बिटिया के हर जन्मदिन पर उनके जैन मित्र आते हैं तो बिना लहसुन प्याज के खाना बनाने की आदत हैं | लेकिन इस बार तो गजब ही हो गया जब जन्मदिन महावीर जयंती के एक दिन पहले था ना खाने वाली चीजों की लिस्ट खूब लंबी हो गयी | लहसुन प्याज के साथ आलू , गाजर , मशरूम , रोटी , ब्रेड , चीज आदि की भी मनाही हो गयी |
ये तो फिर भी गालीमत था इसके आलावा एक मित्र वेगन हैं भी तो दूध दही घी मक्खन क्रीम भी नहीं चलेगा उसके लिए | एक दिन पहले हमें बताया गया इसके बारे में और हम सोचने लगे अब बनाने के लिए बचा क्या जो इन बच्चो के खाने लायक हो |
मैं तो बिटिया से बोली कि पहले ही बताना था ना गोलगप्पे बना देती झंझट ही ख़त्म हो जाता | लेकिन इन बच्चो को ये सब कहाँ भाता हैं पार्टी मतलब हैं पास्ता , चाइनीज , मैक्सिकन कुछ चाहिए | दो मित्र और बिटिया आलू खाने वाली थी और ख़ास हमें कहा गया था कि वेगन मित्र के लिए फ्रेंच फ्राइस बना देना तुम्हारे हाथ का उसे बहुत पसंद हैं |
जैन लोगों के लिए स्टार्टर में नाचोस बने बिन चीज के टमाटर और कच्चे आम के सालसा के साथ और फ्रेंच फ्राइस बनी बाकि के लिए | बच्चे तो आखिर बच्चे ही होते हैं तले आलू देख कर सबका व्रत टूट गया | उसके बाद दो ढाई किलो आलू मैंने तले आठ लोगों के लिए |
कई बार सोचती हूँ मैं भी चौमासे के बाद सभी जैन लोगों से माफ़ी मांग लिया करू सालाना | बच्चे कितनी बार घर आ कर या बिटिया के टिफिन से अपना धर्म ख़राब कर लेते हैं | वैसे जैन लोगों के नर्क में टॉर्चर का कौन सा तरीका होता हैं | इधर वाला तेल में तला जाना मेरा तो पक्का है उधर वाला भी कोई बताये |
सादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (29-5-22) को क्या ईश्वर है?(चर्चा अंक-4445) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
ये तो उन बच्चों को ही मालूम होना चाहिए हम तो इधर वाले ही हैं, गनीमत है इतने नाज-ओ -नखरे उठा लिए आपने। बिटिया को जन्मदिन की हार्दिक बधाई!
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