कहते है की दुनिया में सबसे ज्यादा अंदर से दुखी सबसे बड़ा हंसोडा होता है बाहर से वो भले हँसता मुस्कराता दिखता है पर अंदर बहुत दुःख घुटन भरा होता है और जब वो घुटन अपनों को द्वारा हो तो कष्ट कुछ और भी बढ़ जाता है | कुछ ऐसा ही था मेरे भी साथ, आज भले ही हर बात पर एक मज़ाक करती टिप्पणी और उसके साथ इस्माइली लगा देती हूँ किंतु ब्लॉग में आने के पहले ऐसा नहीं था | जीवन में वो कुछ भी नहीं था जो मैंने जीवन से चाह था, जिस तरह के परिवार से मैं आई थी, ससुराल पति उससे कही ज्यादा विपरीत थे, ऐसा नहीं था की विवाह के पहले कुछ मालूम ही नहीं था, ससुराल के परिवार के बारे में जानकर कुछ तो अंदाजा था और ये समझौता तो अपनी ख़ुशी से मैंने ही किया था | किंतु कहते है ना की समझौता तो समझौता ही होता है अपनी ख़ुशी से किया जाये या मज़बूरी में वो मन में कही ना कही सालता ज़रुर है | जीवन के सात कीमती साल मैंने बस कस्मसाते हुए गुजार दिए | आज व्यंग्य करती मज़ाक करती अंशुमाला को देख कर आप में से शायद ही किसी को कभी इस बात का अंदाजा हुआ हो की मैं अंदर से कितनी दुखी और परेशान थी |
इन सब की शुरुआत तो विवाह के छ सात दिन बाद ही हो गया था जब पति देव की असलियत मेरे सामने आ गई ( वो अलग बात है की सदा उनकी बुराईयो को छुपा उनकी अच्छाई ही सब जगह कही है ) हमारी छोटी सी बहस को मैंने जब झगड़े का रूप दे दिया पर पति देव तो बस चार बार मुझे जवाब देने के बाद एक दम से- - - -- -- - - ---- - - -- - -- - - - - - चुप ही हो गए और मेरी बात मान कर कहा की अब इसे यही खत्म करो, उनका ये व्यवहार मेरे लिए ये किसी आघात से कम नहीं था, मैंने कहा की क्या बस इतना ही क्या आप को झगड़ा करना नहीं आता तो उन्होंने साफ मना कर दिया नहीं मुझे नहीं आता | आप तो अंदाजा भी नहीं लगा सकते की उस समय मुझ पर क्या गुज़री , विवाह के पहले ही पता था की मेरी सास नहीं है दिल को मना लिया की चलो झगड़ा करने और मोहल्ले भर में किसी और की बुराई बढ़िया लुंगी , ननदे जिठानी मुझसे दूर रहती थी तो क्या जब फोन पर बाते होंगी या कभी मिले तो उन्हें ताने मार लिया करुँगी कभी व्यंग्य बाण चला लिया करुँगी , रोज न सही कभी कभी ही सही, पर पति तो पास होगा झगड़ा तो हर दूसरे दिन कर खाना पचा लिया करुँगी , पर मेरी फूटी किस्मत की पति देव को झगड़ा ही नहीं करने आता था , हद तो तब हो गई जब मेरे सटायर , व्यंग्य तक पर प्यार से मुस्करा देते थे, हाय ! तब पता चला की इन्हें तो ये भी समझ नहीं आता है, मुझे ही ये बताना पड़ता है की अजी मैंने आप पर ताना कसा है सटायर मारा है, तो कहने लगे अच्छा मुझे तो पता ही नहीं चला | बोलो अब ऐसे लोगो के साथ जीना भी कोई जीना है बंधुओं | ये सब यही ख़त्म नहीं हुआ दर्द तब और बढ़ गया जब इमारत की सभी महिलाओ ने अपनी सास ननद निंदा