August 28, 2019

जनसँख्या विस्फोट -------mangopeople


                                   हमारी नई नई काम पर लगी कामवाली प्रेगनेंट हैं  जबकि अभी उसका एक चार महीने का ही बच्चा हैं |  तीन और बच्चे भी हैं ढाई , चार और दस का | वो घरों में काम करती हैं और उसका पति मजदुर हैं | बिहार से हैं मुंबई में रहने का कोई अपना ठिकाना नहीं हैं , बिल्डर जहाँ अपनी ईमारत बनाता हैं वही निचे टिनशेड बना कर रखता हैं | कुछ साल बाद इनके रहने का ठिकाना बदल जाता हैं |
                                दस दिन काम किया और  फिर पैसे ले गई कहतीं हैं खाने को नहीं हैं , पति अपनी कमाई दारू में उड़ा  देता हैं आदि इत्यादि जो गरीबी का रोना रोया जाता हैं वो सब  |जबकि उसके आते ही पूछा था मैंने  इतने बच्चे क्यों पैदा किया हैं जब कमाई नहीं हैं रहने का ठिकाना नहीं हैं पेट नहीं भर पाते | तो बोली रोकने का उपाय नहीं पता था ,कहा चलो बगल में प्राथमिक स्वस्थ केंद्र हैं उपाय कर देतें हैं , तो जवाब था  अब गोली खा रहीं हूँ किसी ने बताया हैं , स्वस्थ केंद्र में मुफ्त मिल जाता हैं |
                            अब  मुझे बोला फिर से प्रेगनेंट हूँ ( गोली खाने के नाम पर मुझे गोली खिला दिया था )  पूछा तुम तो गोली खा रही थी फिर क्या हुआ | बोली  बंद कर दिया खाना , तो बच्चा रखने वाली हो पूछने पर  बोली नहीं रखना हैं  आप ले चलिए अस्पताल  | पास  में ही सरकारी  अस्पताल में पति के साथ जाने को बोल दिया | अस्पताल से  कर अपनी बीमारी का नाम ले कर फिर दस दिन के काम का पूरा पैसा ले गई |
चार दिन की छुट्टी भी ले लिया वापस आई मैंने कहा करवा लिया तो बोली नहीं करवाया पैसे नहीं हैं |
हमने कहा करवा के आना फिर काम पर रखूंगी , तुम बीमार भी हो काम करते समय तुमको या तुम्हारे बच्चे को कुछ हुआ तो कौन जिम्मेदारी लेगा |  तो जवाब था हजार रुपये एडवांस दे  दें दीदी करवा लेती हूँ |
                           मुझे पता हैं वो कुछ नहीं करवाने वाली उनका धर्म इसकी इजाजत नहीं देता | उपाय भी नहीं करेंगी मुंबई जैसी जगह में जो बहुत आसान हैं | मेरी माँ और बहन के घर दिल्ली में जो  काम करती हैं उनके भी छः और सात  बच्चे हैं | निहायत ही गरीब हैं लेकिन बच्चे पैदा करने में कोई रोक नहीं हैं |आने वाला दो हाथ लेकर आयेगा की सोच उन्हें ये नहीं समझा पाती साथ में एक पेट भी लाएगा जिसे ठीक से नहीं भरा गया तो वो दो हाथ या तो इतने कमजोर रहेंगे की कुछ कमा ही नहीं पाएंगे या कमाने की हालत में जाने तक जिन्दा ही नहीं रहेंगे |बहन के घर जो काम करती हैं उसके बच्चे को दौरा पड़ता हैं ,  मेरी काम वाली के बच्चे को अभी डायरिया भी हुआ था ,  ऐसी बिमारियों में भी काफी पैसा चला जाता हैं |
                           लेकिन यंहा कोई समझने के लिए तैयार नहीं हैं कि ज्यादा बच्चे केवल उनके लिए ही नहीं पुरे देश और समाज के लिए बोझ बनते हैं | गरीब तबके लिए आबादी के हिसाब से अस्पताल और स्कूल की जरुरत भी पूरी नहीं कर पाता  देश , अच्छे इलाज और पढाई का तो सोचिये भी नहीं | टैक्स का मिला कितना ही पैसा गरीबों के लिए योजनाओं में चले जाते हैं , ( जो पूरा उन तक पहुंचता भी नहीं हैं ) सस्ते अनाज , इलाज , पढाई आदि इत्यादि में |
                            कम जनसँख्या इन योजनाओं के स्तर को सुधारता ना की इनकी संख्या को गिना जाता , जहाँ कुछ भी ढंग का प्राप्त नहीं हो रहा हैं | जनसंख्या विस्फोट को रोकना हम सभी की जिम्मेदारी होनी चाहिए हर रूप में , ये घूम फिर कर  भारत के हर व्यक्ति को किसी न किसी रूप में प्रभावित कर रही हैं |

