वही नोयडा और गुणगांव जैसी जगहों में बड़े अस्पताल में लगे ऑक्सीजन प्लांट एनओसी ना मिलने के कारण शुरू नहीं हुए थे | वो उस भयानक ऑक्सीजन की जरुरत के समय भी बंद ही पड़े रहें क्योकि किसी अधिकारी को इस बात का ना ख्याल आया ना उनकी समझ कि एनओसी की कार्यवाही को तुरंत पूरा करवा कर प्लांट को शुरू करवाया जाए |
कोरोना के इलाज के तौर पर रेमडेसिविर नामक इंजेक्शन के लिए लोगों को कई दिन लम्बी लम्बी लाइने लगानी पड़ी | लोगों को कई गुना दाम में उसे काले बाजार से खरीदना पड़ा | लेकिन जब भारत सरकार ने उसके बाहर भेजने पर रोक लगा दी तो किसी राज्य ,जिला , मंत्रालय के किसी भी अधिकारी को इतनी समझ नहीं आयी कि तुरंत उसको बाहर भेजने वाले से संपर्क कर वहां से इंजेक्शन खरीद लिया जाये |
हफ्तों तक उनके पास लाखो की संख्या में इंजेक्शन यु ही पड़े रहें | हां ये जरूर हुआ कि नेताओ मंत्रियो के कहने पर वहां रेड डालने की नौटंकी कर उसे बरामद दिखाया गया जबकि उन्हें रखने का वैध अधिकार मालिकों के पास था और उनसे पहले ही ख़रीदा जा सकता था |
सरकारी नौकरियों के लिए रट्टा मार कठिन परीक्षाएं पास करने वाले किसी सरकारी अधिकारी के दिमाग में ये क्यों नहीं आया कि प्राइवेट पार्टियों द्वारा बाहर से मंगाये जा रहे पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर पर नजर रखी जाये और उन्हें तुरंत उचित दामों पर लोगों को उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए |
आजके डिजिटल युग में इन सब चीजों के बारे में पता करना और नजर रखना कोई मुश्किल काम नहीं था |
ये सारे परिणाम हैं आजादी के बाद अब तक मिल रही मैकाले की शिक्षा पद्धति का | जिसमे खुद के विवेक का प्रयोग करने की जगह ऐसे लोगों को तैयार किया जाता हैं जो सरकारों की मालिकों की हर तरह की नीतियों का जमीन पर पालन करवाये , उनके आदेशों अक्षरश पालन करे और जरुरत पड़ने पर सरकारों और मालिकों का बचाव करे |
ये शिक्षा पद्धति लोगों को अपना विवेक प्रयोग कर खुद निर्णय लेने और आगे बढ़ कर काम करने की समझ नहीं देता | जो कुछ लोग आगे बढ़ कर काम करते हैं ये खुद उनकी योग्यता क्षमता होती हैं | आम दिनों में हम आयदिन ऐसे सरकारी कर्मचारीयों को झेलते हैं जो बेमतलब के सरकारी नियमो में बधे मूर्खतापूर्ण बाते करते हैं और व्यवहारिकता को नजर अंदाज करते हैं | लेकिन संकट विपत्ति के समय ये व्यवहार संकट विपत्ति को और बढ़ा फैला देता हैं साथ में जानलेवा भी बना देता हैं |
#फ्लैशबैक
फ्लैश बैक के ज़रिए सही मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करती पोस्ट ।
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