समूह से मुझे दो महीने में ही बाहर निकाल दिया कहने लगी की ये नहीं चलेगा की हमारे ससुराल वालो की बुराई खूब रस ले ले कर सुनो और अपनी कुछ भी न कहो | जीवन बिना झगड़े , बिना किसी का मज़ाक, व्यंग्य किये , बिना सटायर, बातों को उलटा बोले चल सकता है | अरे इन सब के बिना भी जीना कोई जीना था और वो भी मेरे जैसी लड़की ( अरे तब मैं तो लड़की ही थी ना, वैसे भी आप क्या जाने इस उम्र में खुद के लिए लड़की लिखा जाना कितना सुहाता है ) के लिए जो उस परिवार से आई थी जहा बिना किसी भेद भाव , रंग रूप जाति पाति धर्म रिश्ता देखे सभी का एक सुर में मज़ाक उड़ाया जाता है सभी मिल कर किसी किसी की टाँग खीचते है | बचपन से ये देखती आई थी, ये सब तो मेरे खून में था सोचा था बड़ी हो विवाह होगा तो अपने घर के ये महान काम को और आगे ले जाउंगी दूर दूर तक फैलाऊँगी , किंतु सब ख़त्म हो गया |
पर कहते है ना भगवान के घर देर और अंधेर दोनों ही है, मेरी जोड़ी ऐसे व्यक्ति के साथ बना कर अंधेर करने वाले भगवान ने भी देर से ही सही मुझे इस घुटन से आज़ादी दिला दी और एक दिन मेरा परिचय हिंदी ब्लॉग जगत से करा दी | लगा जैसे कोई अपना सा मिल गया, यही है वो जिसको मुझे वर्षो से इंतजार था | हर तरफ लोगो के भड़ास बिखरे पड़े थे , मेरी तरह ही घुटे हुए लोगो की घुटन खुल कर बाहर आ रही थी , हर तरफ झगड़े विवाद चल रहा था | लगा जैसे मेरा ही परिवार, मेरा ही शहर यहाँ हो, वही खुद को सभी से समझदार समझना , वही सारी बुद्धि का ठेका खुद लेकर बैठे होने का दावा करना , वही दूसरों पर व्यंग्य कसना , वही किसी की टाँग खिचाई करना, वही मिल कर किसी एक का मज़ाक उड़ाना ,नहा धो कर किसी के पीछे पड़ जाना , वही बस अपनी ही हर बात पर अड़े रहना , वही हर बात पर बहस करना , वही ताने कसना और ये कहना की हम महिलाओ की बड़ी इज़्ज़त करते है बस वो महिलाएँ मेरे घर की हो बाकी बाहर की महिलाओ को हम महिलाओ की गिनती में नहीं रखते है यदि वो हमारे खिलाफ या कहे की वो बोलने की भी हिम्मत करेंगी तो उनकी तो हम बीप बीप बीप ( श्री श्री अमिताभ बच्चन के मुख कमलो से लिए गए शब्द जहा आप अपने स्तर और स्वभाव जानकारी के अनुसार अपनी पसंद की गाली जोड़ कर पढ़ सकते है ) कर देंगे | धनभाग हमारे की हम हिंदी ब्लॉग जगत से जुड़े यहाँ आकर जिन जिन गलियों को हमने लिपि बध रूप में पढ़ा और अपने गालियों का ज्ञान बढाया वो कही और संभव नहीं था | क्या है की बचपन तो बनारस में गुजरा जहा परिवार में तो कोई गाली नहीं देता था किंतु आस पास सभी के मुख मंडल से प्रेम पूर्वक जो गाली रूपी पुष्प गिरते थे वो ठीक से समझ नहीं आते थे एक तो बिलकुल ठेठ भाषा की समस्या आती दूसरे उच्च स्वर में शुरू हुई गाली पता नहीं क्यों बाद में निम्न स्वर में आ जाती थी, जिससे गाली आधी की समझ आती थी यही कारण था की