अक्षय कुमार की खूब ट्रोलिंग हुयी उनके गुटका का विज्ञापन करने पर | ये ट्रोलिंग होनी भी चाहिए थी क्योकि जो व्यक्ति अपने नीजि जीवन में सेहत और खानपान को लेकर बड़ी बड़ी बात करता हो अगर वो पैसे के लिए तंबाकू बेचने वाली कंपनी का दिखावटी इलायची का विज्ञापन करे तो वो इसी के लायक हैं |
अगले ही दिन उन्हें इस विज्ञापन के लिए माफ़ी मांगनी पड़ी और खुद को विज्ञापन से अलग होने की घोषणा भी करनी पड़ी | उनके लिए तालियां बजाने से पहले रुकिये जरा पेंच समझिये विज्ञापन से अलग होने के बाद भी विज्ञापन बंद नहीं होगा क्योकि उन्होंने विज्ञापन के पैसे नहीं लौटाये हैं | उन पैसो को वो दान करेंगे और विज्ञापन अपने क्रांट्रेक्ट की समय तक दिखता रहेगा |
इसके पहले अमिताभ बच्चन की भी खूब ट्रोलिंग हुयी थी गुटका कंपनी का विज्ञापन करने पर | पहले उन्होंने सफाई दिया लेकिन बाद में उस विज्ञापन से ना केवल खुद को अलग किया बल्कि पैसे भी लौटा कर तुरंत विज्ञापन को बंद करवाया | अमिताभ शराब का विज्ञापन भी नहीं करते हैं क्योकि शराबी जैसी फिल्मे उन्होंने भले की हो पर वो शराब नहीं पीते | लिवर में लगा चोट और फिर हिप्पेटाइटस से संक्रमित ब्लड चढाने से उनका लिवर बहुत ख़राब हैं |
बहुत से खिलाडी जैसे सचिन विराट आदि भी शराब का विज्ञापन नहीं करते | कुछ सेलेब्रेटी हमेशा से इन चीजों का ध्यान रखते हैं कि समाज को वो कैसा सन्देश दे रहें हैं | अभी खबर आयी हैं कि अल्लू अर्जुन को भी गुटके के विज्ञापन का प्रस्ताव था लेकिन उन्होंने तुरंत ही मना कर दिया |
लॉकडाउन के बाद शाहरुख ने भी गुटके का विज्ञापन किया था और उनकी भी खूब ट्रोलिंग हुयी थी लेकिन उन्हें कभी कोई फर्क नहीं पड़ा | जबकि शाहरुख ने एक बार खुद से ये कहा था कि वो कभी गुटके का विज्ञापन नहीं करेंगे | इसलिए नहीं कि वो सेहत के लिए खराब चीज हैं बल्कि इसलिए क्योकि डाउन मार्केट की चीज हैं | ऐसे चीज का विज्ञापन करके वो खुद को छोटा गिरा हुआ नहीं बनायेंगे |
लेकिन लॉकडाउन की बेरोजगारी , लगातार फेल हो रही फिल्मे , पैसे की भूख ने उनसे ये करवा दिया | वैसे पैसा कमाने की उनकी भूख ने एक और परंपरा की शुरुआत की थी बरसो पहले जिसको आज सभी हिंदी फिल्म स्टार फॉलो करने लगे हैं | वो हैं लोगों की शादियों में नाचना |
पहले हिंदी फिल्मो के कलाकार विदेशो में बड़े बड़े टूर पर जाते थे | ताकि विदेशो में बैठे भारतीय और बाकि फैन उनको सामने से देख मिल सके और हिंदी फिल्म उद्योग का प्रचार भी हो जाये , पैसे कमान के साथ | लेकिन लोगों के शादियों में नाचना बहुत ही बेकार का पैसे की हवस जैसा था |
वैसे कुछ लोग कलाकारों के विज्ञापन करने को भी पसंद नहीं करते तो कुछ कलाकार भी विज्ञापन करना पसंद नहीं करते थे | सनी दयोल ने एक बार कहा था कि वो कभी विज्ञापन नहीं करेंगे क्योकि वो अभिनेता हैं और विज्ञापन करना बार में डांस करने , या कैबरे या तवायफ होना हैं जैसा कुछ कहा था | लेकिन सालो बाद वो भी बनियान मसाले बेचते दिख गये |
कुछ पुराने या फ्लॉप हो चुके फ़िल्मी कलाकार जैसे जैकी और गोविंदा तो ताबीज , मंतर जंतर तक बेचने लगे थे पैसे के लिए | वो तो शुक्र हैं कि ऐसे विज्ञापनों पर कोर्ट ने रोक लगा दी |
ब्लॉग के समय हम बहुत ही महिलाओं ने एक विज्ञापन के लिए किसी फ़िल्मी हस्ती को ट्रोल करने का खूब विरोध किया और फ़िल्मी हस्ती के साथ खड़े हो गए थे | पुराने ब्लॉग साथी और एक राष्ट्रवादी न्यूज चैनल से उस समय जुड़े एक जने ने प्रियंका चोपड़ा का विरोध किया इस बात के लिए कि वो शराब बनाने वाली एक कंपनी के फैशन टूर का विज्ञापन कर रही हैं |
महिला हो कर शराब बनाने वाली कंपनी से क्यों जुड़ी , खुद शराब पीती होंगी आदि इत्यादि उनके लिए कहा गया | हम महिलाएं जिन्हे तब नारीवादी कहा जाता था इसका विरोध किये कि उनका विरोध क्यों हो रहा हैं जब पुरुष अभिनेता का इस बात पर विरोध नहीं होता | और ये क्या बात हुयी कि किसी महिला को शराब पीने ना पीने के लिए नैतिकता की दुहाई दी जा रही हैं |
जब किसी पुरुष अभिनेता को ऐसे नैतिकता का दुहाई नहीं दी जाती तो महिला अभिनेत्री को क्यों दी जा रही हैं | अगर यह गलत हैं तो दोनों के लिए गलत हैं विरोध सबका होना चाहिए केवल महिला होने के कारण किसी एक का नहीं |
तब आज वाला सोशल मिडिया नहीं था वरना वो भी ये कहते अपना बचाव करते कि ये तो कोई बात नहीं हैं , ये व्हाटबॉटिज़्म हैं , हमारी मर्जी हम जिस पर चाहे बोले जिस पर चाहे चुप रहें | आज वालों को बोल कर देखिये भाई अमिताभ अक्षय पर तो खूब बोले शाहरुख पर क्यों चुप रहे या शाहरुख पर बोले बाकि पर चुप क्यों रहें तो व्हाटबॉटिज़्म का राग अलापते भाग जायेगा |
लेकिन कम से कम अभिताभ अक्षय जैसे ट्रोल होने पर लोगों की बात को कुछ तो मान दिया विज्ञापन से खुद को अलग तो किया | लेकिन शाहरुख ने तो इसका सोचा भी नहीं | वैसे भी वो गैर क़ानूनी होने के बाद भी सार्वजनिक जगहों पर आराम से सुट्टे मारते दिखते हैं और युवाओं में उन्हें रोल मॉडल के रूप में देखने के कारण उनकी पहले भी इस बात के लिए आलोचना भी हो चुकी हैं लेकिन उन्हें कभी कोई फर्क नहीं पड़ा |
#सिने_मा
यह सिनेमा वाले है कुछ हू कर सकते है पइसा के खातिर। बाकी विमल का प्रचार पर अजय देवगन का कॉपीराइट रहना चाहिए 😂
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