February 13, 2017

समझदार ढक्कन का वेल एंड टाईन डे ------mangopeople




                                       शादी के बाद पहला वेल एंड टाईन दिन आने वाला था । इस दिन के बारे में जानकारी तो शादी के दो साल पहले हो गई थी | लगा कुछ दिया नहीं तो पतिदेव क्या सोचेंगे सगाई के बाद भी पड़ा था तो मुझे गिफ्ट कुरियर किया था मुझे भी कुछ करना चाहिए । पर तब तक शहर के बारे में ज्यादा पता नहीं था और नेट का ज़माना नहीं था । पहले निचे फूल वाले के पास गई और उससे कहा सुबह एक गुलदस्ता दे दोगे उसने साफ इनकार कर दिया महंगा वाला बोल दिया , भेजने का और पैसे दे दूंगी बोल दिया फिर भी नहीं माना । घर ले के नहीं जा सकती थी उस समय रेंट पर छोटे से घर में रहते थे और घर में सिर्फ जरुरत की चीजे ही होती थी छुपाने के लिए कोई जगह ही नहीं थी । मन मसोस कर एक चॉकलेट खरीद चले आये । 

                                      सुबह उठ कर बाहर निकली तो देखा पड़ोसन के गमले में सुर्ख लाल गुलाब हवा में डोल रहा था , मुस्कुरा कर उसे तोड़ने की इजाजत मांगी , बड़ी समझदार थी तुरंत बोला हा हा ले जाओ । चलो एक फ्री का गुलाब और चॉकलेट का इंतजाम हो गया । पतिदेव फ्रेस हो कर सीधा किचन में आये रोज की तरह हमने भी गुलाब और चॉकलेट दे विश कर दिया और साथ में फूल वाले ने गुलदस्ता नहीं भेजा इसका दुखड़ा भी रो दिया । कही पति ये न समझे की बड़ी कंजूस बीबी है इत्ते में ही काम चला लिया । जबकि ये सब देख सुन उनके चेहरे की हवाइयां कुछ उडी लगी । हम भी समझदार थे झट समझ लिया बेचारे मेरे लिए कुछ नहीं लाये सो परेशान है । विवाह नया नया हो और हनीमून पीरियड चालू हो तो दोनों को एक दूसरे की परेशानी अपनी लगती है और प्रयास एक दूसरे को कंफर्टेबल करने की होती है । सो हमने भी एक बार भी जिक्र नहीं किया तुम क्या लाये एक दम सामान्य रही । नास्ते के बाद बॉस का फोन आ गया मीटिंग में कब आ रहे हो तो बोल दिया सर इधर रोड पर कुछ हो गया है रोड ब्लॉक कर दिया है आने जाने का मुझे आने में थोड़ा देर होगा सर और हम पीछे खड़े मुस्कुरा रहे है ये क्या है । ओह ! शायद दिन भुलने और कुछ नहीं लाने की गलती को ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है और मेरे साथ कुछ और समय गुजारने के लिए बहाने मारे जा रहे है , हमने भी कहा चलो बढ़िया है । 

                                      लेकिन वो बतिया मुझसे रहे थे पर नज़रे घडी पर बार बार जा रह थी , हमने भी उनकी चिंता दूर की कोई बात नहीं ऑफिस जाओ शाम के कही चलेंगे । वो तैयार होने लगे तभी दरवाजे की घंटी बजी और मैं सोचने लगी इत्ती सुबह कौन आया है । दरवाजा खोलते ही खुश हो गई , सामने बंदा फूलो का गुलदस्ता लिए खड़ा था । मन ही मन सोचा अरे वाह फूल वाले ने आखिर फूल भेज ही दिए , लेकिन गड़बड़ हो गई ना पति को दरवाजा खोलना था , अब मुझे ही जा कर देना होगा । उसके जाने के बाद जैसे ही दरवाजा बंद किया तो फिर अफसोस हुआ अरे उसे तो मैंने कोई टिप ही नहीं दिया , फिर तुरंत ही दूसरा ख्याल आया अरे मैंने तो उसे कल गुलदस्ते के भी पैसे नहीं दिए थे , और फिर तुरंत ही ये ख्याल आया एक मिनट मैंने तो उसे अपने घर का पता भी नहीं दिया था । तब जा कर ढक्कन दिमाग की बत्ती जली ओह ये तो टू मी फ्रॉम वो है :) और तभी वो धीरे से बैडरूम से झाँक कर बोले कौन था , मेरे हाथ में गुलदस्ता देख मुस्करा के बाहर आये और मैं स्वीट हार्ट, जानेमन , जानू , थैंक्यू जैसा कुछ नहीं कहा सीधा नाक फुला कर कहा ये फूल वाला कितना दुष्ट है मेरी नहीं सुनी उसने अभी निचे जाउंगी तो उसे चार सुनाती हूँ ।