August 26, 2019

खाँसता हुआ टीबी वाला खुदा -------mangopeople



                                          बनारस और उसके आसपास में जो भाषा बोली जाती हैं उसमे ढेर सारे उर्दू के शब्द इस तरह घुलेमिले होते हैं जिनके बारे में कई बार वहां के बोलने वालों को भी नहीं पता होता |मुंबई आने के बाद भी कई सालों तक मेरा बोलने का  लहजा तो थोड़ा  बदला लेकिन ढेरों  शब्द बनारस वाले ही थे | ऑफिस में एक लड़की थी , महाराष्ट्र से, एक बार पूछ बैठी आप शायरी भी करतीं हैं क्या | आश्चर्य में पूछा तुम्हे किसने कहा , तो बोली आप बहुत सारे उर्दू शब्द बोलतीं हैं |
                                       बोलो , किसी ने दो चार उर्दू के शब्द बोल दिए तो वो शायर हो गया | फिर उसने कहा  मुझे उर्दू बड़ा पसंद हैं आप मुझे उसका मतलब बता सकती हैं | उस दिन मुझे पता चला कि मेरी भाषा में उर्दू के शब्द हैं और लोग बिना समझे भी मेरी बात भी सुन लेते हैं |  मैंने  कहा ठीक हैं,  अब से कम से कम जो बात ठीक से समझ ना आये  वो तो पूछ लेना | उसके बाद मुझे पता चलता रहा कि कौन कौन से शब्द मै उर्दू के बोल रहीं हूँ और उन्हें उसका मतलब हिंदी में पता चलता रहा |
                                         मेरे ऑफिस में दो इंटर्न आये ,  दो महीने काम करने के बाद उनमे से एक ने टीवी चैनल में इंटरव्यू दिया और उसे बताने लगा , कि मेरी जॉब वहां लग जाएगी |  मै पास में ही बैठी उनकी बातें सुन रही थी  |लडके के जॉब लगने की बात कहतें ही पता नहीं लड़की के  दिल में उर्दू बोलने की कौन सी तलब जगी और उसे बोला खुदा ना खासता तेरी जॉब लग गई तो तू यहाँ नहीं आएगा | इतना सुनते ही वो लड़का मुंह बाए आश्चर्य में  खड़ा उसे देखने  लगा की ये क्या बक रही है वो और मेरी जोर की हँसी  निकल गई |
                                           मैंने तुरंत उसे टोका ,  अरे खुदा खाँसता   बहुत खाँसता  ऐसा नहीं बोलते  उसकी जॉब लगने दो |  मैं समझ गई उसने बिना मतलब समझे ये कह दिया हैं और लड़का मेरी बात आगे बढ़ाते बोला और नहीं तो क्या खुदा खाँसता  बहुत खाँसता  इतना खाँसता  की उसे खाँसते  खाँसते  टीबी हो जाता | जब मैंने लड़की को इसका मतलब बताया तो खूब शर्मिंदा हुई और लडके को बार बार सॉरी बोलने लगी |

August 24, 2019

मेरी मर्जी -------mangopeople


१- कड़कती धुप से बचने के लिए कोई लड़की छाते और क्रीम की जगह कपडे से सर मुंह ढक ले तो ये उसकी मर्जी हैं | लेकिन दूसरों की बुरी नजर ना पड़े या स्त्री का शरीर देख कर किसी पुरुष की भावनाएं ना भड़के , उसका धर्म ऐसा कहता हैं इसके लिए घूँघट और बुर्का कोई लड़की पहने तो वो उसकी मर्जी नहीं होती |
२- कोई  किसी कपड़ें  को पहनना आरामदायक नहीं समझता और नहीं पहनता तो ये उसकी मर्जी हैं | लेकिन लोग गलत नजर से देखेंगे उसे छेड़ेंगे इसलिए किसी कपडे को ना पहनना उसकी मर्जी नहीं होती |
३- अपने जीवनसाथी से प्यार है इसलिए उससे झगड़े के बाद भी उसके साथ रहना उसकी मर्जी हैं | लेकिन पति के घर डोली जाती हैं तो अर्थी भी वही से उठेगी कि सोच के साथ कोई रोज पिटने के बाद भी वही रहें  तो ये उसकी मर्जी नहीं हैं |
४- कोई घर बच्चे और ऑफिस तीनो नहीं संभाल सकता , कोई अपना समय केवल अपने बच्चे परिवार को देना चाहे इसलिए नौकरी छोड़ दे या ना करे तो ये उसकी मर्जी हैं | लेकिन पति , पिता, परिवार को उसका काम करना नहीं पसंद इसलिए घर की शांति के लिए उसका नौकरी ना करना उसकी मर्जी नहीं हैं |

