे आज भी हम जिस समाज में रहते हैं वहां भी घर से भागी या भगायी या अपहरण का शिकार हुयी लड़कियों , स्त्रियों को वापस आने पर बहुत सम्मान से नहीं देखा जाता तो उस समय की बात ही क्या करें | 


कृष्ण का उन सोलह हजार स्त्रियों से विवाह सिर्फ उनके समाज द्वारा अपनाये जाने के लिए किया  था ना कि उन्हें अपनी पत्नी बना का उनसे संभोग करने और परिवार बनाने करने की इच्छा से किया गया कृत था  |  ये बिलकुल वैसा ही जैसे कृष्ण के रासलीला को एक गलत सोच नजरियें से लोग प्रयोग करते हैं |  मुझे नहीं पता कि किस ग्रन्थ में ये लिखा हैं कि कृष्ण अपनी सभी सोलह हजार से ज्यादा रानियों के साथ संबंध बनाये थे | 


एक लाख साठ  हजार से ज्यादा बच्चे भी उसी गलत जोड़ घटाने का परिणाम हैं | ग्रंथो में उनकी आठ पटरानियों के बारे में वर्णित हैं कि उन सभी को दस पुत्र और एक पुत्री हुयी | बस इसी बात को ग्यारह गुणा सोलह हजार करके इतने संतानो की कल्पना कर ली गयी हैं | 


सोलह हजार स्त्रियों से संभोग और एक लाख साठ हजार से ज्यादा बच्चे मतलब ये कुछ ज्यादा ही कल्पना की उड़ान नहीं हो गयी | ठीक हैं वो पुरुष नहीं महा पुरुष थे लेकिन फिर भी ऐसा कुछ बोलने से पहले सोचना चाहिए लोगों को |  पुरुषों  की  क्षमताओं को लेकर कुछ ज्यादा ही ऊँची उड़ान ले लेते लोग  या असल में ये उनकी फैंटेसी हैं | 

2 comments:

  1. जिसके दिमाग की जितनी सीमा, वो उतना ही सोच सकता है।

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  2. पुरुषों की क्षमताओं को लेकर कुछ ज्यादा ही ऊँची उड़ान ले लेते लोग या असल में ये उनकी फैंटेसी हैं |

    ये बात ज़ोरदार लगी ...... बाकी कथा से तो परिचित ही थे .

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