July 12, 2022

पेट्रोल के दाम और किस किस से तुलना

पेट्रोल डिजल के बढ़ते दामो का सरकार  समर्थको ने उसका बचाव करते किन किन चीजो से उसकी तुलना की उस पर मेरी एक टिप्पणी । 

किसी ने कहा सौ के ऊपर  हो चुका पेट्रोल और  डीजल की औकात मल्टीप्लेक्स मे मिलने वाले दो ,  ढाई सौ  के पॉपकॉर्न से कम हैं | 

सही हैं भैय्या की पॉपकॉर्न की कीमत पेट्रोलिम पदार्थो से ज्यादा हैं लेकिन उसकी इतनी औकात नहीं हैं कि वो अपने साथ साथ फल साग सब्जी अनाज दूध आदि सबके माल ढुलाई का  दाम बढ़ा कर  महंगाई बढ़ा दे | बहुत हुआ तो वो बस अपना दाम बढ़ा कर खुद को ख़रीदे जाने वाले की जेब ढीली करावा दे | लेकिन पेट्रोलियम पदार्थ तो उसे  ना खरीदने वाले के भी जेब हलकी करवा दे रहा हैं |  पेट्रोल डीजल अपने साथ साथ सबके दाम पर प्रभाव डालने की औकात रखते हैं | 


पॉपकॉर्न तो भाई जिसकी मर्जी वो ख़रीदे , नहीं तो हमारे जैसे बिना उसके फिल्म देखे । वैसे भी  थियेटर में  कौन रोज जा रहा हैं | लेकिन पेट्रोल तो ना चाहते भी रोज भरवाना पड़ता,  काहे की पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद हैं या कोरोना के डर से उसमे सफर की हिम्मत नहीं हैं | जो घर बैठे काम कर रहा वो भी महंगा राशन खरीद उसकी बढती  कीमत का हिस्सा अदा कर रहा | तो ऐसा हैं कि पेट्रोलियम पदार्थो और पॉपकॉर्न के बीच औकात का कोई मुकाबला ही नहीं हैं | 

कोई बोला इतने सालों में जमीन शेयर और सोना का भी भाव इतना बढ़ा तो कोई समस्या नहीं तो  पेट्रोल डीजल  का दाम बढ़ने पर इतना शोर काहें | भाई कितने लोग की हैसियत हैं जो शेयर , जमीन या सोना में निवेश करते हैं | जो निवेश करते उनको वैसे भी पेट्रोल के बढे दाम से ज्यादा फर्क  नहीं पड़ रहा | लेकिन जिन्होंने निवेश ना किया उन्हें बढ़ती महंगाई से फर्क पड़ रहा हैं | अब क्या चाह रहे हो कि लोग  घर में गहनों के रूप में रखा सोना बेच बढे दाम का फायदा उठाये और उस पैसे से घर चलाये | वैसे बता दूँ संपत्ति का भाव दो साल से बढ़ा नहीं घटा ही हैं और इन सब का पिछले कुछ साल उतने  प्रतिशत दाम नहीं बढ़ा हैं जितना प्रतिशत  पेट्रोल डीजल के भाव बढ़ा हैं | 


एक जने तो महानता की सारी पराकाष्ठा पार कर कह दिये  कि एक सौ बीस या डेढ़ सौ रूपया का कंडोम बिकता हैं किसी को परशानी ना हैं काहे कि उसका विज्ञापन  सनी लियोनी करती हैं | तो मुकेश भाई को पेट्रोल का विज्ञापन भी उन्ही से करवाना चाहिए लोगों को आपत्ति ना होगी महंगा पेट्रोल खरीद लेंगे | 

सबसे पहले कंडोम वाले भैय्या धन्यवाद हमारी तरफ से कि ब्याह के बीस साल होने जा रहें और हमें अब पता चला की घर में आ रही एक चीज का  हमे कोई हिसाब किताब ना पता  हैं | अब पूछताछ किये तो सारा हिसाब किताब पता चल गया  | 

बस हमारे पतिदेव से बच कर रहे पता नहीं काहे वो हिसाब किताब लेने पर हत्थे से उखड पूछने लगे पहले नाम पता बताओ उस आदमी का जो इस तरह का बकवास करने की क्षमता रखता हैं | हमने कहा का करोगे उसके वो हाथ काट दोगे जिससे ये बकवास लिखा । तो बोलते हैं ये सब लिखने वाले के हाथ नहीं गर्दन काट दिए जाते हैं देवसेना ,  जय माहेष्मती !  


तो  ऐसा हैं देख लो कंडोम वाले भैय्या की तुमको क्या करना हैं | काहे की ठीक से हिसाब किताब लगाने के लिए हम बाकी  के  लोगों के कंडोम खर्च की भी जानकारी लेनी होगी और जो बहुतों की पत्नियां इस खर्चे का हिसाब किताब अपने पतियों से लेने लगी तो हो सकता हैं पूरी बाहुबलियों की  सेना तुम्हारे खोजबीन में लग जाए और ये तुम्हारी आखिरी बकवास साबित हो जाए | 


लोगों को तुम्हारे पुरुष होने पर शक हैं उनके हिसाब से कोई पुरुष कितना भी बकवास करे लेकिन इस स्तर की तुलना ना करेगा , कोई तो समस्या हैं तुमको  |  या फिर तुम बहुत बड़े दिलजले हो जो सबके घर में आग लगाने पर तुला हैं | या ब्रम्हचारी होंगे , या परंपरावादी जो इसका उपयोग ना करता , वरना इन दोनों की खर्चो की तुलना करना  , मतलब अब क्या कहें | 


फिर भी मोटा मोटी सामान्य ज्ञान ,  विज्ञान ,सामाजिक विज्ञान ,पुरुष की क्षमता , जनसँख्या आदि इत्यादि सबका जोड़ घटा गुणा भाग करे तो भी डेढ़ सौ का डेढ़ लीटर पेट्रोल एक दिन में भी खर्च हो सकता हैं और दो या चार दिन में भी खर्च हो सकता हैं  | डेढ़ सौ का दस कंडोम एक दो या चार दिनमे खर्च ----------   देख लो सब कोई अपना अपना इस पर हमसे कुछ ना कहा जा रहा | 

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