                              दुनियां के दबाव में , बचपन से धर्म की पिलाई गई घुट्टी के कारण  किसी तरह का निर्णय लिया गया हैं तो वो  किसी लड़की की  मर्जी नहीं होती | अपनी स्वतंत्र  सोच से निर्णय लेना और किसी तरह के दबाव में लिए गए निर्णय में फर्क होता हैं | अक्सर लड़कियां लोगों के दबाव में उनके कहने पर या परेशान हो कर कोई ऐसा निर्णय ले लेती हैं जो धर्म और समाज के ठेकेदारों के नजरिये से ठीक होता हैं लेकिन उनके अपने लिए नहीं , ऐसे निर्णयों को स्त्री का निर्णय नहीं कहा जा सकता और ना ही उसकी व्यक्तिगत सोच कह कर छोड़े जाने लायक |

August 22, 2019

बाटला हाउस -------mangopeople




                            

                                बात इस सरकार से पहले के सरकार के जमाने कि हैं | देश की राजधानी में कुछ बड़े पुलिस  अधिकारियों की एक आतंकवाद के खिलाफ खास एसआईटी बनाई गई थी | यह एसआईटी देश और दिल्ली में हुए कई बड़े आतंकवादी घटनाओं की जाँच कर रही थी | कुछ केस में   बड़े सबूत हाथ भी आये थे और कुछ को सुलझाने  करीब  थे | यह समूह एक तरह से ख़ुफ़िया तरीके से ही काम ज्यादा कर रहा था , इसकी कोई सार्वजनिक घोषणा नहीं हुई थी  | 

                                  लेकिन एक दिन अचानक इस एसआईटी के एक बड़े अधिकारी की  संदिग्ध रूप से सड़क दुर्घटना में मौत हो जाती हैं | उसके कुछ ही दिन बाद दो और अधिकारी यहाँ से  तबादला ना केवल दूसरे विभाग में करवा लेते   हैं बल्कि कुछ समय बाद दिल्ली छोड़ अपने राज्यों में ट्रांसफर भी ले लेते हैं | 

                                   मामला यही नहीं रुकता हैं फिर इसके एक और बड़े अधिकारी की  गोली मार कर हत्या एक मामूली सा दो कौड़ी का प्रॉपर्टी डीलर अपने ऑफिस में कर देता है और फिर पुलिए में सरेंडर भी कर देता हैं | 
                                   मालूम हैं  इस एसआईटी के सबसे आखरी अधिकारी के साथ क्या हुआ | उसकी की  संदिग्ध मौत हो जाती हैं एक एनकाउंटर में | क्योकि उस एनकाउंटर में वो बहुत मामूली से सिपाहियों के साथ गया था , जबकि वो  आतंकवादियों के खिलाफ था | पुलिस की तरफ से सिर्फ उसी की मौत होती हैं , तब जब  वो खुद अपने पैरों पर चल कर  अस्पताल जाता हैं लेकिन वहां उसकी मौत हो जाती हैं |           
जानते हैं उस ख्यात कुख्यात  एनकाउंटर का नाम क्या था " बाटला हाउस" |     

August 20, 2019

भला हैं बुरा हैं जैसा भी हैं मेरा पति मेरा -------- mangopeople


नई नई काम वाली बाई आई हैं , बिहार से हैं , पति गांव में हैं अभी बाढ़ से उसका घर गिर गया हैं इसलिए |

आज आते ही बोली देखो दीदी मेरे फोन से आवाज ना आती तुम अपने फोन से लगा कर देखो | मेरे फोन लगाते ही जोर से घंटी बजने लगी | बोली उठा कर तो बात करों उधर से आवाज नहीं आती हैं घंटी की आती हैं |
फोन उठाया एकदम जोर से अच्छी आवाज आ रही थी | उसे बोला तुम्हारे यहाँ नेटवर्क नहीं आता होगा इसलिए तुमको सुनाई नहीं देता होगा | उधर भी बाढ़ हैं , तो हो सकता हैं उधर का नेटवर्क ख़राब हो |

तो बोली पति गांव गया हैं बार बार फोन करता हैं इधर आवाज ही कुछ नहीं आती तो खूब गाली देता हैं कि  इतनी बार फोन लगाता हूँ तू फोन नहीं उठाती हैं या बात नहीं करती |

