तीन साल से भी कम की बिटिया को डॉक्टर को दिखा कर आई तो बुखार एक सौ तीन देख हाथ पैर फूल गए | पापा जी पर चीखते हुए दवा लाने को कहा , क्योकि मेरे कहने पर भी उन्होंने डॉक्टर के पास की दूकान से दवा नहीं लिया था | डॉक्टर ने कहा पानी वाली पट्टी बर्दास्त नहीं कर पा रही तो तुरंत कपडे निकाल कर एसी के सामने बिठा दो | बिटिया कुछ देर तो सामान्य रहीं फिरअचानक से रोना शुरू कर दिया , घबरा कर पूछा कि क्या हुआ तो सुबुकते हुए बोली तुम पापा से प्यार नहीं करती हो |
बचपन से सुन रखा था बुखार तेज होता हैं तो दिमाग में चढ़ जाता हैं और लोग कुछ भी बकने लगते हैं | मुझे भी लगा बिटिया का बुखार दिमाग में चढ़ गया हैं और वो कुछ भी बोल रही हैं | दुबारा चेक किया तो बुखार एक सौ चार हो गया था , मैं एकदम से डर गई | अबकी तो पापा जी को फोन कर बिफर ही पड़ी कि इतनी देर क्यों कर रहे हो दवा लाने में | इस पर बिटिया और रोने लगीं , " देखा तुम सच में पापा से प्यार नहीं करती उन्हें डांट दिया , पापा तुमसे कितना प्यार करते हैं " |सब बर्दास्त था लेकिन ये बात तो सीने में जहर बुझा खंजर लगने जैसा थी कि पापा तो प्यार करतें हैं लेकिन मम्मी नहीं करती | मतलब एक तरफ़ा आरोप मुझ पर , दोनों तरफ लगता तो इतना टेंशन ना होता |
जैसे की हर माँ के मन में ऐसे समय में ख्याल आता हैं कि उसका बच्चा तो कितना मासूम हैं किसी ने उसे सीखा पढ़ा दिया हैं , माँ के खिलाफ भड़का दिया हैं | तुरंत पूछा किसने कहा ये सब तुमसे , मैं तो कितना प्यार करती हूँ पापा से |
" नहीं तुम नहीं करती , पापा को अपने साथ बैठने भी नहीं देती , पापा को हग भी नहीं करने देती , पापा किस करते हैं तो तुम वो भी मना कर देती हो क्योकि तुम पापा को प्यार नहीं करती |" बिटिया की मुख कमलों से ये सुन कर माथा ठोक लिया मैंने |
दो साल की बिटिया प्ले स्कूल जाना शुरू हुई , तो वहां हमें मिली एक गुरु माँ , क्योकि हम सभी के पहले बच्चे वहां पढ़ रहें थे जबकि उनका ये दूसरा था | उनके पास बच्चे के लालन पालन का अनुभव हम लोगों से ज्यादा था जो वो अक्सर हम सभी से बांटा करतीं थी | एक दिन उन्होंने देखा उनकी बिटिया स्लमडॉग फिल्म का दृश्य देख अपने गुड़िया के आँख में तेल डाल रही थी | उन्होंने हमें सावधान किया कि बच्चों के सामने कुछ भी करने से पहले सोच लो " बच्चे सब देख समझ रहें हैं " | फिर चर्चा यहाँ तक पहुंची की भाई पति के साथ रोमांस करते भी सावधान रहो बच्चे सब समझ रहें हैं | फिर क्या था घर आते ही पतिदेव को फरमान सूना दिया गया , अब से सारे रोमांस बंद , मतलब बिटिया के सामने |
जो पति पत्नी विवाह के बाद घर में अकेले रहतें हैं उन्हें अच्छे से पता होगा कि जब वैवाहिक जीवन की शुरुआत सिर्फ आप दोनो घर में अकेले रह कर कर रहें हों तो दोनों के बीच खूब सारा रोमांस पनपता हैं | आपको रोमांस करने , बतियाने, पास बैठने आदि के लिए रात होने या बैडरूम में जाने का इंतज़ार नहीं करना पड़ता | एक दूसरे को गले लगाना हो , घंटों करीब बैठ कर फिल्म देखना हो , एक दूसरे के गोद में सर रख या हाथ पकड़े बतियाना हो , किचन में साथ साथ काम करते हुए एक दूसरे के पास रहना हो या एक दूसरे को किस करना हो , इन सब को करने के लिए समय या जगह का ख्याल नहीं रखना पड़ता हैं | जब ये सब जीवन में पांच साल चले तो फिर ये सब आदत में शुमार हो जाता हैं , खाने नहाने जैसा जरुरी हो जाता हैं और अचानक से उन्हें बंद कर देने का फरमान , अत्याचार था दोनों पर ही |