                                    वो भी शुरू हो गये शांत रहो दो मिनट अच्छे से साँस लेने दो, जान हलक में अटकी थी कब से, अब जा कर शांति मिली । फिर बताया मैंने फूल के लिए कल ही बोल दिया था लेकिन देर से देने के लिए बोला था ताकि मेरे जाने के बाद तुम्हे मिले जब तुमने सुबह अपना किस्सा सुनाया तभी लगा फस गया मैं तो , अब अगर मैं घर से बाहर गया और गुलदस्ता बाद में आया तो तुम जिंदगी में कभी नहीं मानोगी की मुझे याद था और मैंने पहले ही फूलो के लिए बोला था । तुम्हे लगता तुम्हारी बात सुन कर मैंने फूल भेजे , इसलिए ऑफिस के लिए नहीं निकल रहा था सोच लिया था फूल आ जायेंगे तो ही निकलूंगा घर से । प्यार व्यार का पता नहीं पर इस पर हम दोनों हंसे बहुत देर तक थे ।

#अधूरीसीकहानी_अधूरेसेकिस्से

February 06, 2017

शर्मा जी बहुत शरीफ है -------mangopeople




                                                                शर्मा जी बहुत शरीफ , नेक इंसान है , पूरा मोहल्ला उनकी शराफत और नेकी का गवाही देगा । बस एक दाग था की उनके साथ उठने बैठने वालो में कुछ लंपट बुढऊ थे और कुछ मोहल्ले के जवान आवारा लौंडे । एक दिन शर्मा जी की जोशी जी से कहा सुनी हो गई शर्मा जी बहुत नाराज हो गये मन ही मन सोचा की इनकी तो हम एक दिन इज्जत उतारेंगे , कही मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहेंगे , वो भी बिना अपनी शराफत छोड़े । शर्मा जी ने एक शाम अपने घर बैठकी की उठने बैठने वाले लगभग सभी आये । शर्मा जी ने बात छेड़ी " जमाना बड़ा ख़राब हो गया है " सब ने हां में हां मिलाई और ज़माने को ख़राब होने पर लानत भेजी । बात और आगे बढ़ाते एक और लाइन जोड़ी "लड़कियों के लिए समाज सुरक्षित नहीं रहा " ज्यादातर ने उनकी हां में फिर हां मिलाई , और कुछ लड़कियों को समझाईश देने लगे तो कुछ युवाओ को ।
     
                                                               अब शर्मा जी उस तरफ मुड़ गये जिस तरफ लड़कियों को ही संभलने की सलाह दी जा रही थी । आवाज थोड़ी और तीखी की और अफसोस करते हुए कहा " आज कल की लडकिया भी कम नहीं है , उनका चरित्तर भी ख़राब हुआ है ।" जिन जिन की बेटिया थी सब ने काम का बहाना बना सबको राम राम कर चल देने में भलाई समझी । बाकी कईयो ने जोर का उनके हां में हां मिलाई और लड़कियों के ख़राब चरित्र के किस्से सुनाये । माहौल गर्म हो गया था कुछ और महफ़िल से चलते बने जो शर्मा जी से कम शरीफ थे समाज में । अब पूरी मंडली वही बची थी जिसकी चाहत शर्मा जी को थी अब वो खुल कर बाहर आये । " जोशी जी की लड़की की क्या उमर होगी १४-१५ साल की " , बीच में एक लौंडे ने टोका "अरे नहीं १६ साल से एक दिन कम न होगी १० वि में है फलाने स्कूल में , बड़ी सुन्दर है " शरीफो की छट चुकी भीड़ को उसने भी भाप लिया था । दूसरा और खुल कर सामने आया "चचा  फलाने कोचिंग में पढ़ती है उतना दूर जाती है साईकिल से आते आते रोज राती को ८ बजे घर पहुचती है।"  मोहल्ले की लड़कियों की रक्षा के लिए उनके हर आने जाने की खबर रखने वालो में से एक और ने बोला "बीच में वो फलाने सड़क से भी गुजरती है , कितना सन्नाटा रहता है वहा देखा है ।"