इतने में उसके पति का फोन फिर आ गया , उधर से उसने पता नहीं क्या कहा शायद पति को फिर से आवाज नहीं सुनाई दे रही थी | इतने में  ये जोर का  चीखी , कुत्ता ,  हरामजादा  तेरा  सिग्नल ख़राब हैं तेरे को आवाज नहीं सुनाई दे रहा तो मैं क्या करू |

थोड़े देर पहले पति गाली देता हैं सुन कर जो सहानभूति हुई थी उनसे , वो ये सुन कर जोरदार ठहाके में बदल गई | 
#बेगम 

August 18, 2019

मज़बूरी या लालच ------- mangopeople

आपने लाखो रुपये लगा कर घर ख़रीदा और कुछ ही साल में पता चले की बिल्डिंग खतरनाक हो गई हैं तो आप क्या करेंगे | रूपया लगाया हैं इस बात का रोना रोते हुए उसी घर में बने रहेंगे या अपना और अपने परिवार के जान की परवाह करते हुए उसे खाली कर देंगे |
मुंबई में गिरने वाली कई मंजिला पुरानी इमारते लालच , अवैध कब्जे का एक खतरनाक रूप सामने रखती हैं | वास्तव में साठ से सौ साल पुराने चाल या कई मंजिले वाली इमारतों में रहने वाले उसके असली मालिक नहीं होते हैं | वो सब उस मकान के किरायदार होते हैं और सालों से मात्र १० रुपये  से सौ दो सौ रुपये किराये पर उसमे रह रहें होते हैं और माकन मालिक बन जाते हैं |
इनमे से भी बहुत सारे इस किराये को भी नहीं चुकाते हैं | मान लीजिये किसी का बाहर कही ट्रांसफर हो गया या अपना बड़ा घर बन जाता हैं तो ये उस किराए के मकान को किसी और को बेच देते थें  कुछ पैसे ले कर | खाली करके युहीं नहीं जाते थे |
अब सोचिये इतना कम किराया पाने वाला मकान मालिक उस मकान की क्या मरम्मत करायेगा या दुरुस्त रखेगा | नतीजा बिना मरम्मत और देखभाल के और  इतने साल होने के बाद ईमारत जर्जर हो जाती हैं |
लेकिन इसके बाद भी उसमे रहने वाले कोई भी उसे खाली करने को तैयार नहीं होते हैं | क्योकि वो बिना किसी लिखा पढ़ी के वो घर खाली करके गए तो उनका कब्ज़ा उस मकान से चला जायेगा | फिर उसके बदले मिलने वाला फ्री के फ़्लैट हाथ से निकल जायेगा |
नतीजा वो अपने और अपने परिवार की जान दांव पर लगाने के लिए राजी हो जाते हैं लेकिन मकान नहीं छोड़ते हैं | कुछ लोग तर्क देतें हैं  वो गरीब हैं कहाँ जायेंगे |
आप अपने आप को वहां रख कर देखिये आप ऐसी इमारत में रहने के बजाए अपने परिवार के साथ  सड़क पर सुरक्षित रहना नहीं  पसंद करेंगे |   भाई जान हैं तो जहान  हैं जान ज्यादा जरुरी हैं या कब्जे का मकान |