हमारा गाली ज्ञान उतना अच्छा नहीं था | किंतु भला हो हमारे ब्लॉग जगत का जहा बाक़ायदा हर शब्दों का अच्छे से पढ़ने का मौका मिला बल्कि कई नई गलियों का भी ज्ञान हुआ धन्यवाद ब्लॉग जगत | उसके बाद जो कलम ( असल में तो उंगलिया चली कहते तो कलम ही है ना ) चली की पूछो ही मत | कभी प्रवचन तो कभी जहर बुझे व्यंग्य के तीर , तो कभी लंबी लंबी हाकना पोस्ट तो पोस्ट टिप्पणियों की लम्बाई भी लंबी , तो कभी तीखे सटायर , तो कभी किसी की हर बात की ही आलोचना करते रहना हा कहे तब भी ना कहे तब भी , और लोगो को टिप्पणी देने का ऐसा चस्का लगा की पोस्ट भी लिखने की सुध नहीं रहती कभी कभी | ज्यादातर लोग तो मुझे टिप्पणीकार के रूप में ही जानते होंगे बजाये एक ब्लॉगर के | टिप्पणियों का अपना मजा है जा कर किसी के अच्छे खासे लेख का बेडा गर्क कर दो, मेरे आने के पहले जिस पोस्ट में सब आप से सहमत है लिख कर जा चुके हो वह टिप्पणी में ऐसी बात लिख मारो की सब लेखक को छोड़ मुझे से ही सहमत हो कर चले जाये और लेखक जल भुन जाये , या लेख का दिशा ही बदल दो कोई नई बात लिख कर की लोग पोस्ट के बजाये टिप्पणी पर ही वाह वाह कर बैठे , या पोस्ट पर ऐसा विवाद खड़ा कर दो टिप्पणी दे कर की लेखक भी बार बार सोचे की आखिर विवाद हुआ क्यों था , जहा दिखे की पोस्ट लिखने वाला खुद को ज्यादा विद्वान समझ रहा है वहा पर कई पोस्ट पर विपरीत बाते लिख अपनी विद्वानिता झाड़ देती हूँ की बेचारे ब्लॉगर को अंत में मुझे विद्वान मान अपना पिंड छोड़ने के लिए कहना पड़ जाये और जहा पर ब्लॉगर की बड़ी बड़ी उच्च कोटि की हिंदी समझ ना आये तो टिप्पणी भी ऐसे कर दे की जब बात में मई खुद ही पढ़ो तो खुद ही समझ ना आये की आखिर इसका मतलब क्या है | मतलब ये की जीवन में जो करने की इच्छा थी सब यहाँ पूरा होने लगा |
यहाँ आ कर मेरे मन को जो सुख चैन मिला वो सात सालों की घुटन को कुछ ही समय में भुला दिया | अब बुराई करने के लिए किसी सास की जरुरत नहीं इतने ब्लॉगर और उनकी करनी( पोस्ट ) है की आप बुराई करते करते थक जाये, पर ना तो ब्लॉगर खत्म होंगे ना बुराई करने के लिए पोस्टे, खुद का विषय सोचने की जरुरत ही नहीं है बस दूसरे की पोस्टो की बुराई लेकर बैठ जाइये देखिये कैसा पाठक खींचा चला आता है आप के पास निंदा रस का रस और बढ़ाने ले लिए , ताने कसने व्यंग्य बाण चलाने के लिए ननद , जिठानी की या नीचा दिखने के लिए किसी गरीब रिश्तेदार की जरुरत नहीं है लोगो के पोस्टो का विषय ही काफी है किसी का भी मज़ाक उड़ाने के लिए और नीचा दिखने के लिए हिंदी का ज्ञान ही काफी है | वर्तनी से लेकर भाषा अलंकार समास आदि आदि जो मिले उसी की धज्जी उड़ा दे अच्छी खासी पोस्ट को हिंदी का निम्न स्तर की लेख बता दे और आगे बढे और ब्लॉगर को हिंदी ब्लॉग जगत का कलंक भी बताने से ना चुके , और जलने के लिए किसी पड़ोसी की जरुरत नहीं है, हाय उसके ब्लॉग पर मेरे ब्लॉग से ज्यादा टिप्पणियाँ कैसे आती है , फलाने ब्लॉगर तो बस उन्ही को टिप्पणी करते है हमें नहीं , अजी वो महिला है ना इसलिए , अरे नहीं ये तो टिप्पणीकार ही फ़र्ज़ी है आदि इत्यादि |
