December 11, 2023

जालसाजों से सतर्क और सावधान रहें

अपने अनुभव , खासकर पैसे के लिए फ्रॉड करने का प्रयास वाले, यहां साझा करना कितना जरूरी और अच्छा है आज की पोस्ट इसी पर है। 

कुछ महिनो पहले एक मित्र ने पोस्ट शेयर करते बताया कि कैसे उनके किराये पर घर देने का विज्ञापन ऑनलाइन देने पर एक स्कैमर ने उन्हे काॅल किया और खुद को सशस्त्र सेना बल का बताते ये कहने लगा कि उसका ट्रांसफर हुआ है अभी। 

उसे तुरंत आते ही परिवार के लिए घर चाहिए। इसलिए वो सीधा पैसे देने को तैयार है । बस उसे अपना पेटीएम का नंबर दे दें । अपना विश्वास बनवाने के लिए वो एक नंबर दे रहा था अपने सीनियर का बोलकर । 

कल बिल्कुल यही मेरे साथ भी हुआ।  सुबह ही जिस साइट पर विज्ञापन दिया शाम को उसका नाम लेते एक व्यक्ति का फोन आया । 

सिस्टर आपका विज्ञापन देखा आपका घर मुझे पसंद आया है । मै लेना चाहता हूं।  हमने कहा अभी आप कहां रहतें है । इस पर बोलता है जम्मू।  हमने कहा इतनी दूर से यहां । 

तो जवाब दिया मै जम्मू मे सशस्त्र बल मे काम करता हूं । उसका इतना बोलना था कि हमे पहले ही पढ़ी हुयी पोस्ट याद आ गयी । समझ आ गया कि फ्राॅडिया है । वो आगे बोलते जा रहा था । 

सिस्टर मेरा ना आपके शहर में ट्रांसफर हो गया है । मेरी पत्नी और एक पांच साल की बेटी है । सिस्टर क्या आप फैमली वाले को घर देंगीं । 

बहुत सालों से अरमान था कि कोई ऐसा स्कैमर हमे फोन करे और हम उसे चरायें कुछ घंटा येड़ा बने रह कर । लेकिन कमबख्त ने फोन बहुत गलत टाइम पर किया था । 

हम घर से बाहर निकल रहें थें बिटिया के जरूरी काम से । टाइम पर पहुंचना था और बकवास करने का टाइम उस समय नही था । 

सो जब वो अपनी बात कह कर चुप हुआ तो आगे की उसकी कहानी हमने खुद ही उसे सुना दी कि अब मेरे हां करने पर तुम मेरा पेटीएम नंबर मांगोगे । 

मुझे विश्वास दिलाने के लिए अपने सीनियर का नंबर दोगे और फोन करके वेरीफिकेशन के लिए बोलोगें । पागलों कितने दिन तक तुम लोग यही सब करते रहोगे । सबको अपने जैसा बेवकूफ समझा है क्या । बंद करो ये सब करना । 

आगे हम कुछ बोलते गरियातें उसने फोन ही काट दिया । अब सोच रहें है ऑनलाइन साइबर सेल मे शिकायत कर दें । सभी लोग शिकायत करेगें नंबर देगें तो शायद पुलिस कोई कार्रवाई भी करे । 

वैसे नंबर ये था उसका 8926061572

December 08, 2023

गर्भनाल से जुड़े बच्चें

  करीब चार पांच साल पहले की बात है। मुंबई के एक लगभग पचास वर्षीय पति पुलिस स्टेशन मे रिपोर्ट लिखाता है कि दो दिन से उसकी पत्नी घर वापस नही आयी फोन भी ना उठा रही । साथ मे कार भी लेकर गयी है 

दो दिन बाद कार पुलिस को वेस्टन घाट पर खायी की तरफ लुढ़की मिल जाती है । लेकिन उसमे कोई रहता नही । लोग समझें हैं कि या तो महिला खायी मे गिर गयी या फिर बच कर बाहर आयी हो और किसी अस्पताल मे हो । 

पुलिस आसपास के अस्पताल में पता करती है लेकिन कोई नही मिलता । अब पुलिस को पति पर शक हो जाता है और उसका फोन टेप होने लगता है । बस दस दिन बाद ही पुलिस पति को पकड़ लेती हैं क्योंकि उसके फोन पर उसी दिन सुबह उसकी पत्नी का फोन आया था । 

तो माजरा ये था कि चालीस बयालीस की पत्नी का कोई पच्चीस छब्बीस साल के युवक से अफेयर शुरू हो जाता है । वास्तव मे पति पत्नी बेटे के कारण साथ रह रहे थें उनका आपसी रिश्ता बहुत साल पहले ही खत्म हो गया था । 

जब पति को अफेयर के बारे मे पता चला तो उसने पत्नी को लड़के के साथ चले जाने को कहा ।  लेकिन समस्या थी कि इससे बारहवीं पास कर चुका बेटे के दिल मे और समाज मे माँ की क्या छवी बनेगी। 

