बधाई हो आज से देश में नेता , मंत्री पोर्टेबिलिटी की सुविधा सुरु हो गई है |
क्या मंत्री जी अपने विभाग से खुश नहीं है ?
क्या वो अपने विभाग से परेशान हो गये है ?
क्या मंत्री जी को अपना विभाग मलाईदार नहीं लग रहा है ?
क्या मंत्री जी को अपने विभाग से ज्यादा दूसरे विभाग में ज्यादा मलाई दिख रही है ?
क्या मंत्री जी अब अपने विभाग के सारी मलाई चट कर चुके है और अब वो अपनी भूख मिटाने के लिए दूसरे विभागों की और नजरे गडाए है ?
क्या अब मंत्री जी राज्य मंत्री रहते कैबिनेट मंत्री की झूठन खा खा कर उब चुके है अब उन्हें ताजा मलाई खानी है ?
क्या नेता जी नेतागिरी कर कर थक चुके है अब उन्हें मंत्री बनने की इच्छा जागृत हुई है ?
क्या मंत्री जी की इच्छा हर विभाग की मलाई खाने की है ?
तो सभी मंत्रियो और नेताओ के लिए खुशखबरी है देश में अब नेता ,मंत्री पोर्टेबिलिटी सुविधा शुरू हो गई है | नेता वही मंत्री वही बस विभाग बदलिए और काम पर चलिए | अब मंत्री जी को सारी परेशानिया सहते हुए उसी विभाग में पड़े रहने की जरुरत नहीं है वो इस सुविधा का लाभ उठाये और नेता मंत्री रहते हुए बस अपना विभाग बदल लीजिये |
बस कॉल कीजिये १० जनपथ पर वहा से एक कोड मिलेगा उसे सीधे मन्नू जी को जा कर दिखाइये और अपनी सारी समस्याओ से निजात पाइये और अपना विभाग बदल डालिए |
पहले ये सुविधा नहीं होने से मंत्री नेताओ को काफी परेशानी होती थी एक बार जब मंत्री पद मिल गया तो मिला गया जो विभाग दिये उसे ही संभालो विभाग बदलने की चेष्टा में आप का मंत्री पद भी जा सकता था और मंत्री जी को परेशानी हो सकती थी किस किस को उन्होंने अपने मंत्री होने का नंबर दे रखा था पुराना कीमती पद चला जायेगा इस डर से मंत्री बेचारे सब सहते हुए उसी विभाग में पड़े रहते थे | पर अब ऐसा नहीं है कुछ भी कीजिये मंत्री पद जाने का कोई डर नहींअब आप को अपने विभागों के ख़राब कमाई से दो चार होने की जरुरत नहीं है तुरंत इस सेवा का लाभ उठाइए और मंत्री रहते अपना विभाग बदलिए |
अपडेट - - - - -
मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की शुभारंभ तो प्रधान मंत्री आज करेंगे पर मंत्री पोर्टेबिलिटी सुविधा का शुभारंभ तो उन्होंने कल ही कर दिया और केन्द्रीय मंत्री परिषद के विस्तार के नाम पर बस मंत्रियो के विभाग ऐसे बदल दिया जैसे ताश के पत्तो को फेट दिया हो | जिन्हें मंत्री मंडल से निकाल देना चाहिए था उनके बस विभाग भर बदले | अब इसे मंत्री पोर्टेबिलिटी सुविधा ना कहे तो क्या कहे |
क्या मंत्री जी अपने विभाग से खुश नहीं है ?
क्या वो अपने विभाग से परेशान हो गये है ?
क्या मंत्री जी को अपना विभाग मलाईदार नहीं लग रहा है ?
क्या मंत्री जी को अपने विभाग से ज्यादा दूसरे विभाग में ज्यादा मलाई दिख रही है ?
क्या मंत्री जी अब अपने विभाग के सारी मलाई चट कर चुके है और अब वो अपनी भूख मिटाने के लिए दूसरे विभागों की और नजरे गडाए है ?
