पांच साल पहले बैंक की सतर्कता देख दिल बाग़ गार्डन सब हो गया था | भाई की शादी के लिए हम शॉपिंग के लिए निकले , मौका विवाह का था तो बिल खूब लम्बे बन रहे थे | जैसे ही तीसरी बार जब पति ने डेबिड कार्ड स्वैप कराया तो बस आधे मिनट के अंदर ही उन्हें बैंक से फोन आ गया की आप के कार्ड से अचानक बहुत सारी शॉपिंग हो रही है , क्या कार्ड आप ही प्रयोग कर रहे है | पति ने उन्हें आश्वस्त किया की कार्ड वही प्रयोग कर रहे है और मैंने तुरंत उन्हें कहा की उसे बताये की शॉपिंग ख़ास मौके के लिए ही किया जा रहा है और अगली बार भी जब कभी हमारे कार्ड से ज्यादा शॉपिंग हो तो तुरंत हमें सूचना दी जाये उसे सामन्य न माना जाये | ये निर्देश जरुरी था कही अगली बार वो ये न समझे की हम तो इतना खर्च करते रहते है ये सामान्य बात है |
लेकिन सभी बैंक इतनी सतर्कता दिखाए ये जरुरी नहीं इसका बुरा उदहारण दो साल पहले देखने को मिला | जब बहनोई के अकाउंट से लाख रु से ऊपर की शॉपिंग हो गई रात को १२ बजे और उन्हें बैंक से मैसेज सुबह ९ बजे मिला | उनके होश उड़ गये तुरंत बैंक भागे और पता किया , क्या लिया गया है और कहा | पता चला फ्रॉड अमेरिका से किया गया है ८५ हजार रु में एक हवाई जहाज का टिकट बुक किया गया है अमेरिका से यूरोप का बाकि के ३०-३५ हजार की शॉपिंग की गई है | बहनोई खुद टूर और ट्रेवलिंग में नौकरी करते है इसलिए बैंक से ही एयरलाइंस का नाम पता किया गया और पुलिस और सारे जरुरी कागजात ले उसके पास पहुँच गए | शुक्र था की टिकट उस दिन शाम की थी और उस पर यात्रा नहीं किया गया था सारे सबूत दे कर टिकट को कैंसिल कराया गया | वो ८५ हजार उन्हें मिल गये , किन्तु अपने प्रयास से और इस कारण की वो दिल्ली जैसी जगह पर थे और उन्हें पता था की क्या और कैसे करना है | बाकि के पैसो के लिए उन्हें बैंक के खूब चक्कर लगाने पड़े जबकि उनकी मदद एक निजी बैंक के मैनेजर कर रहे थे | उस समय शायद २१ दिन में पैसे वापस आने के रिजर्व बैंक के निर्देश थे जिसकी कोई कीमत नहीं थी | उन्होंने शिकायत की ये एकाउंट उनका निजी है , जिससे कभी भी उन्होंने इतना ज्यादा पैसा एक साथ खर्च नहीं किया है साथ ही डॉलर और विदेश में पेमेंट तो कभी भी नहीं किया है बैंक ने कैसे पैसे को रिलीज किया और तो और उन्हें समय से एसएमएस भी नहीं किया गया | उनका बैंक सरकारी था और मेरे पति का निजी |
इस तरह के फ्रॉड में ज्यादातर पहले एक दो डॉलर की रकम खर्च कर चेक किया जाता है , ये बहनोई के साथ भी हुआ था लेकिन उन्हें मैसेज ही नहीं आया | उन्होंने और मेरी बहन ने भी बताया उनके ऑफिस में इसके बारे में सभी को पता होता है | ऑफिस के बिजनेस कार्ड से ऐसा करने के कई प्रयास हुए है बैंक को निर्देश है की वो इतने कम रकम की कोई भी पेमेंट न करे और उन कार्ड से पेमेंट सिर्फ भारत से ही होंगे विदेश से बिलकुल नहीं | विदेश में बैठे ऐसे फ्रॉड लोगो का कभी कुछ नहीं होता , भारत के साइबर सेल वाले कुछ भी नहीं करते और रिजर्व बैंक के बैंको को दिए निर्देश की १० दिनों में पैसे वापस कीजिये इसकी भी कोई कीमत नहीं होती | पैसा आप का है और सतर्कता भी आप की ही दिखानी होगी | बैंक वाले आप को सही समय पर एक सूचना भेज दे आप तो बस उसी की कामना कीजिये |
#हिन्दी_ब्लॉगिंग
सही बात, जिसका पैसा सतर्कता भी उसको ही रखनी होगी।
ReplyDeleteधन्यवाद |
Deleteऐसे धोखे ऑनलाइन भी बहुत होते हैं. सतर्कता जरुरी है. पिछले दिनों ऐसे फर्जी प्रेमियों के मार्फ़त भी खूब फ्रौड हुए. जो कहीं से फोन करके कहते थे कि मुझे इंडियन एअरपोर्ट पर कस्टम वालों ने रोक लिया है...इतने पैसे भिजवा दो तब छोड़ेंगे. मेरे पास भी कुछ के दोस्तों कि एन्कुइरी आई थी कि ज़रा पता कर दो. यूरोप और प्रेम के धोखे में न जाने कितनी लड़कियों / औरतों ने अपना अकाउंट लुटा डाला.
ReplyDeleteप्रेम और धोखे में तो लोग खुद देते है , यहाँ तो हमारी जानकारी के बगैर निकाल लिया जाता है , या फिर कई बार ऑनलाइन पेमेंट करते है वह से भी लोग फ्रॉड में सहयोग करते है |
Deleteकार्ड से आनलाईन फ़्राड के मामले बढते ही जा रहे हैं ऐसे में स्वयं सतर्कता रखनी आवश्यक है. जरूरी नही कि हर बार बैंख वाला फ़ोन ही करे, कई बार आ भी जाता है और कई बार नहीं भी आता. वैसे आजकल वन टाईम पासवर्ड से काफ़ी आराम हुआ है, जब भी पेमेंट करते हैं तो एक वन टाईम पासवर्ड मांगा जाता है जो बैंख एस एम एस से भेजता है. कई बार इसमे डिले होने पर पेमेंट रूक भी जाता है पर यह ज्यादा सुरक्षित है. बहुत उपयोगी विषय उठाया आपने, आभार.
ReplyDeleteरामराम
#हिन्दी_ब्लॉगिंग
सतर्कता ही जरूरी है बस
ReplyDeleteबहुत जरूरी है | दरअसल तकनीक के इस्तेमाल ने हमें थोड़ा बेपरवाह भी बना दिया है | सतर्कता तो जरूरी है ही
ReplyDeleteअब तो घर-बाहर हर जगह चार कान (चौकन्ना) रखने की जरुरत है
ReplyDeleteऑनलाइन पैसों के Transaction को लेकर आज भी लोग उतने सतर्क नहीं हैं... मैं ऐसे कई लोगों को जानता हूँ जो हर छोटी-मोटी दुकानों में भी कार्ड स्वैप करके पेमेंट करते हैं, जबकि मेरा मानना है कि जब ज़रुरत हो तभी प्लास्टिक मनी उपयोग में लायी जाए...
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