फिर दोनो पति पत्नी ने तय किया कि इस तरह पत्नी को मरा साबित कर देगें । वो आराम से लड़के के साथ किसी दूसरे राज्य मे जा कर रहेगी और पति बेटे से कुछ साल संपर्क नही करेगी । 

 अब सोचिये इतना सब तय होंने के बाद भी केवल दस ही दिनों मे पत्नी ने पति को फोन क्यों किया होगा । उसने ये पुछने के लिए फोन किया था कि बेटे का इंजिनियरिंग काॅलेज से काॅल लेटर आया था पति एडमिशन कराना भूल तो नही गया है ना । 

मैने ये खबर पढ़ी तो मुझे बहुत हँसी आयी । मैने कहा कुछ पिता और पति घर से बाहर काम पर जाते ही भुल जातें की मेरे बीबी बच्चे भी हैं । कुछ दोस्तो के साथ गोवा के चार दिन के टूर पर भूल जातें हैं की बाल बच्चेदार हैं । थाईलैंड घुमने गयें अधेड़ तो अपनी ऊमर भूल जाते हैं । 

 लेकिन एक महिला शायद दुनियां की सब चीज छोड़ दे भूल जायें लेकिन अपने बच्चो की फिक्र करना नही छोड़ सकती उसे भूल नही सकती । भले उसे कल्पनाओं से परे की चीज मिल गयी हों सुखी जीवन मिल गया हो ।

अब सुन रहीं हूं पाकिस्तान गयीं अंजु अपने बच्चो को लेने वापस आयीं हैं । इसके पहले पाकिस्तान की सीमा  ने ज्यादा समझदारी दिखायी थी ।  जब बिना बच्चों के नेपाल आयीं तब भारत नही आयीं । वापस पाकिस्तान जा कर अपने बच्चों को लेकर भारत आयीं । 

सीमा को पता था कि बच्चो को छोड़ा तो उनसे कभी मिल ना पायेगीं । अंजु ये गलतीं कर चुकि अब उनके बच्चे उन्हे ना मिलने वाले कभी भी। अब बाकि जीवन उन्हे इस दुख के साथ ही जीना होगा । 

December 07, 2023

तीसरी कसम

 

केला बेचती ललीता पवार और उसे खरीदते राजकपूर मे मोल चाल करते हुज्जत चल रही है । ललीता पवार कहतीं है दो आने मे तीन केले दूंगी और राजकपूर कहतें है तीन आने मे दो केले लूंगा । 

थोड़ी देर बहस करने के बाद ललीता पवार को समझ आता हैं कि सामने वाला तो उनके फायदे की बात बोल रहा है । जीवन मे एकबार हम भी ललीता पवार वाली गलती कर चुकें हैं । 

बनारस से कजन की शादी के अगले दिन ट्रेन से मुंबई लौट रहें थें । साथ मे कोई तीन चार साल को बीटिया भी थीं । हमारी मिडिल बर्थ थी तो  तय था कि दिन मे तो सीट शायद ही  खुले । 

नीचे के बर्थ वाले आये नही थें हम शादी के जागे बैठे बैठे उंघ रहें थे बिटिया मोबाइल मे व्यस्त थीं । उनके जागते हम सो भी नही सकते थे और फिर पता नही कब नीचे के बर्थ वाला आ जाये । 

कुछ घन्टो बाद एक आदमी करीब छ फिट का अपने छ सात साल के बच्चे के साथ सीट पर आया और आते ही बोला सीट खाली किजिए।

  हमने कहा दिन का समय है हमारी मीडिल बर्थ है तो लिजिए हम किनारे हो जाते है आप बैठिये । तो कहता है आप पूरी सीट खाली किजिए पूरी सीट हमारी है । मेरे बेटे को सोना है । 

इतना छोटा सा उसका बच्चा था हमने कहा हम एकदम किनारे बैठ जातें है आपका बच्चा आराम से एक तरफ सो सकता है । इस पर वो एकदम ही बत्तमीजी पर उतर आया और तेज आवाज मे बोलने लगा। 

बोला देखने मे आप तो पढ़ी लिखी लग रही है आपको समझ नही आ रहा है कि सीट मेरी है । मै बच्चे को सुलाने जा रहा हूं उसके पैर से आपको चोट लगेगा तो मै नही जानता । 

हमे भी गुस्सा आने लगा लेकिन अपनी बिटिया को भी देखा तो वो जरा सा परेशान हो रहीं थी इस बहस से । 

फिर हम खुद भी जानते थें कि ट्रेन मे ऐसे कभी भी किसी से बहस भी नही करनी चाहिए।  पता नही सामने कौन किस तरह का है । लेकिन अब करूं भी क्या । बिटिया को लेकर मीडिल बर्थ पर बैठना एक मुश्किल काम था । 