क्या अब मंत्री जी राज्य मंत्री रहते कैबिनेट मंत्री की झूठन खा खा कर उब चुके है अब उन्हें ताजा मलाई खानी है ?
क्या नेता जी नेतागिरी कर कर थक चुके है अब उन्हें मंत्री बनने की इच्छा जागृत हुई है ?
क्या मंत्री जी की इच्छा हर विभाग की मलाई खाने की है ?
तो सभी मंत्रियो और नेताओ के लिए खुशखबरी है देश में अब नेता ,मंत्री पोर्टेबिलिटी सुविधा शुरू हो गई है | नेता वही मंत्री वही बस विभाग बदलिए और काम पर चलिए | अब मंत्री जी को सारी परेशानिया सहते हुए उसी विभाग में पड़े रहने की जरुरत नहीं है वो इस सुविधा का लाभ उठाये और नेता मंत्री रहते हुए बस अपना विभाग बदल लीजिये |
बस कॉल कीजिये १० जनपथ पर वहा से एक कोड मिलेगा उसे सीधे मन्नू जी को जा कर दिखाइये और अपनी सारी समस्याओ से निजात पाइये और अपना विभाग बदल डालिए |
पहले ये सुविधा नहीं होने से मंत्री नेताओ को काफी परेशानी होती थी एक बार जब मंत्री पद मिल गया तो मिला गया जो विभाग दिये उसे ही संभालो विभाग बदलने की चेष्टा में आप का मंत्री पद भी जा सकता था और मंत्री जी को परेशानी हो सकती थी किस किस को उन्होंने अपने मंत्री होने का नंबर दे रखा था पुराना कीमती पद चला जायेगा इस डर से मंत्री बेचारे सब सहते हुए उसी विभाग में पड़े रहते थे | पर अब ऐसा नहीं है कुछ भी कीजिये मंत्री पद जाने का कोई डर नहींअब आप को अपने विभागों के ख़राब कमाई से दो चार होने की जरुरत नहीं है तुरंत इस सेवा का लाभ उठाइए और मंत्री रहते अपना विभाग बदलिए |
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मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की शुभारंभ तो प्रधान मंत्री आज करेंगे पर मंत्री पोर्टेबिलिटी सुविधा का शुभारंभ तो उन्होंने कल ही कर दिया और केन्द्रीय मंत्री परिषद के विस्तार के नाम पर बस मंत्रियो के विभाग ऐसे बदल दिया जैसे ताश के पत्तो को फेट दिया हो | जिन्हें मंत्री मंडल से निकाल देना चाहिए था उनके बस विभाग भर बदले | अब इसे मंत्री पोर्टेबिलिटी सुविधा ना कहे तो क्या कहे |
क्या अंदाज है? आनन्द आ गया। अपने पास तो कोई नम्बर ही नहीं है तो अब क्या करें?
ReplyDeleteMNP की तर्ज़ पर लिख हुआ आपका यह व्यंग्य बेहद धांसू लगा !
ReplyDeleteलगे रहिये ...!
uff..........dhnya hain ham jo aapko follow karte hain.......kahan se dimag paya aapne...!! :P
ReplyDeletehaa haa
ReplyDeleteपोर्टेबिलिटी सुविधा का बेहतरीन परिवर्तन.
ReplyDeleteमेहरबानी है जी आपकी जो आपने मंत्री को ये सुविधा प्रदान कर दी, सच मे मंत्री जी बहुत परेशान थे।
ReplyDeleteबहुत बहुत बढिया लेख
शुभकामनाये
बेहतरीन कटाक्ष... सच बात तो यह है की नेता के द्वारा अब बस खून चूसना बाकी रह गया है... बाकी हदें तो यह कब की पार कर चुकें हैं...
ReplyDeleteये ,,बात....जबर्दस्त्त तीर मारा है एकदम निशाने पर...बेहतरीन व्यंग.सटीक और रोचक.