यहाँ आ कर मेरे मन को जो सुख चैन मिला वो सात सालों की घुटन को कुछ ही समय में भुला दिया | अब बुराई करने के लिए किसी सास की जरुरत नहीं इतने ब्लॉगर और उनकी करनी( पोस्ट ) है की आप बुराई करते करते थक जाये, पर ना तो ब्लॉगर खत्म होंगे ना बुराई करने के लिए पोस्टे, खुद का विषय सोचने की जरुरत ही नहीं है बस दूसरे की पोस्टो की बुराई लेकर बैठ जाइये देखिये कैसा पाठक खींचा चला आता है आप के पास निंदा रस का रस और बढ़ाने ले लिए , ताने कसने व्यंग्य बाण चलाने के लिए ननद , जिठानी की या नीचा दिखने के लिए किसी गरीब रिश्तेदार की जरुरत नहीं है लोगो के पोस्टो का विषय ही काफी है किसी का भी मज़ाक उड़ाने के लिए और नीचा दिखने के लिए हिंदी का ज्ञान ही काफी है | वर्तनी से लेकर भाषा अलंकार समास आदि आदि जो मिले उसी की धज्जी उड़ा दे अच्छी खासी पोस्ट को हिंदी का निम्न स्तर की लेख बता दे और आगे बढे और ब्लॉगर को हिंदी ब्लॉग जगत का कलंक भी बताने से ना चुके , और जलने के लिए किसी पड़ोसी की जरुरत नहीं है, हाय उसके ब्लॉग पर मेरे ब्लॉग से ज्यादा टिप्पणियाँ कैसे आती है , फलाने ब्लॉगर तो बस उन्ही को टिप्पणी करते है हमें नहीं , अजी वो महिला है ना इसलिए , अरे नहीं ये तो टिप्पणीकार ही फ़र्ज़ी है आदि इत्यादि |
हिंदी ब्लॉग जगत को देख कर लगा की जैसे ये बस मेरे जैसो के लिए ही तो बना है जो जीवन में सपने तो कई देखते है पर करते कुछ नहीं है , बाते बड़ी बड़ी और काम एक भी नहीं, जो ज़मीन पर कुछ करने के बजाये बस लोगो के सामने लंबी लंबी फेंकने में उस्ताद होते है | काहे की जो काम करता है वो तो मैदान में जा कर लड़ा रहा होता है अपना सपना पूरा कर रहा होता है ना, उसके पास दूसरों को सुनाने के लिए ना इतना कुछ होता है और ना ही इतना समय होता है बकबकाने के लिए |तो भाइयों और बहनों , जैसे की हर धार्मिक कथा के अंत में कहा जाता है, की जैसे ब्लॉग मैया हमारा दुख दूर की हमें घुटन से आज़ादी दिलाई वैसे ही ब्लॉग मैया सभी का बेडा पार करे सभी को सुख चैन दे और सारा धन धान्य हमरे घरे भेज दे |
ये सब आज क्यों ?
क्या आज मेरे ब्लॉग का साल पूरा हुआ है ? अरे नहीं जी वो तो कब का हो गया ,
तो क्या सौ वी दोसौवी पोस्ट है ? लंबी लंबी उबाऊ टिप्पणी लिखने से फ़ुरसत मिले तब तो सौ पोस्ट लिखे |
क्या ब्लॉग छोड़ कर जा रही है, और टंकी पर चढने वाली है ? अरे मालूम है की कोई टंकी से उतारने ना आएगा उलटा टंकी के नीचे लगा सीढ़ी भी हटा देंगे की कही उससे उतर कर वापस ब्लॉग जगत में ना आ जाये |
तो फिर ??
