सबसे पहले उन महान विद्वानों को सलाम जो युद्ध से डरे हुए हैं , नहीं नहीं इसलिए नहीं डरे हैं कि युद्ध भयावह है और वो बलिदान लेती है बल्कि इसलिए डरे हैं क्योकि उन्हें लगता है मौजूदा सरकार युद्ध की घोषणा कर चुनाव टाल ना दे या कोई बड़ी कार्यवाही करके कोई राजनैतिक फायदा ना उठा ले |
किसी ने कहा वो आत्मघाती हमलावर बनने को तैयार है देश के लिए जान कुर्बान | सुनो आत्मघाती हमलावरों से युद्ध जीते जाते तो लिट्टे , लादेन , तालिबान , आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठन बहुत पहले ये युद्ध जीत चुके होते | युद्ध जान दे कर नहीं , सही तरीके , सही जगह और सही दुश्मन की जान लेकर जीते जाते है |
एक वीर योद्धा ने कहा वो बढ़ी कीमतों में पेट्रोल खरीदने के लिए तैयार है सरकार को बदला लेने के लिए युद्ध करना चाहिए |
मुझे लगता है आम लोग समझ नहीं पा रहें की युद्ध के लिए किन चीजों की जरुरत है और सरकार को इसके लिए कैसे तैयार करना चाहिए |
युद्ध लड़ने के लिए ( जीतने के लिए नहीं सिर्फ लड़ने के लिए ) बहुत सारे पैसो की जरूरत होती है | जरा गूगल कर चेक कीजिये कि संसद पर हमले के बाद कितने अरब रुपये एक छोटी सेना को सीमा तक भेजने और बिना कुछ किये ही वापस बुला लेने पर खर्च हो गए |
यदि आप वास्तव में सरकार को युद्ध के लिए मानना चाहते है तो अपनी समस्त जमा पूंजी अपनी हर तरीके की धनसंपदा को देश पर न्यौछावर कीजिये उसे प्रधानमंत्री राहत कोश में जमा कर दीजिये फिर कहिये सरकार युद्ध करो |
सोशल मिडिया पर जितने लोग आक्रोश जाहिर कर युद्ध चाहते हैं यदि वो सभी ऐसा करे तो सरकार के पास काफी धन होगा युद्ध पर खर्च करने के लिए ( समस्या हल की गारंटी नहीं है क्योकि हमारे पडोसी की दुम टेढ़ी है )
याद कीजिये आजादी के लड़ाई के समय महिलाओं ने अपने गहने कुर्बान किया था , महिलाएं आज भी ऐसा कर सकती हैं |
युद्ध के लिए कुर्बानी देनी होगी अपने भविष्य की , एक युद्ध हमारे जैसे विकास कर रहे देश को दस साल पीछे खींच लेता है |
कहिये की अगले दस साल देश के सभी अध्यापक सरकारी स्कूलों , कॉलेजों , विश्विद्यालयों में मुफ्त सेवा देंगे | जो पढ़ाना नहीं जानते वो सभी बच्चो के लिए किताबो यूनिफार्म बस्ते की व्यवस्था करेंगे | सरकार को एक पैसा खर्च करने की जरुरत नहीं है |
महिलाएं वादा करे अगले दस साल तक अपने पैसो और हाथो से मिडडे मील बना कर स्कूल के बच्चो को खिलाएंगे , सरकार पैसे ना खर्च करे |
सरकरी अस्पताल में रोज चार छः घंटे देश का हर डॉक्टर मुफ्त सेवा देगा , जो डॉक्टर नहीं है वो दवाइयों और बाकि जरूरतों को पैसे से पूरा करेंगे |
महंगा प्रट्रोल नहीं महंगा आनाज सीधा किसान से लेंगे क्योकि किसानों के कर्ज माफ़ नहीं होंगे क्योकि खेती के लिए उन्हें कर्ज मिलेंगे ही नहीं |
व्यापार के पैसे से तिजोरी नहीं भरेंगे नया काम शुरू कर और रोजगार जनता पैदा करेगी , सरकार को चिंता करने की जरूरत नहीं हैं |
घर के आगे की सड़क हम बनवाएंगे , मंदिर की जगह ब्रिज , फ्लाईओवर आदि के लिए पैसा दान देंगे |
सैनिको के लिए आप को मुआवजा देने की जरुरत नहीं है , भावनात्मक जरुरत तो शायद ना पूरा कर सके लेकिन बाकी हर जरुरत सैनिको के घरो की हम पूरा करेंगे |
अपने बेटे के लिए किसी सैनिक की विधवा ब्याह कर लाएंगे , उसके बच्चो को पिता का प्यार देंगे |
उसके माँ बाप को अपने माँ बाप की तरह रख्नेगे |
अगले दस साल अपने सारे शौक ख़त्म कर अपनी जरूरते के बाद बचे सारे पैसे देश के लिए खर्च करेंगे |
उफ्फ्फ क्या बकवास है कौन करेगा ये सब , कुछ आसान सा करते हैं चलो डीपी काली करते हैं , कैंडिल मार्च निकालते हैं , सोशल मिडिया पर बयानवीर बनते हैं , सरकार को मोदी को कोसते है , पकिस्तान को गरियाते हैं , सिद्धू के विरोध के लिए कपिल के शो का बहिष्कार करते है |
सुना है भारत सरकार ने सैनिको की सहायता के लिए एक कोष बनाया था जिसमे आम लोग पैसे दे सकते है | आज भी उसमे पैसे ना के बराबर है | चलो सैनिको कुर्बानी के लिए तैयार हो जाओ हम सोशल मिडिया पर तुम्हारे लिए डटे हैं |
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन आइये बनें हम भी सैनिक परिवार का हिस्सा : ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...
ReplyDeleteबुलेटिन में मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए धन्यवाद |
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