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया व्यंग्य लिखा है...तुष्टिकरण की नीति ही अपना रखी है, सबने...विरोध का कोई स्वर ना उठे...सबको खुश रखो...और अपना उल्लू सीधा करो...बस.
ReplyDeleteअंशू जी, आपके व्यंग्य की धार बहुत तीखी है। बधाई।
ReplyDelete---------
ज्योतिष,अंकविद्या,हस्तरेख,टोना-टोटका।
सांपों को दूध पिलाना पुण्य का काम है ?
baap re baap.....sachmuch is kachot bhare vyangya se dil bhar gayaa....!!
ReplyDeleteधाँसू व्यंग्य मारा है आपने.
ReplyDeleteये बताइये जनता के लिए सरकार
पोर्टेबिलिटी की कोई सुविधा नहीं है क्या?
@ अजित जी
ReplyDeleteधन्यवाद |
@ शिवम जी
ये व्यंग्य नहीं सच्चाई है कल का मंत्री परिषद का विस्तार तो यही बता रहा है |
@ मुकेश जी
हमें भी आप को फालो करके बहुत अच्छा लगा इतनी अच्छी अच्छी कविताये करने के लिए कहा से इतनी सुन्दर सोच पाया है आप ने |
@ रचना जी
धन्यवाद | आम आदमी हँसने के सिवा कर ही क्या सकता है |
@ सुशील जी
धन्यवाद | ये तो हमारे PM का किया है |
@ दीपक सैनी जी
जी ये हमने नहीं मैडम ने और PM ने प्रदान की है |
@ शाह नवाज़ जी
ReplyDeleteखुशनसीब है जो आप का खून अभी तक नहीं चूसा है बाकियों को तो इन्होने नहीं छोड़ा है |
@ शिखा जी
क्या फायदा ऐसे तीर से एक भी नेता नहीं मरा |
@ रश्मि जी
सब कुछ नेताओ के ख़ुशी और उनकी संतुष्टि के लिए हो रहा है जनता की ख़ुशी संतुष्टि तो सरकार के लिस्ट में है ही नहीं |
@ रजनीश जी
धन्यवाद |
@ राजीव जी
धन्यवाद | पर इन नेताओ का पेट और मन कभी नहीं भरेगा :)
@ सोमेश सक्सेना जी
ओपेरटर बदलिए नंबर वही,
विभाग बदलिए नेता वही ,
हर पांच साल बाद सरकार बदलिए नेता बदलिए पर भ्रष्टाचार वही घोटाला वही |
ज़बरदस्त कटाक्ष .....आखिर इन्हें सिर्फ अपनी सुविधा और असुविधा की ही तो सोचनी है.....
ReplyDeleteज्ञानवर्धक लेख
ReplyDeleteमन्नू जी की तो मोजां हो गई जी, बहुत खुब मजा आ गया
ReplyDeleteगज़ब साम्य ढूँढ निकाला है आपने, बहुत ही जोरदार कटाक्ष। आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि पी.एम.साहब का कद एक दो इंच तो और बढ़ ही गया होगा, आई मीन खिंच गया होगा। वैसे बैंकों में एक जॉब रोटेशन का नियम होता है, उसका उद्देश्य अलबत्ता अलग होता है, लेकिन हमारे मैनेजर साहब, सॉरी एक्स गवर्नर साहब, सॉरी अगेन वर्तमान पी.एम. साहब ने भी जॉब रोटेशन कर ही दिया आखिर।
ReplyDeleteआपकी कलम की धार दिनों-दिन पैनी हो रही है, शार्पनर को धन्यवाद पहुंचाईयेगा। सच में बहुत अच्छा लिखा है आपने।
:) :) :)
ReplyDeleteइतनी स्माइलीज़ के बाद एक और बात... इस पोर्टेबिलिटी में एक और सुविधा भी है... यहाँ पर 2G (स्टेट मिनिस्टर)के लिए 3G अपग्रेडेशन (कैबिनेट बर्थ)का विकल्प भी उपलब्ध है!!