जी आज मेरा हैप्पी वाला बड्डे है , सोचा पिछली बार आप लोगो से तोहफे की मांग की थी पर किसी ने ( राजेश जी की एक कविता को छोड़ ) कुछ नहीं दिया था ,एक सौ एक रुपये की तरह एक टिपण्णी थमा कर १००० रुपये वाली प्लेट का खाना खा के चल दिए थे !! हूं :))) | किंतु उसके बाद एक साल में लगा की लोगो ने कितना कुछ दिया है मुझे हिंदी ब्लॉग जगत का प्लेटफॉर्म दिया बकबकाने के लिए , टिपियाने और अपनी भड़ास निकालने के लिए कितनी पोस्टे दी , मेरी पोस्टो पर आ कर मेरी हर उल जलूल लेखनी की वाह वाही की क्या ये किसी तोहफे से कम है तो सोचा इस जन्मदिन पर आप सब के दिए तोहफे के लिए आप सभी का धन्यवाद कर दू |
तो हिंदी ब्लॉग जगत मुझे मेरे घुटन भरे जीवन से बाहर निकालने के लिए धन्यवाद !!!!!!
अब मेरे जन्मदिन पर आये है तो केक का हक़ तो बनता है आप लोगो का |
अब मेरे जन्मदिन पर आये है तो केक का हक़ तो बनता है आप लोगो का |
अंशुमाला जी आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाई ! ईश्वर से यही कामना है ---------
ReplyDeleteपश्येम शरदः शतं जीवेम शरदः शतं श्रुणुयाम शरदः शतं प्रब्रवाम शरदः शतमदीनाः स्याम शरदः शतं भूयश्च शरदः शतात्
अपना हिस्सा केक ले चुकी हूं
ReplyDeleteइस परिवार का साथ हमेशा बना रहे ..
इसी कामना के साथ ..
.. आपको जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं !!
कहते है की दुनिया में सबसे ज्यादा अंदर से दुखी सबसे बड़ा हंसोडा होता है बाहर से वो भले हँसता मुस्कराता दिखता है पर अंदर बहुत दुःख घुटन भरा होता है और जब वो घुटन अपनों को द्वारा हो तो कष्ट कुछ और भी बढ़ जाता है | ...सच हँसना भी कभी कभी एक तरह की मज़बूरी बन जाती है..
ReplyDeleteहिंदी ब्लॉग जगत मुझे मेरे घुटन भरे जीवन से बाहर निकालने के लिए धन्यवाद ...इससे अच्छी बात और क्या....
केक के लिए धन्यवाद और साथ ही जन्मदिन व दीवाली की एक साथ ढेरों शुभकामनायें..
जन्मदिन बहुत बहुत मुबारक हो...अंशुमाला जी,
ReplyDeleteक्या नायाब अंदाज़ है...कायम रहे यह अदा...:)
कमाल की पोस्ट लिखी है...हर पंक्ति के साथ मुस्कराहट फैलती
ही चली गयी...और अब तो मुस्कुराते हुए जबड़े भी दुखने लगे :)
एक बार फिर जन्मदिन की ढेरो शुभकामनाएं...
जन्म दिन की बधाई ..साथ ही दीपावली की शुभकामनाएं...
ReplyDeleteहमहू बनारसी है , काशी की अस्सी पढ़ी है . सतबचन हैये है इ की हिंदी ब्लॉग जगत में हर तरह की आकांक्षा को प्रश्रय मिलता है . बधाई आपको जन्मदिन की और इस कटु व्यंग की
ReplyDeleteअंशुमाला जी जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें…………वैसे जितने जुगाड बताये हैं सभी लाजवाब हैं बस आप नये नये तरीके ईजाद करती रहें यही दुआ करती हूँ आपके इस जन्मदिन पर ताकि अगले साल तक आपका नाम कम से कम ब्लोगजगत के गिनीज़ बुक मे तो आ ही जाये……………हा हा हा…………वैसे आपकी बातें पढकर मुझे भी आ गयी ना टिप्पणी करना…………हा हा हा………………जन्मदिन के साथ दीपावली की शुभकामनायें फ़्री फ़्री फ़्री………:):):)………देखिये इस्माइली भी लगा दिया है…………अब तो खुश ना इतना अच्छा तोहफ़ा दिया है।
ReplyDelete~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
ReplyDeleteअंशुमाला दीदी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई !
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
मेरी कामना है की आपका हर बड्डे हैप्पी वाला हो !
कृपया यहाँ भी जाएँ ...
ReplyDeletehttp://www.youtube.com/watch?v=wFh-rX_Sfhs
ansumala ji happy birtday,, lajabab post.
