Gotta feed the baby AND do the laundry? No problem-o! |
No spoon? No problem-o! |
Seatbelt broken? No problem-o! |
New TV too big for the old cabinet? No problem-o! |
Cables falling behind the desk? No problem-o! |
No bottle opener? No problem-o! |
Fuse burnt out? No problem-o! |
Car stereo stolen? No problem-o! |
Can't afford a real GPS? No problem-o! |
No ice chest? No problem-o! |
Can't read the ATM screen? No problem-o! |
Exhaust pipe dragging? No problem-o! |
Car can't be ordered with the "Woody" option? No problem-o! |
Desk overloaded? No problem-o! |
Tires worm out? No problem-o! Might be a little hard to steer. |
Display rack falling over? No problem-o! |
What the? |
Wiper motor burned out? No problem-o! |
Electric stove broken & can't heat coffee? No problem-o! |
Satellite go out in the rain? No problem-o! |
Car imported from the wrong country? No problem-o! |
Bookshelf cracking under the weight? No problem-o! |
Out of diapers? No problem-o! |
मज़ा आ गया।
ReplyDeleteसारे जुगाड़ अंतरराष्ट्रीय स्तर के हैं, लेकिन डायपर्स वाला सबसे बढ़िया है। लेकिन हम भी सच्चे हिन्दुस्तानी हैं जी, थोड़ा सा सुधार करके एक lid और लगाते पेपर ग्लास पर और मेड इन इंडिया की मोहर लगा कर पेश करते, गारंटी है सबसे ज्यादा सराहा जाता ये जुगाड़।
ReplyDeleteआपकी पिछली पोस्ट पर दो बार टिप्पणी करने की कोशिश कर चुका हूँ, धुल जाती है हर बार, साबुन शायद ज्यादा ही अच्छा है मेरे पास।
फ़िर जाता हूँ।
बहरहाल, जुगाड़ को हम किसी भी नजर से देखें लेकिन रचनात्मकता और ऐडजस्ट करने की मानसिकता से भरपूर होते हैं इनके मालिक अर्थात जुगाड़ी।
अच्छी पोस्ट लगी।
mere kyal se diapers, spoon & cabinet ka jugad sabse jada acha hai
ReplyDeletemajedar hai par ham bhartiyo ko takkar nahi de sakte hai ha ha ha
ReplyDeletefirst and last one are amazing ;)
ReplyDeleteआवश्यकत ही अविष्कार की जननी है | इसे जुगाड़ कह कर इसका अपमान मत कीजिये ये तो अविष्कार है हा हा हा हा
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा।
ReplyDeletesare jugad majedar hain.
ReplyDeleteउम्दा पोस्ट .... कुछ सोचने का भी मन किया और थोड़ी हंसी भी आई.....
ReplyDeleteहाँ , डायपर्स वाला बहुत अच्छा लगा।
हे भगवान लोग जुगाड़ में भी हमसे आगे हैं :)
ReplyDeleteमज़ा आ गया,,,,,,,,,
ReplyDeleteधन्यवाद ..
ReplyDeleteआज तो "जुगाड़ दिवस" ही हो गया | मैंने भी जुगाड़ पर ही पोस्ट लिखी थी |
लेकिन आपकी पोस्ट काफी जबरदस्त है |
वैसे ये मेल मेरे पास भी आ चुकी है|
ha ha ha
ReplyDelete@ये मुझे ई - मेल से मिला है
ReplyDeleteऔर हमें फीमेल से.. :P
हा हा!! सटीक!! जुगाड़ दर जुगाड़!!
ReplyDeleteहिन्दी के प्रचार, प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है. हिन्दी दिवस पर आपका हार्दिक अभिनन्दन एवं साधुवाद!!
wah ! kaya baat hai!
ReplyDeleteise kahte hai "jugad technology"
is technology se hum har chiz istmal ke layak bana sakte hai....thanks anshumala ji ! aapne meri aankhe khol di! kamal ke chitra hai
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteहा-हा-हा सारे बढ़िया जुगाड़ है :)
ReplyDeleteजय हो जुगाड की।
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ReplyDeleteबेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !
आशा है कि अपने सार्थक लेखन से, आप इसी तरह, हिंदी ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें
वाह-वाह बहुत खूब जुगाड़ है...
ReplyDeleteएक से बढ़ कर एक..
ReplyDeleteये अंत वाला सबसे बढ़िया लगा जी ....
ReplyDeleteबहुत बढ़िया प्रस्तुति .......
मेरे ब्लॉग कि संभवतया अंतिम पोस्ट, अपनी राय जरुर दे :-
http://thodamuskurakardekho.blogspot.com/2010/09/blog-post_15.हटमल
कृपया विजेट पोल में अपनी राय अवश्य दे ...
ha ha ha mujhe to a.t.m. wale uncle ka jugaad sabse badhiya laga.lekin unse kahiye ki paise nikalwakar sabse pahle apne liye ek baniyaan khareed laye.ye koi umar hai dolle 7 sholle dikhane ki?
ReplyDeleteकैसे कैसे जुगाड़ ...!
ReplyDeletearrrre waaah acche jugaad,
ReplyDeleteinmei kuch to apne kaam bhi aayenge.
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
ReplyDeleteवाह क्या बात है
ReplyDeleteसही कहा ... जुगाड़ दरअसल मानवीय स्वभाव है
" विज्ञान प्रगति " नाम से एक विज्ञान पत्रिका आती थी [अब भी आती होगी ] उसमें कबाड़ से जुगाड़ नाम का सेक्शन होता था
उसकी याद आ गयी
बचपन में पढी कहानी में प्यासा कौवा भी जुगाड़ी टाइप का था :))
अच्छी पोस्ट :)
आभार
quite innovative !
ReplyDeletevaah..mast post....
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