अच्छा है जी! मन्नू भाई मोटर चली पम पम पम!!
.
ReplyDelete.
.
हा हा हा हा,
जबरदस्त लपेटा है आपने... बेचारे मन्नू जी...
अच्छा व्यंग्य!
...
ReplyDeleteबेहतरीन पोस्ट लेखन के लिए बधाई !
आशा है कि अपने सार्थक लेखन से, आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है - पधारें - नयी दुनिया - गरीब सांसदों को सस्ता भोजन - ब्लॉग 4 वार्ता - शिवम् मिश्रा
बहुत ही बढ़िया व्यंग है.बधाई.
ReplyDeleteअच्छा लगा !
ReplyDeleteबहुत बढ़िया कटाक्ष ....ताश के पत्तों की तरह फेंट दिए विभाग
ReplyDelete@ मोनिका जी
ReplyDeleteजिस दिन हमारे बारे में सोचने लगे समझिये राम राज आ गया |
@ मासूम जी
धन्यवाद | ????
@ राज भाटिया जी
मन्नू जी क्या सभी मंत्रियो की मौजां हो गई है |
@ संजय जी
सुना है अब बैंक में बड़े अधिकारियो को कुछ दिन की छुट्टी पर जाना जरुरी किया जा रहा है ताकि उनके गैर हजारी में पता लगाया जाये की वो बिना छुट्टी इतनी तन्मयता से कौन सा गबन कर रहे है यही नियम हर साल मंत्रियो पर भी लागु करना चाहिए | शार्पनर तो अपना ही था बस उसमे चार साल से पड़े पड़े जंग लग गया था उसे ही धार दे रही हु |
@ सलिल जी
ReplyDeleteमन्नू भाई मोटर चली पम पम पम
मंत्री बन जायेंगे घोटाले करते जायेंगे
घोटाले कर कर पैसा बनायेंगे
हल्ला मचाएंगे, गुल्ला मचाएंगे
विपक्षी सारे नेता संसद सर पर उठाएंगे |
:) :० ;)
@ प्रवीण जी
बेचारे ??????? कौन वो या हम |
@ शिवम जी
अपनी वार्ता में मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए धन्यवाद |
@ sagabob ji
धन्यवाद |
@ रविन्द्र जी
धन्यवाद |
@ संगीता जी
पता नहीं किसे फेटा विभागों को या मंत्रियो को |
मंत्री पोर्टेबिलिटी ... हा हा हा
ReplyDeleteएकदम फ़ोन सरीखी, दोनों में ही qualitative change न होने की पक्की गारंटी...
राज-काज की बातें पहेली सी उलझी-सुलझी.
ReplyDeleteआम जनता क्या जाने ?ताश के पत्ते फेंटना? वो तो जुआरी? ही अच्छे से फेंट सकते है और फेंटना भी क्या? पत्ते उनके खिलाडी उनके ?
ReplyDeleteबहुत खूब !सुन्दर व्यंग्य। आभार।
ReplyDeleteमंत्रियों के विभाग मोबाईल नेटवर्क जैसे ही हैं। सीमलेस रोमिंग की सुविधा नहीं मिल पा रही।
ReplyDeleteकडा व्यंग्य किया है आपने...
ReplyDeleteपोर्टेबिलिटी सुविधा देने के लिए मन्नू एंड कंपनी बधाई की पात्र है... वैसे यह सरकार दूरसंचार के क्षेत्र में तो रोज नए झंडे गाद रही है... ;)
बहुत ही बढ़िया व्यंग है| बधाई|
ReplyDeleteexcellent write up
ReplyDeleteमंत्री पोर्टेबिलिटी ..
ReplyDeleteसच को विश्लेशत करने का नया अंदाज पसंद आया ......गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
Happy Republic Day..गणतंत्र िदवस की हार्दिक बधाई..
ReplyDeleteMusic Bol
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