होता ये हैं कि ऐसे मकानों को सरकारे अधिग्रहित कर उसको फिर से डेवलप करती हैं और सभी किरायदारों को फ़्लैट मालिक बना देतीं हैं और इमारत दुबारा बनने के दौरान उन्हें रहने के लिए घर भी देती हैं  |
कुछ लोग जिनके पास जगह बड़ी या खाली जगह ज्यादा होता हैं तो वो  नीजि बड़े बिल्डर से ये पुनः निर्माण करवाते हैं इसमें बची हुई बाकी की जगह बिल्डर की हो जाती हैं  | पुनः निर्माण के बाद हजारो का घर रातो रात लाखों करोडो का हो जाता हैं | ईमारत किस स्थान पर हैं बाजार भाव उस पर निर्भर हैं |
जो सरकार गरीबो के भलाई के लिए अपने पैसे पर घर बना कर देती हैं वो बेचारे गरीब सात और दस साल तक घर नहीं बेचने की शर्त को बड़े आराम से तोड़ कर उन्हें तुरंत बेच कर फिर किसी जर्जर चाल झोपड़े या शहर के बाहर किसी जगह रहने चले जाते हैं | घर को पवार ऑफ़ अटर्नी पर बेच दिया जाता हैं |
सरकारी कागजो पर नाम नहीं बदला जाता हैं | नतीजा सालों बाद जब उस ईमारत एक सोसायटी बन जाती हैं और नाम बदलना होता हैं तो यही पुराने किरायेदार नए मकान मालिक से वर्तमान समय के भाव से मकान की  चौथाई कीमत तक की मांग फिर से  करते हैं | या तो वो रकम दे कर मकान अपने नाम पर करों या फिर वकील से कुछ तिकड़म लगवाओ या  बस उसमे रहते रहो उसको बेचना एक मुश्किल काम हो जाता हैं |
जो मकान मालिक पुनः निर्माण के लिए राजी नहीं होते उन पर वोट के लालच में इलाके के नेता परेता दबाव डालते हैं | बाप दादा के मेहनत की संपत्ति कौड़ियों के भाव में चली जाती हैं | मकान मालिक को मुआवजे के नाम पर किसानो से भी कम कीमत मिलती हैं | जिसे कीमत कहना ही गलत होगा |
इसका ही नतीजा हैं कि मुंबई जैसी जगह में हजारों घर खाली पड़े हैं लेकिन कोई उन्हें किराये पर नहीं देता हैं | जो लोग घर  किराये पर देतें हैं वो बहुत कम समय के लिए देतें हैं |
एक व्यक्ति को ग्यारह ग्यारह महीने के दो टर्म से ज्यादा कोई उस घर में रहने नहीं देता | भले आप दूसरे से ज्यादा पैसे दे लेकिन माकन मालिक आपको निकाल ही देता हैं | कुछ लोग ही क़ानूनी तौर  पर पांच साल के लीज पर देते हैं |
यहाँ ज्यादातर पुरे बारह महीने का किराया एक साथ वसूल लिया जाता हैं , हर महीने नहीं लिया जाता हैं |
इसलिए मुंबई में संपत्ति दिलाने वाले दलालों की भरमार हैं | मकान बेचने से ज्यादा वो किरायेदारी से पैसे कमाते हैं | एक महीने का किराया दोनों पार्टी से वो वसूलते हैं |
इसलिए आगे से ऐसी इमारतों के गिरने पर सरकार प्रशासन और मकान मालिकों को कोसने के पहले एक बार सोचियेगा |