ReplyDeletehar pankti me nayapan...
badhaii janamdin ki tumko
ReplyDeletejanam din tumhara milaegae ladoo sabko
सब से पहले जन्मदिन की बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
ReplyDeleteफिर उसके बाद ...
आपको और परिवार में सब को दीपावली की हार्दिक मंगलकामनाएं !
सुन्दर वर्णन ..........
ReplyDeleteजन्मदिन की बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये ....
दीपवली पर गिफ्ट कार्ड बनाये माइक्रोसोफ्ट पेंट से...
जन्मदिन की बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं. साथ में आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक मंगलकामनाएं !
ReplyDeleteमेरे साथ तो अच्छी नाइंसाफी भई!!!हम ठहरे शाकाहारी और केक में होता है अंडा... और रही बात क्रीम-व्रीम की तो डॉक्टर ने मिल्क प्रोडक्ट्स पर रोक लगा दी है!!जन्म-दिन की खबर और 'उनके' सात साल के अत्याचार का बदला मुझसे!!मगर अब का करें.. हमरी अम्मा के मुलुक (बनारस) की हैं आप, तो अब कहाँ लड़ाई करें, ऊ भी आज के दिन!!
ReplyDeleteबस एही दुआ करते हैं कि परमात्मा 'उनको' सद्बुद्धि दे (मगर कहीं इससे आप ब्लॉग से विमुख तो नहीं हो जायेंगीं??)और आपकी यह मुस्कान बनाए रखे!! आपकी टिप्पणियाँ लंबी से बहुत लंबी होती जाएँ!! अब लगता है मेरी टिप्पणी लंबी होती जा रही है!! सों अंत में हैप्पी बर्थ डे!!!
जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteगिफ्ट में ये...
ज़िंदगी को सही मायने में जीने और खुश रहने के लिए ज़रूरी है कि दूसरे के फेंके कूड़े से अपना दिन बर्बाद मत होने दें...ज़िंदगी में दस प्रतिशत वो होता है जो आपको मिला है, नब्बे प्रतिशत वो होता है, जिस तरीके से आप खुद ज़िंदगी को लेते हैं....तो आज से अपने हर दिन को कूड़ा-मुक्त रखें, प्रसन्न रहें...फिर देखिए ज़िंदगी आनंदम् ही आनंदम्...
जय हिंद...
कहावत है कि नेकी कर और दरिया में डाल। कविता करना भी अपने लिए ऐसा ही है। पता नहीं था कि चार लाइन की कविता का इतना अच्छा प्रतिसाद मिलेगा। अच्छा ही हुआ कि उस कविता की बदौलत आपकी लताड़ खाने से बच गए। आगे बचते रहें इसलिए इस बार फिर से समर्पित हैं आपको ये चार पंक्तियां-
ReplyDeleteकहते हैं हम तहे दिल से
खुशियां मिलें आपको सारी।
लगती रहें हर कदम पर
यूं कामयाबियों की अंबारी।
जन्मदिन मुबारक हो।
जन्म दिन की ढेर सारी शुभकामनाएँ। केक पर एक्के मोमबत्ती जल रही है..पता नहीं कैवीं बड्डे है।
ReplyDeleteबनारस मे रहकर बनारसी गाली आई हो या न आई हो..मस्त रहने का तरीका जरूर आ गया है आप में। ऐसे ही आनंद में रहा जाय। आज के आनंद की जय बोली जाय। मन में आए तो सभी को पानी पी पी कर गरियाया जाय..मन में आये तो जमकर तारीफ भी की जाय।
शुभ दीपावली। धनतेरस के दिन जन्मदिन आया..कविता के अलावा क्या-क्या गिफ्ट पाया ? यह तो नहीं लिखा! झूठमूठ केक के चित्तर से भरमाया।
वाह जी वाह क्या अंदाजे बयाँ है :) केक खा लिया है तो अब हैप्पी वाला बर्थडे भी कह ही देते हैं :)
ReplyDelete(आप और आपके परिवार को दिवाली की ढेरों शुभकामनायें.)
Aap jaisi bhi hain,zaroori hain Anshumalaji.Bane rahen.