नया नया मुल्ला पांच बखत का नमाजी बनता हैं | गुरु माँ की बात का पालन शुरू हुआ , शुरुआत बिटिया के सामने किस न करने से हुआ , गाल , माथे तक पर नहीं , और उसके बाद तो मेरे गोद में सर मत रखों , मुझे गले मत लगाएं , मेरे इतने पास मत बैठे , मुझे ऐसी नजर से मत देखों , मुझे फालतू के इशारे मत करों , सुनो तुम तो मुझे बिटिया के सामने देखों तक मत , तक पहुँच गया | पति बेचारा इस नए नियम से हैरान परेशान | इतने सालों की आदत जाती नहीं और हम उनके आगे बढ़ते ही गुर्राना शुरू कर देतें |
जल्द ही घर का कामदेव रति वाला श्रृंगारिक माहौल अचानक से रामसीता वाले सात्विक माहौल में बदल गया | सब बच्चे की भलाई के लिए हो रहा था सो कोई कुछ बोल भी नहीं सकता था | उस पर से पतिदेव के लिए बीवी बच्चे के बाद मरकहिं गैय्या जैसी हो गई थी | देखा होगा सीधी से सीधी गैय्या भी बच्चे होते ही हर बात पर सींग चला देती हैं बस वैसे ही हमारी जबान भी पापा जी की एक गलती बिटिया के प्रति मैं डांट देती |
जैसा कि गुरु माँ ने कहा था बच्चे सब देखते और समझते हैं , हमारे घर का भी बच्चा इस बदलते माहौल को देख रहा था और जो समझा वो करीब चार छ महीने बाद मेरे सामने था | मेयर स्थिति होम करत हाथ जरत जैसी थी , जिस बिटिया के लिए ये सब किया गया वही हमें सूना रही थी और हम माथा पकड़े बैठे थे | " पापा मुझे प्यार करते हैं हग करते हैं तुम्हे भी करते हैं तो तुम मना कर देतीं हो , मैं तुमको प्यार करती हूँ तुमको किस करतीं हूँ , पापा भी करते हैं लेकिन तुम उनको मना कर देती हो | क्योकि तुम उनको प्यार ही नहीं करती हो " |
कोई और समय होता तो दिमाग कुछ काम भी करता और उनको जवाब भी देता लेकिन उस समय तो उनका बुखार इतना तेज था कि जो कह रहीं हैं सुनते रहों और बस कैसे भी इन्हे दवा खिला दी जाए और बुखार कम हो पहले | घर आने पर हमारे प्यारे पतिदेव को जब सारा कांड मालुम हुआ तो मुझे इतना प्यार करते थे कि महीनो तक मुझे ये सूना सूना कर ताना मारते रहें चिढ़ाते रहें |
क्या करे हम सब ऐसे ही हैं कई बार हम दूसरों की बात पर बिना ज्यादा दिमाग लगाएं सोचे ऐसे अमल करने लगतें हैं जैसे वो बिलकुल सच और सही ही हो | कई बार बातों का गलत मतलब निकाल कुछ ही कर बैठतें हैं | बच्चों की भलाई के नाम पर हम सब करने को तैयार रहतें हैं उसका आगे का परिणाम जाने बिना |
खैर घर का माहौल बिटिया के आने से पहले वाला तो ना हुआ , आखिर हम थे तो भारतीय मिडिल क्लास सोच वाले , लेकिन उस दिन के बाद कुछ तो सामान्य हो गया था इस सोच के साथ जब बच्चों को किया जा रहा किस हग प्यार हैं और उसे हमें जाताना चाहिए , तो अपने जीवन साथी के साथ किया गया ऐसा व्यवहार कुछ और कैसे हो सकता हैं वो भी उतना ही प्यार है जिसे जताते रहना चाहिए |
#मम्मीगिरि