August 16, 2019

सजन मिल न सकेंगे दो मन एक ही आंगन में -------mangopeople

🎼अबके सजन सावन में ,आग लगेगी बदन में 
घटा बरसेगी , मगर तरसेगी 
सजन मिल न सकेंगे दो मन एक ही आंगन में 🎼

"सोफा क्यों खोल रही हो 🤔 | क्या बात हैं तकिया , पॉपकार्न सब बड़ी तैयारी😃 | आज ड्राइंग रूम में ही सोना हैं क्या | इरादा ठीक नहीं लग रहा तुम्हारा😍😘 "
"एकदम ख़राब इरादा हैं आज😍 | फटाफट बंद करो अपना लैपटॉप ,काम धंधा 😘
" क्यों 🤔 "
" टीवी पर एक बहुत ही रोमांटिक फिल्म आने वाली हैं PS i love you 😍| जानते टॉप टेन रोमांटिक नॉवेल में ये टॉप पर था , उस पर बनी फिल्म सोचो कितनी रोमांटिक होगी | उस पर से कितनी जोरदार बारिश हो रही हैं मौसम भी एकदम रोमांटिक हुआ पड़ा हैं 😍😘"
"बस दस पंद्रह मिनट का काम हैं यार | ये रिपोर्ट बना कर मेल करना हैं बस , फिर साथ में बैठ कर देखेंगे 🥰 "
" बाद में नहीं कर सकते हो 😔"
"जरुरी हैं आज ही सच्ची , कल संडे हैं , बस थोड़ा देर 🥰"
" लो फिल्म भी शुरू हो गई अरे वाह ये तो मैरेड कपल की लव स्टोरी हैं | अब तो देखने में और मजा आयेगा 😃| अरे ये क्या फिल्म शुरू होते ही हीरो मर गया ये कैसी लव स्टोरी हैं 🤔"
"सुनो , तुम ऐसी कमेंट्री करती रहोगी तो मेरा काम खत्म नहीं होगा 🙄"
"मेरे सामने रहोगे तो मैं बोलती रहूंगी😄"
"ठीक हैं मैं बेडरूम में चला जाता हूँ काम ख़त्म करकेआता हूँ जल्दी से😇"
पंद्रह मिनट बाद बेडरूम के दरवाजे पर खटर पटर की आवाज हुई
" तुम दरवाजे पर कुंडी लगा रहें हो इतना डिस्टर्ब कर रहा हैं तुम्हे टीवी की आवाज और आवाज तेज कर देतीं हूँ बंद दरवाजे से भी अंदर जायेगी😲😫"
उसके बाद हमने इंतज़ार में ही पूरी फिल्म अकेले देख ली | खैर सोने के लिए दरवाजा नॉक किया ये सोच कर की वो अब भी काम ही कर रहें होंगे लेकिन दरवाजा खुलते ही मेरा गुस्सा और बढ़ा क्योकि लाइट बंद थी 😡 और उनके चेहरे की हवाइयां उडी थी " ओ माई गॉड 😱"
"भूल गये ना कि मै तुम्हारा इंतजार कर रहीं हूँ और सो गये ना 😔 "
"अरे नहीं वो क्या हुआ की जब मैं कमरे में अंदर आया तो दरवाजे की ऊपर से कुंडी बंद कर दी थी 😔 | जब काम ख़त्म करने के बाद दरवाजे को खोलने की कोशिश की तो खुला नहीं मैंने सोचा तुम ने गुस्से में बाहर से बंद कर दिया होगा 😯😥 | मैंने ऊपर दरवाजे पर देखा ही नहीं की वो अंदर से बंद हैं | फिर तुमने गुस्से में कुछ चिल्ला कर बोला और टीवी का वॉल्यूम बढ़ा दिया तो पक्का हो गया तुमने ही दरवाजा बाहर से बंद किया हैं और मैं भी गुस्से में लेट गया 😅 "
"तुम मजाक कर रहें हो ना 😳🥺 "
"अरे नहीं मजाक नहीं कर रहा 😅 | अभी तुम्हारे नॉक करने पर देखा की ये तो अंदर से बंद हैं "
" वॉव 😡 ! जानते हो आज तुम्हारा लकी दिन हैं आज तुम्हे सोफे पर नहीं सोना होगा क्योकि मैंने उसे पूरा ओपन करके बेड बना दिया हैं , आराम से सोओगे उस पर , निकल जाओ मेरे कमरे से 😠😡 "
"नहीं जाऊंगा , ये मेरा भी बेडरूम हैं 😘 "
"ठीक हैं , फिर तुम ही यहाँ रहो मैं ही जाती हूँ 😩"
"नहीं तुम्हे भी नहीं जाने दूंगा ये हमारा बेडरूम हैं 😅🥰 "
" छोडो मुझे | इतनी बड़ी अक्लमंदी तुम कर कैसे लेते हो 😔 "
"सॉरी यार काम के धुन में याद ही नहीं रहा 😅 "
"😏😔"
#सावन हो या #वसंत जिंदगी में उसे पकड़ कर रखना चाहिए वरना #पतझड़ के आते देर नहीं लगती 😄