ReplyDeleteलिखने का अंदाज़ निराला है! बहुत ही सरस और रोचक शैली में लिखा यह आलेख मन को भाया।
ReplyDeleteजन्म दिन की ढ़ेरों बधाइयां और अशेष शुभकामनाएं।
हूँ......तो काफी तकलीफें रहीं :) मजेदार लिखा है.... जन्मदिन की ढेर सारी बधाई......
ReplyDeleteब्लाग के जन्मदिन के साथ ही दीपापर्व की भी हार्दिक बधाईयां...
ReplyDelete.
ReplyDelete.
.
जन्मदिन की बधाई,
केक के ऊपर तैंतीस(३३) चैरी क्यों लगाई आपने... यही सोच-सोच दिमाग परेशान सा है... ;)
...
श्रद्धेय एकता कपूर जी आपकी व्यथा को बेहतर समझ पाएंगीं, संभव है इस पोस्ट के बाद वो भी ब्लॉग जगत का ही रुख कर लें. पोस्ट्स की खाल उतारने के आपके सुझाव अनुकरणीय हैं. जन्मदिन पर आपने एक महत्वपूर्ण ज्ञान दिया है ब्लौगर्स को, केक से भी कहीं बढ़कर !!!
ReplyDeleteधन्यवाद और जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं.
जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई।
ReplyDeleteचार घंटे पहले कमेंट किया था, दिखता नहीं।
ReplyDeleteजन्मदिन की बहुत बहुत बधाई। अभी तारीख वही है।
दिवाली की सफाई की तरह ही सब कुछ धो डाला ...
ReplyDeleteजन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें!
हैप्पी बर्थ डे टू यू..... :)
ReplyDeleteजन्मदिन पर बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं
ReplyDeleteजन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ...गिफ्ट वसूलने का अंदाज पसंद आया :-)
ReplyDeleteaap ki post padhnae kae baad mujhae bhi ehsaas hua ki mae pichhlae 5 saal sae itni khush kyun hun
ReplyDeleteजन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteजन्मदिन की बधाई देने के लिए आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद |
ReplyDeleteआप को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteआप को भी परिवार समेत दीवाली की शुभकामनायें।
@ सलिल जी
ReplyDeleteआराम से केक खा सकते है मै भी शाकाहारी हूँ इतनी हूँ की केक की फोटो भी सर्च करते समय एग लेश केक लिख कर सर्च किया था और बदला तो पुरे ब्लॉग जगत से ले रही हूँ :)
@ देवेन्द्र जी
धनतेरस के दिन जन्मदिन नहीं आया है जन्मदिन ही धनतेरस को है और तोहफा में क्या मिला देखना है तो खुद ही पिछले साल का हाल यहाँ देख ले |
http://mangopeople-anshu.blogspot.com/2010/11/mangopeople.html
@ प्रवीण शाह जी
कहते है समझदार को इशारा काफी लेकिन हिंदी ब्लॉग जगत में तो लोग बिन इशारा भी समझ जाते है :)) वैसे राज की बात बताऊ की जब मामला महिलाओ के उम्र की हो तो उनको ३० तीस के बाद गिनती ही नहीं आती इसलिए ३० के बाद तो हम भी चेरी नहीं गिन पाये |
ओह! बहुत सुन्दर .
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई ओर शुभकामनाएँ आपके ब्लॉग जगत में जन्म दिवस की.
सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.
अंशुमाला जी,आपके व आपके समस्त परिवार के स्वास्थ्य, सुख समृद्धि की मंगलकामना करता हूँ.दीपावली के पावन पर्व की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ.
दुआ करता हूँ कि आपके सुन्दर सद लेखन से ब्लॉग जगत हमेशा हमेशा आलोकित रहे.
समय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर भी आईयेगा.
