जगह आयरलैंड में एक बड़े शहर से छोटे शहर जा रही एक ट्रेन हैं | समय 2020 का हैं जब दुनियां में कोरोना का आगमन हुआ था और सभी जगह पहला दो हफ्ते का लॉकडाउन लगना शुरू हुआ था | ट्रेन से लड़की लॉकडाउन के कारण कॉलेज से अपना सारा सामान ले माँ के घर जा रही है | उसे सफर केलिए एक अच्छे सहयात्री की तलाश हैं |
एक लड़का आता हैं जो लॉकडाउन के कारण अपने भाई के घर जा रहा हैं | कुछ देर बाद दोनों में बातचीत शुरू हो जाती हैं | लड़की बताती हैं वह मध्यकालीन इतिहास पढ़ रही हैं और लड़का एक विज्ञापन कंपनी के टेक विभाग में हैं | दोनों एक दूसरे की बातों को फिर एकदूसरे को पसंद करने लगते हैं |
लड़का कहता हैं उसे हर शुरू की गयी चीजों का अंत करना पसंद हैं चीजों को उसके परिणाम तक पहुँचने अच्छा लगता हैं | जबकि लड़की कहती हैं उसे चीजे बीच में ही छोड़ देने की आदत किसी चीज का अंत करने की क्या जरुरत हैं |
लम्बे सफर के बाद जब वो स्टेशन पर उतरते हैं तो लड़का तय करता हैं कि वो एक दूसरे का फोन नंबर या पता नहीं लेंगे बल्कि दो हफ्ते बाद जब लॉकडाउन ख़त्म होगा तो इसी स्टेशन पर मिलेंगे और एक ही ट्रेन से लौटेंगे | तब तक पता चल जायेगा कि वो एक दूसरे कोलेकर गंभीर हैं कि नहीं |
लड़की माँ के घर आ कर जब सारा किस्सा सुनाती हैं तो माँ बहुत उत्साहित होती हैं और उसे लडके के बारे में गम्भीरता से सोचने के लिए कहती हैं जबकि लड़की अपने स्वभाव के अनुसार थोड़ी उदासीन हैं | लडके के घर उलटा होता हैं उसका बड़ा भाई उसे लड़की के प्रति हत्तोसाहित करता हैं की तुम ज्यादा सोच का उसके प्यार में मत पड़ो , पता चला वो दो हफ्ते बाद नहीं आयी तो तुम्हारा दिल टूट जायेगा |
दो हफ्ते बीतने के दो दिन पहले ही दोनों को पता चलता हैं कि लॉकडाउन दो हफ्ते के लिए और बढ़ गया हैं | लड़का ये सुन चिंतित हैं कि अब वो लड़की से कैसे मिलेगा स्टेशन कैसे जायेगा | वो नहीं जा पायेगा और लड़की आ कर लौट गयी तो | उधर लड़की पहले ही सोच लेती हैं ये तो होना ही था अब हम नहीं मिल पायेंगे तो छोड़ो मिलने की बात |
लड़की की माँ उसके इस निराशावादी रुख से नाराज हो उसे बढ़ावा देती है कि कैसे भी करके स्टेशन जाए | उसने तो पूरे मोहल्ले को ये बात बता शर्त भी लगा ली हैं कि लड़का स्टेशन जरूर आएगा | लड़की कहती हैं वो नहीं आयेगा फिर फिजूल की झंझट दुःखी होने वाला काम क्यों किया जाये | इधर लड़का अपने भाई को मनाता हैं कि स्टेशन जाने के लिए अपनी कार दे दे क्योकि शहर में कोई ही गाड़ी नहीं चल रही हैं |
भाई कार नहीं देता क्योकि उसे पुलिस द्वारा पकड़े जाने का डर हैं और ऑर्डर घर से सिर्फ दो किलोमीटर तक जाने का हैं | लड़का भाई की साईकिल ले कर निकल जाता हैं लेकिन रास्ते में पुलिस रोक देती हैं | पहले वो झूठ बोलता हैं कि पास की बिल्डिंग में ही रहता हैं बस स्टेशन तक जा रहा हैं लेकिन जब महिला पुलिस उसे आगे जाने के लिए मना कर घर जाने के लिए कहती है तो वो उसे सारा किस्सा स्टेशन जाने का सूना देता हैं |
पुलिस अब उसे और डांटती हैं कहती हैं स्टेशन पर कोई ट्रेन नहीं चल रही हैं वो घर जाए क्योकि लड़की भी इस सुरक्षा के बीच , चाहेगी भी तो स्टेशन नहीं आ पायेगी | लड़का निराश हो घर आता हैं और लड़की भी अपने साईकिल से घर वापस आ जाती हैं | मोहल्ले के लोग इस तरह निराश आता देख समझ जाते हैं वो लड़के से मिल नहीं पायी |
लड़की को चीजों का अंत करना नहीं आता इसलिए वो वापस अपने काम और पढाई में लग जाती हैं जबकि माँ फिर से कहती हैं बस इतना ही तुम उसे भूल जाओगी | उधर लड़का अब भी छोड़ने को तैयार नहीं हैं और वो फोन नंबर ना लेने पर अफसोस करते ट्रेन में उससे हुयी बात को याद करता हैं | तभी उसे याद आता हैं लड़की फोन पर आपने सामान ले जाने के लिए गाड़ी वाले को अपने घर का पता बताती हैं |
बहुत याद करने पर लडक को उसकी कालोनी मोहल्ले का नाम याद आ जाता हैं | और कहानी वहां ख़त्म होती हैं जब लड़का लड़की के मोहल्ले के मुहाने पहुँच कर सुकून की साँस लेता हैं |
मॉर्डन लव का ये एपिसोड एक प्यारी प्रेम कहानी के साथ लॉकडाउन की यादे भी ताजा कर देती हैं | बिलकुल फ्लैशबैक में ले गया जैसे | कैसे सुनसान सड़के होती थी , कैसे लॉकडाउन पर सब घर भाग रहें थे , कैसे इस खाली समय को सब इधर उधर के काम करके बिता रहें थे तो कैसे बहुत से लोगों के लिए घर जेल बन गया था | जहाँ 2020 का लॉकडाउन डर के बीच मजेदार गुजरा तो 2021 ने डर और दहशत ने सभी को अंदर से झंकझोर दिया ।
#फ्लैशबैक
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 13 जून 2022 को साझा की गयी है....
ReplyDeleteपाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 14 जून 2022 को साझा की गयी है....
ReplyDeleteपाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
फिर लड़की उस लड़के से मिली या नहीं ?
ReplyDeleteरोचक कहानी ।
कहानी वही खत्म हो जाती है लेकिन लड़के का उसके मोहल्ले तक पहुँच जाना ही इशारा था कि वो लड़की तक पहुँच गया ।
Deleteसादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार(14-6-22) को "वो तो सूरज है"(चर्चा अंक-4461) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
रोचक।
ReplyDeleteरोचक कहानी।
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