August 14, 2019

तू खिंच मेरी फोटो पिया -------mangopeople


                                         ये जानना था कि पत्नी की अच्छी फोटो खींचने वाला पति , पाने के लिए कितने सावन के सोमवार का व्रत रखना पड़ता हैं 😁 | ना ना यहाँ मैं पत्नी को सुन्दर 😍दिखाने वाले फोटो की बात ना कर रहीं , बस पत्नी की ढंग की फोटो खींचने की बात कर रही 😄|
 हम पत्नियां पति बच्चो आदि की सुन्दर सुन्दर अच्छी अच्छी फोटो ले लेते हैं 🥰😍 लेकिन जब बात हमारी फोटो की आती हैं तो हर मामले में खुद को खिलाड़ी साबित करने का असफल प्रयास करने वाला पति फटाफट अनाड़ी बन जाता हैं 🙄😏🤨|
 एक बार बोल दीजिये अच्छी नई ड्रेस ली हैं एक फोटो तो लो | ऐसी फोटो ली जायेगी कि उसमे आपकी पूरी ड्रेस ही नजर नहीं आयेगी , फोटो कमर तक होगी💁‍♀️ | फिर कहिये पूरी ड्रेस तो आने दो , तो आधे फोटो में घर की छत और दीवारे होंगी नीचे कहीं आप खड़ी मिलेंगी जिसमे ना तो हम नजर आएंगे न हमारी ड्रेस |
शिमीला मंसूरी की किसी फोटो में हम तो नजर आएंगे लेकिन उसमे वो सुन्दर वादियां नजर नहीं आयेंगी | या फिर ऐसी फोटो होगी जिसम बस सुन्दर वादियां ही नजर आयेंगी हम कहीं फोटो में एक बिंदु मात्र होंगे |
समंदर के साथ फोटो लेते समय हमारे आस पास इतनी भीड़ होगी कि ये पता करना नामुमकिन हो जायेगा की फोटो असल में ली किसकी गई हैं और भीड़ में आप हैं कहाँ |
कभी कभी फोटो लेने में इतनी देर लगायेंगे की मुस्कराते मुस्कराते😊 गाल दुख जायेगा लेकिन उनकी फोटो क्लिक नहीं होगी और जैसे ही कुछ बोलने के लिए मुंह खोलेंगे 😲😧या गुस्सा 😡 करेंगे बिलकुल उसी समय फोटो क्लिक किया जायेगा | फिर दोष दिया जायेगा थोड़ा और देर और नहीं रुक सकती थी खिंच तो रहा था |
कभी कभी तो हद ही हो जाती हैं , जब आपकी सुंदर सी फोटो आ तो जाती हैं गलती से , लेकिन फिर आप देखेंगी कि फोटो में नीचे दो जूते या चप्पल उलटे पड़े हुए होंगे 🤦‍♀️, या बाहर ली गई फोटो में कोई गंदा सा कुत्ता आपके बगल में खड़ा होगा 🤦‍♀️, शादी ब्याह की फोटो में पीछे कोई बड़ा सा मुंह खोल कर खाना भकोस रहा होगा 🤦‍♀️, या सामने से गुजर रहें लोग कैमरे में इस तरह देख रहें होंगे जैसे फोटो उनकी या उनके साथ ली गई हैं 🤦‍♀️, कभी कोई बच्चा नाक में उंगली करता या जोर जोर से रोता खड़ा होगा 🤦‍♀️ | अब इसके लिए क्या क्या बताया जाये 🤦‍♀️ |
एक बार सीखा पढ़ा दो कि मेरी फोटो ले रहें हो तो सेंटर में मुझे होना चाहिए , एक नजर मेरे बाल कपड़ो और खड़े होने का पोजीशन देख लो , आस पास कोई फालतू की चीज तो नहीं आ रही देख लो फिर फोटो लो | फिर उसके बाद फोटो लेते समय इतना समय लगेगा 😢 कि आपको समझ आ जायेंगे कि पति पत्नी का साथ जन्म जमांतर या सात जनम का क्यों होता हैं | एक जनम तो पत्नी की ढंग की एक फोटो लेने में ही निकल जानी हैं 🥺😩 |
बच्चों के साथ कुछ स्टाइल में , अच्छे पोज़ में फोटो खींचना चाहों तो ऐसे एंगल से ऐसी फोटो ली जायेगी कि कभी कभी पूछना पड़ता हैं कही कोई कोर्स किया हैं क्या " फोटो कैसे बिगाड़े का" 🙄| कभी उनके साथ ही किसी अच्छे पोज़ में फोटो लेना चाहो तो बस फिर तो उस फोटो का बंटाधार होने से कोई नहीं रोक सकता | खुद तो कोई अच्छा स्टाइल , पोज़ करते नहीं और मैंने बताया तो उसकी टांग तोड़ दी 😏 | 
हे महादेव 🙏! ये २१वी सदी हैं कोनो नया व्रत निकालो | १६ सोमवार में अच्छा पति और ३२ सोमवार में अच्छा फोटो खींचने के साथ हर संडे खाना बनाने वाले पति का वरदान हो 🙏

August 12, 2019

मेरी राहें तेरे तक हैं तुझपे ही तो मेरा हक है --------mangopeople


"खोल रहा था इतना क्या घंटी बजाये जा रही थी | लग रहा हैं बरसात में ज्यादा भींग गई हो ठंड लग रही हैं 😄 "

"उफ़ 😫! कोई गैलरी से सुट्टे मार कर गया है | पूरी गैलरी उसके महक से भरी पड़ी हैं , थोड़ा देर करते दरवाजा खोलने में तो यही बेहोश हो जाती "

"अपने फ्लोर पर कोई नहीं पीता 🤔बाहर का कोई रहा होगा "

" ये बताओ तुम दिन के कितने सुट्टे मार लेते हो 😃 "

"शादी के एक साल से ऊपर हो गए और तुम्हे ये नहीं पता की मैं नहीं पीता 😯😮"

"झूठे 🙄, भूल गये इंगेज्मेंट के बाद तुमने ही फोन पर मुझे बताया था की तुम पीते हो "

" हा एक दो पी लेता था , फिर तुमने उस दिन कहा की अच्छा नहीं होता तो छोड़ दिया 😃 "

"सच्ची छोड़ दिया😍😗 "