जन्मदिन तो निकल गया लेकिन देर से ही सही --बहुत बहुत बधाई ।
ReplyDeleteआज के दिन कोई स्टायर नहीं ।
बस आपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें अंशुमाला जी ।
आपके पोस्ट पर पहली बार आया हूं । पोस्ट अच्छा लगा । मेरे नए पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देकर मेरा भी मनोवल बढाएं । धन्यवाद ।
ReplyDeleteदीपावली के कारण यह पोस्ट आज ही पढ पायी तो जन्मदिन की शुभकामनाएं आज ही स्वीकार करें। सही है आलोचना से बडा कोई रस नहीं होता और ब्लाग जगत में इस पर छूट है, कोई टेक्स नहीं है।
ReplyDeleteआपको जन्मदिन की हार्दिक बधाई ! अपसे3 सहमत हूँ।
ReplyDeleteहाय राम! पिछले जन्म दिन मे तो कित्ता सारा पकवान खिलाया था आपने!! इस बार सिर्फ केक ? इतनी कंजूसी ठीक नहीं।
ReplyDeleteदेर से ही सही ... पर ढेरों शुभकामनाएं :)
ReplyDeleteदेर से पढ़ी इसलिए पहले जन्मदिन और अब दीवाली की शुभकामनाएं...
ReplyDeleteशुभकामनाएँ हमारी ओर से भी
ReplyDeleteतो इत्ता धांसू व्यंग्य जन्मदिन का उपहार था!
ReplyDeleteहार्दिक बधाई!
व्यंग्य...कटाक्ष...स्टायर...
ReplyDeleteनिपुण
भाषा सौष्ठव सब कुछ है इधर...बस हम देरी से पहुँचे
....
तो स्वीकार कीजिए बी लेटेड वाला हैप्पी बड्डे
लोज्जी !
ReplyDeleteहमें तो पता भी ना चला
आज भी यहाँ से पहुंचे हैं अपन
अब हैपी वाला बिलेटेड बर्थडे आपको :-)
Belated Happy Birthday.
ReplyDeleteयूँ ही लिखती रहें भड़ास निकालती व निकलवाती रहें.
घुघूतीबासूती
अंशुमाला जी,मेरे ब्लॉग पर आईयेगा,प्लीज.
ReplyDeleteDer huyee...par aapko janmdin ki bahut mubarak....Belated Happy B'day!
ReplyDeleteअंशुमाला जी.....
ReplyDeleteजन्मदिन की बधाई देने का मौका तो हाथ से गँवा बैठी लेकिन बधाई तो किसी बात पे भी दी जा सकती है....!! गज़ब का अंदाज और बेबाकीपन...!!
हँसते हुए कुछ पढ़ने का अपना ही मज़ा है....सही,सटीक और अकाट्य....!! ऐसी बेबाकी बनी रहे.....! केक अभी भी बचा हुआ है मेरे लिए...खा लिया है...!! thanx !!
"वही हर बात पर बहस करना , वही ताने कसना और ये कहना की हम महिलाओ की बड़ी इज़्ज़त करते है बस वो महिलाएँ मेरे घर की हो बाकी बाहर की महिलाओ को हम महिलाओ की गिनती में नहीं रखते है यदि वो हमारे खिलाफ या कहे की वो बोलने की भी हिम्मत करेंगी तो उनकी तो हम बीप बीप बीप ( श्री श्री अमिताभ बच्चन के मुख कमलो से लिए गए शब्द जहा आप अपने स्तर और स्वभाव जानकारी के अनुसार अपनी पसंद की गाली जोड़ कर पढ़ सकते है ) कर देंगे |"
ReplyDeleteसही कहा आपने.... महिलाओं को अपने इज्ज़तदार होने का अंदाज़ा अपने घर से बाहर जाने पर ही पता चलता है...वर्ना अपने घर में वही बीप-बीप वाली स्थिति रहती सबकी...क्या जाने कब महिलाओं को इज्ज़त देने वाले इंसान बीप बजा दें...और किस बात पे....?? सोचने वाली स्थिति हो जाती है कभी कभी कि ये बीप बजा क्यूँ..?? खैर आपको ज्वाइन करती हूँ....
पता नहीं गूगल पर क्या सर्च कर रहा था तो उसने यहाँ धकेल दिया... चलिए अब आ ही गए हैं तो केक खाते चलते हैं... एडवांस में हैप्पी बर्थडे... :)
ReplyDelete