नीमो खो जाता है उसके महा समझदार पापा एक भुलक्कड़ मछली डॉरी के साथ उसे खोजते बड़ी से ब्लू व्हेल के मुंह में चले जाते है , लेकिन पेट में गिरने से पहले उसके अलिजिह्वा ( uvula ) पकड़ लटक जाते हैं |
डॉरी व्हेल की आवाज सुन उसे कहती है इसे छोड़ कर नीचे कूद जाओ |
समझदार पापा नीचे पाचन वाले झारीय अमलो का सागर देख ऐसा करने से मना कर देते हैं , उन्हें लगता है नीचे गिरे तो पचा लिए जायेंगे |
व्हेल से उसकी भाषा में बात करती डॉरी बार बार उसे कहती है कि व्हेल कह रही है सब कुछ छोड़ कर बस बहो तो तुम ऐसा ही करो |
पर समझदार पापा उसे समझाते ये सही नहीं है |
अंत में डॉरी कहती है ये आखरी मौका है अब तो तुम्हे वो छोड़ कर कूदना ही होगा |
उसकी बात पर भरोषा करके वो पेट में कूद जाता है और तभी व्हेल अपने अंदर का अतिरिक्त पानी जोर से बाहर फेकती है उसके साथ वो दोनों भी व्हेल के मुंह से बाहर आ कर समुन्द्र में गिर जातें है |
जीवन में कई बार ऐसा ही होता है हम अपनी ही समझदारी को पकड़े जिद्द पर अड़े होते हैं और जीवन बार बार इशारा करती है कि सब छोडो और चुपचाप बहो असल में वो हमें सही जगह ले जाने का प्रयास करती है और हम ही उसके साथ बहने के लिए राजी नहीं होते |
बहुत अच्छी रचना .
ReplyDeleteहिन्दीकुंज,हिंदी वेबसाइट/लिटरेरी वेब पत्रिका
ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 02/02/2019 की बुलेटिन, " डिप्रेशन में कौन !?“ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन में मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए धन्यवाद
Deleteबहुत अच्छी रचना है , धन्यवाद्
ReplyDeleteVisit Computer Notes
बहुत सुंदर प्रस्तुति
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