"इतने दिनों से देखा क्या 🙄 "

" मुझे लगा ऑफिस जा कर पीते होंगे 😅| सच बोलूं तो मुझे आज के पहले ये याद ही नहीं था "

"तुम्हे क्यों याद रहेगा, तुम्हारे बस एक बार कहने पर क्या क्या छोड़ दिया और तुम्हे पता भी नहीं 😇 "

"क्या क्या मतलब इसके आलावा और क्या 🤔 "

"सिगरेट छोड़ दिया बियर छोड़ दिया 😍😗 "

" मैंने कब शराब छोड़ने के लिए कहा🤔 "

"शराब नहीं बियर पीता था 😄 "

"एक ही बात हुई😅 "

"एक बात नहीं होती 🤨 "

"लेकिन एक मिनट मैंने कब तुमसे शराब छोड़ने के लिए कहा 🙄"

"शराब नहीं बियर , बियर कहा था 🙄| कम से कम बियर कहो इतनी देर लग रहा हैं जैसे मैं कितना बड़ा शराबी था और बीबी की डांट सुन रहा हूँ शराब पी के आने पर 😔😔😔"

"हा वही वही 😄| जब मेरे पूछने पर तुमने मुझे बताया की की तुम दोनों पीते हो | तो मुझे लगा अगर दोनों मना किया , क्योकि मुझे दोनों ही चीजे पसंद नहीं , तो तुम क्या सोचोगे अभी से तुम पर रोक टोक लगा रहीं हूँ तुम्हारी आजादी खतरे में हैं | इसलिए दोनों में से के चीज चुनी सिगरेट | वो तुम्हारे हेल्थ के लिए ज्यादा खतरनाक था इसलिए सिर्फ उसे ही छोड़ने के लिए कहा था | और हां वो भी सिर्फ एक ही बार कहा था उस बारे में फिर कभी दुबारा हमारी बात नहीं हुई 😇"

"देखा तुमने बस एक बार कहा और मैंने छोड़ दी 😍😗 "

"लेकिन शराब सॉरी सॉरी😅 बियर के लिए मैंने कब मना किया मुझे तो बिलकुल याद नहीं 🤔"

" जब उस शाम मैं बियर पी के आया था तो तुमने नहीं कहा मुझसे बारह फिट दूर रहो 😔 "

"हा तो मुझसे दूर रहने के लिए कहा था वो भी बस बारह फिट ,बियर छोड़ने के लिए एक बार नहीं कहा था 😇"

"और वो बारह फिट तुमने हमारे बेडरूम की लम्बाई चौड़ाई आँखों से नापने के बाद कहा था | उसके पहले दस कहा था 🙄"

"हां तो 😁, तुम चार फिट मुझसे दूर थे और मैंने बता दिया की तुम कुछ पी के आये हो | सोचो पूरी शाम और रात तुम्हारे साथ कैसे कटती मेरी | मैं तो तुम्हे चार के बाद पांचवी बार डियो भी स्प्रे करने नहीं देती उसकी तेज स्मेल मुझे बर्दास्त नहीं होती | फिर भी मैंने तुमसे कभी बियर छोड़ने के लिए नहीं कहा था | उसके बाद तुम शायद कभी पी के नहीं आये 🤗"

"तुम्हे पसंद नहीं था तो मैंने नहीं पी 😇 "

"और आज एक साल बाद अफ़सोस हो रहा हैं ना बियर और बीबी में से बीबी क्यों चुनी , बियर चुन लेना था एक ही रात की तो बात थी | अभी भी देर नहीं हुई हैं तुम चाहो तो बियर और बीबी में से बियर चुन सकते हो | बस एक ही रात की तो बात हैं 😆"

"कोई जरुरत नहीं हैं | मुझे जो सेलेक्ट करना था कर लिया 😅 "

"चाय पियोगे 😍😙"

" रुको मैं बनता हूँ | तुम चेंज कर लो "

"दो कप बनाना मेरे लिए भी 😊 "

" आज चाय पीने का मन कैसे कर गया तुम्हारा 😀"

" इतनी अच्छी बरसात हो रही हैं सोचा तुम्हारा साथ दे दूँ 🥰😍😘 "

"सब कुछ खोके, तुझको ही पाऊँगा
मैं तेरा बन जाऊँगा
मेरी राहें तेरे तक हैं
तुझपे ही तो मेरा हक है
इश्क़ मेरा तू बेशक है
तुझपे ही तो मेरा हक है"
कुछ गाने बहुत देर से बनते हैं उन एहसासों को बहुत पहले ही जिया जा चुका होता हैं
#सावन