July 16, 2022

चश्मिश होने मे भी कोई खराबी नही है

सबसे पहले उन सभी की हर गाजर कड़वी निकले जिन्होंने मेरे गाजर के हलवे को नजर लगा हमें चश्मिश बनाया | 

 खैर चार पंडितो को कुंडली दिखाकर कुल छः पंडितो ने मुहर्त निकाला तो  जा कर हमारे चश्मा का गृह प्रवेश हुआ |   दूकान  में जा कर हमने साफ़ कहा जो सबसे सस्ता हैं वो दिखाओ | रीडिंग चश्मा हैं उसे नाक पर पहनना हैं  तो महंगा ले कर क्या फायदा | छः सौ रुपये का  पहला ही चश्मा हमें दाम देखते पसंद आ गया | 


पतिदेव ने कहा दूसरा भी देख लो हो सकता हैं दूसरा  ज्यादा अच्छा लगे | हमने कहा दूसरा देख कर क्या फायदा नाक पर पड़ा चश्मा कैसा भी हो वो कार्टून ही बनायेगा | ज्यादा पैसा दे कर कार्टून बनने की  क्या जरूरत हैं  | तो बोले प्रोग्रेसिव  वाला ले लो ठीक से पहन पाओगी और अच्छा भी लगेगा | पता चला वो चश्मा तो  तीन हजार से ऊपर का हैं | 


 हमने कहा ऐसा हैं कि दिखने में  अच्छा तो हमें आज तक पार्लर भी ना बना सके ये चश्मा क्या बनायेगा तो जाने दो  | बोले एक बार ट्राई तो करो | हमने कहा हमें पता हैं वो आँखों तक गया तो इस सस्ते वाले से अच्छा ही दिखेगा , इतना अच्छा दिखेगा कि ये सस्ता वाला  उसके सामने इतना बुरा दिखेगा कि लेने का मन ही नहीं करेगा | फालतू में ट्राई करने के चक्कर में ढाई तीन हजार और  खर्चा हो जायेगा | 


खैर नया नया आया चश्मा बहुत इज्जत पा रहा हैं | बाद में तो वो भी  यहाँ वहां फेका और फिर जरुरत पड़ने पर खोजा जायेगा |हो सकता है भविष्य  मे वो चुटकुला भी दोहराये जिसमे लोग चश्मा सर पर रख यहां वहां खोजते है । 

वैसे तो चश्मे वाले ने कहा  की लगातार  पहनेगी तो एक दिन इसकी जरूरत  नही होगी नंबर  ठीक  हो जाता है । आम लोग  ये कह डराते है कि एक बार  चश्मा पहनना शुरू किया तो वो कभी नही उतरता उलटा नंबर  बढ़ जायेगा।  


सच इन दोनो के बीच  है । चश्मा लगने के बाद  वो कभी नही उतरता । यदि बढ़ते आयु के कारण  लगा है तब  तो कतई नही । लगातार  लगाने से नंबर  जल्दी नही बढ़ता और उसे लगाने से इतना आराम मिलता है सुविधाजनक लगता है कुछ  पढ़ना की व्यक्ति खुद  ही नही छोड़न  चाहता उसे । 

4 comments:

  1. फिर तो चश्मा लगाए रहिये और पढ़ते रहिये ।
    वैसे गाजर के हलवे से इसका क्या कनेक्शन है ?

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    1. गाजर मे विटामिन ए होता है जो आँखो के लिए अच्छा है 😄

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  2. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (17-7-22}
    को बादलों कीआँख-मिचौली"(चर्चा अंक 4493)
    पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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    कामिनी सिन्हा

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  3. यह चश्मा प्रकरण बढ़िया लगा! सादर।

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