मुंबई आयी तो ससुराल की एक मजेदार बात पता चली कि मेरे चाचा ससुर के बच्चे अपने पापा को चाचा कहतें हैं । शुरू मे उन लोगों से बात करते बहुत कन्फ्यूजन होता था । लगा गांव से चाचा आयें हैं उनकी बात हो रही है ।
बाद मे पता चला मेरे ससुर बड़े थे उनके बड़े बच्चे चाचा कहते उन्हे देख चाचा के बच्चे भी उन्हे चाचा ही कहने लगें ।
ऐसी ही बनारस मे मेरी एक मित्र अपनी मम्मी को बाजी कहतीं थीं । बचपन से वो नानी के घर रहतीं थीं । उनकी मम्मी सबसे बड़ी, सात छोटे भाई बहन वो सब उन्हे बाजी बुलातें मेरी दोस्त भी वही सीख गयी और उन्हे किसी ने मना भी नही किया ।
हम लोग तो दो तीन सालों तक यही समझते रहें कि वो अपनी बड़ी बहन की बात करतीं रही थीं । तब लगता वाह इसकी बड़ी बहन तो बहुत अच्छी है इसके सारे काम करती है ।
इसी तरह हमारे बचपन मे एक किरायेदार रहते थी उनके बच्चे उन्हे बहु बुलातें थे। शुरू मे लगा कि शायद इनके गांव इलाके मे ऐसा बुलाया जाता होगा ।
फिर एक दिन जब गाँव से उनके ससुर आयें वो भी बहु कहने लगे उन्हे तब पता चला कि उनकी तरफ कुछ ऐसा पुकारा नही जाता ।
वास्तव मे उनके बड़े संयुक्त परिवार मे वो सबसे छोटी बहु थीं । पूरा घर ही उन्हे बहु कहता था तो जेठ जेठानी के बच्चो से लेकर उनके अपने बच्चे भी उन्हें बहु ही पुकारने लगें ।
मेरी नानी मेरे सबसे छोटी मौसी के दोनो बेटो पर बहुत गुस्सा करतीं थीं क्योंकि दोनो अपने दादाजी को नाना बुलातें थें ।
असल मे उन दोनो से बड़ी उनकी एक बुआ की बेटी थी जो उनके साथ रहती थी । वो नाना जी बुलाती तो उन दोनो ने भी सीख लिया ।
जब छोटी मौसी की शादी हुयी थी तो नाना गुजर चुके थे । इसलिए नानी गुस्सा करती कि अपने दादा को नाना बोल कर इस उमर मे मेरा रिश्ता उनसे खराब कर रहे हो 😂😂
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ReplyDeleteगलत बुलाने वाले से महान तो वे लोग हैं जो गलत बुलाना सुनकर भी टोकते या मना नहीं करते
ReplyDeleteवाह
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