                                                               अब तक शरीफ शर्मा जी माहौल अच्छे से समझ चुके थे और लौंडे क्या है वो भी भांप चुके थे । शर्मा जी शुरू हुए " क्या बात कर रहा है वो सड़क वो तो बड़ी खतरनाक है लड़कियों के लिए , उस सड़क पर तो कितने कांड हुए है लेकिन आज तक कोई नहीं पकड़ा गया , लाइट उसपे एक दम कम रहती है किसी का चेहरा भी नजर नहीं आता , इसलिए कभी कोई बता ही नहीं सका की कौन और कितने लोग थे । आदमी जो चाहे कर ले , झाड़िया देखि है कितनी बड़ी है । कितनी बार तो लडकिया कुछ कहती ही नहीं है , अब सोचो कौन सी शरीफ घर की लड़की ज़माने को आ कर बतायेगी की उसके साथ क्या क्या हुआ । सब चुपा जाती है , और करने वालो का कुछ नहीं होता । बताओ जोशी जी की लड़की उस रास्ते से आती है । कल तो शनिच्चर है ना कल तो सड़क के बाहर भी सन्नाटा ही रहता है ।" महफ़िल ख़त्म हुई ।

                                                           शनिच्चर रात देर हो गई जोशी जी की लड़की घर नहीं पहुंची जोशी जी चिंता कर रहे थे तभी थाने का हवलदार जोशी जी के घर आया । शर्मा जी की आँखे वही गड़ी थी पुलिस देखते लप्प से जोशी जी के यहाँ दौड़े ।
 " क्या हुआ जोशी जी , पुलिस काहे आई है " जोशी जी के होश उड़ गये थे उनकी पत्नी रोना शुरू कर दी थी ।
 " क्या हुआ भाई बताओगे "
" अरे शर्मा जी बिटिया के साथ कोनो कुछ किये है ई हवलदार अस्पताल बुलाने आया है "
" का कह रहे है हिम्मत रखे चलिये आप के साथ हम भी अस्पताल चलते है "
तब तक मोहल्ला जोशी जी के घर के बाहर इकठ्ठा हो गया था । मोहल्ले वाले को देख शर्मा जी और जोश में आ गये ऊँची आवाज में पूछा ।
" का हुआ है हवलदार बताओ का हुआ , कोई क्या किया है जोशी जी की लड़की के साथ । तुमको मालुम है लड़की घर की इज्जत होती है लड़की को कुछ हुआ तो परिवार कही मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहता । बताइये जोशी जी पर क्या बीतेगी । "
ये सब सुन मोहल्ले में और हलचल मच गई और खुसुर फुसुर शुरू हो गई ।
" देखिये शांति बनाये रखिये क्या हुआ है हमको नहीं पता हमको तो बस अस्पताल से दरोगा जी भेजे है जोशी जी को अस्पताल लियाने को । इससे ज्यादा हम कुछ नहीं जानते । जोशी जी चलिए , कह रहे थे की हालात ख़राब है । "

