हम अपने बच्चों को अच्छे से अच्छे महंगे नीजि स्कूलों में भेजते हैं इस उम्मीद में कि वो वहां अच्छी पढाई के साथ कुछ अच्छे संस्कार , अच्छी बातें और पढाई से इतर एक अच्छे मनुष्य बनने की शिक्षा लेंगे | लेकिन वही महंगे पब्लिक स्कूल उन बच्चों को क्या सीखा सकता , उन्हें कितनी गलत बातें और झूठ सीखा सकता हैं हम अंदाजा भी नहीं लगा सकतें हैं |
बहन के घर के बगल में एक पार्क हैं उजड़ा हुआ , अभी तक हरियाणा सरकार के विकास के मैप में वो पार्क नहीं आया हैं , इसलिए खाली मैदान के रूप में पड़ा हुआ हैं |
पिछले शनिवार कुछ सरकारी स्कूल के बच्चे और टीचर वहां आ कर ढेर सारे पेड़ लगा गए | संभव हैं कि किसी सरकारी आदेश पर्यावरण संरक्षण आदि के तहत ऐसा किया गया हो |छठी या सातवीं के छोटे बच्चे अपने साथ ढेरो पेड़ लायें थे और तेज बारिश होने के बाद भी गीली मिटटी में गंदे होते हुए भी गड्ढे खोद कर अच्छे से पेड़ लगा दिया | दो दिन बाद और भी बच्चे आये और किसी दूसरे पार्क में भी पेड़ लगा गयें | साथ में पेड़ों को लगाते और उनके साथ फोटो भी खिंचवायें गयें बच्चों और टीचर के |
दो तीन दिन बाद अचानक से वहां दो बसों में भर कर किसी दूसरे सेक्टर के एक नामी और बड़े नीजि स्कूल के बच्चे फिर उसी पार्क में अपनी टीचर के साथ आयें और सरकारी स्कूल के बच्चों द्वारा लगाएं गयें पेड़ों के साथ फोटो खिंचवाने लगे | जब बहन ने पूछा ये क्या हो रहा हैं तो बताया गया हम सब पेड़ लगाने आयें हैं | बहन ने सवाल किया कि पेड़ कहाँ लगाया तो उसने वहां पहले से ही लगे पेड़ की और इशारा कर दिया जिसके साथ उसकी फोटो उसकी टीचर ले रही थी | फिर बहन ने टोका ये तो पेड़ पहले से ही लगा था जो सरकारी स्कूल के बच्चों ने लगाया था तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और अपना फोटो लेना जारी रखा |
घंटे भर तक बच्चे सरकारी स्कूल के बच्चों की मेहनत को अपनी मेहनत बताने के लिए सभी पेड़ों के साथ फोटो लेते रहें | हद तो तब हो गई जब उन टीचरों ने लोगों के घरों के आगे लगे पेड़ , पौधों के साथ भी फोटो लेना शुरू कर दिया | उसके लिए बाकायदा बच्चों को निर्देश दिए जा रहें थे कि जिनके आगे लोहे के जंगले लगे हैं उनके साथ फोटो ना ली जाए | इस तरह उन्हें अपने पकड़े जाने का डर रहा होगा |
सोचिये स्कूल के टीचर , प्रिंसपल बच्चों का कितना कुछ गलत सीखा रहें थे | झूठ बोलना , बेईमानी करना , दूसरों की मेहनत को अपना बताना , एक तरह से अपराध करना ना केवल सीखा रहें थे उनसे वो करवा भी रहें थे | संभव हैं इसके पीछे सरकारी पैसे की लूट भी हो | बहन ने बस फोटो नहीं लिया हैं उन लोगों का , लिया होता तो फोटो के साथ शिक्षा विभाग और स्कूल की को भी टैग करती इस अपराध के लिए | एक पेड़ लगाना किसी नीजि स्कूल के लिए क्या इतना मुश्किल था कि वो इतना निचे गिर कर बच्चों से ऐसे अपराध करवा रहें थे | ये तो हद के बहुत आगे का अपराध हैं |
बहन के घर के बगल में एक पार्क हैं उजड़ा हुआ , अभी तक हरियाणा सरकार के विकास के मैप में वो पार्क नहीं आया हैं , इसलिए खाली मैदान के रूप में पड़ा हुआ हैं |
पिछले शनिवार कुछ सरकारी स्कूल के बच्चे और टीचर वहां आ कर ढेर सारे पेड़ लगा गए | संभव हैं कि किसी सरकारी आदेश पर्यावरण संरक्षण आदि के तहत ऐसा किया गया हो |छठी या सातवीं के छोटे बच्चे अपने साथ ढेरो पेड़ लायें थे और तेज बारिश होने के बाद भी गीली मिटटी में गंदे होते हुए भी गड्ढे खोद कर अच्छे से पेड़ लगा दिया | दो दिन बाद और भी बच्चे आये और किसी दूसरे पार्क में भी पेड़ लगा गयें | साथ में पेड़ों को लगाते और उनके साथ फोटो भी खिंचवायें गयें बच्चों और टीचर के |
दो तीन दिन बाद अचानक से वहां दो बसों में भर कर किसी दूसरे सेक्टर के एक नामी और बड़े नीजि स्कूल के बच्चे फिर उसी पार्क में अपनी टीचर के साथ आयें और सरकारी स्कूल के बच्चों द्वारा लगाएं गयें पेड़ों के साथ फोटो खिंचवाने लगे | जब बहन ने पूछा ये क्या हो रहा हैं तो बताया गया हम सब पेड़ लगाने आयें हैं | बहन ने सवाल किया कि पेड़ कहाँ लगाया तो उसने वहां पहले से ही लगे पेड़ की और इशारा कर दिया जिसके साथ उसकी फोटो उसकी टीचर ले रही थी | फिर बहन ने टोका ये तो पेड़ पहले से ही लगा था जो सरकारी स्कूल के बच्चों ने लगाया था तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और अपना फोटो लेना जारी रखा |
घंटे भर तक बच्चे सरकारी स्कूल के बच्चों की मेहनत को अपनी मेहनत बताने के लिए सभी पेड़ों के साथ फोटो लेते रहें | हद तो तब हो गई जब उन टीचरों ने लोगों के घरों के आगे लगे पेड़ , पौधों के साथ भी फोटो लेना शुरू कर दिया | उसके लिए बाकायदा बच्चों को निर्देश दिए जा रहें थे कि जिनके आगे लोहे के जंगले लगे हैं उनके साथ फोटो ना ली जाए | इस तरह उन्हें अपने पकड़े जाने का डर रहा होगा |
सोचिये स्कूल के टीचर , प्रिंसपल बच्चों का कितना कुछ गलत सीखा रहें थे | झूठ बोलना , बेईमानी करना , दूसरों की मेहनत को अपना बताना , एक तरह से अपराध करना ना केवल सीखा रहें थे उनसे वो करवा भी रहें थे | संभव हैं इसके पीछे सरकारी पैसे की लूट भी हो | बहन ने बस फोटो नहीं लिया हैं उन लोगों का , लिया होता तो फोटो के साथ शिक्षा विभाग और स्कूल की को भी टैग करती इस अपराध के लिए | एक पेड़ लगाना किसी नीजि स्कूल के लिए क्या इतना मुश्किल था कि वो इतना निचे गिर कर बच्चों से ऐसे अपराध करवा रहें थे | ये तो हद के बहुत आगे का अपराध हैं |
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