बस वही पल था जब बिना मैन्टोस खाये दिमाग की बत्ती जली । हमने कहा एक मीनट ये हम का फालतू का बहस कर रहें हैं इस बन्दे से ये तो हमारे फायदे की बात कर रहा है । 

हमे इस समय मीडिल बर्थ पर बैठना नही है हम तो आराम से उस पर सो सकते हैं । नीचे के बर्थ पर तो इसलिए नही सो रहें थें कि बिटिया कहीं उतर कर कहीं चली ना जायें । 

 हम तो तीन रात के जगे उंघ रहे थें हमे तो घंटो की नींद ही चाहिए और मिडिल बर्थ से तो बिटिया के कहीं उतर के जाने का सवाल ही नही है । तो हम घंटो बेखटक सो सकते है । 

फिर हमने धाड़ से बर्थ खोला चादर बिछाया और सो गयें । एक डेढ़ घंटा बिटिया मोबाइल पर विडियो गेम खेलने के बाद , शादी की थकीं वो भी थीं तो वो भी सो गयी । 

कोई तीन चार बजे के सोये शाम को सात बजे हम उठें तो वो और उनका बच्चा दोनो जाग रहे थें । असल मे उनका बच्चा सोया ही नही। 

बीच बीच मे जितनी बार भी आधी अधूरी आँख खुली तो हमे सुनायी दे रहा था कि वो बैठे बैठे कहानी सुना सुना बच्चे को सुलाने की कोशिश कर रहें थें । लेकिन छ सात साल का लड़का ट्रेन मे आ कर कहीं सोने वाला है । वो सोया ही नही । 

अब आप अंदाजा लगाइये छ फिट का आदमी नीचे के बर्थ मे किस तरह झूक कर इतने घंटे बैठा होगा । क्योकि बच्चा तो पापा बिस्किट,  पापा पानी , पापा सूसू किया पड़ा था तो वो लेट सकते नही थें उसके साथ।  

सात बजे हमारी जैसे ही आँख खुली थोड़ी देर बाद वो खड़े हुए हमसे नजरे मिली । बस मुंह खोलने ही वालें थें कि हम पलट कर दूसरी तरफ चेहरा कर फिर  जानबूझ कर सो गये । 

उसके बाद साढें आठ के करीब नींद खुली । हमे जागता देख तपाक से बोलें कि आप चाहें तो बर्थ बंद करके नीचे आ जायें । हमने ना मे सर हिला दिया । 

अब वो हमसे बहस भी कर चुकें थें और तब हमारी बिटिया भी सो रही थीं । तो हमसे रिक्वेस्ट करने तक का मुंह ना था उनका । 

 सबसे मजेदार बात ये थीं कि पूरे बोगी मे सब घोड़ा बेच मुर्दों की तरह चादर डाल सो रहें थें । क्योंकि सब शादी से ही लौट रहें थे सबकी मेंहदी आलता यही बता रहा था । 

एक भी सीट खाली नही थी कि वो बैठ सकें । बच्चा उनका बैठा था और वो ठीक से बैठ भी नही पा रहे थें । कभी खड़े होते कभी उकता कर बाहर चले जाते । हम लेटे लेटे मस्त अपना मोबाइल देख रहें थें ।

साढें नौ बजे हमारी बिटिया जागी बोली मम्मी कुछ खाने को दो । वो फट से खड़े हो गये । सोचा कि अब तो हम नीचे उतरेगें और सीट बंद करेगें । 

वहीं ऊपर टंगें हमारे झोला से हमने बिस्किट केक और चिप्स निकाला और आराम से मोबाइल देखते खाने लगा नीचे उतरे ही नही । अब उनको पता चल गया था कि कितनी दुष्ट महिला से उन्होने फालतू की बहसबाजी की थी । 

यही बात वो रिक्वेस्ट मे कहतें  या साइड मे अपने बच्चे को सुला देतें तो हम से बाद मे सीट खोल नीचे आने को भी कह सकतें थें ताकि वो आराम से बैठ सकें । लेकिन बहस और खराब व्यवहार से हमारे अंदर के रावण के दर्शन कर लिए उन्होने । 

करीब साढ़े दस बजे रात को उनका स्टेशन आया और वो उतरने की तैयारी करने लगा तो हम बड़े मजे से उनके सामने नीचे ऊतरे सीट नीचे किया और बिटिया को बोला मजा आया ना बाबू । अब हम लोग आराम से नीचे बैठेगें चलो हमारी नींद भी पूरी हो गयी । 

उसी दिन हमने तीसरी कसम खायी कि आज के बाद कभी किसी से फालतू की हुज्जत नही करेगें । पहले ध्यान से सुनेंगें कि सामने वाला क्या कह रहा है । कहीं हमारे ही फायदे की बात तो ना कह रहा है । 

सामने वाला दो आने मे तीन केले लेने की जगह तीन आने मे दो ही केला लेना चाहता है तो यही सही । 

#तीसरीकसम