                                                                    जोशी जी उनकी पत्नी और शर्मा जी के साथ मोहल्ले के कुछ और लोग अस्पताल पहुंचे । देखा अस्पताल के एक बेंच पर जोशी जी की बिटिया एक महिला हवलदार के साथ बैठी थी हाथ में पट्टी बंधा था थोड़ा कपड़ा भी चुमुडियाया था और मुंह पर दू चार ठो खरोच लगा था । जोशी जी की बिटिया अम्मा बाउजी को देखते उनसे लिपट कर रोने लगी । जोशी जी और उनकी पत्नी बार बार पूछे जा रहे थे की क्या हुआ है पर उ रोना ही बंद नहीं कर रही थी । तभी सामने से पुलिस मोहल्ले को दो आवारो को पकड़ कर ले आ रही थी एक के सर में पट्टी बंधी थी और हाथ में पलस्तर और दूसरे की नाक फूली पड़ी थी और मुंह सूजा ।
" पापा आज हम ट्यूशन से आ रहे थे तो रास्ते में ई लोग हमको परेशान करने लगे हमको धक्का दे कर साईकिल से गिरा दिये । ई बबलुआ के तो नाक पर हम एक मुक्का मारे और ई चिंटुआ का तो हाथ ऐसा मरोड़े की टूट गया होगा । अंदर छग्गन चाचा का लड़का है उसके तो आँखि में दुन्नो उँगरिये ही घुसा दिये फुट गई होगी और एक ठो और था उसको हम पहचाने नहीं उसके तो दोनों पैर के बीच ऐसा घुटना मारे है कि अब जिंदगी में कोनो लड़की नहीं देखेगा । "
पुलिस ने कहा वो दोनों अंदर भर्ती है उनकी हालात कुछ ठीक नहीं है उनके घर भी संदेशा भेज दिया है । ई दुन्नो ठीक है थाने ले जा रहे है । जोशी जी थाने आ कर रपट लिखवा जाइये फिर इन सबको जेल भेजते है ।
जोशी जी और उनके पत्नी के जान में जान आई तभी लौंडो के परिवार वाले वहा आ गये और जोशी जी की मिन्नतें करने लगे । जोशी जी जवान लडके है गलती हो जाती है ,छोड़ दीजिये पुलिस में मत जाइये मोहल्ले की बात है जीतनी सजा मिलनी थी आप की बिटिया ने कूट कर दे दी आगे की जिम्मेदारी हम लेते है । हम भी कूट कर ठीक कर देंगे । किसी ने कहा की आप भी दो चार मार लीजिये पर थाने मत जाइये । तो किसी ने उनकी और बेटी की इज्जत की दुहाई दी , इनका तो जो हुआ वो हुवा आप की इज्जत ख़राब होगी । तो किसी ने कहा की मामला बढ़ेगा तो बिटिया का विवाह नहीं होगा । तभी इन सबके बीच शरीफ शर्मा जी बाहर आये और बोले आप सभी को शर्म आनी चाहिए ऐसा कहते , जोशी जी आप को जरूर पुलिस में जाना चाहिए और इन सब पर केस करना चाहिए । तभी सभी के होश ठिकाने आयेंगे और समाज सुरक्षित होगा आप को डरना नहीं चाहिए मैं आप के साथ हूँ चलिये , कोई आप के साथ हो या न हो । आप की बिटिया बड़ी बहादुर है ।   जोशी जी ने शर्मा जी को बहुत धन्यवाद दिया और मोहल्ले में शरीफ शर्मा जी अब बहादुर और हिम्मती  के रूप में भी पहचाने जाने लगे । जबकि ये कह शर्मा जी ने मन ही मन सोचा की चलो मैं इस कांड से बच गया जो किसी ने मेरा कैसे भी नाम लिया तो कह दूंगा मैंने ही पुलिस में जाने के लिए कहा तो मुझे बदनाम कर रहे है ।

                                                                              चारो लडके जेल चले गये , शर्मा जी अब भी शरीफ है , जोशी जी लेकिन अब भी परेशान है क्योकि कुछ महीनो बाद उन्हें सुनाई पड़ा की मोहल्ले में कुछ और ही खुसर फुसुर चल रही थी कि जोशी जी की बिटिया का कोई छेड़ छाड़ नहीं हुआ था वो तो लव ट्रायंगल का नतीजा था । जोशी जी की बिटिया दो दो के साथ चक्कर चला रही थी एक दिन सब आपस में भीड़ गये । जोशी जी की तो बिटिया का चरित्तर ही खराब है । आवारा लडके जेल में है लेकिन शरीफ शर्मा जी अब भी मोहल्ले में ऐस से थे अपनी मंडली  साथ बिलकुल शरीफ बने हुए ।