जिस एनडीटीवी पर रविश कहते हैं , जब टीआरपी की होड़ में सभी सिर्फ सुशांत केस को दिखा रहें हैं तो हम आपको असली खबर दिखा रहें हैं | उसी चैनल पर इस पंद्रह अगस्त के जय जवान में 2017 में सुशांत के साथ वाले एपिसोड दिखाते हैं | ये ठीक हैं इस साल नया नहीं बना होगा लेकिन 2018-19 वाला एपिसोड भी दिखा सकते थे , लेकिन टीआरपी की चाहत सभी को होती हैं |
फिर कहा जाता हैं कि मिडिया ट्रायल हो रहा हैं केस कोर्ट में हैं उसे ही ट्रायल करने दीजिये और उसके बाद रिया का इंटरव्यू दिखाते हैं | किसी एक पक्ष के बयान को सहानभूति पूर्वक इंटरव्यू दिखाना मिडिया ट्रायल नहीं हैं क्या , आप दोनों पक्षों का कुछ भी ना दिखाते सिर्फ इससे जुड़े खबर से मतलब रखते तो बेहतर होता |
वो कहतें हैं कि मीडिया एक तरफा खबर दिखा रहा हैं बकवास कर रहा हैं रहा हैं जबरजस्ती खुद ही फैसले सूना रहा हैं और फिर मनोरंजन भारती कहते हैं वो कौन सी ताकतें हैं जो रिया को इस केस में फंसाने का प्रयास कर रही हैं | किसी एक पक्ष को कोर्ट के पहले अपराधी बता देना गलत हैं तो किसी को निर्दोष मासूम बता देना भी उतना ही गलत हैं | ये चैनल भी इस केस में वही गलती कर रहें हैं जो बाकि के चैनल |
एनडीटीवी को निष्पक्ष भी दिखना हैं और एक का पक्ष भी लेना हैं ऐसा कैसा चलेगा भैय्या | हम जैसे दर्शक मिडिया ट्रायल खिलाफ हैं और बकवास खबरों , बयानों और आरोपों के भी इसलिए ही एनडीटी देखते हैं | लेकिन वहां भी आरोपी पक्ष को सहानभूति से और निर्दोष बताया जायेगा तो ये भी नहीं चलेगा | चैनल को तय कर लेना चाहिए कि उसे निष्पक्ष रहना हैं या एक पक्ष में जाना हैं , जो भी करना हैं खुल कर करों , दोनों हाथो में लड्डू लेने का प्रयास ना करो | ताकि हम निर्णय कर सके की इस केस में मामले में हम तुमको देखना भी बंद कर दे |
बहुत बढ़िया...🌻
ReplyDeleteसही सटीक विश्लेषण खबरिया चैनलों का ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति, बहुत सही लिखा
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