हमारे भरतनाट्यम के गुरु हमें बताने लगे कि योग में बहुत शक्ति हैं | पुराने समय में संत लोग ध्यान करते अपने शरीर को इतना हल्का कर लेते कि हवा में उठ जाते थे | दो योग टीचर ने हमें योग सिखाया कुछ समय के लेकिन किसी ने भी ऐसे चमत्कार वाले दावे नहीं किये योग को लेकर | योग को लेकर भ्रामक दावे और उसके फर्जी चमत्कारी गुणों का महिमा मंडन दो लोग करते हैं , एक वो जिन्हे उसका ज्ञान ना हो जो उसे बस सुनी सुनाई बातों से जानते हैं | दूसरे वो जो योग को बस बेचना चाहतें हैं अपने फायदे के लिए |
बेचना और प्रचारित प्रोत्साहित करने में फर्क होता हैं | प्रचारित प्रोत्साहित करने वाला कभी उस विषय को लेकर भ्रामक बातें या गलत दावे नहीं करता बल्कि उसके सही गुणों को सामने रख दूसरों को उसका लाभ मिलता देखना चाहता हैं | भले उससे कम लोग जुड़े लेकिन लाभ उन सब को मिले और वो हमेशा उससे जुड़े रहें | जबकि बेचने वाले को आपको मिलने वाले फायदों से कोई मतलब नहीं होता | उसका एक मात्र ध्येय आपको सामान बेच अपना फायदा करना हैं | सैकड़ों के झुंड में , बिना किसी प्रशिक्षित व्यक्ति के निगरानी में या टीवी , यूट्यूब पर देख कर योग करने से ज्यादातर को फायदा नहीं मिलने वाला हैं | नतीजा बड़ी संख्या में लोग बहुत जल्दी ही इसे छोड़ देतें हैं या उन्हें ये सब बेकार लगता हैं |
लेकिन बेचने वाला इन्ही माध्यमों से आपको योग बेच रहा हैं और उसे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनके फर्जी दावे और योग को गलत तरीके से सिखाने से हजारो लोग हर साल इससे दूर हो रहें हैं और योग का बढ़ा चढ़ा कर किये गए दावों से नुकशान हो रहा हैं | इसलिए एक प्रशिक्षित योग्य गुरु से धैर्य रख कर योग कीजिये फायदे मिलेंगे |
सादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (7 -8-22} को "भारत"( चर्चा अंक 4514) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
'एक प्रशिक्षित योग्य गुरु से धैर्य रख कर योग कीजिये फायदे मिलेंगे!'- सही बात है।
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